Modi and trump

डिफेंस डील डन-ट्रेड डील पर बात शुरू, पढ़ें साझा बयान में क्या बोले मोदी-ट्रंप

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप का साझा बयान
  • भारत-अमेरिका में डिफेंस डील पर लगी मुहर
  • ट्रेड डील पर बातचीत शुरू करेंगे भारत-US
  • आज खत्म होगा डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान भी जारी किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने ऐलान किया कि भारत और अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डील हो गई है, जिसके तहत 24 रोमियो हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे. डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साझा बयान में क्या कहा, यहां पढ़ें…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेलिगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत है. मुझे विशेष खुशी है कि इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं, पिछले 8 महीने में मेरी और ट्रंप की ये पांचवीं मुलाकात है. पीएम मोदी ने कहा कि मोटेरा स्टेडियम में डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक स्वागत हुआ.

बयान में पीएम ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संबंध दो सरकार नहीं बल्कि लोगों के बीच हैं. ये संबंध 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. दोनों देशों के संबंध को आगे बढ़ाने में डोनाल्ड ट्रंप का शानदार प्रयास रहा है. पीएम मोदी बोले कि हम दोनों आज डिफेंस, सुरक्षा, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, ट्रेड जैसे सभी मसलों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डिफेंस मैन्युफैक्चर एक दूसरे की सप्लाई चेन का हिस्सा बन रहे हैं, भारतीय फोर्स आज दुनिया में सबसे अधिक अमेरिका के साथ ही ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ कर रही है. पिछले कुछ साल में हमारी सेना के बीच कई समझौते भी हुए हैं.

‘ट्रे़ड डील पर जल्द बनेगी बात’

ट्रंप के साथ साझा प्रेस वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अमेरिका के साथ होमलैंड सुरक्षा पर निर्णय हुआ है, आतंक के समर्थकों को हराने के लिए हमने अपने प्रयासों को बढ़ाने का निर्णय किया है. प्रेसिडेंट ट्रंप ने इस दौरान ड्रग्स से लड़ाई पर प्राथमिकता दी है, इस मसले पर दोनों देशों के बीच चर्चा भी हुई है.

पीएम मोदी बोले कि तेल, गैस के लिए अमेरिका भारत का साथी है. टेक्नोलॉजी के मसले में भी भारत और अमेरिका एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. दोनों देश बैलेंस ट्रेड के लिए प्रतिबद्ध हैं और द्विपक्षीय वार्ता को संतुलन करने पर सहमत हैं. प्रधानमंत्री ने यहां कहा कि ट्रेड डील के मसले पर दोनों देश बात करेंगे और कॉमर्स मिनिस्टर लीगल रूप से आगे बढ़ेंगें.

‘आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ेंगे भारत-US’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत आने के न्योते के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं, मेलानिया और मैं भारत के स्वागत से अभिभूत हैं. मैंने और मेलानिया ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और ताजमहल को भी देखा. ट्रंप ने कहा कि मेरा ये दौरा काफी शानदार रहा और दोनों देश डिफेंस डील करने पर सहमत हुए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां कहा कि दोनों देशों का फोकस अपने नागरिकों को इस्लामिक आतंकवाद से बचाने का है और दोनों देश इसके लिए एक साथ काम करेंगे. हमारे देश की सेना आज एक साथ अभ्यास कर रही हैं, जो दोनों देशों को लाभ पहुंचाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ बात कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने के लिए दबाव बना रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप बोले कि हमारे देश लोकतंत्र, संविधान और लोगों के हितों को बचाने के लिए जानी जाती हैं. अमेरिका और भारत दोनों ही ट्रेड डील पर बात को तैयार हैं और इसपर जल्द ही फैसला होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत-अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील होगी.

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Trump and his wife at taj mahal

ताजमहल में ट्रंप ने इस भारतीय से पूछे 7 सवाल, खुश होकर दिया खास तोहफा

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने आगरा में ताज की यात्रा के दौरान एक शख्स को तोहफा दिया. यह तोहफा बेहद खास था. इसमें डोनाल्ड ट्रंप का नाम खुदा हुआ था. साथ व्हाइट हाउस का लोगो बना हुआ था. यह तोहफा इसलिए दिया गया क्योंकि ट्रंप ने इस आदमी से सात सवाल पूछे और उन्हें सारे सवालों के सही जवाब मिले.

Trump and his wife at taj mahal

डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को आगरा के ताजमहल घूमने गए थे. इस दौरान उनके जेहन में कई सवाल थे. उन्होंने अपने गाइड नितिन सिंह से ये सातों सवाल पूछे. नितिन ने उन्हें सातों सवालों के सही जवाब दिए. इसके बदले में डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह को एक खास तोहफा दिया. 

