अजय देवगन द्वारा निर्मित फिल्म ‘पार्च्ड’ 23 सितंबर को होगी प्रदर्शित

124535-pardमुंबई: अभिनेता-फिल्म निर्माता अजय देवगन के प्रोडक्शन की नवीनतम कड़ी ‘पार्च्ड’ 23 सितंबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। इस फिल्म में राधिका आप्टे मुख्य भूमिका में हैं।

लीना यादव के निर्देशन में बनी इस फिल्म का तानाबाना भारत में गुजरात राज्य के ग्रामीण इलाकों में पड़े सूखे की पृष्ठभूमि में बुना गया है। इसमें चार आम महिलाओं रानी, लाजो, बिजली और जानकी की खट्टी मीठी कहानियों को दिखाया गया है।

अजय ने ट्वीट किया है, ‘पार्च्ड पेश कर रहा हूं.. सभी महाद्वीपों को मिला कर 24 अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 18 अवार्ड..। यह फिल्म 23 सितंबर को प्रदर्शित होगी और इसका ट्रेलर नौ सितंबर को जारी किया जाएगा।’ फिल्म में राधिका के अलावा आदिल हुसैन, सुरवीन चावला, तनिष्ठा चटर्जी और सयानी गुप्ता नजर आएंगी।

Source : Zee News

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Teachers Day: न नौकरी न कोई रोजगार फिर भी मुफ्त में बांट रहे ज्ञान

Teachers Day Manish Picsशिक्षक दिवस Teachers Day के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में पढ़कर आप खुद कह उठेंगे, वाह- वाह। ऐसे दौर में जहां इंसान बिना पैसा लिए कुछ नही करता, वहीं पिथौरागढ़ में एक युवा शिक्षक ऐसा भी है, जो छात्र-छात्राओं को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के क्लास रूम में मनीष डिमरी पिछले दो सालों से छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. उन्हें देखकर कोई भी यह समझेगा कि वे कोई सरकारी टीचर हैं. लेकिन ऐसा नहीं है|

मनीष खुद पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, लेकिन इन्हें ज्ञान को लोगों में बांटने का जुनून है. इस जूनुन को पूरा करने के लिए मनीष पिछले दो सालों से महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखा रहे हैं|

इस युवा शिक्षक का कहना है कि पढ़ाना उनका शौक है. वे भी चाहते है कि सरकार उनकी सेवाओं का लाभ ले, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. जिसके बाद उन्होनें मुफ्त में ही पढ़ाने का फैसला लिया है|

  • मनीष छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही कम्प्यूटर और सूचना तकनीक की भी जानकारी दते हैं.
  • दो सालों से मनीष सुबह महाविद्यालय को निकलते हैं 
  • सैकड़ों छात्रों को 4 घंटे तक मुफ्त में पढ़ाकर घर लौटते हैं.
  • इनके पढ़ाये हुए कई छात्र आज विभिन्न सरकारी महकमों में नौकरी कर रहे हैं.
  • मनीष का महाविद्यालय के साथ न तो कोई समझौता है और न ही विद्यालय इन्हें कुछ देता है,
  • मनीष के जज्बे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने इन्हें पढ़ाने के लिए एक कमरा जरूर मुहैया कराया है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती का कहना है कि मनीष भले ही उनके विद्यालय के शिक्षक न हों, लेकिन वे छात्रों को इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं कि लगता है, उन्हें सरकार ने पढ़ाने के लिए नियुक्त किया हो. ज्ञान बांटने का मनीष का ये जुनून, उन सरकारी शिक्षकों के लिए चुनौती और सबक है, जो भारी-भरकम सैलरी लेकर भी कोई ठोस नतीजा नहीं दे पा रहे हैं|

Source : &d tv

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सुधा फाउंडेशन द्वारा बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया 70वी स्वतंत्रता दिवस⁠⁠⁠⁠।।। जय हिन्द जय भारत।।।

15 augustआज़ाद भारत की  70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर सुधा फाउंडेशन के फाउंडर श्री विजय दुआ जी ने समस्त स्टाफ को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।।।
सुधा फाउंडेशन के पुरे स्टाफ ने स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही जोरो शोरो से राष्ट्रगान गाकर शुरुआत की तथा जैसे2 प्रोग्राम आगे बढ़ता गया सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स ने अपने विचार व्यक्त किये एवं अपनी अपनी कला को प्रदर्शित किया।।।
सुधा फाउंडेशन द्वारा इस प्रोग्राम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य लोगो में देश प्रेम एवं देश के प्रति सभी के दायित्वों का ज्ञान करना एवं इस हेतु उत्साह भरना रहा।।।
प्रोग्राम में शामिल सुधा फाउंडेशन, सितारगंज के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर श्री चन्दन मेहता एवं सीनियर एग्जीक्यूटिव श्री दिनेश सहगल जी ने सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स को देश के लिए सकारात्मक सोच एवं अपनी अपनी दायित्वों को समझने एवं निर्वाह हेतु प्रोत्साहित किया।।
खन्ना मूवीज के प्रोड्यूसर राजेश कुमार गुप्ता उर्फ़ खन्ना जी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।।।सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स बहुत ही प्रसन्न एवं गर्वित दिखाई दिए तथा सुधा फाउंडेशन के इस आयोजन को बहुत सराहा की स्कूल कॉलेज से निकलने के बाद भी इस प्रकार के शानदार कार्यक्रम का हिस्सा बन पाये।।।
जय हिन्द जय भारत।।

