AQUARIUS (कुंभ)

जनवरी- शनि की दृष्टि रहने से नई-नई कार्य योजनाएं बनेंगी। पुराने किए गए कामों में सफलता मिलेगी। आर्थिक उलझनें पैदा हो सकती हैं लेकिन पारिवारिक सहयोग मिलता रहेगा।
उपाय- गरीब लोगों को वस्त्र दान करें।

फरवरी- मास के आरंभ में निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। शनि की साढ़ेसाती व सूर्य की इस राशि पर होने से परिस्थितियां संघर्षपूर्ण रहेंगी।
उपाय- भगवान कृष्ण के नामों का जाप करें।

मार्च- इस महीने संतान संबंधी चिंता व तनाव पैदा हो सकता है। मंगल-शनि योग होने से भाई-बंधुओं व पत्नी के साथ तनाव हो सकता है।
उपाय- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

अप्रैल– मंगर-गुरु-शनि का योग होने से आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। निकट के लोगों से मनमुटाव हो सकता है। मन में किसी बात को लेकर परेशानी रह सकती है।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- मास की शुरुआत में मंगल का इस राशि पर संचार होने से घरेलू उलझनें व तनाव पैदा हो सकता है। संतान संबंधी चिंता बनी रहेगी।
उपाय- शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के व्रत करें।

जून- मंगल का संचार होने से भागदौड़ करने पर भी लाभ नहीं हो पाएगा। मानसिक तनाव व स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
उपाय- श्री संदुरकांड का पाठ करें।

जुलाई- शनि वक्री होने से स्वास्थ्य नर्म व कुछ घरेलू परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आय कम व व्यय अधिक रहेगा।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

अगस्त- कार्य व व्यवसाय संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। निकट के लोगों से मनमुटाव हो सकता है। व्यर्थ के खर्च होंगे।
उपाय- शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।

सितंबर- सोची हुई योजनाओं में सफलता मिलेगी। सरकारी कामों में विघ्न बाधाएं, लेकिन धन आगमन के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- सूर्य-कवच का पाठ करें।

अक्टूबर- मंगल पुनः मीन राशि पर आने से स्वास्थ्य नर्म व चोट आदि का भय बना रहेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। धर्म-कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी।
उपाय- चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का पाठ करें।

नवंबर- स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, बनते कामों में विघ्न व मानसिक तनाव हो सकता है। दूर की यात्राएं, धन का खर्च भी अधिक होगा। सौंदर्य आदि कामों पर खर्च होगा।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

दिसंबर- व्यवसायिक क्षेत्र में अनेक उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन इन सबके बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। मास के अंत में शुभ यात्रा हो सकती है।
उपाय- हर माह में आने वाले एकादशी व्रत का पालन करें।