Air Force One: जानें उस विमान की ताकत, जिससे भारत आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। 24 और 25 फरवरी 2020 को ट्रंप भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली के अलावा अहमदाबाद (गुजरात) और ताज महल (आगरा) भी जाएंगे। ट्रंप तीन स्तर के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। अमेरिकी अफसरों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा का पहला घेरा उनका ही रहेगा।

आपने पढ़ा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स वन से भारत आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये विमान कितना ताकतवर है? उस विमान की खासियत क्या है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति सफर करते हैं? इसके बारे में आगे पढ़ें।

क्या है एयरफोर्स वन

  • अमेरिकी एयरफोर्स के जिस भी विमान में वहां के राष्ट्रपति सफर कर रहे हों, उसे तकनीकी रूप से एयरफोर्स वन कहा जा सकता है। यह एक कॉलसाइन होता है।
  • लेकिन 20वीं सदी के मध्य से एक नई व्यवस्था शुरू हुई, जिसके अनुसार राष्ट्रपति के सफर के लिए सभी जरूरी सुविधाओं से लैस एयरफोर्स के विमानों को ही एयरफोर्स वन कहा जाने लगा।
  • ऐसे दो सबसे खास विमान हैं – बोइंग 747-200बी सीरीज के विमान। इन विमानों में पीछे की तरफ 28000 और 29000 कोड लिखा होता है।
  • इस विमान पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है – ‘United States of America’। साथ ही अमेरिका के झंडे और अमेरिकी राष्ट्रपति की सील होती है।
  • यह 45 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी ऊंचाई 6 मंजिले इमारत जितनी और लंबाई एक फुटबॉल के मैदान जितनी है।

Air force one

अंदर से कैसा होता है ये विमान

  • एयरफोर्स वन के अंदर 4000 वर्ग फीट की जगह है। विमान अंदर से तीन स्तर में बंटा है। इसमें राष्ट्रपति के लिए खास सुईट भी है, जिसमें बड़ा सा कार्यालय, कॉन्फ्रेंस रूम और बाथरूम होता है।
  • इसके अलावा विमान में एक मेडिकल सुईट होता है, जिसे जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थिएटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। विमान पर एक डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद होता है।
  • विमान में खाना बनाने के लिए दो अलग-अलग रसोई होती है जिसमें एक साथ 100 लोगों का खाना तैयार करने की क्षमता होती है।
  • इसमें राष्ट्रपति के साथ चलने वाले अधिकारियों (वरिष्ठ सलाहकार, गुप्त सेवा अधिकारी, पत्रकार) व अन्य अतिथियों के लिए भी कमरे होते हैं।

एयरफोर्स वन की खासियत

  • किसी राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ये दुनिया का सबसे आधुनिक और बड़ा विमान है।
  • इस विमान का दायरा असीमित है। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां चाहें और दुनिया के जिस कोने में भी जरूरत हो, ये विमान आसानी से उस जगह पहुंच सकता है।
  • इस विमान में बीच हवा में भी जरूरत पड़ने पर दोबारा ईंधन भरे जाने की क्षमता है।
  • इस विमान में एक बार में 2.03 लाख लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
  • विमान पर जितने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हैं, वे इतने मजबूत हैं कि उनपर विद्युत चुंबकीय कंपन (Electromagnetic Pulse) का असर नहीं हो सकता।
  • विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम इस तरह का है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे मोबाइल कमांड सेंटर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी किसी तरह की आपत्ति की परिस्थिति में राष्ट्रपति विमान में उड़ते हुए कहीं से भी अपनी सेना व अधिकारियों को कमांड दे सकते हैं।
  • किसी आपदा की स्थिति में ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए हवा में उड़ने वाले बंकर का काम कर सकता है। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद भी यही विमान राष्ट्रपति का कमांड सेंटर बन गया था।
  • एयरफोर्स वन के दो विमान बिल्कुल एक जैसे बनाए गए हैं। एक मुख्य विमान होता है और दूसरा बैकअप के लिए। दोनों विमान हमेशा साथ में उड़ान भरते हैं। इनमें से एक में राष्ट्रपति होते हैं, जिसकी जानकारी पहले से किसी को नहीं दी जाती।
  • इस विमान में साइबरस्पेस से होने वाले हमलों या मिसाइल हमलों का पता लगाने के लिए भी खास सेंसर्स लगाए गए हैं।

