चीन सीमा पर भारतीय गांव हुए वीरान, सुरक्षा एजेंसियों ने जताई चिंता

29_09_2016-28hld1हल्द्वानी: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगी भारत-चीन सीमा के गांव उजाड़ हो गए है, जबकि ड्रैगन (चीन) अपने सीमावर्ती गांवों को तेजी से आबाद करने में जुटा है। तिब्बत के दो सीमावर्ती गांव दारचिल व कुफू पिछले पांच वर्ष में कस्बे बन गए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सामरिक दृष्टि से इसे बड़ी चिंता माना है और इस संबंध में केंद्र सरकार को सीमांत गांवों को फिर से आबाद करने की सलाह दी है। सीमावर्ती गांवों में नागरिकों को बिना हथियार का सैनिक माना जाता है। उनकी मौजूदगी से सीमा पर कोई भी गतिविधि किसी से छिपी नहीं रह सकती है, लेकिन अब भारतीय गांवों में सन्नाटा पसरा है। लोग पुस्तैनी गांव से पलायन कर चुके हैं। इसके ठीक उलट चीन का फोकस भारतीय सीमा से लगे गांवों में आधारभूत सुविधा बढ़ाने के साथ ही आबादी बसाने पर केंद्रित है। सैनिक छावनी भी सीमा के कस्बों में आबाद हो गई है। भारत की सीमा के सबसे करीब चीन अधिकृत तिब्बत का तकलाकोट बाजार है। यह बड़ी व्यावसायिक मंडी बन चुका है। चीन ने यहां तक फोरलेन सड़क बनाने के साथ ही सैनिक छावनी व एयरबेस तक बना दिए हैं। इसके विपरीत भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस चिंता से भारत सरकार को अवगत कराया है। गांव छोड़ पलायन कर गए लोगों को फिर से गांवों में बसाने के लिए कोई कारगर योजना लागू करने की पैरवी भी की है।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में 12,600 फीट की ऊंचाई पर भारत के अंतिम गांव कुटी, सीपू, तिदांग, गो, मरछा, गुंजी, नपल्च्यू, नाबी गांव भोटिया जनजाति बाहुल्य हैं। एक दशक पहले तक इन आठ गांवों में ही 15 से 20 हजार की आबादी थी।

मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित इस क्षेत्र में अब ढाई सौ की आबादी ही रह गई है। गांव के गांव उजाड़ हो चुके हैं। क्षेत्र में दुनिया के सबसे खूबसूरत ग्लेशियरों में से एक मिलन के गांव भी उजड़ चुके हैं। मिलन गांव में कभी पांच सौ परिवार रहते थे, लेकिन अब महज दो परिवार रह गए हैं। इसकी बड़ी वजह सड़क, शिक्षा, चिकित्सा की सुविधा नहीं होना रहा।

भारत सरकार ने एक दशक पहले चीन सीमा से लगे गांवों को आबाद करने करने के उद्देश्य से बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) शुरू किया था। शुरुआती दौर में इसमें उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल व अरुणांचल के सिर्फ नौ ब्लाकों के गांव शामिल किए गए। बाद में इस योजना में नेपाल बार्डर के गांव शामिल कर योजना का क्रियान्वयन ब्लाक मुख्यालयों से सुपुर्द कर दिया गया। योजना पर आशा के अनुरूप काम नहीं हुआ। स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 में सीमांत जिले पिथौरागढ़ को इस मद में 11.17 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे और महज 25 फीसद भी काम नहीं हो पाया।

पलायन गंभीर चिंता का विषय

आइटीबीपी के सेनानी महेंद्र प्रताप ने बताया कि सीमावर्ती गांवों से पलायन गंभीर चिंता का विषय है। आइटीबीपी इन गांवों में रहने वाले लोगों के लिए अपने स्तर से तथा बीएडीपी मद से कई कार्य कर रही है ताकि लोग गांव में ही रहें। सीमांत क्षेत्र तक बिजली और सड़क जरूरी है। इस समय सरकार क्षेत्र को ऊर्जीकृत कर रही है। सड़क का निर्माण हो रहा है। लोगों को अभी और प्रेरित करने की जरूरत है।

 

 

Source: Jagran

 

