कौन सा वादा पूरा नहीं कर पाए अमिताभ, 32 साल बाद भी क्यों है मलाल!

LONDON, ENGLAND - JUNE 16: Amitabh Bachchan arrives at the World Premiere of Raavan at the BFI Southbank on June 16, 2010 in London, England. (Photo by Gareth Cattermole/Getty Images)

नई दिल्ली। महानायक अमिताभ बच्चन का राजनीति के साथ भले ही कम समय वास्ता रहा हो, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र इलाहाबाद के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाने का मलाल है, जिसके कारण वह अब भी उस दौर से उबर नहीं पाए हैं।

अमिताभ ने अपने पुराने पारिवारिक दोस्त राजीव गांधी के समर्थन में राजनीति में प्रवेश करने के लिए 1984 में अभिनय से कुछ समय के लिए दूरी बनाई थी। उन्होंने इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा था और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

हालांकि उनका राजनीतिक करियर थोड़े समय के लिए ही रहा क्योंकि उन्होंने तीन साल बाद ही इस्तीफा दे दिय था। उन्होंने कहा, कि मैं इसके बारे में अक्सर सोचता हूं क्योंकि ऐसे कई वादे होते हैं जो एक व्यक्ति लोगों से वोट मांगते समय चुनाव प्रचार के दौरान करता है। उन वादों को पूरा नहीं कर पाने की मेरी असमर्थता से मुझे दुख होता है।

अमिताभ ने कहा कि अगर कोई ऐसी चीज है जिसका मुझे पछतावा है तो यह वही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इलाहाबाद शहर और इसके लोगों से कई वादे किये थे लेकिन मैं उन्हें पूरा नहीं कर पाया।’’ बच्चन ने एक कार्यक्रम ‘‘ऑफ द कफ’’ में शेखर गुप्ता और बरखा दत्त के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैंने वह सब करने की कोशिश की जो मैं समाज के लिए कर सकता था लेकिन इस बात को लेकर इलाहाबाद के लोगों मे मेरे प्रति हमेशा नाराजगी रहेगी।

बच्चन ने कहा कि राजनीति में शामिल होने का उनका निर्णय भावनात्मक था लेकिन जब वह इसमें शामिल हुये तब उन्हें यह अहसास हुआ कि इसमें भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरा फैसला भावनात्मक था। मैं एक दोस्त की मदद करना चाहता था लेकिन जब मैंने राजनीति में प्रवेश किया, तब मुझे अहसास हुआ कि उसका भावनाओं के लिए कोई लेना देना नहीं है। मुझे अहसास हुआ कि मैं इसे करने में असमर्थ हूं और फिर मैंने इसे छोड़ दिया।’

यह पूछने पर कि क्या राजनीति छोड़ने के उनके निर्णय का असर गांधी परिवार के साथ उनकी मित्रता पर पड़ा, बच्चन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर पड़ा। मित्रता समाप्त नहीं हुई है।’ अभिनेता से जब पूछा गया कि वह उस दोस्ती के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं, उन्होंने कहा, ‘आप एक दोस्ती के बारे में कैसे बात करते हैं? हम दोस्त हैं।’ भारतीय अभिनेता अपने राजनीतिक विचार साझा करने से हिचकिचाते हैं जबकि अमेरिका में ऐसा नहीं हैं और वहां हॉलीवुड के बड़े स्टार चुनाव के दौरान अपने राजनीतिक विचार रखते हैं।

जब बच्चन से यह पूछा गया कि क्या विवाद का डर भारतीय अभिनेताओं को देश के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर अपने विचार साझा करने से रोकता है, तो उन्होंने कहा, ‘आप एक कलाकार हैं और लोग आपसे प्यार करते हैं तो आपके मन में भी इसकी प्रतिक्रिया के रूप में यह प्यार लौटाने की इच्छा होती है और अगर एक राजनेता आपको पसंद करता है तब भी आप यही करते हैं।’ उन्होंने कहा कि यदि इस प्रतिक्रिया के रूप में वह कुछ कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं हुआ, वह उनकी राजनीति भी पसंद करने जा रहा हैं।