Air force one

हवा में कैसे चलता है अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला

  • एयरफोर्स वन के आगे कई मालवाहक विमान उड़ान भरते हैं, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में राष्ट्रपति को जरूरी चीजें आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें।
  • जब राष्ट्रपति विमान में सवार हो रहे होते हैं, तो रनवे पर उनके साथ काफिले में जा रहे लोगों के अलावा और किसी को अपनी जगह से हिलने की इजाजत नहीं होती।
  • एयरफोर्स वन चार क्रू सदस्यों – पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और नेविगेटर के साथ उड़ान भरता है। बोइंग 747 के किसी और विमान में इतना मजबूत क्रू नहीं होता।

कौन करता है एयरफोर्स वन की देखरेख

  • एयरफोर्स वन की देखरेख व संचालन प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप द्वारा किया जाता है जो व्हाइट हाउस मिलिट्री ऑफिस का हिस्सा होता है। ये एयरलिफ्ट ग्रुप 1944 में बनाया गया था।
  • शुरू के करीब 15 सालों तक, अमेरिकी राष्ट्रपति अलग-अलग विमानों में सफर करते रहे। 1962 में खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बनाए गए जेट विमान में सफर करने वाले पहले शख्स थे जॉन एफ केनेडी।

 

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Donald Trump with wife

गुजरात में तीन घंटे बिताएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, प्रति मिनट का खर्च 55 लाख रुपये

डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी से दो दिन के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं। पहले दिन वह गुजरात के अहमदाबाद शहर आएंगे। यहां वह करीब तीन घंटे बिताएंगे और उनके स्वागत के लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। एक अनुमान है कि तीन घंटे के ट्रंप के लिए प्रशासन को 100 करोड़ रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।

अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण मिलकर सड़कों को सुंदर बनाने के लिए करीब सौ करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। मोटेरा स्टेडियम से लौटने के लिए एयरपोर्ट तक खासतौर से बनाई जा रही 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क पर ही करीब 60 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस रूट और स्थान के सौंदर्यीकरण के लिए 8 करोड़ का बजट आंवटित किया गया।

अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के अनुसार इस हाई प्रोफाइल दौरे पर गुजरात सरकार के कम से कम 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानि एक मिनट में करीब 55 लाख रुपये। ट्रंप के अहमदाबाद दौरे की तैयारियों में जुटे शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने साफ कह दिया है कि स्वागत में बजट कहीं से भी आड़े नहीं आना चाहिए।

रूपाणी सरकार को उठाना होगा ज्यादा खर्च

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गुजरात यात्रा का काफी खर्च केंद्र सरकार उठाने को तैयार है, लेकिन फिर भी राज्य सरकार को ज्यादा खर्च उठाना होगा। एक अधिकारी के मुताबिक सभी विभागों को हर तरह के लॉजिस्टिक का इस्तेमाल करने के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेनी नहीं होगी।

कहां कितना खर्च 

  • 80 करोड़  ट्रंप के रूट पर पड़ने वाली नई सड़कों का निर्माण
  • 12-15 करोड़ रुपये अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा पर खर्च
  • 7-10 करोड़ रुपये मोटेरा स्टेडियम में आने वाले करीब एक लाख मेहमानों के खाने-पीने पर खर्च
  • 6 करोड़ रुपये शहर को सुंदर बनाने और सड़क के बीच में ताड़ के पेड़ और सुंदर फूल लगाने पर खर्च
  • 4 करोड़ रुपये सांस्कृतिक कार्यक्रम पर खर्च

ट्रंप के रोड शो में तैनात होंगे 10,000 पुलिसकर्मी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात में 24 फरवरी को होने वाले रोड शो के दौरान 10,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, 25 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इन जवानों का नेतृत्व करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

अपनी पहली दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, ट्रंप अहमदाबाद में एक रोड शो में भाग लेंगे और साबरमती आश्रम भी जाएंगे। वह मोटेरा में नव-निर्मित क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करने वाले हैं।