Guide and donald trump and his wife

डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह से पूरे ताज की यात्रा के दौरान सात सवाल पूछे. ये सवाल थे – ताजमहल किसने बनवाया था? इसे बनाने वाले कलाकार कहां से आए? शाहजहां को कहां कैद किया गया था? ताज में लगा संगमरमर कहां से आया था? अब तक ताजमहल में क्या-क्या बदला गया है? वाटर चैनल शाहजहां के समय के हैं या बाद में बने हैं?  तहखाने में बनी कब्रें पहले बनीं या फिर बाद में?

Trump and his wife with guide

नितिन सिंह ने सभी सवालों के जवाब बेहद शालीनता से विस्तृत तरीके से बताए. इसके बदले में डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह को एक स्मृति चिन्ह तोहफे में दिया. इस चिन्ह पर सील का निशान बना है. डोनाल्ड ट्रंप का नाम और संयुक्त राज्य अमेरिका का लोगो छपा हुआ है.

ट्रंप ने पूछा कि ताज पर ये पेंटिंग क्या है. नितिन ने बताया कि ये पेंटिंग नहीं, इसे पच्चीकारी कहते हैं. यानी संगमरमर पर बहुमूल्य नगीने जड़े हुए हैं.

Trump guide gifr

ट्रंप ने नितिन ने पूछा कि तहखाने में बनी असली कब्रों और ऊपर बनी कब्रों की क्या कहानी है. तब नितिन ने उन्हें बताया कि इस्लाम में कब्रों के सजाने की इजाजत नहीं है. इसलिए शाहजहां ने ऊपर अलग से सजावटी कब्रों की प्रतिकृति बनवाई थी. 

ट्रंप को नितिन ने बताया कि ताजमहल में वाटर चैनल साइफन सिस्टम से चलता है और ये ताजमहल के बनने के समय से ही बना हुआ है. इसके कारीगर पूरी दुनिया से बुलवाए गए थे.

नितिन ने ट्रंप को बताया कि ताज के संगमरमर मकराना और काले पत्थर साउथ इंडिया से मंगवाए गए थे. ताज के दोहरे गुंबद, उसमें गूंजती आवाज, शाही मस्जिद व मेहमानखाने के बारे में भी ट्रंप ने जानकारी ली.

ट्रंप को नितिन ने ताजमहल के बनने की पूरी कहानी तारीख के हिसाब से सुनाई. शाहजहां और मुमताज महल की मोहब्बत की कहानियां भी सुनाई.

 

 

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Donald trump with car

डोनाल्ड ट्रंप को मानना पड़ेगा सुप्रीम कोर्ट का आदेश, अपनी कार से ताजमहल तक नहीं जा सकेंगे

उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने अमेरिकी सीक्रेट सर्विस से कहा है कि ताजमहल के पास तक जाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी कार ‘द बीस्ट’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.

दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) दो दिन के भारत दौरे पर आने वाले हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत में पहुंचने से पहले ही उनकी विशेष गाड़ियों का फ्लीट आगरा (Agra) पहुंच चुका है. इन गाड़ियों में डोनाल्ड ट्रंप की विशेष कार ‘द बीस्ट’ भी शामिल है. भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ मोहब्बत की निशानी ताजमहल भी देखने जाएंगे. ताजमहल में इसकी तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं. इन सबके बीच अब खबर आ रही है कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी गाड़ी से ताजमहल के पास तक नहीं जा सकेंगे. इसके लिए उन्हें अलग से इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल करना होगा.

उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने अमेरिकी सीक्रेट सर्विस से कहा है कि ताजमहल के पास तक जाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी कार ‘द बीस्ट’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. खास बात ये है कि डोनाल्ड ट्रंप को ताजमहल का दीदार करने के लिए ई-व्हीकल से जाना होगा. इन ई-व्हीकल के बारे में US सीक्रेट सर्विस को जानकारी दे दी गई है और उनकी जांच भी पूरी कर ली गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार ‘द बीस्ट’ को ताजमहल तक न जाने के पीछे उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक किसी भी ऐतिहासिक स्मारक के 500 मीटर के दायरे में कोई भी वाहन नहीं जा सकता है. लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक इमारतों के लिए यह आदेश जारी किया था.

दो दिनों के लिए भारत का है दौरा
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर अगले सप्ताह आने वाले हैं. उनके आगमन से पहले पूरी तैयारियां की जा रही हैं. जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप 24 और 25 फरवरी को यहां आने वाले हैं. दो दिवसीय दौरे के दौरान वो 34 घंटों तक देश में रहेंगे.

