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छोटे कारोबारियों को RBI का तोहफा, अब नए तरीके से भी मिलेगा लोन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को बड़ी राहत दी है. दरअसल, अब मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को लोन देने के तरीके में बदलाव किया गया है.

नए बदलाव के तहत कारोबारी 1 अप्रैल से रेपो रेट आधारित लोन भी ले सकेंगे. आरबीआई की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक अब मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को एक अप्रैल 2020 से फ्लोटिंग रेट्स पर दिया जाने वाला कर्ज एक्‍सटर्नल बेंचमार्क यानी बाहरी मानकों से जुड़ा होगा.

 

यहां बता दें कि रेपो रेट, ट्रेजरी बिल पर रिटर्न और एफबीआईएल (फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लि.) द्वारा प्रकाशित अन्य बाजार ब्याज दर, एक्‍सटर्नल बेंचमार्क के दायरे में आते हैं.

केंद्रीय बैंक के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य मौद्रिक नीति का लाभ ग्राहकों को देने की व्यवस्था को और मजबूत करना है. आरबीआई ने कहा कि इस पहल से रेपो रेट में कटौती का लाभ मझोले उद्यमों को भी मिल सकेगा.

अब तक कारोबारियों को ये सुविधा नहीं मिल रही थी. वर्तमान में सिर्फ होम, ऑटो या अन्‍य रिटेल लोन को ही रेपो रेट के आधार पर लिया जा सकता है.

 

दरअसल, आरबीआई हर दो महीने बाद होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है. बीते दो बैठकों में रेपो रेट को नहीं बदला गया है. हालांकि, इससे पहले लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती की गई थी.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली बार यानी अप्रैल की बैठक में आरबीआई रेपो रेट कटौती कर सकता है. इसका सीधा असर लोन के ब्‍याज दर पर पड़ेगा. यहां बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई फंड देता है और इसी फंड के आधार पर बैंक ग्राहकों को ब्‍याज दर में राहत देते हैं.

 

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Petrol Pump

28 दिन में 4 रुपये तक सस्ता हुआ पेट्रोल-डीज़ल, इस वजह से और गिर सकते हैं दाम

देश की बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीज़ल सस्ता कर दिया हैं. शनिवार को दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में पेट्रोल (Petrol Price Today) के दाम 23-24 पैसे प्रति लीटर तक कम हो गए है. वहीं, इस दौरान डीज़ल (Diesel Price Today) की कीमतों में 25-27 पैसे प्रति लीटर की गिरावट दर्ज की गई हैं. आपको बता दें कि 11 जनवरी से अभी तक पेट्रोल-डीज़ल के दाम 4 रुपये प्रति लीटर तक गिर गए हैं. दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसियों का कहना हैं कि चीन में फैले जानलेवा कोरोना वायरस (Corona-virus) के चलते दुनियाभर में बिजनेस गतिविधियां कम हो गई हैं. इसीलिए कच्चे तेल की डिमांड में बड़ी गिरावट आई है. जिसका असर कीमतों पर पड़ा है. आने वाले दिनों में कच्चे तेल के और सस्ता होने की उम्मीद हैं. लिहाजा घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर घट सकती हैं.

पेट्रोल के नए प्राइस (Petrol Price in India on 8 February 2020)- शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम गिरकर 72.45 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं. वहीं, मुंबई में 78.11 रुपये प्रति लीटर हैं. इसके अलावा कोलकाता में 75.13 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 75.27 रुपये प्रति लीटर है.

डीज़ल के नए रेट्स (Diesel Rate in India on 8 February 2020)- शनिवार  को दिल्ली में डीज़ल के दाम गिरकर 65.42  रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं. वहीं, मुंबई में 68.57 रुपये प्रति लीटर हैं. इसके अलावा कोलकाता में 67.79 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 69.10 रुपये प्रति लीटर है.

क्यों  सस्ता हो रहा हैं घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीज़ल– कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि चीन में फैले घातक कोरोना वायरस (Corona-virus) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 700 के पार निकल गई हैं. पुरी दुनिया कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट पर है. कई देशों ने चीन जाने वाली अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, क्रूड के मामले में चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश हैं. वह अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता हैं. चीन में वायरस की वजह से बिजनेस गतिविधियां और लोगों का एक शहर से दूसरे शहर में आना जाना काफी कम हो गया हैं. इसी वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की डिमांड घट गई हैं और कीमतों में बड़ी गिरावट आई हैं.आपको बता दें कि एक महीने में कच्चा तेल के दाम 30 फीसदी तक लुढ़क गए हैं. ब्रेंट क्रूड का भाव 74 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 52 डॉलर प्रति बरैल पर आ गया हैं.