बच्चन ने कहा, ‘जब आप ऐसा नहीं करते तो हमें इसके परिणाम को लेकर डर होता है। राजनेता बहुत शक्तिशाली लोग होते हैं। मैं नहीं जानता कि क्या वह नुकसान पहुंचा सकते हैं या किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन कानून की व्यवस्था है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन अदालतों में जाना और राजनीति से लड़ाई लड़ना उनका काम नहीं है। उनका काम कैमरे के सामने अच्छा काम करना है और वह अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहते।

बच्चन ने कहा कि अमेरिका में दर्शक भारत के दर्शकों के मुकाबले ‘अधिक परिपक्व’ हैं और यह एक कारण हो सकता है कि उनके सितारे अपने राजनीतिक विचारों को लेकर साहसी हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉलीवुड के पास अधिक परिपक्व दर्शक हैं। यहां ऐसे दर्शकों की संख्या सीमित हैं। जब मैं असम में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर रहा था तब मेरा हेलिकॉप्टर विपक्ष के एक स्थान पर उतरा।’ उन्होंने कहा, ‘जल्द ही, पुलिस ने हमसे जाने के लिए कह दिया। वहां भीड़ में युवा थे और उनमें से एक दौड़कर हेलिकॉप्टर के पास आया और उसने खिड़की का शीशा तोड़कर मेरे हाथ में एक कागज रख दिया।’

अमिताभ ने कहा, ‘उसने कागज में लिखा था कि वह मेरा बहुत बड़ा प्रशंसक है लेकिन मैं उसका ध्यान भटका रहा हूं इसलिए मुझे वहां से चले जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिसका कलाकारों को सामना करना पड़ता है। हम लोगों का प्यार पाने के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं और फिर हम अचानक उनसे कहते हैं कि आप मुझसे प्यार करते हैं इसलिए मेरी राजनीति से भी प्यार करें और मुझे नहीं लगता कि यह सही है।’

बच्चन ने कहा, ‘जब आप ऐसा नहीं करते तो हमें इसके परिणाम को लेकर डर होता है। राजनेता बहुत शक्तिशाली लोग होते हैं। मैं नहीं जानता कि क्या वह नुकसान पहुंचा सकते हैं या किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन कानून की व्यवस्था है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन अदालतों में जाना और राजनीति से लड़ाई लड़ना उनका काम नहीं है। उनका काम कैमरे के सामने अच्छा काम करना है और वह अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहते।

बच्चन ने कहा कि अमेरिका में दर्शक भारत के दर्शकों के मुकाबले ‘अधिक परिपक्व’ हैं और यह एक कारण हो सकता है कि उनके सितारे अपने राजनीतिक विचारों को लेकर साहसी हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉलीवुड के पास अधिक परिपक्व दर्शक हैं। यहां ऐसे दर्शकों की संख्या सीमित हैं। जब मैं असम में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर रहा था तब मेरा हेलिकॉप्टर विपक्ष के एक स्थान पर उतरा।’ उन्होंने कहा, ‘जल्द ही, पुलिस ने हमसे जाने के लिए कह दिया। वहां भीड़ में युवा थे और उनमें से एक दौड़कर हेलिकॉप्टर के पास आया और उसने खिड़की का शीशा तोड़कर मेरे हाथ में एक कागज रख दिया।’

अमिताभ ने कहा, ‘उसने कागज में लिखा था कि वह मेरा बहुत बड़ा प्रशंसक है लेकिन मैं उसका ध्यान भटका रहा हूं इसलिए मुझे वहां से चले जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिसका कलाकारों को सामना करना पड़ता है। हम लोगों का प्यार पाने के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं और फिर हम अचानक उनसे कहते हैं कि आप मुझसे प्यार करते हैं इसलिए मेरी राजनीति से भी प्यार करें और मुझे नहीं लगता कि यह सही है।’