 

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Air Force One: जानें उस विमान की ताकत, जिससे भारत आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। 24 और 25 फरवरी 2020 को ट्रंप भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली के अलावा अहमदाबाद (गुजरात) और ताज महल (आगरा) भी जाएंगे। ट्रंप तीन स्तर के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। अमेरिकी अफसरों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा का पहला घेरा उनका ही रहेगा।

आपने पढ़ा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स वन से भारत आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये विमान कितना ताकतवर है? उस विमान की खासियत क्या है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति सफर करते हैं? इसके बारे में आगे पढ़ें।

क्या है एयरफोर्स वन

  • अमेरिकी एयरफोर्स के जिस भी विमान में वहां के राष्ट्रपति सफर कर रहे हों, उसे तकनीकी रूप से एयरफोर्स वन कहा जा सकता है। यह एक कॉलसाइन होता है।
  • लेकिन 20वीं सदी के मध्य से एक नई व्यवस्था शुरू हुई, जिसके अनुसार राष्ट्रपति के सफर के लिए सभी जरूरी सुविधाओं से लैस एयरफोर्स के विमानों को ही एयरफोर्स वन कहा जाने लगा।
  • ऐसे दो सबसे खास विमान हैं – बोइंग 747-200बी सीरीज के विमान। इन विमानों में पीछे की तरफ 28000 और 29000 कोड लिखा होता है।
  • इस विमान पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है – ‘United States of America’। साथ ही अमेरिका के झंडे और अमेरिकी राष्ट्रपति की सील होती है।
  • यह 45 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी ऊंचाई 6 मंजिले इमारत जितनी और लंबाई एक फुटबॉल के मैदान जितनी है।

Air force one

अंदर से कैसा होता है ये विमान

  • एयरफोर्स वन के अंदर 4000 वर्ग फीट की जगह है। विमान अंदर से तीन स्तर में बंटा है। इसमें राष्ट्रपति के लिए खास सुईट भी है, जिसमें बड़ा सा कार्यालय, कॉन्फ्रेंस रूम और बाथरूम होता है।
  • इसके अलावा विमान में एक मेडिकल सुईट होता है, जिसे जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थिएटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। विमान पर एक डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद होता है।
  • विमान में खाना बनाने के लिए दो अलग-अलग रसोई होती है जिसमें एक साथ 100 लोगों का खाना तैयार करने की क्षमता होती है।
  • इसमें राष्ट्रपति के साथ चलने वाले अधिकारियों (वरिष्ठ सलाहकार, गुप्त सेवा अधिकारी, पत्रकार) व अन्य अतिथियों के लिए भी कमरे होते हैं।

एयरफोर्स वन की खासियत

  • किसी राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ये दुनिया का सबसे आधुनिक और बड़ा विमान है।
  • इस विमान का दायरा असीमित है। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां चाहें और दुनिया के जिस कोने में भी जरूरत हो, ये विमान आसानी से उस जगह पहुंच सकता है।
  • इस विमान में बीच हवा में भी जरूरत पड़ने पर दोबारा ईंधन भरे जाने की क्षमता है।
  • इस विमान में एक बार में 2.03 लाख लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
  • विमान पर जितने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हैं, वे इतने मजबूत हैं कि उनपर विद्युत चुंबकीय कंपन (Electromagnetic Pulse) का असर नहीं हो सकता।
  • विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम इस तरह का है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे मोबाइल कमांड सेंटर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी किसी तरह की आपत्ति की परिस्थिति में राष्ट्रपति विमान में उड़ते हुए कहीं से भी अपनी सेना व अधिकारियों को कमांड दे सकते हैं।
  • किसी आपदा की स्थिति में ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए हवा में उड़ने वाले बंकर का काम कर सकता है। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद भी यही विमान राष्ट्रपति का कमांड सेंटर बन गया था।
  • एयरफोर्स वन के दो विमान बिल्कुल एक जैसे बनाए गए हैं। एक मुख्य विमान होता है और दूसरा बैकअप के लिए। दोनों विमान हमेशा साथ में उड़ान भरते हैं। इनमें से एक में राष्ट्रपति होते हैं, जिसकी जानकारी पहले से किसी को नहीं दी जाती।
  • इस विमान में साइबरस्पेस से होने वाले हमलों या मिसाइल हमलों का पता लगाने के लिए भी खास सेंसर्स लगाए गए हैं।

Air force one

हवा में कैसे चलता है अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला

  • एयरफोर्स वन के आगे कई मालवाहक विमान उड़ान भरते हैं, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में राष्ट्रपति को जरूरी चीजें आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें।
  • जब राष्ट्रपति विमान में सवार हो रहे होते हैं, तो रनवे पर उनके साथ काफिले में जा रहे लोगों के अलावा और किसी को अपनी जगह से हिलने की इजाजत नहीं होती।
  • एयरफोर्स वन चार क्रू सदस्यों – पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और नेविगेटर के साथ उड़ान भरता है। बोइंग 747 के किसी और विमान में इतना मजबूत क्रू नहीं होता।