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (कंट्रोल रूम) विजय पटेल ने बताया कि 65 सहायक आयुक्तों, 200 निरीक्षकों और 800 उप-निरीक्षकों सहित 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को शहर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा। इस तैनाती में संयुक्त राज्य अमेरिका की गुप्त सेवा के अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के अधिकारी भी शामिल होंगे।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ने कहा कि एनएसजी की एक एंटी-स्नाइपर टीम भी मार्ग पर तैनात रहेगी। पुलिस बम निरोधक दस्ते ने पूरे मार्ग को पहले ही स्कैन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस होटलों में ठहरे नए मेहमानों के बारे में जानकारी की जांच करने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो विदेशों से आए हैं।

 

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Modi and Trump Friendship

डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर PM मोदी ने दिया जवाब, कहा- भारत यात्रा पर यादगार स्वागत किया जायेगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह बेहद खुश है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी इस महीने भारत की यात्रा पर आ रहे हैं और यहां उनका भव्य एवं यादगार स्वागत किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी के 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आने को लेकर बहुत खुश हूं, हमारे माननीय अतिथियों का यादगार स्वागत किया जाएगा.” मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा विशेष है तथा यह भारत..अमेरिका मैत्री को और मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम होगा.

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह बेहद खुश है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी इस महीने भारत की यात्रा पर आ रहे हैं और यहां उनका भव्य एवं यादगार स्वागत किया जायेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध न केवल हमारे नागरिकों के लिये बल्कि पूरे विश्व के लिये बेहतर होंगे.” मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र और बहुलतावाद के प्रति साझी प्रतिबद्धता रखते हैं और दोनों देश व्यापक मुद्दों पर करीबी सहयोग कर रहे हैं. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस महीने की 24-25 तारीख को दो दिवसीय भारत यात्रा पर होंगे. इस दौरान वह नयी दिल्ली और अहमदाबाद का दौरा करेंगे.

दोनों देशों की सरकारों ने कहा है कि ट्रम्प के पहले दौरे से भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्‍टेफनी ग्रिशम ने बताया कि ट्रम्प की पत्नी मेलानिया ट्रम्प भी उनके साथ भारत जाएंगी. राष्ट्रपति 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर होंगे. उधर, नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर राष्ट्रपति ट्रम्प अपनी पत्नी के साथ भारत दौरे पर आएंगे.

ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताहांत फोन पर बात की थी जिसमें दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि यह यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगी तथा अमेरिकी-भारतीय लोगों के बीच मजबूत एवं स्थायी संबंधों को रेखांकित करेगी.

 

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Oscars Awards Winners

कोरियन फ़िल्म पैरासाइट ने ऑस्कर में कैसे बनाया इतिहास

लॉस एंजेलिस में हुए 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स समारोह में कोरियन फ़िल्म पैरासाइट ने वाकई इतिहास रच दिया है। इस फ़िल्म ने पूरे हॉलीवुड को पीछे छोड़ते हुए बेस्ट पिक्चर समेत 4 केटेगरीज़ में  ऑस्कर अवॉर्ड्स जीते हैं। फ़िल्म के निर्देशक बॉन्ग जून हो को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड दिया गया है। इंटरनेशनल फीचर फ़िल्म केटेगरी में भी इसी फ़िल्म को अवॉर्ड मिला है। ओरिजिनल स्क्रीनप्ले केटेगरी में भी पैरासाइट ने पूरे हॉलीवुड को पीछे छोड़ दिया है।

Parasite Oscar Award Winner Film Poster

पैरासाइट की यह जीत इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि विदेशी भाषा का होते हुए फ़िल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड्स की मुख्य केटेगरी में 3 अवॉर्ड जीते हैं। कोरियन भाषा में बनी फ़िल्म इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ रिलीज़ की गयी थी। पैरासाइट की ऑस्कर जीत की हर जगह चर्चा हो रही है और जमकर तारीफ़ की जा रही है। प्रियंका चोपड़ा ने एक छोटा-सा नोट लिखकर फ़िल्म की जीत की बधाई दी है।

सिनेमा की दुनिया के सबसे मशहूर ऑस्कर अवॉर्ड के इतिहास में पहली बार विदेशी भाषा की एक फ़िल्म ने बेस्ट फ़िल्म का अवॉर्ड जीता है.