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उत्तराखंड कैबिनेट में शामिल हुए नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी

हरीश रावत मंत्रिमंडल में रिक्त हुए कैबिनेट मंत्रियों के दो खाली पदों पर गुरुवार को विधायक नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी ने शपथ ग्रहण की।
सुबह दस बजे राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में विकास नगर से विधायक नवप्रभात और बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने पद की कर्तव्य एंव निष्ठा की शपथ ली। उधर, राजनीतिक गलियारों में ये खबर भी जोरों पर है कि नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी की ताजपोशी के बाद हरीश रावत को अन्य विधायकों का रोष झेलना पड़ सकता है।

हालांकि नए मंत्रियों के नामों की अधिकारिक घोषणा बुधवार को नहीं की गई थी, लेकिन उपरोक्त दोनों नामों पर की संभावना जताई गई थी। सूत्रों की हवाले से यह भी खबर है कि रावत के मंत्रियों के विभागों में जल्द ही फेरबदल संभव है।
फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद सत्ता में दोबारा वापस आए हरीश रावत ने इन दोनों पदों को जल्द भरने का आश्वासन दिया था। तमाम लोगों ने इन पदों के लिए दावेदारी भी ठोंक रखी थी। मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के दो खाली पदों को भरने के संबंध में मुख्यमंत्री ने हाईकमान से चर्चा भी की।

बुधवार को ही नवप्रभात और राजेंद्र भंडारी के नाम पर सहमति बन गई। हालांकि हाईकमान के स्तर पर कुछ औपचारिकता के फेर में देर रात तक दोनों के नामों की अधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी थी।

दोनों ही विधायकों को शपथ गृहण के लिए तैयार रहने के संदेश दिए जा चुके थे। दोनों ही विधायकों के नजदीकी रिश्तेदार और समर्थकों का राजधानी में जुटना शुरू हो गया था।
बुधवार को दोनों ही विधायक देर रात तक किसी तरह की अधिकृत सूचना से इंकार करते रहे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने गढ़वाल में कांग्रेस का पलड़ा भारी करने के मकसद से दोनों पद यहीं से भरे। इसके अलावा ब्राह्मण-क्षत्रिय वोट बैंक में संतुलन बिठाने की भी कोशिश की है।

गौरतलब है कि हरीश रावत पर पार्टी में क्षत्रियों और कुमाऊं को तरजीह देने का आरोप लगता रहा है। ताजा घटनाक्रम इन दोनों फैक्टर को बैलेंस करने का सटीक प्रयास माना जा रहा है।

उधर, खबर यह भी है कि कुछ मंत्रियों को पैदल भी किया जा सकता है। इनके स्थान पर कुछ नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। यह कवायद राजेंद्र भंडारी और नवप्रभात के मंत्री बनने से फैलने वाली संभावित नाराजगी को दूर करने के मकसद से की जा सकती है।

Source: Amar ujala

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सिरसा शक्तिफ़ार्म रोडो में सरकार द्वारा की गयी कटौती के ख़िलाफ़ क्रमिक अनशन कर आंदोलन की शुरुआत

13697153_1207336022664440_3105907692520701598_nशक्तिफ़ार्म व्यापार मंडल के बैनर तले सिरसा शक्तिफ़ार्म रोडो में सरकार द्वारा की गयी कटौती के ख़िलाफ़ क्रमिक अनशन कर आंदोलन की शुरुआत की जिसमें मा०_सौरभ_बहुगुणा_जी‬ ने समर्थन दिया और जनता की गुज़ारिश की कि सब मिलकर इस आंदोलन में आगे आए ताकि सरकार को मजबूर होकर अपना ये शासनादेश वापस लेना पड़े और रोड को उसी आदेश के हिसाब से बनाया जाए जो विजय बहुगुणा जी मुख्यमंत्री रहते हुए अध्धादेश करके गए थे !!