कौन करता है एयरफोर्स वन की देखरेख

  • एयरफोर्स वन की देखरेख व संचालन प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप द्वारा किया जाता है जो व्हाइट हाउस मिलिट्री ऑफिस का हिस्सा होता है। ये एयरलिफ्ट ग्रुप 1944 में बनाया गया था।
  • शुरू के करीब 15 सालों तक, अमेरिकी राष्ट्रपति अलग-अलग विमानों में सफर करते रहे। 1962 में खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बनाए गए जेट विमान में सफर करने वाले पहले शख्स थे जॉन एफ केनेडी।

 

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Donald Trump with wife

गुजरात में तीन घंटे बिताएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, प्रति मिनट का खर्च 55 लाख रुपये

डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी से दो दिन के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं। पहले दिन वह गुजरात के अहमदाबाद शहर आएंगे। यहां वह करीब तीन घंटे बिताएंगे और उनके स्वागत के लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। एक अनुमान है कि तीन घंटे के ट्रंप के लिए प्रशासन को 100 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।

अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण मिलकर सड़कों को सुंदर बनाने के लिए करीब सौ करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। मोटेरा स्टेडियम से लौटने के लिए एयरपोर्ट तक खासतौर से बनाई जा रही 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क पर ही करीब 60 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस रूट और स्थान के सौंदर्यीकरण के लिए 8 करोड़ का बजट आंवटित किया गया।

अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के अनुसार इस हाई प्रोफाइल दौरे पर गुजरात सरकार के कम से कम 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानि एक मिनट में करीब 55 लाख रुपये। ट्रंप के अहमदाबाद दौरे की तैयारियों में जुटे शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने साफ कह दिया है कि स्वागत में बजट कहीं से भी आड़े नहीं आना चाहिए।

रूपाणी सरकार को उठाना होगा ज्यादा खर्च

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गुजरात यात्रा का काफी खर्च केंद्र सरकार उठाने को तैयार है, लेकिन फिर भी राज्य सरकार को ज्यादा खर्च उठाना होगा। एक अधिकारी के मुताबिक सभी विभागों को हर तरह के लॉजिस्टिक का इस्तेमाल करने के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेनी नहीं होगी।

कहां कितना खर्च 

  • 80 करोड़  ट्रंप के रूट पर पड़ने वाली नई सड़कों का निर्माण
  • 12-15 करोड़ रुपये अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा पर खर्च
  • 7-10 करोड़ रुपये मोटेरा स्टेडियम में आने वाले करीब एक लाख मेहमानों के खाने-पीने पर खर्च
  • 6 करोड़ रुपये शहर को सुंदर बनाने और सड़क के बीच में ताड़ के पेड़ और सुंदर फूल लगाने पर खर्च
  • 4 करोड़ रुपये सांस्कृतिक कार्यक्रम पर खर्च

ट्रंप के रोड शो में तैनात होंगे 10,000 पुलिसकर्मी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात में 24 फरवरी को होने वाले रोड शो के दौरान 10,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, 25 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इन जवानों का नेतृत्व करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

अपनी पहली दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, ट्रंप अहमदाबाद में एक रोड शो में भाग लेंगे और साबरमती आश्रम भी जाएंगे। वह मोटेरा में नव-निर्मित क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करने वाले हैं।

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (कंट्रोल रूम) विजय पटेल ने बताया कि 65 सहायक आयुक्तों, 200 निरीक्षकों और 800 उप-निरीक्षकों सहित 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को शहर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा। इस तैनाती में संयुक्त राज्य अमेरिका की गुप्त सेवा के अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के अधिकारी भी शामिल होंगे।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ने कहा कि एनएसजी की एक एंटी-स्नाइपर टीम भी मार्ग पर तैनात रहेगी। पुलिस बम निरोधक दस्ते ने पूरे मार्ग को पहले ही स्कैन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस होटलों में ठहरे नए मेहमानों के बारे में जानकारी की जांच करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो विदेशों से आए हैं।

 

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ट्रंप के भारत दौरे से पहले US सांसदों ने पॉम्पियो को लिखा खत, कश्मीर में भारत द्वारा उठाए कदमों के होंगे गंभीर परिणाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस महीने के अंत में भारत दौरे से पहले अमेरिकी सिनेट के चार वरिष्ठ सांसदों ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को खत लिखकर कश्मीर में पिछले छह महीने से ज्यादा समय से इंटरनेट बैन को लेकर चिंता जाहिर की है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन कर दिया गया था. इसके साथ ही इस खत में हिरासत में रखे गए राजनेताओं का भी जिक्र किया गया है. अपने खत में सांसदों ने नागरिकता संशोधन कानून और सीएए का भी जिक्र किया है, जिसको लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए उनके खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाया था.