  • दक्षिण कोरियाई फ़िल्म पैरासाइट को ये अवॉर्ड मिला है.
  • इसे तीन और पुरस्कार मिले हैं . पैरासाइट दो कोरियाई परिवारों पर आधारित है.
  • हमने उस छोटे से अपार्टमेंट का जायज़ा लिया जिसके इर्द गिर्द ये फ़िल्म घूमती है.

प्रियंका ने अपने नोट में लिखा है- अंग्रेजी सबटाइटल्स वाली कोरियन फ़िल्म पैरासाइट जैसी अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म को दर्शकों का इतना प्यार और दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित फ़िल्म एकेडमी की तरफ़ से सम्मान मिलते हुए देखना वाकई भावुक करने वाला है। मनोरंजन उद्योग से होने के नाते हमारी कला के पास सरहदों और भाषाओं को लांघने की क्षमता होती है और आज पैरासाइट ने बिल्कुल वही साबित किया है। आसमान में सूराख करने और बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड जीतने वाली गैर-अंग्रेजी फ़िल्म बनने के लिए फ़िल्म से जुड़े सभी लोगों को बधाई।
पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर फ़िल्म है। इसकी कहानी एक ऐसे ग़रीब परिवार पर आधारित है, जो एक अमीर घर में किसी तरह एंट्री ले लेता है और धीरे-धीरे उसके सामने कई राज़ खुलते हैं, जो काफ़ी दहलाने वाले हैं। फ़िल्म पिछले साल 30 मई को साउथ कोरिया में रिलीज़ हुई थी और बॉक्स ऑफ़िस पर भी सफल रही थी। कान फ़िल्म समारोह में भी पैरासाइट को पुरस्कार मिले थे। पैरासाइट की जीत इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि इसका सामना हॉलीवुड की कई बेहतरीन फ़िल्मों से था।

 

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यमन में जनाज़े के दौरान हवाई हमला, 140 से अधिक लोगों की मौत

yemen-620x400यमन में जनाजे के दौरान हुए हवाई हमलों में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 525 से अधिक लोग घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सऊदी नीत गठबंधन पर हुथी विद्रोही हमले करते हैं। गठबंधन ने हवाई हमले की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। नागरिकों की कथित मौत को लेकर गठबंधन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है। सना में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता तमीम अल शामी ने विद्रोहियों के अलमसीरा टेलीविजन को बताया ‘मृतकों की संख्या बहुत ज्यादा है। 520 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।’ मार्च 2015 में शिया हुथियों के खिलाफ गठबंधन ने बमबारी अभियान शुरू किया था जिसके बाद से यह सर्वाधिक भयावह हमलों में से एक है।

सऊदी अरब के प्रमुख सहयोगी अमेरिका ने तत्काल चेताया है कि उसने सऊदी नीत गठबंधन की ‘तत्काल समीक्षा’ शुरू कर दी है और उसके साथ उसका सुरक्षा सहयोग ‘ऐसा नहीं है कि सामने वाला पक्ष उसमें मनमानी कर सके।’ यमन में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक जेमी मैकगोल्डरिक ने कहा कि राजधानी सना में शनिवार (8 अक्टूबर) को एक सामुदायिक हाल में शोकग्रस्त लोग जनाजे के लिए जमा हुए थे जिनपर हमले होने से राहत कर्मी ‘हतप्रभ और बहुत गुस्से में’ हैं। मैकगोल्डरिक ने घटना की तत्काल जांच की मांग करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बढ़ाना चाहिए। मैकगोल्डरिक ने कहा ‘यमन में नागरिकों के खिलाफ यह हिंसा तत्काल रोकी जानी चाहिए।’

इस घटना से ‘स्तब्ध और अत्यंत व्यथित’ संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपात राहत समन्वयक स्टीफन ओ’ब्रायन ने हमलों की तत्काल और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया है। उन्होंने कहा ‘मैं सभी पक्षों से नागरिकों की रक्षा करने और यमन में नागरिकों की आबादी वाले इलाकों में विस्फोटक हथियारों के उपयोग तथा हवाई हमले बंद करने का आह्वान भी करता हूं।’ सितंबर 2015 में मोखा शहर में एक विवाह समारोह के समीप हुए हवाई हमले में कम से कम 131 लोग मारे गए थे। संदेह है कि यह हमला भी गठबंधन बलों का था और तब भी सऊदी नीत गठबंधन ने इसमें किसी तरह की संलिप्तता से इंकार किया था।