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RBI ने आम लोगों को दिया झटका, लगातार दूसरी बार नहीं कम होगी आपकी EMI

उम्‍मीद के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है. यह लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक है जब आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है. ऐसे में अब लोन की ब्‍याज दर और आपकी ईएमआई कम होने की गुंजाइश कम ही है. इससे पहले, दिसंबर में भी केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. वहीं 2019 के शुरुआती पांच मौद्रिक समीक्षा बैठक में लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती की गई थी.

  • वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है
  • लगातार दूसरी बार RBI ने नहीं की कटौती

बता दें कि वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 4.90 फीसदी पर बरकरार है. रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशयो यानी सीआरआर 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखा है.वहीं आरबीआई बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी.

RBI Governer

 

क्‍या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई फंड देता है और इसी फंड के आधार पर बैंक ग्राहकों को ब्‍याज दर में राहत देते हैं. हालांकि आरबीआई के रेपो रेट कटौती का बैंकों ने उम्‍मीद के मुताबिक फायदा नहीं पहुंचाया है. यही वजह है कि आरबीआई ने भी बैंकों से रेपो रेट कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने की बात कही है.

क्‍यों नहीं हुई कटौती?
दरअसल, महंगाई के आंकड़े और बजट में  राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के संशोधन की वजह से आरबीआई दबाव में था. बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया था. वहीं दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.3 फीसदी के उच्च स्तर पर रही. इसका कारण सब्जी खासकर प्याज और टमाटर का महंगा होना है. यह आरबीआई की उम्‍मीद से ज्‍यादा है.

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Air India

एयर इंडिया को खरीदने का प्लान तैयार, 88 साल बाद फिर टाटा की हो जाएगी कंपनी!

जिस एयरलाइन्स की 88 साल पहले जेआरडी टाटा ने नींव रखी थी, ऐसा लगता है वह फिर टाटा की होने वाली है। संकट से जूझ रही एयर इंडिया के लिए 17 मार्च तक बोलियां मंगाई गई हैं और टाटा ग्रुप इस नैशनल कैरियर के लिए अपनी दावेदारी को लेकर अपने प्लान को अंतिम रूप देने के बेहद करीब है। टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मिलकर इस अधिग्रहण को स्वरूप देने के लिए काम शुरू कर चुके हैं। बता दें कि साल 1932 में जेआरडी टाटा ने ही एयर इंडिया की नींव रखी थी और 1946 में इसका नैश्नलाइजेशन कर दिया गया था। शुरुआत में इसका नाम टाटा एयरलाइन्स हुआ करता था और नैशनलाइजेशन के बाद 1948 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया था। अब यह एयरलाइन वापस टाटा घराने के पास जा सकती है। टाटा ग्रुप प्लान को सफल बनाने की कोशिश में जुटा है। उसके प्लान में एयर एशिया इंडिया का मर्जर(इसमें टाटा की 51% हिस्सेदारी) और एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं, जो एयर इंडिया की 100% सब्सिडियरी है।

  • एयर इंडिया के लिए 17 मार्च तक बोलियां मंगाई गई हैं और टाटा ग्रुप इसके लिए बोली के प्लान को अंतिम रूप देने के बेहद करीब
  • टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है
  • खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है

खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है, जो एयर एशिया में 49% हिस्सेदारी रखते हैं। शेयरधारक समझौते के मुताबिक, अगर फर्नांडिस तैयार नहीं हैं तो टाटा ग्रुप किसी अन्य बजट एयरलाइन्स में 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकता।

  • टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर संकट से जूझ रही एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है और सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मिलकर इस अधिग्रहण को स्वरूप देने के लिए काम शुरू कर चुके हैं।

एयर एशिया को विदेशी उड़ान के लिए मंजूरी का इंतजार
मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, जल्द एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। टाटा ग्रुप ने एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के मर्जर का प्रस्ताव रखा है। सूत्र ने बताया, ‘इस मर्जर से भारतीय एविएशन सेक्टर में फर्नांडिस का बड़ा शेयर हो जाएगा, इसलिए दोनों पार्टनर्स के लिए जीत का ही सीन है।’