 

 

News Source: Facebook

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“सितारगंज के पूर्व विधायक माननीय नारायण पाल जी ने की जाति-भेदभाव मिटाने की एक नई शुरुआत”

नारायण पालआज दिनांक 09/07/2016, शनिवार को सितारगंज में पूर्व विधायक माननीय नारायण पाल जी ने वर्तमान के जातीय भेदभाव को मिटाने की दिशा में किया एक सराहनीय प्रयास, रमजान और ईद का त्यौहार की समाप्ति के बाद “ईद मिलन” सभा का आयोजन करके समाज और पुरे हिंदुस्तान को यह सन्देश देने का प्रयास किया कि जाति के नाम पर मतभेद और लड़ाई झगड़ा करने से न समाज का कोई भला होने वाला है न ही देश का, आन्तरिक झगड़ो का फायदा बाहर के देश उठाकर हमारे देश को बर्बाद करने के सारे प्रयास कर रहे है |

इस सभा में सितारगंज विधानसभा से हर जाति धर्म के लोगो ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा सभी धर्मो के लोगो को बोलने का मौका दिया गया, लोगो ने बड़े ही उत्साह के साथ अपने विचारो को व्यक्त किया |

यह बहुत ही खुशी की बात है कि सभी धर्म प्रेमियों ने अपने जाति धर्म से बढ़ कर देश के लिए अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त किया |

सभा में टीवी एवं फिल्म कलाकार दिनेश सहगल, डायरेक्टर चन्दन मेहता, खन्ना मूवीज के प्रोडूसर राजेश कुमार गुप्ता (खन्ना जी) भी उपस्थित थे, दिनेश सहगल जी के कुछ बातो ने सभा में बैठे सभी लोगो का दिल जीत लिया एवं लोगो ने जोरदार तालियों के साथ अपनी ख़ुशी जाहिर की |

सहगल जी के शानदार स्पीच ने वहा बैठे सभी लोगो में तथा पुरे समाज में नए जोश व देश प्रेम की भावना को प्रबल कर दिया |

 

 

News Coverage By- Kavita Vakchi

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4817 मीटर की ऊंचाई पर बर्फ की दरार में फंसी पर्वतारोही, कैसे निकली बाहर?

mountaineer-stuck-in-snow-peak-crack_1466657760नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की टीम ने द्रौपदी का डांडा समिट कैंप पर रेस्क्यू कर एक पर्वतारोही की जान बचाने में सफलता पाई है। पर्वतारोही युवती समुद्रतल से 4817 मीटर की ऊंचाई पर माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच बर्फ की अनंत गहराई और महज डेढ़ फीट चौड़ी दरार (क्रेवास) में फंस गई थी।

इस बीच अपने टेंट से कुछ दूरी पर पुणे महाराष्ट्र निवासी जयश्री डुंबरे क्रेवास (दरार) में समा गई। उसके साथ मौजूद कस्तूरी कुमारी ने शोर मचाकर दल के अन्य साथियों और निम के प्रशिक्षकों को इसकी सूचना दी। बर्फ की अनंत गहराई और मात्र डेढ़ फीट चौड़ी इस दरार में जयश्री का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। अचानक दरार के भीतर पचास फीट से भी ज्यादा गहराई पर जयश्री के सिर पर बंधी हेड लैंप की रोशनी टिमटिमाने से उसके अटके होने की पुष्टि हुई तो निम के प्रशिक्षक बिना समय गंवाए रेस्क्यू में जुट गए।

टीम के मुख्य प्रशिक्षक दिगंबर पंवार ने पहले प्रशिक्षक शिवराज पंवार को रस्सियों के सहारे क्रेवास (दरार) के भीतर भेजकर जयश्री की लोकेशन पता कर उसे एंकर करवाया। इसके बाद प्रशिक्षक उम्मेद राणा ने नीचे जाकर जयश्री को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन बर्फ की संकरी गली में बुरी तरह फंसी जयश्री को ऊपर निकालने की स्थिति नहीं बन पायी।

mountaineer-stuck-in-snow-peak-crack_1466657739कड़ाके की ठंड में बर्फ के बीच फंसे समय बीतने के साथ जयश्री की हालत बिगड़ती जा रही थी, तीसरे प्रयास में शिवराज ने नीचे जाकर जयश्री को रस्सी के सहारे बाहर धकेला। डेढ़ घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान में जयश्री के सुरक्षित बाहर निकलने पर सभी लोगों ने राहत की सांस ली। रेस्क्यू ऑपरेशन में निम के प्रशिक्षक सोबन भंडारी, दशरथ रावत, सूबेदार प्रकाश भट्ट, सोबन बिष्ट, ग्रीष रणाकोटी, नर्सिंग असिस्टेंट शैलेंद्र एवं संपूर्णानंद ने भी सहयोग किया।