 

 

Source: IBN-Khabar

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अमिताभ ने ‘पीकू’ में दीपिका को लेकर किया हैरान करने वाला खुलासा

deepika-amitabh-sm_fb_650_090816104845बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन अपनी आने वाली फिल्‍म ‘पिंक’ के प्रमोशन में जुटे हैं. ‘पिंक’ के प्रमोशन के दौरान अमिताभ महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण पर बेहद जोर देते नजर आ रहे हैं. प्रमोशन के दौरान उन्होंने फिल्म ‘पीकू’ से जुड़े कई खुलासे किए|

अमिताभ बच्‍चन ने बताया कि फिल्‍म ‘पीकू’ में एक्‍ट्रेस दीपिका पादुकोण को उनकी तुलना में ज्यादा पैसे दिए गए थे. एक बेवसाइट को दिए इंटरव्‍यू में महानायक अमिताभ बच्‍चन ने कहा, ‘पीकू के लिए दीपिका पादुकोण को मुझसे ज्यादा रकम दी गई थी, इससे दो बातें साफ होती हैं, पहली ये कि वह मुझसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और दूसरा कि मैंने बहुत लंबे वक्त से काम करते रहने के चलते अपना प्राइज टैग खो दिया है. शायद मैं उतना महत्वपूर्ण नहीं हूं|

अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पिंक’ भी महिला केन्द्रित है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक वकील की भूमिका निभाई है. इस फिल्म का निर्माण शूजीत सरकार ने किया है, जिन्होंने ‘पीकू’ को निर्देशित किया था|

फिल्म ‘पीकू’ में अमिताभ बच्चन ने दीपिका पादुकोण के पिता का किरदार निभाया था. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन कमाई की थी. आपको बता दें कि फिल्‍म ‘पीकू’ के बाद अमिताभ बच्‍चन और दीपिका पादुकोण के बीच मनमुटाव की खबरें आई थी, हो सकता है फीस इसका कारण रहा हो|

 

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अमिताभ-आमिर बनेंगे ‘हिंदोस्तान के ठग’

160907082715_amitabh_aamir_624x351_gettybbcआमिर ख़ान ने घोषणा की है वे अपनी आने वाली फ़िल्म में अपने आइकन अमिताभ बच्चन के साथ काम करने वाले हैं.

हाल ही में ‘3 इडियट’ और ‘पीके’ जैसी सफ़ल और करोड़ों की कमाई करने वाली फ़िल्में दे चुके आमिर ख़ान ने अपने ट्विटर पर यह घोषणा की है.

उन्होंने लिखा है, “आखिरकार वह घड़ी आ गई जिसका मुझे इंतज़ार था… मैं अपने आइकन के साथ काम करूंगा. मैंने सारी ज़िदगी उनके काम को सराहा है और मैं बहुत उत्साहित हूं.”
आमिर ख़ान का ट्वीट

यशराज फ़िल्म के बैनर तले बनने वाली इस फ़िल्म ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ में पहली बार आमिर और अमिताभ साथ-साथ होंगे.

यशराज फ़िल्म्स के अनुसार फ़िल्म ‘धूम 3’ के लेखक-निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य भी इस फ़िल्म का हिस्सा होंगे.

फ़िल्म में अभिनेत्री कौन होंगी इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. जल्द ही किसी नाम की घोषणा हे सकती है.