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पेट्रोल-डीजल पर मिली बड़ी राहत

petrol_pump_240पेट्रोल-डीजल सस्ता हो गया है। पेट्रोल 1 रुपये 42 पैसे सस्ता हुआ है, वहीं डीजल के दाम 2 रुपये घटे है। नई दरें आधी रात से लागू हो चुकी है। दिल्ली में इससे पहले पेट्रोल 62.51 रुपए प्रति लीटर था, जो अब 61.09 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं डीजल की कीमत 54.28 रुपये प्रति लीटर से घटकर 52.27 रुपये प्रति लीटर हो गई है। कंपनियों की ओर से इस महीने कीमतों में तीसरी बार कटौती की गई है। इससे पहले 16 जुलाई को पेट्रोल की कीमत 2 रुपये 25 पैसे कम की गई थी। जबकि 1 जुलाई को की गई कटौती में 89 पैसे घटाए गए थे।

Source CNBC Aawaz

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दक्षिण चीन सागर पर मुंह की खाने के बाद ‘बौखलाये’ चीन ने फिलीपीन पर लगाये बेहद गंभीर आरोप

South chaina 2नयी दिल्ली/बीजिंग : साउथ चाइना शी यानी दक्षिण चीन सागर पर मंगलवार को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से चीन की बौखलाहट बढ़ गयी है. चीन की सरकार व मीडिया ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते करो या मरो का स्वरूप दे दिया है. चीन ने न्यायाधिकरण में शामिल जापानी न्यायाधीश को तो कोसा ही है, साथ ही अमेरिका को भी खरी-खोटी सुनाई है. चीन की मीडिया ने फैसला आने से पहले ही अपने सेना को इस मुद्दे पर एक्टिव मोड में आने की नसीहत दे दी थी, जिसका असर फैसला आने के साथ दिखा जब चीन के रक्षा मंत्रालय ने भी अपनी सेना को हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने को कहा. यानी इस मुद्दे पर वह युद्ध व सीमित संघर्ष के लिए मानसिक रूप से तैयार है. वहीं, अमेरिकी सांसदों ने अपनी सरकार ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले को लागू करवाने के लिए हर प्रयास करे और जरूरत हो तो सैन्य ताकत का भी इस्तेमाल किया जाये. जाहिर है अब चीन व अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर नये सिरे से संघर्षपूर्ण स्थिति बनेगी और यह शीतयुद्ध वाली स्थिति भी हो सकती है. उधर, आज चीन ने इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र लाया है और उसमें कहा है कि दक्षिण चीन सागर के रणनीतिक क्षेत्र पर बीजिंग का दावा 2000 साल पुराना है.
चीन की न्यूज वेबसाइट चाइनाडेली ने विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि चीन में साउथ चीन में चीन को ब्लॉक करने के फैसले में फिलीपीन के पीछे अमेरिका का हाथ है. वेबसाइट ने लिखा है कि  इस क्षेत्र में फौजी व कूटनीतिक सक्रियता बढ़ेगी. चाइनीज एकेडमी में यूएस स्टडीज पर रिसर्च करने वाले ताओ वेनझाओ को कोट करते हुए वेबसाइट ने लिखा है कि हमलोग यह देखते रहे हैं कि वाशिंगटन ने स्वयं कभी समुद्र के संबंध में नियमों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों की कभी पुष्टि नहीं की, वह इस मुद्दे पर काफी लंबे अरसे से इस मुद्दे पर व मध्यस्थता मामले में फिलीपीन को सपोर्ट व प्रोत्साहित करता रहा है.
इसी तरह शंघाई जियातोंग यूनिवर्सिटी के जापान स्टडी सेंटर के डायरेक्टर वांग साओपू को कोट करते हुए वेबसाइट ने लिखा है कि जापान ने स्वयं को एशिया प्रशाांत क्षेत्र में पुनर्संतुलन रणनीति के सहयोगी की भूमिका में मान लिया है, साउथ चीन सागर इसका एक उदाहरण है.
इसी तरह रूलिंग नल एंड वाइड फैसला अमान्य नाम से एक स्टोरी लिखी गयी है, जिसमें चीन के राष्ट्रपति के हवाले से अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले को नकारा गया है. इसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के हवाले से कहा गया है कि चीन विवादों को सीधे वार्ताकर सुलझाना चाहता है, लेकिन उसकी सार्वभौमिकता किसी भी परिस्थिति में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से प्रभावित नहीं होगी. इसी तरह एक अन्य आलेख लिखा गया है : वाय इज द इनिटिएशन आॅफ आर्बिट्रेशन एंगेस्ट लॉ? यानी, मध्यस्थता की पहल नियम के विरुद्ध क्यों है? इस आलेख में बिंदुवार न्यायाधिकरण के फैसले को खारिज करने के पीछे तर्क दिये गये हैं. इसमें फिलीपीन पर झूठ बोलने व कभी इस मुद्दे पर वार्ता नहीं करने का आरोप लगाया गया है.