निम में प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाता है। निम सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स चलाने वाला एशिया का इकलौता संस्थान है। पर्वतारोहण के दौरान हुए हादसे में निम के प्रशिक्षकों की टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया है। उच्चाधिकारियों से इन्हें सम्मानित करने की संस्तुति की जाएगी।

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रुड़कीः लंढौरा जाते भाजपा सांसद भग‌त सिंह कोश्यारी और कई विधायक गिरफ्तार

bhagat-singh-koshiyari-arrestedरुड़की के लंढौरा में हुई घटना का जायजा लेने जा रहे बीजेपी सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शुक्रवार की दोपहर भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी पिछली एक जून को लंढौरा में हुई आगजनी और तोड़फोड़ का जायजा लेने जा रहे थे, लेकिन मामले की संवेदनशीलता देखते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
भगत सिंह कोश्यारी के साथ चार अन्य भाजपा विधायकों सहित कई कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस इन सबको गिरफ्तार कर के पुलिस लाइन ले गई है।
हरिद्वार के लंढौरा में बागी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के आवास में हुई आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद बागी विधायकों में असुरक्षा की भावना घर कर गई है।
कई विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कटौती न की जाए। सुरक्षाकर्मियों को यथावत रहने दिया जाए।
ज्ञात हो कि कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों को केंद्र सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई थी। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत कई विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया जाए।
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उत्तराखंड में अगले 36 घंटे तक भारी बारिश का अनुमान

gangotri-kedarnath_road_closed_30_05_2016नैनीताल। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर मौसम का असर पड़ रहा है। बीते दिनों से जारी बारिश से जहां कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहीं मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।

नैनीताल, अल्मोड़ा और देहरादून में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। साथ ही बद्रीनाथ और केदारनाथ में भी भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया गया है। केदारनाथ में चार धाम की यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को सेफ जोन में रोका गया है।

इसे पहले शनिवार को उत्तराखंड में तीन जगहों पर बादल फटने से इस प्रसिद्ध तीर्थयात्रा पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में बादल फटने से अब तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

रविवार रात तेज बारिश से नैनीताल से कालाढूंगी को जोड़ने वाली सड़क पर भूस्खलन हो गया। दोनों और करीब एक किमी का जाम लग गया है। सड़क बंद होने से पर्यटकों के साथ ही दूधिये और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं फंस गए हैं।

खुरपाताल के प्रधान मनमोहन कनवाल ने बताया की जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर चार स्थानों पर सड़क पर मलबा आया है। विशालकाय पेड़ गिरे हैं। लोनिवि की ओर से मलबा हटाने के दो जेसीबी लगाई गई हैं।

उधर, आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल-हल्द्वानी और नैनीताल-भवाली मार्ग पर जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरे हैं, अलबत्ता-कालाढूंगी रोड छोड़कर अन्य सड़कों पर यातायात सुचारू है।

Source: नई दुनिया
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दिल्ली में हरीश रावत, ‘स्टिंग वीडियो’ मामले में सीबीआई के सवालों का जवाब देने पहुंचे

harish-rawat_650x400_81463586202देहरादून: सीबीआई ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से जुड़े स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में आज उनसे पूछताछ की। रावत कुछ समर्थकों और एक विधायक के साथ आज 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। सीबीआई ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया था जिसमें उसने राष्ट्रपति शासन के दौरान मामले की जांच को दी गई मंजूरी वापस लेने की बात कही थी।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी सीबीआई जांच पर रोक नहीं लगाई। रावत ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। सीबीआई ने कहा था कि कानूनी सलाह लेने के बाद अधिसूचना को खारिज कर दिया गया। इस सलाह में कहा गया कि मंजूरी को वापस लेने का कोई आधार नहीं है और यह ‘‘कानूनी तौर पर मान्य’’ नहीं है।