इस साल मार्च में एक बाजार में सऊदी नीत हवाई हमलों में 106 नागरिकों सहित कम से कम 119 लोग मारे गए थे। इनमें से 24 बच्चे थे। यह हमला उत्तर में विद्रोहियों की पकड़ वाले हज्जा में हुआ था। दक्षिणी सना में शनिवार को पूरी तरह जल चुकी एक इमारत से आपात कर्मियों ने जेले हुए कम से कम 20 शव और मानव अंग निकाले। अधिकारी ने बताया कि कुछ घायलों के अंग क्षतविक्षत हो गए हैं और स्वयंसेवक मौके पर ही उनका इलाज कर रहे हैं। एएफपी को दिए गए बयान में सऊदी नीत गठबंधन ने बताया कि उसने कोई अभियान नहीं चलाया है और घटना के लिए अन्य कारणों पर विचार किया जाना चाहिए।

 

Source: Jansatta

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सुस्त रही शेयर मार्केट की शुरुआत, सेंसेक्स 60 अंक ऊपर

bse_building_240मंबई। एशियाई बाजारों की सुस्ती और अमेरिकन बाजारों की तेजी के बाद भारतीय बाजारों की शुरुआत आज सुस्ती के साथ हुई। फिलहाल अब सेंसेक्स में करीब 60 अंक और निफ्टी में 20 अंक की बढ़त देखने को मिल रही है। शुरुआती कारोबार में आईटी शेयरों में कमजोरी दिख रही है। वहीं एफएमसीजी, मेटल और फार्मा शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है। बाजार को छोटे और मझोले शेयरों से भी सहारा मिल रहा है।

बाजार में एफएमसीजी, मेटल और फार्मा शेयरों के साथ ही मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिड कैप इंडेक्स 0.44 फीसदी और स्मॉल कैप इंडेक्स 0.47 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।

आज के शुरुआती कारोबार में बैंकिग शेयरों में कमजोरी देखने को मिली थी। फिलहाल बैंक निफ्टी 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 19550 के स्तर के करीब दिख रहा है। वहीं बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.16 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी के आईटी इंडेक्स को छोड़ कर लगभग सभी अहम इंडेक्स में बढ़त देखने को मिल रही है। निफ्टी के फार्मा, मेटल, आटो, रियल्टी और एफएमसीजी इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिल रही है। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 0.5 फीसदी, मेटल इंडेक्स 0.4 फीसदी, ऑटो इंडेक्स 0.4 फीसदी, रियल्टी इंडेक्स 0.6 फीसदी और एफएमसीजी इंडेक्स 0.3 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। हालांकि कारोबार के इस दौरान निफ्टी के आईटी इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है।

फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 60 अंक यानि 0.2 फीसदी की बढ़त के साथ 28286 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 20 अंक यानि 0.2 की बढ़त के साथ 8725 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

बाजार में कारोबार के इस दौरान दिग्गज शेयरों में गेल, एक्सिस बैंक, लार्सन, बजाज ऑटो और ल्यूपिन सबसे ज्यादा 1.2-0.8 फीसदी तक बढ़े हैं। हालांकि रिलायंस, विप्रो, इंफोसिस, अदानी पोर्ट और एशियन पेंट्स जैसे दिग्गज शेयरों में 1.4-0.4 फीसदी की कमजोरी आई है।

 

 

 

Source: IBN

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iPhone7 में जुड़े नए फीचर, 10 बातों से जानें क्या हुआ है पहली बार

iphone_650_090716063622_090816101112मोबाइल टेक्नोलॉजी में अपनी अलग पहचान रखने वाली एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक ने बुधवार को दो नए आईफोन- iPhone7 और iPhone7 Plus लॉन्च किए. आइए जानते हैं इस बार लॉन्च हुए एप्पल आईफोन 7 और iPhone7 प्लस में कौन-कौन से नए फीचर्स हैं…