चीन के दावे निरस्त, बनाये कृत्रिम द्वीप
चीन को कूटनीतिक तौर पर एक बड़ा झटका देते हुए स्थायी मध्यस्थता अदालत ने कल रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर में इस कम्युनिस्ट देश के दावों को निरस्त कर दिया था.

हेग स्थित अदालत ने कहा है कि चीन ने फिलीपीन के संप्रभुता के अधिकारों का उल्लंघन किया है. उसने कहा कि चीन ने कृत्रिम द्वीप बनाकर ‘‘मूंगे की चट्टानों वाले पर्यावरण को भारी नुकसान’ पहुंचाया है.


क्या है श्वेत पत्र में?

चीन द्वारा जारी किये गये श्वेत पत्र में कहा गया कि चीन का 2000 साल से दक्षिण चीन सागर पर दावा है और याचिका दायर करने वाला फिलीपीन चीनी क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है. इसमें कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपीन के बीच विवादों के मूल में वे क्षेत्रीय मुद्दे हैं, जो 1970 के दशक में शुरू हुई फिलीपीन की घुसपैठ और कुछ द्वीपों एवं चीन के नांशा कुंदाओ :नांशा द्वीपसमूहों: पर अवैध कब्जे के कारण पैदा हुए हैं.

‘‘चीन और फिलीपीन के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर उपजे प्रासंगिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने को तैयार है चीन’ शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया, ‘‘फिलीपीन ने इस तथ्य को छिपाने के लिए और अपने क्षेत्रीय दावे बरकरार रखने के लिए कई बहाने गढ़े हैं.’ स्टेट काउंसिल इन्फॉर्मेशन ऑफिस की ओर से जारी श्वेत पत्र में कहा गया कि फिलीपीन का दावा इतिहास और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार आधारहीन है.

पत्र में कहा गया कि इसके अलावा, समुद्र के अंतरराष्ट्रीय कानून के विकास के साथ दक्षिण चीन सागर के कुछ नौवहन क्षेत्रों को लेकर चीन और फिलीपीन में नौवहन सीमा-निर्धारण संबंधी विवाद भी पैदा हो गया.

श्वेत पत्र में फिलिपीन पर हमला बोलते हुए कहा गया कि मनीला ने चीन और फिलीपीन के बीच के द्विपक्षीय सहमति को नजरअंदाज करते हुए बार-बार प्रासंगिक विवादों को जटिल करने वाले कदम उठाए हैं, जिससे वे बढे ही हैं.


फिलीपीन ने हमारे द्वीपों पर बनाये हैं सैन्य ठिकाने : चीन
इस श्वेत पत्र में कहा गया है कि फिलीपीन ने घुसपैठ और अवैध कब्जा करके चीन के नांशा द्वीपसमूह के कुछ द्वीपों पर सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं. उसने जानबूझकर चीन की ओर से लगाए गए सर्वेक्षण संकेतक नष्ट कर दिए और एक सैन्य वाहन को अवैध रूप से चलाकर चीन के रेनाई जियाओ द्वीप पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की.
मछुआरों को प्रताड़ित करने का आरोप
इसमें कहा गया कि फिलिपीन चीन के हुआनग्यान दाओ के क्षेत्र पर भी दावा करता है. यह इसे अवैध रूप से कब्जाने की कोशिश कर चुका है और इसने जानबूझकर हुआनग्यान दाओ की घटना को अंजाम दिया था. श्वेत पत्र के अनुसार, फिलिपीन ने बार-बार चीनी मछुआरों को प्रताड़ित किया और मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर हमला किया.

पत्र में कहा गया है कि जनवरी 2013 में, फिलिपीन गणतंत्र की तत्कालीन सरकार ने एकपक्षीय तरीके से दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता शुरु कर दी थी. ऐसा करके उसने द्विपक्षीय वार्ता के जरिए विवादों को सुलझाने के चीन के साथ चल रहे समझौते का उल्लंघन किया. इसमें कहा गया, ‘‘फिलिपीन ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है, कानूनों की गलत व्याख्या की है और बहुत से झूठ गढ़े हैं ताकि दक्षिण चीन सागर में चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकार एवं हितों को नकारा जा सके.’ आगे श्वेत पत्र में कहा गया है कि फिलिपीन के एकपक्षीय अनुरोध पर स्थापित न्यायाधिकरण का यह अधिकार क्षेत्र नहीं है और इसकी ओर से सुनाए गए फैसले अमान्य हैं और ये बाध्यकारी नहीं हैं. चीन ऐसे फैसलों को न तो स्वीकार करता है और न ही मान्यता देता है.