एयर एशिया की शुरुआत टाटा ग्रुप और फर्नांडिस के बीच एक जॉइंट वेंचर के तहत 2013 में हुई थी। टाटा एक और फुल-सर्विस कैरियर विस्तारा ऑपरेट करता है, जो सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ जॉइंट वेंचर है। इसमें टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है। हाल में टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बताया था, ‘बगैर मर्जर के हम तीसरी एयरलाइन नहीं चला सकते।’ एयर इंडिया और विस्तारा का साथ टाटा ग्रुप को फुल-सर्विस स्पेस में एकाधिकार दिला सकता है।

AI एक्सप्रेस और एयर एशिया कहां-कहां?
एयर इंडिया एक्सप्रेस 20 भारतीय शहरों में उड़ान भरती है। इसके अलावा, खाड़ी और दक्षिण एशियाई देशों के 13 इंटरनैशनल डेस्टिनेशन्स में भी इसकी मौजूदगी है। इसके बेड़े में 25 बोइंग 737 हैं, वहीं एयर एशिया की बात की जाए तो इसके पास 29 एयरबस A320 हैं और यह 21 शहरों में अपनी सेवाएं देती है।

विदेशी उड़ानों के लिए मंजूरी में अड़ंगा!
एयर एशिया इंडिया विदेशी उड़ानों के लिए इजाजत के इंतजार में है। यह इंतजार लंबा हो सकता है क्योंकि फर्नांडिस, एयर एशिया बोर्ड में टाटा नॉमिनी आर वेंकटरमन, दोनों पर आपराधिक षड़यंत्र का और मनी लॉन्डरिंग के केसस चल रहे हैं। फर्नांडिस को 5 फरवरी को ईडी ने समन किया है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि फर्नांडिया या एयर एशिया इंडिया टाटा-सिंगापुर एयरलाइन्स अलायंस की ओर से एयर इंडिया के लिए लगाई जाने वाली बोली का हिस्सा होंगे या नहीं। उनके खिलाफ चल रहा मामला इसकी वजह हो सकता है।

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सेंसेक्स सपाट, निफ्टी 8765 के आसपास

sensex_240शुरुआती कारोबार में आज बाजार में हल्की बढ़त के साथ कारोबार होता दिख रहा है। सेंसेक्स में करीब 25 की और निफ्टी में 3.75 अंक की बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। बैंकिग और आईटी शेयरों पर बने दबाव से बाजार में सुस्ती नजर आ रही है। वहीं आज बाजार को मिड कैप शेयरों से भी सपोर्ट मिलता नहीं दिख रहा है। जबकि स्मॉल कैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिल रही है।

 

शुरुआती कारोबार में बैंकिग और आईटी शेयर दबाव में नजर आ रहे हैं। सरकारी बैंकों के दम पर बैंक निफ्टी 0.09 फीसदी की हल्की बढ़त के साथ 19690 के आसपास दिख रहा है। निफ्टी के पीएसयू बैंक इंडेक्स में 1.2 फीसदी की मजबूती दिख रही है। जबकि निफ्टी के प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 0.09 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार देखने को मिल रहा है। वहीं बीएसई के ऑयल एंड गैस इंडेक्स में भी 0.7 फीसदी की गिरावट दिख रही है।

 

बाजार में मझोले शेयरों में भी सुस्ती देखने को मिल रही है। जबकि स्मॉल कैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.05 फीसदी की हल्की बढ़त के साथ कारोबारप कर रहा है। जबकि स्मॉल कैप इंडेक्स में 0.30 फीसदी की मजबूती के साथ कारोबार हो रहा है।

 

निफ्टी के मेटल, एफएमसीजी और इंफ्रा इंडेक्स में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिल रही है। निफ्टी का मेटल इंडेक्स करीब 1 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स 0.4 फीसदी और इंफ्रा इंडेक्स 0.35 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।

 

हालांकि कारोबार के इस दौरान निफ्टी के आईटी और रियल्टी इंडेक्स में कमजोरी के साथ कारोबार होता दिख रहा है। निफ्टी के आईटी इंडेक्स में 0.4 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स में 0.07 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार हो रहा है।

 

फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स सपाट होकर 28335 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी भी सपाट चाल के साथ 8765 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

 

 

Source: CNBC

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