दो डेमोक्रेट्स और दो रिपब्लिकन सिनेटरों की ओर से लिखे गए खत में कहा गया है कि भारत सरकार कश्मीर में लगातार इंटरनेट पर बैन लगाए हुए है. भारत ने किसी लोकतंत्र की ओर से अब तक सबसे ज्यादा लंबे समय तक इंटरनेट पर बैन लगाया है. इससे चिकित्सा देखभाल, व्यवसाय और शिक्षा में 7 मिलियन लोगों को परेशानी आ रही है. पोम्पियो को लिखे गए खत में कहबा गया है कि बड़ी राजनेताओं सहित सैंकड़ों कश्मीरियों को एहतियातन हिरासत में रखा गया है. साथ ही कहा है कि ‘इन कदमों का गंभीर परिणाम होगा.’

नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र करते हुए खत में लिखा गया है कि भारत सरकार ने कुछ ऐसे कदम भी उठाए हैं, जो कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार और देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को खतरे में डालते हैं.

बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर 24-25 फरवरी के दो दिवसीय भारत दौरे पर होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति गुजरात के अहमदाबाद भी जाएंगे और वहां एक स्टेडियम में पीएम मोदी के साथ जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी ने बुधवार को अपने ट्वीट में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा विशेष है तथा यह भारत..अमेरिका मैत्री को और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगी.

वहीं, व्हाइट हाउस द्वारा ट्रंप की भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद राष्ट्रपति ने अपने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘वह (मोदी) बहुत भद्र पुरुष हैं और मैं भारत जाने को उत्सुक हूं. हम इस माह के अंत में जाएंगे.’ ट्रंप ने एक प्रश्न के उत्तर में संकेत दिए कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा,‘‘ वे (भारतीय) कुछ करना चाहते हैं और हम देखेंगे…अगर हम कोई सही समझौता कर सके तो उसे करेंगे.’

दोनों देश मतभेदों का समाधान करने और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं. नयी दिल्ली में एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा से पहले भारत और अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर गहन विमर्श कर रहे हैं. अधिकारी ने हालांकि कहा कि अब तक यह साफ नहीं है कि ट्रंप की यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर होंगे या नहीं. पिछले कुछ सप्ताहों में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथिजर के बीच टेलीफोन पर कई दौर की बात हो चुकी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध न केवल हमारे नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए बेहतर होंगे.’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र तथा बहुलतावाद के प्रति साझी प्रतिबद्धता रखते हैं और दोनों देश व्यापक मुद्दों पर करीबी सहयोग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा विशेष है तथा यह भारत..अमेरिका मैत्री को और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगी.’

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ट्रंप को अच्छा दोस्त मानते हैं पीएम मोदी, साथ काम करने के लिए उत्साहित

modi-trump_147918642996_650x425_111516104219प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ काम करने के लिए उत्साहित हैं. पीएम मोदी का मानना है कि ट्रंप से उनके रिश्ते अच्छे हैं और आने वाली उनकी रिपब्लिकन सरकार भारत के साथ मिलकर काम करेगी|

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले डिनर दिया था, जिसमें पीएम मोदी भी पहुंचे थे. डिनर के दौरान ही पीएम ट्रंप और अगली अमेरिकी सरकार के बारे में ये बातें कही.

डोनाल्ड ट्रंप से बताए अच्छे रिश्ते
डिनर में जब पीएम से पूछा गया कि वो ट्रंप के साथ कैसे रिश्ते रखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन नेता के साथ उनके अच्छे संबंध हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में किसी तरह के बदलाव का कोई सवाल ही नहीं उठता.

बराक ओबामा ने मोदी को बताया था अच्छा दोस्त
आपको बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी की सत्ता के दौरान अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में काफी सुधार आया है. डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा तो पीएम मोदी को अपना दोस्त तक बता चुके हैं. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप भी प्रचार अभियान के दौरान भारत को लेकर अपने झुकाव की बात कर चुके हैं|

मोदी ने ट्रंप को दी थी जीत की बधाई
हाल ही में अमेरिका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई थी. पीएम मोदी ने फोन करके उन्हें जीत की बधाई दी थी और साथ ही चुनाव अभियान के दौरान भारत के लिए बोले गई बातों के लिए भी शुक्रिया अदा किया था. उन्होंने ट्रंप से कहा था कि भारत के लिए जिस तरह आपने दोस्ती का इजहार किया हम उसके लिए आभारी हैं|

 

Source: Aaj Tak

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अमेरिका में गूंजा ‘ट्रंप नहीं मेरे राष्ट्रपति’ का नारा,विरोधी में हुए मार्च

13_11_2016-trump4ट्रंप की जीत के बाद से अमेरिका के कई हिस्सों में असंतोष फैला हुआ है। लोग आप्रवासन, समलैंगिकों के अधिकार जैसे मुद्दों पर ट्रंप की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।