1. 32 जीबी के मिनिमम मेमोरी के साथ हुआ लॉन्च. 16 जीबी वैरिएंट अब नहीं मिलेगा|

2. दो नए कलर- मैट ब्लैक और जेट ग्लॉसी ब्लैक |

3. A10 Fusion प्रोसेसर iPhone 6s के मुकाबले 40 गुना ज्यादा फास्ट होगा|

4. इसमें क्वाड एलईडी ट्रू टोन फ्लैश भी दिया गया है|

5. सेल्फी के लिए इसमें 7 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है|

6. कैमरा- 2X ऑप्टिकल जूम के साथ दो रियर कैमरे. एक वाइड एंगल लेंस होगा जबकि दूसरा टेलीफोटो का काम करेगा. कंपनी का दावा है कि यह 10X तक जूम करने में सक्षम है|

7. iPhone में हेडफोन जैक नहीं मिलेगा. ऑडियो के लिए लाइटिंग पोर्ट का यूज किया गया है|

8. रेटिना एचडी डिस्प्ले- कंपनी का दावा है कि रेटिना एचडी डिस्प्ले ज्यादा कलर्स, 3डी टच के साथ 25 फीसदी ब्राइट है|

9. सेवेन सीरीज के आईफोन को वॉटर और डस्ट प्रूफ बनाया गया है|

10. होम बटन भी बदला- कंपनी ने होम बटन में बड़ा बदलाव किया है. यह अब एप्पल के टैप्टिक इंजन पर चलेगा, यानी मैकबुक के ट्रैकपैड जैसा काम करेगा. इसे आप क्लिक नहीं कर सकते, लेकिन इसे जोर से प्रेस करना होगा|

 

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ओबामा को गाली देने वाले डुटार्टे

160509133805_filipinas_candidato_presidencial_elecciones_rodrigo_duterte_624x415_gettyअमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गाली देने वाले फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो डुटार्टे का विवादों से लंबा नाता रहा है| डुटार्टे पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र की तर्ज पर नया अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने की धमकी दे चुके हैं| डुटार्टेने अमरीकी राष्ट्रपति को ‘मां की गाली’ देते हुए कहा था कि ओबामा जब उनसे लाओस में मिलें तो मानवाधिकार के मुद्दे पर लेक्चर न दें| इसके बाद राष्ट्रपति ओबामा ने लाओस में होने जा रहे आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit 2016)में फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटार्टेसे मिलने से इनकार कर दिया था. हालाँकि डुटार्टेने ‘अपने शब्दों’ के लिए माफ़ी भी मांग ली है|

नशे के सौदागरों के खिलाफ युद्ध को फिलीपींस के राष्ट्रपति रोद्रिगो डुटार्टेनए मोड़ पर ले गए थे | उन्होंने धमकी दी थी कि अगर सयुंक्त राष्ट्र ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो फिलीपींस संयुक्त राष्ट्र छोड़ देगा और नया अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाएगा| रॉड्रिगो डुटार्टे 30 जून 2016 को फिलीपींस के राष्ट्रपति बने थे|
हिंसा के विरुद्ध उनके कड़े रवैये के चलते उन्हें ‘द पनिशर’ भी कहा जाता है| वह सज़ा-ए-मौत की वापसी चाहते हैं| उन्होंने ड्रग तस्करों को मारने पर सुरक्षा बलों और आम लोगों के लिए इनाम की घोषणा की है| डुटार्टेने ‘भ्रष्ट पत्रकारों’ की हत्या की और कथित तौर पर इसकी वक़ालत भी की| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा था वो डुटार्टेके बयानों से परेशान हैं| डुटार्टेपर सेक्सिस्ट बयान देने के आरोप भी हैं.एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला रिपोर्टर के लिए उन्होंने सीटी मार दी थी| 2015 में पोप फ्रांसिस की फिलीपींस यात्रा के दौरान जाम के चलते डुटार्टेने उन्हें भी निशाना बनाया था| डुटार्टेने कहा था कि वह सुबह से नहीं, बल्कि दोपहर बाद एक बजे से काम शुरू करना चाहते हैं|

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चीन में ओबामा का नहीं हुआ सही स्वागत

160904165859_obama_g20_624x351_reutersचीन के बारे में पोस्ट किए गए अमरीकी सुरक्षा एजेंसी के एक ट्वीट की वजह से जी20 सम्मेलन के दौरान प्रोटोकॉल पर विवाद छिड़ गया है.