अमेरिकी सांसदों ने फैसले के क्रियान्वयन पर दिया जोर

वाशिंगटन : शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि अमेरिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दक्षिण चीन सागर में अधिकार संबंधी चीन के दावों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले को लागू किया जाए और यदि आवश्यकता पड़े तो उसे इस रणनीतिक क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति’ बनाए रखने के लिए सैन्य संसाधनों का भी इस्तेमाल करना चाहिए.

सीनेटर जॉनी अर्नेस्ट ने छह रिपब्लिकन सीनेटरों के समूह का नेतृत्व करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें सभी पक्षों से हेग स्थित न्यायाधिकरण के फैसले का सम्मान करने की अपील की गयी है. न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया है कि ‘नाइन-डैश लाइन’ में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र या इसके संसाधनों पर ऐतिहासिक अधिकारों के दावे के लिए चीन के पास कोई कानूनी आधार नहीं है.

प्रस्ताव में दक्षिण चीन सागर में ‘‘बल प्रयोग के जरिए यथास्थिति बदलने ‘ के किसी भी प्रयास का विरोध करने की बात की गयी है. यह प्रस्ताव चीन से दक्षिण चीन सागर में सभी असैन्य एवं सैन्य गतिविधियों को रोकने की अपील करता है और अमेरिका एवं फिलीपीन के बीच आपसी सहयोग एवं सुरक्षा संधि की पुन: पुष्टि करता है. इसमें अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी से अपील की गयी है कि वह दक्षिण चीन सागर के उपर उड़ान भरने और नौवहन की स्वतंत्रता के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए ‘‘सभी राजनयिक माध्यमों’ का इस्तेमाल करें|

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7 दिन में 200 करोड़ की कमाई करने वाली पहली फिल्‍म बनी ‘सुल्तान’

salman_650_071316013805ईद के मौके पर इस साल रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ ने कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है.

सलमान, अनुष्का स्टारर यह फिल्म 200 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है. यह फिल्म बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बन गई है जिसने 7 दिन में 200 करोड़ रुपये की बेहतरीन कमाई की है.

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर बताया कि सलमान की अब तक 3 फिल्में (किक, प्रेम रतन धन पायो और सुल्तान) 200 करोड़ क्लब में और एक फिल्म (बजरंगी भाईजान) 300 करोड़ क्लब में पहुंची है.

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने एक और ट्वीट में लिखा कि फिल्म ‘सुल्तान’ ने इतिहास रचा है. पहली हिंदी फिल्म जिसने 7 दिन में 200 करोड़ की कमाई की है. इससे पहले ‘पीके’, ‘बजरंगी भाईजान’ और फिल्म ‘धूम3’ को यह आंकड़ा छूने में 9 दिन का समय लगा था.

फिल्‍म की कुल कमाई की अगर बात करें तो फिल्‍म ने पहले दिन इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 36.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. दूसरे दिन यानी गुरुवार को फिल्म का कलेक्शन 37.3 करोड़ रुपये रहा. तीसरे दिन यानी शुक्रवार को फिल्म का कलेक्शन 31.5 करोड़ रुपए रहा, जो कि पहले दिन के मुकाबले 5 करोड़ रुपये कम है. चौथे दिन यानी शनिवार को फिल्म ने लगभग 30 करोड़ रुपये की कमाई की. पांचवे दिन रविवार को 38.21 करोड़ रुपये और छठे दिन यानी सोमवार को 15.54 करोड़ और 6 दिन में फिल्म ने करीब 195.90 करोड़ रुपये की बेहतरीन कमाई की और मंगलवार के आंकड़े अभी साफतौर पर आए नहीं है.

बता दें, ईद के मौके पर रिलीज हुई फिल्म ‘सुल्तान’ में सलमान खान ने हरियाणा के एक पहलवान की भूमिका निभाई है. इस फिल्म में सलमान खान के अपोजिट अनुष्का शर्मा हैं. इस फिल्म की समीक्षकों ने भी तारीफ की है. पहली बार अनुष्का और सलमान किसी फिल्म में एकसाथ नजर आए हैं.

source :- Aaj Tak

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मुजफ्फरनगर के दंगे पर बनी फिल्म ‘शोरगुल’ के लिए जिमी शेरगिल के खिलाफ जारी हुआ फतवा

Shorgul 1नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर जिमी शेरगिल और आशुतोष राणा की फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मुजफ्फरनगर दंगों पर आधारित फिल्म पर यूपी के विभिन्न शहरों में लगा बैन अभी विवादों में छाया ही हुआ था कि इसी बीच फिल्म को लेकर एक्टर जिमी शेरगिल पर फतवा जारी कर दिया है.

