गृह मंत्री अमित शाह को एक संन्यासी ने पत्र में क्या लिखा ?

Letter to Amit Shah

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2020 में BJP के हार के बाद भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह ने न्यूज़ चैनल के माध्यम से हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा की  “BJP के कई मंत्रियों के  विवादित  बयानबाजी के कारण हार हुई है “गाज़ियाबाद स्थित शिवशक्ति धाम डासना मंदिर के संत श्री यति नरसिम्हा नन्द सरस्वती ने इसको गलत बताते हुए  एक पत्र अमित शाह जी को क्या लिखा ?
What did a monk write in the letter to Home Minister Amit Shah

15 फरवरी 2020

शिवशक्ति धाम डासना 
 
सेवा में
श्रीमान अमित शाह जी

गृहमंत्री भारत सरकार

विषय:एक सन्यासी का राष्ट्र के गृहमंत्री को संदेश
महोदय,
मुझे नही पता की मेरा यह पत्र आपको मिलेगा या नहीं मिलेगा। आप इस पत्र को पढ़ पाएंगे या नहीं पढ़ पायेंगे। मेरे जैसे लाखो साधु इस देश में हैं और आप इस महान राष्ट्र के यशस्वी महानायक हैं जिसके मजबूत कंधों पर सम्पूर्ण सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की रक्षा का भार है।इस कारण से मुझे लगता है की ये लगभग
असम्भव बात है की मेरा यह पत्र आप तक पहुँचे, फिर भी मैं सनातन धर्म का सन्यासी होने के कर्तव्य को पूरा करने के लिये आपको यह पत्र लिख रहा हूँ।
13 फरवरी 2020 को मैं दिल्ली विधानसभा के भाजपा की हार को लेकर आपके बयान को सुन रहा था। आपके बयान को सुनकर मेरा दिल बैठ गया क्योंकि आपका बयान बहुत ही निराशाजनक और सच्चाई से परे था।मुझे नहीं लगता की ये आपका बयान हो सकता है।शायद आपके कुछ कायर, कमजोर और सत्तालोलुप साथियों ने आपको भ्रमित करके आपसे यह बयान दिलवाया है।मेरा ऐसा मानने के कुछ ठोस कारण हैं।मेरा जन्म एक काँग्रेस समर्थक परिवार में हुआ था परन्तु मेरे जीवन मे घटित कुछ बहुत ही घृणास्पद घटनाओ ने मुझे एक जागरूक हिन्दू बनाया और मैं हिन्दू संगठनों की ओर मुड़ा और बहुत निराश हुआ।मैं लगभग 20 साल तक संघ परिवार के विभिन्न संगठनों से जुड़ा रहा।संघ परिवार को बहुत नजदीक से देखने के बाद मेरी ये धारणा बनी की संघ परिवार मेरे गुरु जी परम आदरणीय स्वर्गीय बैकुंठ लाल शर्मा”प्रेम सिंह शेर” जी(पूर्व सांसद),परम आदरणीय स्वर्गीय श्री बी पी सिंघल(पूर्व राज्यसभा सांसद) तथा अन्य कुछ अति महत्वपूर्ण अपवादों को छोड़कर
सत्तालोलुप लोगो की एक ऐसी जमात है जो केवल हिंदुत्व के नाम पर हिन्दुओ का शोषण करना जानती है और करती हिन्दुओ के लिये कुछ भी नहीं है।स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का प्रथम पांच वर्षो के कार्यकाल ने मेरी इस धारणा को हर तरह से मजबूत किया।अपनी इस धारणा के बाद भी मैंने अपने जीवन मे एक बार के अलावा कभी भी भा ज पा को छोड़कर किसी और को वोट नहीं दिया।एक बार मेरी बहुत मजबूरी थी।मेरे मुस्लिम बाहुल्य कस्बे में नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिये केवल एक हिन्दू खड़ा था,तो मुझे उसे वोट देना पड़ा।वस्तुतः मैं सनातन धर्म के भविष्य को लेकर बिल्कुल निश्चिंत हो चुका था की अब तो हमे मिटना ही है।मुझे आशा की कोई किरण दिखाई नहीं दे रही थी।
लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूसरे कार्यकाल में आपके गृहमंत्री बनने के मुझे लगा की कुछ लोग हैं जो सनातन धर्म को बचा लेंगे।मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक बन गया और आपके कारण मुझे नरेंद्र मोदी जी में भी विश्वास जागृत हुआ।