यह फ़िल्म साल 2018 में दिवाली पर रिलीज़ होगी.
source : BBC hindi

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अमिताभ-कंगना को नेशनल अवॉर्ड, मनोज कुमार ने प्रेसिडेंट को दिया रिटर्न गिफ्ट

pti5_3_2016_000224b_14622नई दिल्ली.प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को दिल्ली में 63rd नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स दिए। फिल्मों में योगदान के लिए मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। अमिताभ बच्चन को कॅरियर का चौथा और कंगना रनौट को तीसरा नेशनल अवॉर्ड मिला। बेस्ट फिल्म ‘बाहुबली : द बिगनिंग’ के लिए डायरेक्टर एसएस राजामौली नवाजे गए। संजय लीला भंसाली को ‘बाजीराव मस्तानी’ के लिए बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। कल्की कोचलिन को स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड मिला। सेरेमनी में कौन सेलेब्स पहुंचे… मनोज कुमार ने प्रेसिडेंट को दिया गिफ्ट…
– दादा साहब फाल्के अवॉर्ड के तहत मनोज कुमार को राष्ट्रपति ने स्वर्ण कमल के साथ-साथ 10 लाख रुपए की राशि और शाॅल भी दिया।
– व्हील चेयर पर आए मनोज कुमार ने सम्मानित होने के बाद जेब से एक मूर्ति निकाली और प्रेसिडेंट को तोहफे में दी। यह मूर्ति साईं बाबा की थी।
– मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति की फिल्मों के कारण ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है।
– उन्होंने ‘हरियाली और रास्ता’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘क्रांति’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
‘कांच की गुड़िया’ में मिला था पहला लीड रोल
– 78 साल के हो चुके मनोज कुमार ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।
– 1937 को एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार 1960 में पहली बार फिल्म ‘कांच की गुड़िया’ में लीड रोल में नजर आए थे।
– इसी दशक में उन्होंने ‘पत्थर के सनम’, ‘साजन’, ‘सावन की घटा’, ‘पहचान’ और ‘आदमी’ जैसी कई फिल्में की।
– 1965 में जब उन्होंने ‘शहीद’ की, तभी से लोगों के दिलों में उनकी हीरो की इमेज बन गई।
– ‘उपकार’ के लिए मनोज कुमार को नेशनल अवॉर्ड दिया गया।
– 1992 में उन्हें देश का चौथा सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री मिला।
अमिताभ के साथ आए अभिषेक-ऐश्वर्या
– जिन सितारों को अवाॅर्ड मिले, उनके साथ कई अन्य लोग भी पहुंचे।
– अमिताभ के साथ उनकी पत्नी जया, बेटे अभिषेक और बहू ऐश्वर्या भी पहुंचीं।
– कल्कि कोचलिन, शबाना आजमी, जावेद अख्तर भी अवाॅर्ड सेरेमनी में पहुंचे।
अमिताभ को अब तक 4 नेशनल अवॉर्ड
– अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘पीकू’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया गया।

– 1990 में ‘अग्निपथ’ के लिए बेस्ट एक्टर
– 2005 में ‘ब्लैक’ के लिए बेस्ट एक्टर
– 2009 ‘पा’ के लिए बेस्ट एक्टर
– 2016 में ‘पीकू’ के लिए बेस्ट एक्टर

कंगना को मिला तीसरा नेशनल अवॉर्ड
– वहीं, फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के लिए कंगना को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। कंगना का ये तीसरा नेशनल अवॉर्ड है।
– इससे पहले 2008 में ‘फैशन’ के लिए वे बेस्ट सपोर्टिंग और 2015 में ‘क्वीन’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के नेशनल अवॉर्ड से नवाजी जा चुकी हैं।

संजय लीला भंसाली को पहली बार बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड

– भंसाली के डायरेक्शन में बनी ‘देवदास’ 2003 में बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट रही।
– ‘ब्लैक’ 2005 की बेस्ट फीचर फिल्म रही। इसे भंसाली ने डायरेक्ट किया था।
– भंसाली के प्रोडक्शन वाली ‘मैरी कॉम’ भी 2015 में बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट रही।
– भंसाली को पहली बार 2016 में ‘बाजीराव मस्तानी’ के लिए बेस्ट डायरेक्टर चुना गया है।