मुजफ्फरनगर दंगों पर आधारित फिल्म ‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख एक सप्ताह और आगे बढ़ा दी गई है. आपको बता दें कि बड़े पर्दे पर आज यानी 24 जून को रिलीज होने वाली फिल्म ‘शोरगुल’ अब सिल्वर स्क्रिन पर 1 जुलाई को रिलीज होगी.

इसी बीच फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर बॉलीवुड एक्टर जिमी शेरगिल पर फतवा जारी हो गया है. जिमी शेरगिल पर यह फतवा खम्मन पीर बाबा कमेटी ने मुस्लिमों की भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में जारी किया है.

‘शोरगुल’ को यूपी के मुजफ्फर नगर, कानपुर, लखनऊ औऱ गाजियाबाद जैसे शहरों में बैन कर दिया गया है. जिसे लेकर फिल्मकार यूपी के सीएम अखिलेश यादव से मिलने वाले हैं.

1 जुलाई को रिलीज होगी ‘शोरगुल’

जिमी शेरगिल और आशुतोष राणा की आने वाली फिल्म ‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख एक सप्ताह और आगे बढ़ा दी गई है. अब यह 24 जून की जगह एक जुलाई को सिनेमाघारों में रिलीज होगी.

फिल्म के निर्माताओं में से एक स्वतंत्र विजय सिंह ने एक बयान में कहा, “हमें अपनी फिल्म की रिलीज की तारीख आगे बढ़ाकर एक जुलाई करने के लिए बाध्य किया गया है. फिल्म के प्रदर्शन को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं. कई सिनेमा प्रबंधकों ने इस मामले में अपनी शंकाएं जाहिर की हैं.”

सिंह ने कहा, “हमारे आश्वासनों के बावजूद कई थियेटर चेन्स फिल्म को प्रदर्शित न करने के अपने फैसले पर कायम हैं. पहली बार फिल्म निर्माण के बाद समर्थन न मिलने के कारण हम खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.”

निर्माता ने कहा, “फिल्म में आम आदमी के लिए सशक्त संदेश है. हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित तारीख पर फिल्म के आसानी से रिलीज होने में हमें जनता का पूरा समर्थन मिलेगा.”

‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख को पहली बार नहीं खिसकाया गया है. फिल्म पहले 17 जून को रिलीज होनी थी, लेकिन अभिषेक चौबे की ‘उड़ता पंजाब’ से टकराव को बचाने के लिए फिल्म की रिलीज की तारीख को 24 जून कर दी गई थी.

’24 एफपीएस फिल्म्स प्रोडक्शन्स’ के बैनर तले निर्मित फिल्म असहिष्णुता पर आधारित है.

‘मुजफ्फरनगर में ‘शोरगुल’ पर बैन’

फिल्म ‘शोरगुल’ के निर्माताओं ने कहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहर मुजफ्फरनगर में फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. फिल्म में 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को भी उठाया गया है. फिल्म निर्माताओं ने मंगलवार को एक बयान में दावा किया कि फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है, इसलिए सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के डर से मुजफ्फरनगर के जिलाधीश ने शहर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है.

फिल्म में मुजफ्फरनगर हिंसा के अलावा गोधरा, बाबरी मस्जिद दंगों जैसे गंभीर विषयों को भी उठाया गया है. साथ ही फिल्म में नौकरशाहों के कुकर्मो, चालबाजियों और कुछ हाई प्रोफाइल शख्सियतों से जुड़े विवादास्पद मामलों का भी जिक्र है.

फिल्म के निर्माताओं में से एक व्यास वर्मा ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि ‘शोरगुल’ किसी विशिष्ट घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि यह समाज में जो हो रहा है, उसका प्रतिबिंब है. इसमें उन मुद्दों को उठाया गया है जो देश के लिए चिंता का विषय हैं. उत्तर प्रदेश केवल फिल्म की पृष्ठभूमि है.”

उन्होंने कहा, “यह खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि वह खासतौर पर मुजफ्फरनगर में फिल्म पर क्यों रोक लगा रहा है. क्या उन्हें किसी खास बात का डर है? क्या मुजफ्फरनगर के लोगों को यह देखने का हक नहीं है कि देश में क्या हो रहा है? हर नागरिक को फिल्म देखने का अधिकार है क्योंकि फिल्म में आम आदमी की आवाज उठाई गई है.”

इस महीने के शुरू में विश्व हिदू परिषद के एक नेता मिलन सोम ने फिल्म के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहति याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

फिल्म के सह निर्माता अमन सिंह ने कहा, “हमारी इच्छा किसी भी राजनैतिक दल को बदनाम करने की नहीं है. हम निश्चित ही यह चाहते हैं कि महत्वपूर्ण मुद्दे उठें और चाहते हैं कि लोग फिल्म देखकर ऐसे सवालों के साथ घर लौटें जिसके जवाब एक अधिक तार्किक भारत की तरफ ले जाते हों.”

