सूरजकुंड मेला एक बार फिर से लोगों के लिए तैयार है. सूरजकुंड इंटरनेशनल मेला 2020 का आयोजन 1-16 फरवरी 2020 तक किया जाएगा. इस साल हिमाचल प्रदेश को थीम राज्य बनाया गया है. सूरजकुंड मेला भारत का एक रंगीन पारंपरिक शिल्प त्योहार है, जिसे हरियाणा सरकार की ओर से आयोजित किया जाता है. इस मेले का पहली बार आयोजन साल 1987 में किया गया था. सूरजकुंड मेले की खास बात यह है कि यहां पर देश के अलग-अलग राज्यों के हस्तशिल्प और कारीगरों के बनाए गए सामान को खरीदा जा सकता है. सूरजकुंड मेले में लोक संगीत का भी आयोजन किया जाता है. यहां सभी राज्य के कलाकार अपने-अपने लोक संगीत का प्रदर्शन करते हैं. इस मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा विदेशों से भी कलाकार आते हैं. मेले में प्रवेश केवल टिकट के जरिए ही दिया जाता है.
सूरजकुंड का इतिहास
सूरजकुंड यानि 6 एकड़ में एक तालाब है. इसकी बनावट यूनानी रंगभूमि से बहुत मिलती है. जिसे तोमर वंश के राजा सूर्यपाल ने बनवाया था. सूरजकुंड को बनाने के पीछे का कारण सूर्यदेव की उपासना और पानी स्रोत जमा करना था.
सूरजकुंड मेला कहां होता है आयोजित
सूरजकुंड मेले 2020 का आयोजन लेकवुड सिटी, सूरजकुंड, फरीदाबाद में किया जाता है.
सूरजकुंड मेले का टिकट
सूरजकुंड मेले की टिकट की कीमत वीकडेज में 80 रुपए और वीकेंड में 120 रुपए तय की गई है. लोगों को टिकट खरीदने में ज्यादा परेशानी न हो, इसके लिए मेले में एक टिकट काउंटर बनाया गया है. इसके अलावा टिकट को paytm या bookmyshow वेबसाइट से ऑनलाइन बुक किया जा सकता है.