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पति पत्नी और वोः एक सेल्फी ने खोला कत्ल का राज
गुरप्रीत बेहद खूबसूरत थी. उसकी शादी को केवल 6 साल हुए थे. उसका एक पांच साल का बेटा भी था. लेकिन इसके बावजूद उसके कदम बहक गए. उसने अपने पति से बेवफाई की और वो किसी और के इश्क में सब कुछ लुटा बैठी. यहां तक कि अपनी जान भी. लेकिन उसकी मौत का राज एक सेल्फी ने खोल दिया.
‘पति पत्नी और वो’ की ये खूनी वारदात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की है. यहां रहने वाले गुरजीत की शादी करीब 6 साल पहले गुरप्रीत के साथ हुई थी. दोनों की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था. उनका एक 5 साल का बेटा भी है. घर में सारी सुख सुविधाएं मौजूद हैं.
बिजनेस के सिलसिले में गुरजीत को अक्सर बाहर जाना पड़ता था. इसी दौरान पति की गैरमौजूदगी में गुरप्रीत की जिंदगी में ‘वो’ आ गया. वह उनके मकान मालिक का बेटा आशीष था. वह कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र था. गुरप्रीत और आशीष बेहद करीब आ गए थे. लिहाजा उनके बीच सारी हदें टूट चुकी थी.
दोनों साथ घूमने जाते थे. साथ खाते थे. साथ में फिल्म देखते थे. इसी तरह से दोनों इश्क के समंदर में गोते लगा रहे थे. गुरप्रीत के पति गुरजीत को किसी काम से चंडीगढ़ जाना पड़ा. मौके के फायदा उठाकर गुरप्रीत और आशीष ने मिलने का प्रोग्राम बनाया. दोनों स्कूटी पर साथ घूमने निकल गए.
कुछ देर बाद ही दोनों टी स्टेट के जंगल में सड़क किनारे खड़े होकर बातें कर रहे थे. तभी किसी बात पर दोनों में कहासुनी शुरू हो गई. और थोड़ी देर बाद उनके बीच विवाद इतना बढ़ा कि वहीं सड़क पर आशीष ने गुरप्रीत का गला रेत दिया. गुरप्रीत वहीं सड़क के किनारे नीचे गिर पड़ी. वो खून से पूरी तरह सन चुकी थी.
उसके गले पर वार करने के फौरन बाद आशीष मौके से स्कूटी लेकर फरार हो गया. आस-पास के लोग लड़की की चीख पुकार सुनकर उसकी तरफ दौड़े लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. ज्यादा खून बह जाने की वजह से उसने सड़क पर ही लोगों के सामने दम तोड़ दिया. लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी.
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर गुरप्रीत की लाश को कब्जे में ले लिया. कई लोगों ने गुरप्रीत को आशीष के साथ स्कूटी से वहां आते देखा था. लिहाजा पुलिस समझ चुकी थी कि हत्या उसी ने की है जो गुरप्रीत को वहां लेकर गया था. पुलिस को इस मामले में आशीष का हाथ होने का पूरा शक था.
लेकिन ये साबित करना बाकी था कि खून आशीष ने ही किया है. लिहाजा पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की. आशीष के फेसबुक अकाउंट पर गुरप्रीत के साथ पोस्ट की गई उसकी एक सेल्फी दिखाई दी. जो ठीक कत्ल से कुछ देर पहले ही पोस्ट की गई थी. पुलिस का शक अब हकीकत में बदल चुका था.
पुलिस ने इसी सेल्फी की वजह से हत्या की इस वारदात का खुलासा चंद घंटों में ही कर दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आशीष के भाई और एक दोस्त को हिरासत में ले लिया. जबकि आशीष की गिरफ्तारी के लिए हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत कई जगहों पर छापेमारी की गई. हत्या के दूसरे दिन आशीष को मसूरी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के हाथ आने से पहले उसने आत्महत्या की कोशिश भी की.
इस वारदात से गुरजीत गहरे सदमे में है. वह इस घटना के बारे में कुछ भी बोल नहीं पा रहा है. उसका पांच साल का बेटा भी अपनी उस मां का इंतजार कर रहा है, जो अब कभी लौट कर नहीं आएगी.
source : Anukool Mistri
पति पत्नी और वोः एक सेल्फी ने खोला कत्ल का राज Read Moreएटीएम चोर की जनता से अपीलः हमारे चंगुल में मत आना
जब आप एटीएम से पैसे निकालने जाते हैं, तो अक्सर एटीएम के अंदर या बाहर अपील लिखी होती है ताकि आप सावधान रहें. लेकिन अगर यही अपील एक एटीएम चोर आप से करे तो आप क्या कहेंगे. जी हां, एक ऐसा चोर जो पिछले दो वर्षों से एटीएम कार्ड बदलकर लोगों को चूना लगा रहा था. दरअसल, उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून से एक ऐसे शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, जो पिछले दो वर्षों से लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर या उनका पिन जानकर उन्हे चूना लगा रहा था. पुलिस की पकड़ में आने के बाद चोर ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे उन जैसे लोगों के चंगुल में न फंसें. एटीएम में अकेले जाएं. किसी अजनबी की मदद न लें.
देहरादून के एसपी सिटी अजय सिंह ने बताया कि पकड़ा गया चोर एक ऐसे शातिर गिरोह का सदस्य है, जो लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर या कार्ड का पिन जानकर वारदात को अंजाम दिया करता था. ये गिरोह एटीएम सेंटर में अनजान लोगों की मदद के नाम पर उनका पासवर्ड जान लेता था और फिर कार्ड बदलकर लोगों को चूना लगा देता था.
पुलिस ने जब इस चोर को पकड़ लिया तो यह संतों की तरह बातें करने लगा. लोगों को एटीएम ठगी से बचने के टिप्स देने लगा. चोर की बातें सुनकर पुलिस भी हैरान है. पुलिस ने आरोपी के पास से एक तमंचा, दस कारतूस और कई बैंकों के एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.
पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई घटनाओं के बारे में पुलिस को बताया है. अब पुलिस एटीएम चोर के बाकी साथियों की तलाश में जुटी है.
source : aajtak (अनुकूल मिस्त्री )