‘शोरगुल’ के निर्माताओं को कानूनी नोटिस

‘शोरगुल’ एक बार फिर कानूनी पचड़े में पड़ गई है. चंडीगढ़ के लेखक विजय सौदाई ने फिल्म के निर्माताओं को कॉपीराइट उल्लंघन के लिए कानूनी नोटिस भेजा है. इसी महीने पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता मिलन सोम द्वारा फिल्म के खिलाफ दायर की गई एक याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया था.

शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक, सौदाई के अधिवक्ता ने नोटिस में कहा है कि ‘शोरगुल’ की कहानी और ट्रेलर उनकी अप्रकाशित किताब ‘वंदे मातरम’ की नकल है. उनकी अनुमति के बिना ही यह नकल की गई है.

नोटिस में दावा किया गया है कि निर्माताओं ने लेखक के मौलिक रचनात्मक कार्य का फायदा उठाया है और उन्हें इसका कोई लाभ या श्रेय नहीं दिया गया है.

नोटिस में किताब की उन पंक्तियां का ब्योरा दिया गया है, जिनकी ट्रेलर में हूबहू नकल की गई है. निर्माताओं का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं.

निर्माता स्वतंत्र विजय सिंह ने कहा, “यह गलत है. हमारी फिल्म किसी अन्य स्रोत की नकल से नहीं बनी है और यह सिनेमाई रचनात्मकता, ईमानदारी और मौलिकता से बनी फिल्म है. हमने किसी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं किया है और हमारी कानूनी टीम इस मुद्दे को देखेगी.”

source :- ABP news

 

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Movie Review: झेलने लायक नहीं है ‘रमन राघव 2.0’

nawaj-sm_650_062416110436फिल्म का नाम: रमन राघव 2.0
डायरेक्टर: अनुराग कश्यप
स्टार कास्ट: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, विकी कौशल, विपिन शर्मा, सोभिता धुलिपाला, अमृता सुभाष
अवधि: 2 घंटा 20 मिनट
सर्टिफिकेट: A
                                                                                रेटिंग: 1.5 स्टार

60 के दशक में मुंबई में एक साइको किलर हुआ करता था जिसे ‘साइको रमन’ के नाम से लोग जानते थे. वो अलग अंदाज में लोगों का मर्डर किया करता था. साल 1991 में डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने इस सायको किलर के ऊपर एक डॉक्युमेंट्री भी बनाई थी और अब डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने उसी की कहानी के मद्देनजर फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ बनाई है. आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म…

कहानी:
फिल्म की कहानी मुंबई में आधारित है जहां साइको किलर रमन (नवाजुद्दीन सिद्दीकी ) आये दिन कत्ल करता रहता है. कभी किसी मास्टर का, कभी अपने घर वालों का तो कभी सूद पर पैसे देने वाले का. इस घटना की तफ्शीश करने के लिए इंस्पेक्टर राघव (विकी कौशल) को तैनात किया जाता है.

राघव की जिंदगी में भी सिम्मी (सोभिता धुलिपाला) की मौजूदगी रहती है. साथ ही वो नशे में हर वक्त धुत रहता है. अब क्या रमन को राघव पकड़ पाता है या कहानी को क्या अंजाम मिलता है. इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

स्क्रिप्ट:
फिल्म की कहानी एक साइको किलर के मानसिक स्थिति के हिसाब से लिखी गई है. आखिरकार हर किलिंग से पहले उसकी सोच क्या रहती थी. इसे डायरेक्टर ने स्क्रिप्ट में उतारने की कोशिश तो की है लेकिन वो नाकाम सी नजर आती है. फिल्म की पटकथा कमजोर और लम्बाई काफी ज्यादा है. एक वक्त के बाद ये सोच होने लगती है कि आखिर ये फिल्म कब खत्म होगी.

हालांकि कभी-कभी नवाजुद्दीन की मौजूदगी फिल्म में मनोरंजन ले आती है लेकिन वो भी स्क्रीनप्ले के हिसाब से फीकी ही पड़ जाती है. फिल्म की स्क्रिप्ट को 8 अलग-अलग चैप्टर्स में बांटकर दिखाया गया है. लेकिन यह विभाजन भी फिल्म में रोमांच ला पाने में असमर्थ रहता है. ‘बॉम्बे वेलवेट’ की असफलता के बाद भी अनुराग कश्यप की फिल्म की स्क्रिप्ट और लम्बाई में कोई बदलाव नहीं आया है.