स्टिंग में कथित रूप से रिश्वत लेते दिखाई दिए
सीबीआई ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की जांच के लिए 29 अप्रैल को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में रावत बागी कांग्रेसी विधायकों को कथित रूप से रिश्वत की पेशकश करते दिखाए गए हैं, ताकि वे विधायक उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान उनका समर्थन करें।

रावत का आरोपों से इनकार
सीबीआई ने 9 मई को रावत को पूछताछ के लिए तलब किया था लेकिन उन्होंने एजेंसी से और अधिक समय मांगा। इसके बाद वह शक्ति परीक्षण जीत गए और सत्ता में लौट आए। बागी कांग्रेसी विधायकों द्वारा वीडियो जारी किए जाने पर रावत ने आरोपों से इंकार किया था और वीडियो को फर्जी बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार कर लिया कि स्टिंग ऑपरेशन के कैमरे में वही दिखाई दे रहे हैं।

शक्ति परीक्षण में रावत की जीत के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 15 मई को हुई और इस बैठक में उस अधिसूचना को वापस ले लिया गया, जिसमें रावत की संलिप्तता वाले स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। राज्य मंत्रिमंडल ने तय किया कि इसके बजाय विशेष जांच दल गठित किया जाए क्योंकि यह राज्य से जुड़ा मुद्दा है।

(इस खबर को दी सन्डे  हेड लाइंस टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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विजय बहुगुणा सहित 9 बागी विधायक बीजेपी में शामिल

vijay bahuguna joined bjpउत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और उनके सहयोगी कांग्रेस के 9 बागी विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए | जिसमे  विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा, शैलारानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल हैं |

राज्य में यह स्थिति तब पैदा हुई थी जब रावत सरकार के बजट सत्र का विरोध हुआ | भाजपा का कहना था बजट को वायस वोट से पारित करना असंवेधानिक है | जब कांग्रेस के 9 विधायक ने विरोध किया विधानसभा स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया और मामला अदालत में पहुँच गया |
हरीश रावत सरकार को विश्वास मत की तारीख से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उत्तराखंड पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया |

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने विश्वास मत की नई तारीख घोषित की और बागी विधायकों के स्पीकर द्वारा निलंबन के आदेश को बरक़रार रखा |

मायावती के सपोर्ट से हरीश रावत विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में कामयाब हो गए | अब ये बागी विधायक की स्थिति उस धोबी के गधे जैसी थी न घर के न घाट के | बीजेपी इन विधायकों में अपना अगला आने वाला भविष्य देखते हैं लेकिन कुछ भाजपाईयों ने इसका विरोध भी किया | 9 बागी विधायकों को बीजेपी में शामिल करना पूर्व नियोजित सा दिख रहा है | भाजपा के लिए यह निर्णय कैसा रहेगा यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन अभी 9 बागी विधायक भाजपा में मिलकर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है |

एडिटर : चन्द्रशेखरम

 

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बागियों की अपेक्षा रेखा आर्या के लिए आसान होगी बीजेपी में एंट्री

rekha-arya_1462924186कांग्रेस का साथ पहले ही छोड़ने वाले नौ बागी विधायकों की अपेक्षा फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस का साथ छोड़ने वाली सोमेश्वर विधायक रेखा आर्या के लिए भाजपा के दरवाजे आसानी से खुल सकते हैं। क्योंकि वह कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के साथ नहीं गई बल्कि सीधे भाजपा के संपर्कों से गईं।
चूंकि उनकी पृष्ठभूमि पहले भी भाजपा की रही है इसलिए भाजपा को भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। सूत्रों की मानें तो अगले तीन-चार दिन में रेखा आर्या के भाजपा में शामिल होने की संभावना है।

अमित शाह से हो चुकी है मुलाकात
बताया जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात हो चुकी है और किसी भी दिन उन्हें सदस्यता दिलाई जा सकती है। वहीं, रेखा आर्या प्रदेश सरकार में कथित भ्रष्टाचार और सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा को मुद्दा बनाकर पूरे जोश खरोश से जनता के बीच जाने की तैयारी में है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी रेखा को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। इसीलिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के लिए रविवार को सोमेश्वर पहुंच रहे हैं।

 

Source: अमर उजाला

 

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