Delhi Violence left Students

दिल्ली हिंसाः 24 फरवरी को परीक्षा देने गई थी आठवीं की छात्रा, अब तक है लापता

रविवार से उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुरू हुई हिंसा अब खत्म हो चुकी है और दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस बीच बीच खजूरी खास इलाके में तीन दिन पहले यानी सोमवार(24 फरवरी) को परीक्षा देने के लिए स्कूल गई 13 वर्षीय छात्रा का कोई पता नहीं है। वह आज तक घर नहीं लौटी है।

पुलिस ने इस मामले में बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा सोनिया विहार में अपने माता-पिता के साथ रहती है और वह सोमवार को सुबह अपने घर से करीब 4.5 किलोमीटर दूर स्थित अपने स्कूल परीक्षा देने गई थी लेकिन तब से लौटी नहीं है।

रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करने वाले उसके पिता ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे शाम पांच बजकर 20 मिनट पर उसे स्कूल से लेने जाना था। लेकिन मैं हमारे इलाके में चल रही हिंसा में फंस गया। तब से मेरी बेटी लापता है।’

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘गुमशुदगी’ की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और लड़की की तलाश चल रही है। मौजपुर के विजय पार्क निवासी एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि दो दिन से शिव विहार के एक घर में फंसे उनके परिवार के सदस्यों से मंगलवार रात से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

70 वर्ष की आयु के आसपास के मोहम्मद सबीर ने कहा, ‘‘मेरा मदीना मस्जिद के पास शिव विहार में भी एक मकान है। मेरे दो बच्चे वहां रहते हैं, दो यहां विजय पार्क में मेरे साथ रहते हैं। इलाके में हिंसा के कारण मेरा उनसे संपर्क नहीं हो सका और गत रात से उनसे कोई संपर्क नहीं है।’’

Delhi violence

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘उन्होंने कल मुझे घर को भीड़ द्वारा घेरे जाने के बारे में बताया था और वे भाग निकले लेकिन मुझे मालूम नहीं है कि अब वे कहां हैं। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और पुलिस से मेरी अपील है कि कृपया हमारी मदद कीजिए।’’

मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, घोंडा समेत उत्तरपूर्वी दिल्ली के आवासीय इलाकों में सोमवार से हो रही हिंसा में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए हैं।

दंगाग्रस्त इलाकों में सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बल के कर्मी मौजूद है जिससे बुधवार को कुछ हिस्सों में अजीब से खामोशी छाई रही लेकिन लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा में अभी तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई है और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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Abhinandan Delhi police

‘अभिनंदन’ मूंछों के फैन थे रतन लाल, अधूरा रह गया बच्चों से किया यह वादा

  • CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत
  • रतन लाल की मौत के बाद परिवार में कोहराम, मां को अबतक नहीं दी गई बेटे की मौत की जानकारी
  • हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बड़े फैन थे, वैसे ही रखते थे मूंछें
  • राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे

नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध एक भयावह शक्ल में तब्दील हो चुका है। दिल्ली में फिर से गाड़ियां फूंकी गईं, पत्थरबाजी की गई, लाठीचार्ज हुआ और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। मौत के बाद रतन लाल की जिंदगी के तमाम किस्से, बच्चों से वादे, उनका घर-परिवार सब एक लंबी खामोशी में डूब गया है। वैसे पता है आपको जांबाज रतन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के ‘जबरा’ फैन थे।
पिछले वर्ष 27 फरवरी को हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल अपने साथियों और वरिष्ठ लोगों के साथ अपनी मूंछों को लेकर बातचीत कर रहे थे। जिक्र इस बात का था कि रतन लाल की मूछें विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की तरह हैं। वही अभिनंदन, जिन्होंने पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था। ठीक एक साल बाद 42 वर्षीय पुलिसकर्मी रतन लाल की नॉर्थईस्ट दिल्ली में दंगाइयों को अदम्य साहस से रोकने का प्रयास करते हुए जान चली गई। रतन लाल ने वर्ष 1998 में बतौर कॉन्स्टेबल दिल्ली पुलिस को जॉइन किया था।