अभिनय:
एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने साइको रमन का किरदार बहुत ही उम्दा निभाया है और उसे देखकर यकीन हो जाता है की रमन अपने समय में ऐसा ही रहा होगा. विकी कौशल ने पुलिस के रूप में ठीक काम किया है जो कि और भी बेहतर हो सकता था. नवाजुद्दीन की बहन के किरदार में एक्ट्रेस अमृता सुभाष ने लाजवाब काम किया है. वहीं, सोभिता धुलिपाला का काम भी अच्छा है.

कमजोर कड़ी:
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी स्पीड और कहानी है जिसे बहुत ज्यादा बेहतर किया जा सकता था. एडिटिंग पर और भी ज्यादा ध्यान देते तो फिल्म किसी और लेवल पर दिखाई पड़ती और ज्यादा प्रभावित करती.

संगीत:
फिल्म का संगीत राम सम्पत ने अच्छा दिया है. ‘बेहूदा’ और ‘कत्ल ए आम’ गाने अच्छे हैं.

Source:- Aaj Tak

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‘मोहनजोदड़ो’ के युग की लग ही नहीं रही है आशुतोष गोवारिकर की नई फिल्म : ट्विटर पर तानों की लगी झड़ी

mohenjo-daro_640x480_81466496253नई दिल्ली: ‘बैंग-बैंग’ के बाद ऋतिक रोशन की ‘मोहनजोदड़ो’ को लेकर मायानगरी में काफी चर्चाएं हैं। चर्चा फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर को लेकर भी है, जिनके लिए कहा जाता है कि वे अपनी फिल्मों के लिए काफी रिसर्च करते हैं और कोशिश करते है कि उनकी फिल्में इतिहास के करीब रहें। फिर चाहे ‘लगान’ हो या फिर ‘जोधा-अकबर’। दोनों ही फिल्मों ने उन्हें शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचाया। हालांकि उनकी पिछली फिल्म ‘खेलें हम जी जान से’ ने उतनी सफलता नहीं बटोरी।

देखें फिल्म का ट्रेलर

Source :-NDTV

 

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ताशकंद में मिले मोदी-जिनपिंग; सिओल में उठा NSG में भारत की मेंबरशिप का मुद्दा