न्यूयॉर्क, जेएनएन। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ट्रंप की जीत के बाद से अमेरिका के कई हिस्सों में असंतोष फैला हुआ है। लोग आप्रवासन, समलैंगिकों के अधिकार जैसे मुद्दों पर ट्रंप की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। अब तक प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे लेकिन पोर्टलैंड में ऐसे हालात नहीं थे। बता दें कि वहीं लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी। लोगों ने गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए और कारों को क्षति पहुंचाई। इसके जवाब में पुलिस ने भी भीड़ पर आंसू गैस छोड़े और रबर बुलेट चलाई। दर्जनभर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया जबकि कई पुलिस वाले घायल हो गए।

कई शहरों में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन

पोर्टलैंड में एक प्रदर्शनकारी को गोली मारे जाने की घटना के बाद अमेरिका के कई शहरों में डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। इस दौरान प्रदर्शनकारी बैनर और प्ले कार्ड लिये हुये थे जिसमें ‘हमारा राष्ट्रपति नहीं है’ और ‘अमेरिका को सभी के लिए सुरक्षित बनाओ’ जैसे नारे लिखे हुये थे। ट्रंप के खिलाफ ये रैलियां न्यू यॉर्क, लॉस एंजिलिस और शिकागो में दिन भर चलीं।

‘अमेरिका में फ़ासीवाद नहीं’

प्रदर्शनकारियों का कहना था है कि ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए उचित व्यक्ति नहीं हैं। वहीं न्यू यॉर्क के 62 साल के एक रिटायर्ड बैंकर मेरी फ्लोरिन ने हाथ में ‘अमेरिका में फ़ासीवाद नहीं’ के मेसेज वाली एक तख्ती पकड़ी हुई थी।उन्होंने कहा, हम डरे हुए हैं, देश ने आश्चर्यजनक रूप से एक अयोग्य, नस्लवादी, जातिवादी और महिलाओं से नफरत करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति चुन लिया है।

हजारों लोगों ने प्रदर्शन रैलियों में भाग लिया

शिकागो और लॉस एंजिलिस में भी कई सैकड़ों-हजारों लोगों ने प्रदर्शन रैलियों में भाग लिया और ‘डंप ट्रंप’ और ‘अल्पसंख्यक मायने रखते हैं’ जैसे संदेश दे रही तख्तियों को हवा में लहराया। फेसबुक पर 1 लाख लोगों ने इस रैली में जाने की योजना बनाने के लिए संकेत दिए थे। लोग इतने ज्यादा था कि आयोजकों को डर था कि कहीं कोई हिंसा की स्थिति पैदा न हो जाए।

 

 

Source: जागरण

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव रिजल्ट 2016: डोनाल्ड ट्रंप ने रचा इतिहास, मुकाबले में हिलेरी को दी मात

131313-trump-145वॉशिंगटन: हाल में राजनीति में कदम रखने वाले अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप ने सभी बाधाओं को पार करते हुए कांटे के चुनावी मुकाबले में अनुभवी नेता हिलेरी क्लिंटन को आज मात दे दी और इसके साथ ही उनके चुनाव सर्वेक्षकों को हैरान करते हुए अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया।

अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सपना संजोए चुनावी मैदान में उतरी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी की उम्मीदें इस परिणाम के साथ ही टूट गईं। ट्रंप ने निर्वाचन मंडल के 289 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की जबकि हिलेरी को 218 मत मिले। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है। 70 वर्षीय ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, ओहायो, फ्लोरिडा, टेक्सास और उत्तर कैरोलिना जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन करके चुनाव सर्वेक्षकों को गलत साबित कर दिया और जीत पर कब्जा कर लिया।

ट्रंप ने अपनी चुनाव प्रचार मुहिम के मुख्यालय में अपने समर्थकों से कहा, ‘यह हम सब के लिए एकजुट जनता के रूप में साथ आने का समय है। मैं हमारी सरजमीं के हर नागरिक से वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंगा।’ ट्रंप ने बताया कि हिलेरी ने उन्हें फोन करके जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें उनकी शानदार मुहिम पर बधाई देता हूं। देश पर उनका बहुत एहसान है।’ ट्रंप ने कहा, ‘हमारी प्रचार मुहिम नहीं बल्कि एक आंदोलन था। यह सभी जातियों, पृष्ठभूमियों एवं आस्थाओं का आंदोलन था। हम साथ मिलकर देश के पुनर्निर्माण का अत्यंत आवश्यक कार्य आरंभ करेंगे। देश में अपार संभावनाएं हैं।’ उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपने समर्थकों से कहा, ‘हम अंदरूनी शहरों में हालात दुरस्त करेंगे। हम हमारी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करेंगे। इसके पुनर्निर्माण में हम लाखों लोगों को काम मुहैया कराएंगे।’