 

‘ रतन लाल थे जांबाज ‘
लाल वर्तमान में गोकुलपुरी में तैनात थे। इस घटना में एसीपी भी जख्मी हो गए हैं। रतन लाल को उनके साहस के लिए जाना जाता था। वह गोकुलपुरी पुलिस की ओर से की गईं कई छापेमारी का हिस्सा भी रहे। लाल कुछ वर्षों से अडिशनल डीसीपी ब्रजेंद्र यादव को रिपोर्ट कर रहे थे। ब्रजेंद्र कहते हैं, ‘रतन एक ऐसा पुलिसकर्मी थे, जो सकारात्मकता के साथ-साथ ऊर्जा से भरे हुए रहते थे।’

अबतक मां को नहीं दी गई ख़बर
राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों (दो बेटियां- उम्र 11 और 12 साल, एक आठ वर्षीय बेटा) के साथ नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी में रहते थे। उन्होंने अपने बच्चों से वादा किया था कि इस बार वे सभी अपने गांव टीहावाली में होली मनाएंगे। महज दस दिन पहले बच्चों ने अपना पिता खो दिया। बेटे की मौत की ख़बर अबतक मां को नहीं दी गई है।

‘…और बंद कर दी गई टीवी’
परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘मेरे रिश्तेदार ने हमें मौत की सूचना दी। हमने तुरंत टीवी बंद कर दी ताकि मां कुछ भी न देख सकें। वह जानती हैं कि हम उनसे कुछ छिपा रहे हैं क्योंकि आमतौर पर जितने लोग हमसे मिलने आते हैं, उससे ज्यादा लोग इस दौरान मुलाकात के लिए आ रहे हैं।वह नहीं जानतीं कि सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल किया जाता है तो उन्हें ऑनलाइन भी अबतक मौत की सूचना नहीं मिल सकी है।’

‘एक माह पहले आए थे गांव’
रतन के छोटे भाई दिनेश कहते हैं, ‘वह एक देशभक्त थे। वह हमेशा इस वर्दी के लिए खुद को कुर्बान करना चाहते थे। उनमें अपार धैर्य था। हमने उन्हें कभी चीखते या लोगों पर चिल्लाते हुए नहीं सुना था। एक महीने पहले जब एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी तभी वह गांव आए थे।’

 

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Nirbhaya Case advocate of convict

Nirbhaya case: वकील ने कोर्ट में कहा- विनय को गंभीर मानसिक बीमारी, मां को भी गया भूल

तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा द्वारा अपना सिर दीवार पर मार लेने के मामले में बृहस्पतिवार को नया मोड़ आ गया है। विनय के वकील एपी सिंह (AP Singh) ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर तिहाड़ जेल प्रशासन को बेहतर इलाज देने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

वकील ने कोर्ट में कहा- विनय की मानसिक हालत ठीक नहीं

इसके साथ ही विनय के वकील ने कोर्ट में याचिका दायर कर कई गंभीर खुलासे किए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि विनय कुमार शर्मा के सिर में गंभीर चोट आई है। उसके दांए हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। मानसिक आघात भी पहुंचा है और सिज्रोफ्रेनिया (schizophrenia) की भी बात सामने आई है।

मां को भी नहीं पहचान पा रहा विनय

अर्जी में कहा गया है कि विनय को मानसिक बीमारी है और उसके इलाज की जरूरत है। वह लोगों को नहीं पहचान पा रहा और अपनी मां को भी भूल गया है। विनय के वकील पहले भी अदालत में कह चुके हैं कि वह मानसिक बीमार है और उसे फांसी नहीं दे सकते।

शनिवार को होगी सुनवाई

विनय की ओर दायर याचिका पर शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट सुनवाई करेगा। कोर्ट ने इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा (Additional Session Judge Dharmender Rana) ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि विनय शर्मा के घायल होने के संबंध में शनिवार तक जवाब दाखिल करें।

यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, 16 फरवरी (रविवार) को तिहाड़ जेल नंबर 3 में बंद चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने अपना सिर दीवार में दे मारा था। इससे उसके सिर में हल्की चोट आई थी। जानकारी मिलने पर उसका उपचार किया गया था। इस पूरे मामला का खुलासा तीन दिन बाद बुधवार को हुआ तो हड़कंप मच गया।

चारों दोषियों के खिलाफ जारी हो चुका है डेथ वारंट

गौरतलब है कि 17 फरवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई में चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा (26) पवन कुमार गुप्ता (25) अक्षय कुमार (31) और मुकेश कमार (32) की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर चुका है। इसके मुताबिक, आगामी 3 मार्च को सुबह 6 बजे चारों को एकसाथ फांसी दी जाएगी।

 

 

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‘खराब नहीं थी जसप्रीत बुमराह की बॉलिंग, न्यूजीलैंड ने चली थी ये चाल’

न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने कहा कि उनकी टीम ने जिस तरह से भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का सामना किया उससे दूसरी टीमें सीख लेंगी. बुमराह न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में एक भी विकेट नहीं ले सके थे. सीरीज में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहने पर बुमराह को आलोचना का सामना करना पड़ा था, लेकिन बॉन्ड ने उनका बचाव किया.

बॉन्ड ने कहा, ‘जब आपके पास जसप्रीत बुमराह की तरह का गेंदबाज हो तो जाहिर है उससे काफी उम्मीदें होंगी.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड ने उन्हें खतरा माना और उनका सामना सही तरीके से किया.’ उन्होंने कहा, ‘बुमराह के साथ टीम में अनुभवहीन गेंदबाज (नवदीव सैनी और शार्दुल ठाकुर) थे जिसका फायदा न्यूजीलैंड को हुआ.’ बॉन्ड ने कहा, ‘अब हर टीम उन्हें खतरे की तरह देखेगी और दूसरे गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएंगी.’

बॉन्ड ने हालांकि कहा कि भारतीय टीम सीरीज 0-3 से हार गई, लेकिन बुमराह की गेंदबाजी बुरी नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘आप मैच में अच्छा करना चाहते हैं. उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन कई बार आपको विकेट नहीं मिलता.’ आईपीएल में मुंबई इंडियंस के गेंदबाजी कोच के तौर पर बुमराह के साथ समय बिताने वाले बॉन्ड ने कहा कि यह भारतीय गेंदबाज दो टेस्ट की सीरीज में ‘काफी प्रभाव’ डालेगा. शेन बॉन्ड ने कहा, ‘जब आप खराब प्रदर्शन से वापसी करते हैं तब लय हासिल करना हमेशा मुश्किल होता है. उन्हें इस सीरीज से पहले ज्यादा मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला. न्यूजीलैंड ने वनडे सीरीज में अच्छे से उनका सामना किया, लेकिन टेस्ट मैचों में उनका काफी प्रभाव होगा. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है.’

न्यूजीलैंड को उनके घरेलू मैदान में हराना काफी मुश्किल होता है और बॉन्ड को उम्मीद है कि विलियमसन पांच तेज गेंदबाजों के साथ मैच में जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘न्यूजीलैंड की विकेट के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि यहां गेंद स्पिन नहीं होती है. जो भी टॉस जीतता है वह पहले गेंदबाजी करना चाहता है, क्योंकि पहले दिन पिच से सबसे ज्यादा मदद मिलती है.’ शेन बॉन्ड ने कहा, ‘अगर न्यूजीलैंड की टीम बिना किसी स्पिनर के मैच में उतरे तो भी मुझे आश्चर्य नहीं होगा. मैं भी स्पिनर को टीम में नहीं रखना चाहूंगा क्योंकि उसका काम सिर्फ रनगति पर अंकुश लगाना होता है.’