modi33_1466681634नई दिल्ली. शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में हिस्सा लेने गए मोदी की शी जिनपिंग से मुलाकात होगी। एनएसजी मेंबरशिप को लेकर ये मुलाकात काफी अहम है। वहीं सिओल में चल रही न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) की प्लेनरी मीटिंग में भारत की मेंबरशिप का मुद्दा उठा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुरुवार रात भी इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। सिओल में भारत की पैरवी करने फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर गए हुए हैं। बता दें कि चीन, एनएसजी में भारत की एंट्री का विरोध कर रहा है। लेकिन हाल ही में उसके रवैये में नरमाहट आई है।
अकेले भारत को मेंबरशिप मिली तो बिगड़ेगा पावर बैलेंस…
– SCO से अलग पाकिस्तान के प्रेसिडेंट ममनून हुसैन ने ताशकंद में चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से मुलाकात की।
– दोनों लीडर्स ने एनएसजी में मेंबरशिप और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर बातचीत की।
– दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि एनएसजी मेंबरशिप में भेदभाव नहीं होना चाहिए।
– दोनों का मानना है कि अगर अकेले भारत को मेंबरशिप मिलती है तो क्षेत्र में शक्ति संतुलन बिगड़ेगा।
– पाकिस्तान ने चीन को NSG मेंबरशिप के लिए सपोर्ट करने पर शुक्रिया भी किया।
– मोदी ने उज्बेकिस्तान के प्रेसिडेंट इस्लोम करीमोव के साथ भी मुलाकात की।
– शुक्रवार को मोदी की रशियन प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन से बातचीत होगी।
भारत बोला- पॉजिटिव रवैया रखें
– भारत ने एनएसजी मेंबर्स से अपील की है कि वे उसकी एंट्री को लेकर पॉजिटिव रवैया रखें।
– फ्रांस की फॉरेन मिनिस्ट्री ने बुधवार को जारी स्टेटमेंट में कहा, “हम भारत की चारों ग्रुप (एनएसजी, MTCR, ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और वैसेनार अरेंजमेंट) में एंट्री के लिए सपोर्ट करेंगे। न्यूक्लियर प्रोलिफिरेशन (परमाणु अप्रसार) के लिए ये जरूरी होगा।”
मोदी की पहली मीटिंग जिनपिंग से
– ताशकंद में मोदी की पहली मीटिंग जिनपिंग से ही होगी।
– चीन इस बात को लेकर अड़ा है कि बिना न्यूक्लियर प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि-NPT) साइन किए भारत कैसे एनएसजी की मेंबरशिप ले सकता है।
– हालांकि, बीते दो दिनों में चीन के रवैये में नरमी आई है। उसने कहा है कि इस मुद्दे पर नॉन-NPT मेंबर्स से चर्चा कर रास्ता निकाला जा सकता है।
– शुक्रवार को मोदी की पुतिन से मुलाकात होगी।
जयशंकर के साथ ये अफसर भी होंगे बातचीत में शामिल
– सिओल में फॉरेन सेक्रेटरी जयशंकर के साथ अमनदीप गिल (ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिसआर्मामेंट एंड इंटरनेशनल सिक्युरिटी) और साउथ कोरिया में भारत के एम्बेसडर विक्रम दुरईस्वामी एनएसजी की मीटिंग में शामिल होंगे।
– गिल लगातार परमाणु मुद्दे पर बातचीत में शामिल रहे हैं, वहीं दुरईस्वामी को यूएस-चीन के साथ बातचीत का लंबा एक्सपीरियंस है।
भारत को अमेरिका से उम्मीद
– चीन नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि-NPT) को लेकर लगातार भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध कर रहा है।
– ऐसे में, मीटिंग में भारत को अमेरिका से सपोर्ट की खासी उम्मीद है।
– मोदी के यूएस दौरे में भी बराक ओबामा ने भारत को सपोर्ट करने की बात कही थी।
– चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग के मुताबिक, “एनएसजी मेंबर्स के बीच नॉन-एनपीटी देशों की एंट्री को लेकर अलग-अलग राय है। इसे लेकर हमें चर्चा करनी होगी।”
– इससे पहले चीन, पाकिस्तान को भी एनएसजी मेंबरशिप मिलने की वकालत कर चुका है।
चीनी सरकारी मीडिया ने ऐसे किया था पाक का सपोर्ट
– चीन के सरकारी अखबार ने लिखा, “जहां भारत एनएसजी में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, वहीं वह पाक को उसके खराब न्यूक्लियर रिकॉर्ड के बेस पर रोकता है।”
– “असल में पाकिस्तान की ओर से अब्दुल कादिर खान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम चलाया था। ये सरकार की ऑफिशियल पॉलिसी नहीं थी।”
– ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, “खान को कई साल घर में नजरबंद रखे जाने के बाद सरकार ने उन्हें दंडित किया।”
– “अगर NPT और एनएसजी भारत को छूट दे सकते हैं, तो ये छूट पाकिस्तान पर भी लागू होनी चाहिए।”
– ये पहली बार है जब चीनी मीडिया ने एनएसजी मेंबरशिप को लेकर सीधे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट किया है।
NSG में भारत की दावेदारी में कहां फंसा है पेंच?
– चीन, तुर्की और आयरलैंड भारत को NSG की मेंबरशिप देने का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
– इन देशों की अगुआई चीन कर रहा है। वह पाकिस्तान की एंट्री चाहता है।
– विरोधी देशों का कहना है कि नॉन प्रोलिफिरेशन ट्रीटी पर साइन किए बगैर भारत को NSG में शामिल न करें।
– चीन की शर्त है कि भारत NSG में शामिल हो तो पाकिस्तान को भी इसमें शामिल किया जाए।
– तुर्की का कहना है कि भारत और पाक को एक साथ मेंबरशिप दी जाए।
– आयरलैंड ने खुलकर कोई बयान नहीं दिया है।
ये देश NSG में भारत के समर्थन में
– अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, सायप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस और हंगरी।
– इटली, जापान, कजाखस्तान, आइसलैंड, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, लात्विया, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, माल्टा, मेक्सिको, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रशियन फेडरेशन, सर्बिया, स्लोवाकिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूके, फ्रांस और यूएस।
भारत का इसलिए हो रहा सपोर्ट
– अमेरिका समेत सभी समर्थक देशों का मानना है कि भारत को डेवलपमेंट के लिए एटॉमिक एनर्जी की जरूरत है।
– भारत लंबे समय से एक जिम्मेदार देश के रूप में पेश आया है। ऐसे में, उसे NSG में शामिल किया जाना चाहिए।
ये दो देश भी कर सकते हैं सपोर्ट
– न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका का NSG में भारत की मेंबरशिप पर रुख नर्म हुआ है।
– अमेरिका ने न्यूजीलैंड के साथ ऑस्ट्रिया को भी भारत का सपोर्ट करने के लिए लेटर लिखा है।
– मोदी जुलाई में साउथ अफ्रीका के दौरे पर जाने वाले हैं। इस दौरान वे साउथ अफ्रीका से NSG पर बात करेंगे।
क्या है SCO?
– एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी। उस वक्त इसमें चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे।
– ये पहली बार है जब एससीओ में नए मेंबर्स को इनवाइट किया गया है। इसमें भारत और पाकिस्तान को मेंबर बनाया गया है, जबकि अफगानिस्तान, ईरान और मंगोलिया ऑब्जर्वर का दर्जा दिया गया है।
– भारत-पाकिस्तान को पिछले साल जुलाई में ही एससीओ में मेंबरशिप को मंजूरी दे दी गई थी।
– एससीओ की मेंबरशिप मिलने के बाद भारत को एनर्जी सेक्टर में काफी सपोर्ट मिलेगा।
Source :- Dainik Bhaskar
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