आज मैं आपसे बस इतना कहना चाहता हूं की योद्धाओ के जीवन मे हार जीत आती रहती हैं।जो इतिहास रचने वाले योद्धा होते हैं, वो किसी हार से विचलित नहीं होते बल्कि हार जाने के बाद आत्ममंथन करके अपनी गलतियों को सुधार कर महान लक्ष्य और विजय की ओर बढ़ते हैं।आप और मोदी जी हमारे वर्तमान के सबसे बड़े योद्धा हैं।क्षण प्रतिक्षण इतिहास आपके प्रत्येक कार्य कलाप पर दृष्टि जमाये हुए है।मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है की किसी भी परिस्थिति में धर्म और धैर्य का परित्याग न करें।
कुछ छोटी छोटी बातो की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ।आप
दिल्ली विधानसभा में इसलिये नहीं हारे हैं की लोगो ने उग्र हिंदुत्व को नकार दिया है।ये तो आपको वो लोग बता रहे हैं जो या तो इस देश की जड़ो से कटे हुए लोग हैं या आपके शत्रु हैं।दिल्ली विधानसभा सहित कई दूसरे राज्यो में आपको हिन्दुओ ने पिछली बार से कम वोट नहीं दिए हैं।इसका अर्थ है की आपका वोट बैंक लगातार बढ़ रहा है।यदि आप शाहीन बाग में इस्लाम के जिहादियो और राष्ट्र के शत्रुओं के प्रति ढुलमुल नीति को छोड़कर कठोर नीति अपनाये होते तो आज स्थिति बिल्कुल भिन्न होती और दिल्ली विधानसभा के भा ज पा की सरकार बनी होती।
भा ज पा की हार में एक विशेष कारण आपकी पार्टी के नेताओ विशेषरूप से जनप्रतिनिधियो का अहंकार और कार्यकर्ताओं से उनकी दूरी भी है।अगर आप वास्तव में इस राष्ट्र के लिये कुछ ठोस करना चाहते हैं तो आपको इस ओर बहुत ध्यान देना पड़ेगा।
आपकी पार्टी की दिल्ली में दुर्गति का एक सबसे बड़ा कारण राजधानी में बढ़ता हुआ हिन्दू उत्पीड़न और उस पर आपकी पार्टी के नेताओं और संघ परिवार का शर्मनाक मौन है।आपकी पार्टी कभी भी अपने मतदाताओ और समर्थकों के सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिये कभी कुछ भी नही करती जबकी आपकी विरोधी पार्टिया
अपने मतदाताओ और समर्थको के लिये हर परिस्थितियों में साथ खड़ी रहती हैं।मैं आज तक ये कभी नही समझ पाया की जब अन्य पार्टिया इस्लाम के जिहादियो,आतंकवादियों, देशद्रोहियो तक के साथ गर्व से खड़ी हो सकती हैं तो आप और आपके नेता देशभक्तो,राष्ट्रवादियो और कट्टर हिन्दुओ के साथ क्यो नही खड़ी हो सकती।आपकी इस कमी से भी आपके समर्थको का एक बड़ा वर्ग अब उदासीन होता जा रहा है जिसका लाभ हमारे शत्रुओ को हो रहा है।आपसे निवेदन है की इस ओर ध्यान देने की कृपा करें क्योंकि राष्ट्र रक्षा और पुनर्निर्माण जैसे बड़े और महान लक्ष्य स्थायी साथियो के बिना कभी भी प्राप्त नहीं किये जा सकते।आपसे अनुरोध है की विस्तार जरूर करिये परन्तु अपनी जड़ों अर्थात अपने आधारभूत समर्थको और साथियो से जुड़े रहिये।आपको यह समझना ही पड़ेगा की केवल और केवल हिन्दू ही आपका आधार है और हिन्दुओ के विरोधी कभी भी किसी भी कीमत पर आपका साथ नहीं देंगे।
अंत मे बस एक बात और,अपनी पार्टी की असफलता और हार के लिये कभी भी हिंदूवादी नेताओ और उनके बयानों को मत जिम्मेदार ठहराइये क्योंकि यही लोग जनता में आपकी पार्टी की विश्वसनीयता के रक्षक हैं वरना तो इस समय समस्त हिन्दू समाज का मनोबल रसातल पर है।
देवाधिदेव भगवान महादेव शिव और जगद्जननी माँ जगदम्बा से प्रार्थना करता हूँ की वो मोदी जी पर और आप पर सदैव अपनी कृपा बनाये रखें और आप दोनों का यश युग युगान्तर तक गाया जाता रहे परन्तु इसके लिये आप दोनों को सभी तरह के संशय का त्याग करके सभी सनातन धर्म और भारत राष्ट्र के शत्रुओ से निर्णायक युद्ध करना ही पड़ेगा।
कुछ और बाते हैं पर वो फिर कभी।
                        आपका शुभचिंतक
यति नरसिंहानन्द सरस्वती
शिवशक्ति धाम,डासना जिला गाज़ियाबाद
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