अमरीका में सुरक्षा के मामलों में सरकार को सलाह देने वाली डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) ने ट्वीट किया “हमेशा से चीन की तरह ऊंचे दर्जे का”, जिसमें उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक ख़बर को लिंक किया.

इस ट्वीट को जल्द ही डिलीट कर दिया गया. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसी ने सफाई दी, “यह ट्वीट डीआईए का नज़रिया नहीं है. हमें इसके लिए खेद है.”

डीआईए का ट्वीट

डीआईए ने कहा, “एक ख़बर के बारे में आज ग़लती से एक ट्वीट इस अकाउंट से पोस्ट किया गया है.”

मामला कुछ ऐसा है कि जब अमरीकी राष्ट्रपति जी20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के खांगजो हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उनके लिए न रेड कार्पेट बिछाया गया था, न ही उनके उतरने के लिए स्वचालित सीढ़ियां थीं. और तो और उन्हें विमान के दूसरे दरवाज़े से उतरना पड़ा.

जब व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने चीनी सुरक्षा अधिकारियों से बात की और उन्हें बताया कि यह प्रोटोकॉल का उल्लघंन है, तो अधिकारी ने उन्हें कहा, “ये हमारा देश है.”

ओबामा ने वहां मौजूद पत्रकारों से मामले को तूल न देने के लिए कहा.

ओबामा से साथ सम्मेलन में गए पत्रकारों ने कहा कि जब राष्ट्रपति विमान से उतर रहे थे तब चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रपति को देखने से रोका. ऐसा अधिकतर अत्यधिक सुरक्षा वाले स्थानों जैसे अफगानिस्तान में किया जाता है.

न्यूयॉर्क टाइम्स के मार्क लैंडलर के अनुसार, “हम एक नीली पट्टी के पास मिले जिसे चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने कस कर पकड़ा हुआ था. छह साल से मैं व्हाइट हाउस की खबरें कर रहा हूं, लेकिन मैंने कभी किसी विदेशी मेज़बान को मीडिया को ओबामा का प्लेन से उतरना देखने से नहीं रोका.”

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रविवार को एक अधिकारी के हवाले से लिखा कि चीन सभी राष्ट्र के नेताओं का स्वागत रेड कार्पेट बिछा कर करता है, “लेकिन अमरीका ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और कहा था कि उन्हें स्वचालित सीढ़ियों की ज़रूरत नहीं है.”

बाद में जब ओबामा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वेस्ट लेक स्टेट हाउस में पहुंचे तो वहां फिर से विवाद खड़ा हो गया.

व्हाइट हाउस के अधिकारियों, प्रोटोकॉल अधिकारियों और खुफिया सुरक्षा एजेंट और चीनी अधिकारियों के बीच इस बात को ले कर विवाद हो गया कि ओबामा के पहुंचने से पहले कितने अमरीकी अधिकारियों को इमारत के भीतर जाने की इजाज़त दी जाए. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार एक वक्त ऐसा लगा कि दोनों पक्षों में हाथापाई हो जाएगी.

ओबामा ने इस बात की ओर इशारा किया है कि यात्राओं के दौरान चीनी अधिकारियों के साथ सुरक्षा और मीडिया को ले कर इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है.

उन्होंने कहा, “लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है यह सामान्य से ज़्यादा हुआ.”

sourece : BBC Hindi

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पठानकोट: US ने किया PAK को बेनकाब, डोजियर से खुलासा-80 घंटे तक आतंकियों से बात कर रहे थे बॉर्डर पार बैठे हैंडलर्स