 

 

 

 

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Nirbhaya Gang rape case plea of convict vinay sharma heard supreme court

निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में दोषी विनय की एक और पैंतरेबाजी असफल हो गई है। राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए फांसी टालने की मांग करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उसने खुद को मानसिक तौर पर बीमार बताकर भी फांसी टालने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने विनय को मेंटली फिट बताया है। कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए फांसी टालने की मांग करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उसने खुद को मानसिक तौर पर बीमार बताकर भी फांसी टालने की मांग की थी।
  • जस्टिस अशोक भूषण और ए. एस. बोपन्ना के साथ जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला
  • सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया कांड के दोषी विनय शर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था
  • वकील ए.पी. सिंह ने कहा था विनय मानसिक तौर पर बीमार चल रहा हैऔर उसका इलाज भी हो रहा है

जस्टिस अशोक भूषण और ए. एस. बोपन्ना के साथ जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में दोषी विनय शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट ए. पी. सिंह ने अपने मुवक्किल की दया याचिका को खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल उठाए थे। इस पर अदालत और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तीखी आलोचना की, जो इस मामले में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

सिंह ने दोषी विनय की मानसिक स्थिति के संबंध में भी दलील दी। उन्होंने कहा कि विनय मानसिक तौर पर बीमार चल रहा है और उसका इलाज भी हो रहा है। सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के शत्रुघ्न चौहान के 2014 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मानसिक बीमारी से पीड़ित दोषियों की मौत की सजा को बदल दिया जाना चाहिए। इस पर मेहता ने दलीलें देते हुए कहा, ‘उनकी नियमित रूप से जांच की गई, जो नियमित जांच का हिस्सा है। जेल मनोचिकित्सक है, जो हर किसी की जांच करता है। ताजा स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार उनका स्वास्थ्य अच्छा पाया गया है।’

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Nirbhaya case victim

निर्भया केस: केंद्र सरकार की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- दोषियों को अलग-अलग नहीं हो सकती फांसी

दिल्ली हाईकोर्ट चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग अलग फांसी नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब 2017 में ही सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया के गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी तो कोई डेथ वारंट जारी करवाने के लिए आगे नहीं आया। बता दें कि न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार (1 फरवरी) और रविवार (2 फरवरी) को विशेष सुनवाई के बाद दो फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चारों दोषी जुडिशल सिस्टम का गलत फायदा उठा कर फांसी को डालने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए। किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नही दी जा सकती।

इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र की उस याचिका पर जल्द निर्णय का अनुरोध किया, जिसमें दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती दी गई है। निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा।

अदालत ने 31 जनवरी को फांसी की सजा स्थगित कर दी क्योंकि दोषियों के वकील ने अदालत से फांसी पर अमल को ”अनिश्चित काल” के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं। मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है। अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई और अभी यह लंबित है। शीर्ष न्यायालय ने 2017 के अपने फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

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2012 Delhi gang rape निर्भया केस: 1 फरवरी को फांसी पर रोक वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित, आज कभी भी आ सकता है कोर्ट का आदेश

दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं। वकील ने जेल मैनुअल के नियम 836 का हवाला दिया | ऐसे मामले में जहां एक से अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई है| दोषियों को तब तक फांसी की सजा नहीं दी गई है जब तक उन्होंने अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर लिया हो।

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में फांसी की सजा पाने वाले दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। निर्भया गैंगरेप केस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है| दोषियों ने 1 फरवरी को होने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट आज शाम तक फैसला सुनाएगा। आपको बता दें कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी थी।

वहीं तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत को बताया कि केवल एक दोषी की ही दया याचिका लंबित है| अन्य को फांसी दी जा सकती है। वहीं दोषियों के वकील ने दिल्ली की अदालत को बताया कि जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो नियमों के अनुसार अन्यों को भी फांसी नहीं दी सकती।

फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय कुमार शर्मा की ओर से पेश वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टाल देने को कहा क्योंकि कुछ दोषियों के कानूनी उपचार अभी बाकी हैं। अभियोजन पक्ष ने कहा कि याचिका न्याय का मजाक है और यह फांसी को टालने की महज एक तरकीब है।

जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष दायर स्थिति रिपोर्ट में इस याचिका का विरोध किया। अदालत ने बृहस्पतिवार को जेल अधिकारियों को नोटिस जारी करके दोषियों की याचिका पर जवाब मांगा था। दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर अनिश्चितकालीन स्थगन लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है।

निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया। इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी।

अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी।

गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

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बहन को उसके प्रेमी के साथ देख बौखलाया भाई, मारी गोली

gun_1464250834उत्तर प्रदेश के भमोरा (बरेली) में दोस्त से बात करते देखकर बौखलाए भाई ने अपनी बहन को गोली मार कर हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी की मौत सिर में गोली लगने से हुई है। जबकि घरवाले बता रहे हैं कि बंदर की घुड़की से छत से गिरकर मौत हुई। घटना के बाद से ही भाई घर से गायब है।

क्षेत्र के गांव देवचरा के रहने वाले और टायर पंचर का काम करने वाले एक ग्रामीण की 16 वर्षीय पुत्री हाईस्कूल में पढ़ती थी। बताया जाता है कि शनिवार को उसके भाई ने उसे किसी युवक से बात करते देख लिया था। युवक को उसका दोस्त मानते हुए रविवार को भाई ने पूछताछ की तो दोनों के बीच झगड़ा हुआ।

इसके बाद गुस्साए भाई ने छात्रा के सिर में गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल किशोरी को इलाज के लिए पहले भमोरा के डॉक्टर के यहां ले जाया गया। डॉक्टर के जवाब देने पर परिवार वाले उसे बरेली शहर के एक अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।

पोस्टमार्टम के बाद घरवालों ने किशोरी के शव का बरेली के सिटी श्मशान घाट पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। देर शाम घर पहुंचे किशोरी के पिता ने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया। एसओ भमोरा कृष्ण कुमार यादव का कहना है कि एक लड़की की गोली लगने से मौत होने की सूचना अस्पताल से मिली थी। जिस पर जांच की जा रही है कि लड़की को गोली किसने और क्यों मारी।

Source: Amar Ujala

बहन को उसके प्रेमी के साथ देख बौखलाया भाई, मारी गोली Read More

अश्लील इशारे के आरोपी बिट्टा, खुद अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर 20 फरवरी को हों अदालत में पेश