सीएनएन के अनुमान के अनुसार ट्रंप ने 29 राज्यों और हिलेरी ने 18 राज्यों में जीत हासिल की। चैनल के अनुसार ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, फ्लोरिडा, अलास्का, यूटा, आयोवा, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, ओहायो, उत्तर कैरोलिना, उत्तर डकोटा, दक्षिण डकोटा, नेब्रास्का, कंसास, ओकलाहोमा, टेक्सास, व्योमिंग, इंडियाना, केंटुकी, टेनेसी, मिसीसिपी, अरकंसास, लुइसियाना, पश्चिम वर्जीनिया, अलबामा, दक्षिण कैरोलिना, मोंटाना, इडाहो और मिसौरी में जीत हासिल की।

हिलेरी ने कैलिफोर्निया, नेवादा, हवाई, इलिनोइस, न्यूयार्क, न्यूजर्सी, मैरीलैंड, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, वर्मोंट, मैसाचुसेट्स, कनेक्टिकट, डेलावेयर, कोलोराडो, न्यू मेक्सिको, वर्जीनिया, ओरेगन, वॉशिंगटन और रोह्ड आइलैंड में जीत प्राप्त की। छुपा रस्तम निकली ट्रंप की विचित्र प्रचार मुहिम के देश भर में लय पकड़ने के साथ ही रिपब्लिकन उम्मीदवार के समर्थक न्यूयार्क में हिल्टन होटल बॉलरूम में एकत्र होने लगे।

ट्रंप के लिए एक समय राष्ट्रपति बनना दूर की कौड़ी समझा जा रहा था। न्यूयॉर्क के अरबपति ट्रंप ने अमेरिका के औसत श्वेत कामकाजी वर्ग के सत्ता प्रतिष्ठान से मोहभंग का लाभ उठाया और प्रवासी विरोधी बयानबाजी के दम पर प्रचार मुहिम आगे बढ़ाई जो चुनाव के लिहाज से सोने की खान साबित हुई। महिलाओं एवं प्रवासियों पर ट्रंप की टिप्पणियों के कारण कई शीर्ष रिपब्लिकनों ने ट्रंप की आलोचना की थी और प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत के बावजूद कई पार्टी नेताओं ने उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया था।

अधिकतर विशेषज्ञों ने कहा कि एफबीआई ने 69 वर्षीय हिलेरी के खिलाफ ईमेल मामले में जांच शुरू करने की जो घोषणा की थी, उसी ने चुनाव का रूख ट्रंप के समर्थन में मोड़ दिया लेकिन एफबीआई ने हिलेरी को चुनाव से पहले अंतिम समय में क्लीन चिट दे दी हालांकि तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी।

पेश है लाइव अपडेट्स

-हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर अपनी हार स्वीकार की : सीएनएन ।

-रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजयी : अमेरिकी मीडिया।

-डोनाल्ड ट्रंप को मिले 276 वोट।

-कड़े मुकाबले में हिलेरी क्लिंटन को दी मात

डोनाल्ड ट्रंप होंगे अमेरिका के नए राष्ट्रपति।

-हिलेरी क्लिंटन को अबतक 218 वोट मिले।

-डोनाल्ड ट्रंप की जीत लगभग तय।

-मिशिगन और मिनसोटा में काउंटिंग जारी।

-राष्ट्रपति पद से सिर्फ चार वोट पीछे हैं ट्रंप।

हिलेरी क्लिंटन इस कड़े मुकाबले में पिछड़ गई प्रतीत हो रही हैं।

-ट्रंप ने अहम राज्यों में जीत हासिल की

-चुनाव जीतने के करीब पहुंचे

हिलेरी के मुकाबले ट्रंप का पलड़ा भारी

– 50 में से 37 राज्यों के नतीजे आए।

-ट्रंप को 21 राज्यों में बढ़त, 16 में हिलेरी आगे।

-ट्रंप ने अहम राज्य ओहायो में जीत हासिल की। रिपब्लिकन उम्मीदवार , हिलेरी के पास निर्वाचन मंडल के 109 मतों के मुकाबले 167 मतों से आगे

-27 राज्यों के 17 में ट्रंप की जीत।

-हिलेरी के 104 इलेक्टोल वोट्स की जीत।

-ट्रंप के 140 इलेक्ट्रोल वोट्स की जीत।

-50 राज्यों में 26 के नतीजे आए।

-10 राज्यों में जीती हिलेरी।

-कनेक्टिकट से हिलेरी क्लिंटन और लुइसियाना से ट्रम्प जीते।

-अभी तक के रूझानों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप हिलेरी क्लिंटन से आगे हैं।

-ट्रंप को 139 इलेक्टोरल वोट और हिलेरी को 104 पर बढ़त मिली है।

-न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 38 इलेक्टोरल वोट वाले राज्य टेक्सस में ट्रंप ने हिलरी को पछाड़ा।