इन्हें भी मिला नेशनल अवॉर्ड
अवॉर्ड कैटेगरी किसे मिला किसके लिए
बेस्ट हिंदी फिल्म दम लगा के हईशा
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस तन्वी आजमी बाजीराव मस्तानी
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर समुथिराकानी विसाराणी
इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर नीरज घायवन मसान
बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट बजरंगी भाईजान
बेस्ट कोरियोग्राफी रेमो डिसूजा दीवानी मस्तानी (बाजीराव मस्तानी)
बेस्ट फीमेल सिंगर मोनाली ठाकुर मोह मोह के धागे (दम लगाके हईशा)
बेस्ट सिनेमेटोग्राफी सुदीप चटर्जी बाजीराव मस्तानी
नरगिस दत्त अवॉर्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म ऑन नेशनल इंटीग्रेशन नानक शाह फकीर
स्पेशल मेंशन रितिका सिंह Irudhi Suttru (साला खडूस)
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर एम जयचंद्रन Kaathirunnu Kaathirunnu (Ennu Ninte Moideen)
बेस्ट बेकग्राउंड स्कोर Ilaiyaraaja Thaarai Thappattai
बेस्ट एडिटिंग दिवंगत किशोर टी ई विसाराणी
बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइनर एंड मेकअप आर्टिस्ट नानक शाह फकीर
बेस्ट फिल्म ऑन सोशल इश्यू निर्णायकम
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महानगर मुंबई मुंबई में ‘मेक इन इंडिया वीक’ कार्यक्रम के दौरान लगी आग की 5 मुख्य बातें

मुंबई में ‘मेक इन इंडिया वीक’ कार्यक्रम के दौरान लगी आग की 5 मुख्य बाते

 

मेक इन इंडिया कार्यक्रम के दौरान लगी आग

मुंबई में ‘मेक इन इंडिया वीक’ कार्यक्रम के दौरान आग लगने और स्टेज के राख होने का मामला एक ओर जहां कई सवाल खड़े करता है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस की सूझबूझ और प्रशासन की तेजी को भी दिखाता है. कार्यक्रम में महाराष्ट्र का हर खास शख्स मौजूद था और करीब 5 हजार जनता भी शामिल थी. महाराष्ट्र के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, शिवसेना अध्यक्ष, सांसद, बॉलीवुड के दिग्गज और तमाम वीवीआईपी भी कार्यक्रम में शामिल थे.

ये हैं इस पूरे घटनाक्रम की मुख्य बातें-
1. शाम करीब 8 बजकर 22 मिनट पर मंच के नीचे से शुरु हुई चिंगारी भीषण आग में तब्दील हो चुकी थी. शुरुआती जानकारी मिली कि मंच के नीचे पटाखों के फूटने से ये आग लगी. मंच को बनाने में लकड़ी, कार्डबोर्ड, प्लाईवुड और थर्मोकॉल का इस्तेमाल ज्यादा हुआ था, लिहाजा आग को भड़कने का पूरा मौका मिला.

2. समंदर से आने वाली तेज हवा से भी आग तेजी से फैली और गिरंगाव चौपाटी के बाहर सड़क पर जाम से दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचने में थोड़ा वक्त भी लगा. करीब 50 मिनट में पूरा मंच जलकर खाक हो गया.

3. आग लगने के वक्त देवेंद्र फडनवीस मंच के ठीक सामने ही बैठे थे लेकिन वो जानते थे कि अगर भगदड़ मची या फिर हालात काबू से बाहर हो गए तो अग्निकांड एक दर्दनाक हकीकत में तब्दील हो सकता था. मुख्यमंत्री ने खुद मंच के पास मौजूद रहकर राहत, लोगों की निकासी और आग बुझाने की कोशिशों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से हादसे पर पल-पल की पूरी जानकारी ली.

4-बिग बी अमिताभ बच्चन ने भी हादसे को बेहद डरावना कहा लेकिन साथ ही आपदा प्रबंधन की भी जमकर तारीफ की. कार्यक्रम में आमिर खान भी शरीक हुए और हादसे के बाद लोगों की सलामती के लिए उन्होंने भी सीएम फडनवीस को शुक्रिया कहा.
 



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