MS Bitta, Delhi, नई दिल्ली-अश्लील इशारे के आरोपी एमएस बिट्टा की पेशी छूट पर अम्बाला की जज कीर्ति वशिस्ठ ने आज कहा की अदालत को इस बात से कोई मतलब नहीं है की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस में है 20 फरवरी को बिट्टा अदालत में पेश हों l अम्बाला शहर की नीलम शर्माने एमएस बिट्टा के खिलाफ अश्लील इशारे करने के आरोप में आईपीसी की धारा 504,506,509 के तहत केस दायर किया था जिसमे अदालत ने एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया था और जब बिट्टा लगातार कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने बिट्टा के गैर-जमानती वारंट जारी किये जिसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा ने गुपचुप तरीके से 30 सितम्बर 2015 को अदालत में पेशी से पूर्व ही अपनी जमानत याचिका दायर की जिसपर जज कीर्ति वसिष्ठ की अदालत ने 25 हजार के मुचलके पर आरोपी एमएस बिट्टा को रिहा किया था लेकिन उसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा अदालत में पेश नहीं हुए और हर बार पेशी छूट के लिए अदालत में अपने वकील के माध्यम से प्रार्थना पत्र भेजने लगे और यही नहीं आरोपी ने अदालत में फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ली इस बात की भनक जब शिकायतकर्ता नीलम शर्मा को लगी तो उसने अदालत में याचिका दायर कर बिट्टा की जमानत रद्द करने की मांग की जिसपर अदालत ने आरोपी एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया हुआ है जिसपर आज तक आरोपी एमएस बिट्टा ने ना तो कोई जवाब दिया ना पेश हुए l जज कीर्ति वसिष्ठ की कोर्ट ने आरोपी एमएस बिट्टा के वकील राजेश गुप्ता को 13 जनवरी 2016 को आदेश दिए थे की वह सुनिश्चित करें की बिट्टा 30 जनवरी को हर हालत में कोर्ट में पेश हो l शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बताया की बिट्टा आज फिर कोर्ट पेशी पर नहीं पहुंचे और आरोपी एमएस बिट्टा ने अपने वकील राजेश गुप्ता के माध्यम से पेशी छूट की मांग की और कहा की वह जेड प्लस सुरक्षा में है और अदालत में सुरक्षा के कारणों से नहीं आ सकता और दूसरा आरोपी ने अपनी टांग में तकलीफ का हवाला दिया आरोपी एमएस बिट्टा की तरफ से पेशी की छूट एप्लीकेशन का शिकायतकर्ता के वकील मोहित सहगल ने अदालत के समक्ष जोरदार विरोध किया और कहा की आरोपी अपने आप को अदालत से बड़ा बनने की कौशिश कर रहा है लगातार अदालत के आदेशों की अवमानना कर रहा है और शिकायतकर्ता के वकील ने कहा आरोपी 28 जनवरी को अम्बाला शहर में मॉडल टाउन में देर शाम पहुंचा और लोगों के बीच रहा और मोहित सहगल ने कहा इससे एक दिन पहले पंजाब में आरोपी एमएस बिट्टा ने अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जो तमाम प्रमाण शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत को सौंपे और अदालत ने मोहित सहगल की तरफ से दिए दस्तावेजों को फाइल का हिस्सा बनाया और शिकायतकर्ता की वकील ने कहा इससे पहले भी टांग की तकलीफ के चलते फर्जी मेडिकल के आधार पर पेशी छूट ले चूका है आरोपी एमएस बिट्टा कहता है उसकी टांग में तकलीफ है वह अपाहिज है उसके बावजूद भी आरोपी हजारो किलोमीटर का सफर करता है घूमता है सिर्फ अदालत में आते हुए एमएस बिट्टा की टांग में तकलीफ होती है और आरोपी एमएस बिट्टा को और कई खुलेआम घूमने में दिक्कत नहीं पर अदालत में आने से उसे सुरक्षा का खतरा होता है जो शिकायतकर्ता की एप्लीकेशन इसी अदालत में विचाराधीन है l वही,दोनों पक्षों की बहस के बाद जे.एम.आई.सी कीर्ति वसिष्ठ ने बिट्टा की पेशी छूट पर कहा की अदालत को इस बात से कुछ नहीं लेना की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस सुरक्षा में है इसलिए आरोपी अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करें और 20 फरवरी को अदालत में पेश हो l ज्ञात रहे अम्बाला की महिला को वर्ष 2011 में अश्लील इशारे किये थे जिसमे आज बिट्टा आरोपी है नीलम शर्मा ने कहा अपने आप को देशभक्त कहलाने वाला बिट्टा महिलायों व अदालत की कितनी इज्जत करता है यह नजर आ रहा है नीलम शर्मा ने कहा इससे पहले भी आरोपी एमएस बिट्टा चंडीगढ़ में महिला को अश्लील इशारे कर चुका है l नीलम शर्मा ने कहा उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है लेकिन वह सजा करवाकर ही दम लेगी l

 कोर्ट ने कहा-बिट्टा को 20 फरवरी को अगर पेश ना हुई तो होगी कारवाई,शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बिट्टा की पेशी से छूट की एप्लीकेशन पर की जमकर की बहस,कहा-अदालत से ऊपर बनने की कौशिश कर रहा है बिट्टा,2 दिन पहले देर शाम अम्बाला मॉडल टाउन आया था उसके तमाम दस्तावेज वकील ने कोर्ट को सौंपे जिसे अदालत ने फाइल पर लिया पहले भी फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ले चूका है आरोपी जिस पर कोर्ट ने लिया था गंभीर संज्ञान

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