-हाउस ऑफ रेप्रिज़ेंटटिव में रिपब्लिकन्स ने फिर हासिल किया बहुमत।

-हिलेरी ने इलिनोइस, न्यू जर्सी, मेरीलैंड, डेलावरे, रोड आइलैंड, कोलंबिया में जीत हासिल की है, वहीं ट्रंप ने ओक्लाहोमा, मिसिसिप्पी, फलौरिडा, -पेंसिल्वेनिया और न्यू हैम्पशायर में जीत हासिल कर ली है।

-केंटुकी और इंडियाना में डोनाल्ड ट्रंप जीत गए हैं।

-वरमोंट में हिलेरी क्लिंटन ने जीत दर्ज की है।

-न्यू हैंपशायर में हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप पर 32-25 से बढ़त बनाई।

-हिलेरी ने ट्रंप को हार्ट्स लोकेशन में 17-14 से हराते हुए जीत दर्ज की है।

-रिपब्लिकन प्रतिनिधि सभा में बहुमत बनाए रखने को तैयार : अमेरिकी नेटवर्क।

-अमेरिकी चुनाव में पहले छह राज्यों में मतदान संपन्न।

-अमेरिकी चुनाव प्रणाली के ‘पहले ही मतदान करने’ के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए रिकार्ड 4. 2 करोड़ लोग पहले ही वोट डाल चुके हैं।

 

Source: ZNews

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जिसकी लेखनी बतायी गई कमजोर, वह बना बुकर जीतने वाला पहला अमेरिकी…

paul_650_102616123730साल 2016 के बहुप्रतिष्ठित व बहुप्रतिक्षित मैन बुकर पुरस्कार घोषित किए जा चुके हैं. ऐसा मैन बुकर पुरस्कार के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी अमेरिकी ने इस पुरस्कार को जीता है. इस वर्ष पॉल बीटी ने यह पुरस्कार जीता है. उन्हें उनकी उपन्यास ‘द सेलआउट’ के लिए इस वर्ष मैन बुकर पुरस्कार से नवाजा गया है. पॉल की उम्र 54 साल है और वे लॉस एंजिलिस में पैदा हुए थे. साथ ही वे अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अध्यापन का कार्य भी करते हैं|

‘द सेलआउट’ को माना जा रहा है कटाक्ष…
मैन बुकर पुरस्कार के जजिंग पैनल में शामिल जानकारों का मानना है कि पॉल का नॉवेल अमेरिका की समकालीन नस्लीय राजनीति पर करारा कटाक्ष है. वे बहुत ही सधे अंदाज में सबकी खबर लेते हैं और पता तक चलने नहीं देते. उनकी लेखनी में पाठकों को शुरुआत से अंत तक बांधे रहने की अद्भुत क्षमता है|

आसान नहीं था सफर…
आज भले ही पॉल की लिखावट पर पूरी दुनिया लट्टू हो रही हो लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. अमेरिका जैसे देश में जहां नस्ल और वर्ग की राजनीति हावी रहती हो वहां अपनी कल्पनाओं को कागज पर उतारना आसान नहीं था. अलगाव और गुलामी से लड़ने के लिए कलम का सहारा लेना और अपनी अफ्रीकी-अमेरिकी पहचान को लेकर हमेशा सतर्क रहना तलवार की धार पर चलने जैसा रहा|

गुदगुदी और दर्द साथ-साथ…
पॉल की लेखनी से वाकिफ जानकार कहते हैं कि वे अपना सबकुछ शब्दों के सहारे छोड़ देते हैं. उनकी लेखनी जहां लोगों को किसी वक्त चेहरे पर मुस्कान लाती है तो वहीं दूसरे पल मायूस कर जाती है. इसके बावजूद कि उनकी किताब को पूरी दुनिया में व्यंग्य के तौर पर प्रतिष्ठा मिल रही है. वे उसे व्यंग्य के बजाय हकीकत का दस्तावेज मानते हैं|

उनके शिक्षकों ने जताई थी निराशा…
आज भले ही पॉल को पूरी दुनिया उनके द्वारा लिखी गई किताब के लिए जानने लगी हो, लेकिन कभी उनके कॉलेज के प्रोफेसरों ने उन्हें लिखने से मना किया था. उनके कॉलेज के एक प्रोफेसर ने कहा था कि वे अच्छा नहीं लिखते. वे लेख के तौर पर कभी सफल नहीं होंगे. इसके अलावा वे अपनी निजी जिंदगी में भी परफेक्शनिस्ट हैं. वे किसी भी चीज या काम से जल्द ही बोर हो जाते हैं|

वे इस पुरस्कार के मिलने पर कहते हैं, ‘मैं नाटकीय नहीं होना चाहता, जैसे कि लिखने ने मेरी जिंदगी बचाई हो… लेकिन लिखने ने मुझे एक जिंदगी जरूर दी है’. वे लिखने को एक कठिन कार्य मानते हैं और वे लिखना नापसंद भी करते हैं|

 

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