जम्मू-कश्मीरः 2018 की तरह ही आतंकियों ने फिर किया हमला, इस बार भी ट्रक में था आतंकी अड्डा

सितंबर 2018 झज्जर कोटली आतंकी हमला
जम्मू से 27 किमी दूर झज्जर कोटली इलाके में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर आतंकियों ने सुबह सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। हालांकि, इस हमले में सुरक्षाबल का कोई जवान घायल नहीं हुआ था, लेकिन आतंकियों ने ड्यूटी पर खाकी वर्दी पहनकर जा रहे सेरीकल्चर विभाग के माली को निशाना बनाया, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरोटा के बन इलाके में टोल प्लाजा पर शुक्रवार तड़के चार आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। इस मुठभेड़ में अब तक तीन आतंकी मारे गए हैं। जबकि एक की तलाश के लिए अभियान जारी है। गोलीबारी में एक पुलिस कर्मी भी घायल हो गया। यह आतंकी हमला साल 2018 के सितंबर महीने में हुए आतंकी हमले की तरह ही था। ठीक उसी तरह आतंकियों ने सभी हथकंडे अपनाए थे।

घायल गणेश दास (54) निवासी दामिनी, झज्जर कोटली आतंकियों का सिर्फ इसलिए निशाना बन गया क्योंकि उसने पुलिस की तरह खाकी वर्दी पहन रखी थी। सेरीकल्चर विभाग में माली (फील्ड) के पद पर कार्यरत गणेश सुबह 7.45 बजे ड्यूटी पर वर्दी में जा रहा था तभी उसके सामने पिट्ठू बैग उठाए तीन आतंकी आ गए।

आतंकियों ने उसकी वर्दी देख उसे पुलिस वाला समझकर फायर कर दिया। गणेश दास के अनुसार उस पर तीन फायर किए गए, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि एक गोली उसकी दाहिनी बाजू को पार करते हुए निकल गई। बाजू की एक हड्डी टूट गई।

यह हमला सुबह 7.45 बजे हुआ था। आज यानी कि शुक्रवार को आतंकियों ने सुबह साढ़े पांच बजे हमला किया। इस दौरान आतंकियों ने ट्रक के अंदर ही छिपने का स्थान बना रखा था। दोनों हमलों में मुख्य बात यह है कि आंतकियों ने श्रीनगर जाने के लिए हाईवे का रास्ता चुना। वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने बताया कि इस मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकी मार गिराए गए हैं। जिनके पास से छह हथियार बरामद हुए हैं। ट्रक चालक और परिचालक दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ जारी है। साथ ही जंगल में छिपे एक अन्य आतंकी की तलाश में अभियान जारी है। संदेह है कि यह आतंकी कठुआ जिले के हीरानगर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से दाखिल हुए हों।