670-pathankot-1-new_14698नई दिल्ली. पठानकोट हमले के मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। अमेरिका ने भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को एक हजार पन्नों का डोजियर सौंपा है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान और 4 फिदायीन के बीच बातचीत दर्ज थे। बता दें कि जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। उसे 1999 के कंधार प्लेन हाईजैक केस में पैसेंजरों की रिहाई के बदले भारत ने छोड़ा था। मुंबई हमले से पहले भी लश्कर आतंकियों की हुई थी बातचीत…
– अमेरिकी डोजियर में पाक आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच जिस बातचीत का जिक्र है, वह वैसी ही है, जैसी 2008 में मुंबई हमलों से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई थी।
– उस वक्त लश्कर के आतंकी कराची के सुरक्षित ठिकाने पर बैठकर भारत में लोगों को मारने की स्क्रिप्ट लिख रहे थे।
– एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, हमले के दौरान चारों फिदायीन नासिर हुसैन (पंजाब), अबू बकर (गुजरांवाला), उमर फारूक और अब्दुल कयूम (सिंध) 80 घंटे तक पाक में बैठे अपने हैंडलर्स से कॉन्टैक्ट में रहे।
– अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, डॉक्युमेंट्स में काशिफ की पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर्स से एक तय सीमा में बातचीत का ब्योरा भी दर्ज है। फिलहाल, एनआईए इन डॉक्युमेंट्स की जांच कर रही है।
डोजियर से और क्या पता चला?
– इन्वेस्टिगेशन बताती है कि वॉट्सऐप पर चैटिंग करने के अलावा काशिफ एक फेसबुक अकाउंट भी यूज कर रहा था।
– ये फेसबुक अकाउंट उसी नंबर से कनेक्टेड था, जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त फोन किया था।
– आतंकियों ने एक अन्य ‘मुल्ला दादुल्ला’ के फेसबुक अकाउंट से कनेक्ट नंबर पर भी फोन किया था।
– यह अकाउंट भी काशिफ जान ही ऑपरेट करता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म (टेलीनॉर एंड टेलीनॉर पाकिस्तान कम्युनिकेशन कंपनी लि. इस्लामाबाद) के आईपी ऐड्रेस का इस्तेमाल करके यूज किया जा रहा था।
– इन फेसबुक पेजों पर जिहादी कंटेंट, वीडियो और कमेंट्स मौजूद हैं। साथ ही, इनमें पाकिस्तान में जैश के आतंकियों को अरेस्ट करने को क्रिटिसाइज किया गया है।
– आतंकियों ने जैश की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।
अफसरों ने क्या कहा?
– यूएस अफसरों के मुताबिक, “अमेरिका ने भारत से सारी इन्फॉर्मेशन शेयर की है। लेकिन हम फिलहाल उन मोबाइल नंबरों का खुलासा नहीं कर रहे, क्योंकि इसकी जांच चल रही है।”
– अमेरिका ने भारत को ये सबूत म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) के तहत सौंपे हैं।
– अमेरिका की भारत को दी गई इस जानकारी से यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में मसूद अजहर को टेररिस्ट साबित करने में आसानी होगी।
कब हुआ पठानकोट हमला और इस केस में अब तक क्या हुआ?
– 2 जनवरी की सुबह 6 पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इसमें 7 जवान शहीद हो गए।
– 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन कॉम्बिंग ऑपरेशन चला।
– हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर है।
– अजहर को 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक केस में पैसेंजरों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था।
– भारत ने आतंकियों की उनके हैंडलर्स से बातचीत की कॉल डिटेल्स और उनसे मिले पाकिस्तान में बने सामानों के सबूत पड़ोसी देश को सौंपे हैं।
– पाक मीडिया का दावा है कि मसूद अजहर को हिरासत में लिया जा चुका है। लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है।
– इस बीच, भारत-पाक फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की 15 जनवरी को जो बातचीत होनी थी, जो नहीं हुई।
– 28 मार्च को पाकिस्तान के पांच मेंबर्स वाली इन्वेस्टिगेशन टीम भी पठानकोट आई थी।
पाकिस्तान ने कहा- पठानकोट हमले में अजहर का हाथ नहीं
– पाकिस्तान भारत से कह चुका है कि उसे जांच में ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिसके बेस पर उसे आरोपी बनाया जाए।
– भारत का दावा है कि मसूद अजहर ही एयरबेस अटैक का मास्टरमाइंड है। नवाज शरीफ ने खुद नरेंद्र मोदी को फोन कर हमले की जांच में पूरी मदद का भरोसा दिलाया था।
– हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि भारत ने जो फोन नंबर्स और कॉल डिटेल्स दी थी, उनकी जांच अब तक नहीं की जा सकी है।
Source :- Dainik Bhaskar
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