Delhi Violence left Students

दिल्ली हिंसाः 24 फरवरी को परीक्षा देने गई थी आठवीं की छात्रा, अब तक है लापता

रविवार से उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुरू हुई हिंसा अब खत्म हो चुकी है और दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस बीच बीच खजूरी खास इलाके में तीन दिन पहले यानी सोमवार(24 फरवरी) को परीक्षा देने के लिए स्कूल गई 13 वर्षीय छात्रा का कोई पता नहीं है। वह आज तक घर नहीं लौटी है।

पुलिस ने इस मामले में बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा सोनिया विहार में अपने माता-पिता के साथ रहती है और वह सोमवार को सुबह अपने घर से करीब 4.5 किलोमीटर दूर स्थित अपने स्कूल परीक्षा देने गई थी लेकिन तब से लौटी नहीं है।

रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करने वाले उसके पिता ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे शाम पांच बजकर 20 मिनट पर उसे स्कूल से लेने जाना था। लेकिन मैं हमारे इलाके में चल रही हिंसा में फंस गया। तब से मेरी बेटी लापता है।’

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘गुमशुदगी’ की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और लड़की की तलाश चल रही है। मौजपुर के विजय पार्क निवासी एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि दो दिन से शिव विहार के एक घर में फंसे उनके परिवार के सदस्यों से मंगलवार रात से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

70 वर्ष की आयु के आसपास के मोहम्मद सबीर ने कहा, ‘‘मेरा मदीना मस्जिद के पास शिव विहार में भी एक मकान है। मेरे दो बच्चे वहां रहते हैं, दो यहां विजय पार्क में मेरे साथ रहते हैं। इलाके में हिंसा के कारण मेरा उनसे संपर्क नहीं हो सका और गत रात से उनसे कोई संपर्क नहीं है।’’

Delhi violence

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘उन्होंने कल मुझे घर को भीड़ द्वारा घेरे जाने के बारे में बताया था और वे भाग निकले लेकिन मुझे मालूम नहीं है कि अब वे कहां हैं। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और पुलिस से मेरी अपील है कि कृपया हमारी मदद कीजिए।’’

मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, घोंडा समेत उत्तरपूर्वी दिल्ली के आवासीय इलाकों में सोमवार से हो रही हिंसा में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए हैं।

दंगाग्रस्त इलाकों में सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बल के कर्मी मौजूद है जिससे बुधवार को कुछ हिस्सों में अजीब से खामोशी छाई रही लेकिन लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा में अभी तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई है और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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Death toll rises to 20 in delhi violence

दिल्ली हिंसा: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या में इजाफा, मौत का आंकड़ा पहुंचा 20

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या में और इजाफा हुआ है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 13 से बढ़कर 20 हो गई हैं। गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने चार और लोगों के मरने की पुष्टि की है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन करने वाले और विरोध करने वालों के बीच रविवार को भड़की हिंसा मंगलवार को भी जारी रही। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में जारी हिंसा में करीब 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, इनमें 56 पुलिस के जवान भी शामिल हैं।

दरअसल, दिल्ली में रविवार, सोमवार और मंगलवार तीनों दिन हिंसा की खबरें आती रहीं। उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर इलाकों में न सिर्फ आगजनी और हिंसा हुई, बल्कि लूटपाट भी की गई। हिंसा की खबरों को देखते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा, अमित शाह ने फिर से बैठक बुलााई है।

इन इलाकों में जारी है तनाव:
उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा और गोकलपुरी इलाके हिंसाग्रस्त हैं और बीते तीन दिनों से यहां तनाव जारी है। मंगलवार सुबह भी दोनों पक्ष के लोग सड़क पर आए और जमकर बवाल काटाय़ कर्दमपुरी और सुदामापुरी इलाके में दिनभर रुक-रुककर पथराव और फायरिंग होती रही।

 

सीमाएं सील की गई: दिल्ली में हुई घटना के बाद गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से सटे बॉर्डर को सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के मुताबिक, जिले में धारा 144 लागू है। उधर, नोएडा में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया गया है। सीमाओं पर भारी सुरक्षाबल तैनात है।

स्कूल बंद और परीक्षाएं स्थगित:
उत्तर पूर्वी जिले के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। बुधवार को इन इलाकों के सभी स्कूल बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार ने आंतरिक परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, सरकार ने सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं भी स्थगित कर दी है।

मेट्रो स्टेशन बंद रहे, मगर आज सेवा शुरू
भले ही आज सभी मेट्रो स्टेशन को सामान्य कर दिया गया है। मगर हिंसा के चलते पिंक लाइन मेट्रो लाइन के पांच स्टेशन बंद रहे। इनमें शिव विहार, जौहरी एंक्लेव, गोकुलपुरी, मौजपुर और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन शामिल रहे। पिंक लाइन पर मेट्रो को केवल मजलिस पार्क से वेलकम तक चलाया गया।  हालांकि, आज मेट्रो सेवा सामान्य है।

दुकानों पर कतार लगी:
उधर हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों ने राशन सामग्री जुटानी शुरू कर दी। शाम को राशन की दुकानों पर कतार लगनी शुरू हो गई। कई जगहों पर लोगों ने बढ़ी हुई कीमतों पर भी सामान खरीदा।

अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भीड़ तितर-बितर:
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जल्द से जल्द शांति बहाली की मांग कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया है। घेराव कर रहे छात्रों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

अजीत डोभाल ने स्थिति का जायजा लिया:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आज देर रात हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंचे। डोभाल ने पुलिस के आला अधिकारियों से बातचीत की। सीलमपुर स्थित डिप्टी कमिश्नर ऑफ नॉर्थ-ईस्ट पुलिस के ऑफिस में करीब एक घंटे तक पुलिस कमिश्नर समेत पुलिस के अन्य आला अफसरों के साथ बैठक करने के बाद अजीत डोभाल सीलमपुर से निकल गए।

कैसे शुरू हुई हिंसा:
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

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Abhinandan Delhi police

‘अभिनंदन’ मूंछों के फैन थे रतन लाल, अधूरा रह गया बच्चों से किया यह वादा

  • CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत
  • रतन लाल की मौत के बाद परिवार में कोहराम, मां को अबतक नहीं दी गई बेटे की मौत की जानकारी
  • हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बड़े फैन थे, वैसे ही रखते थे मूंछें
  • राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे

नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध एक भयावह शक्ल में तब्दील हो चुका है। दिल्ली में फिर से गाड़ियां फूंकी गईं, पत्थरबाजी की गई, लाठीचार्ज हुआ और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। मौत के बाद रतन लाल की जिंदगी के तमाम किस्से, बच्चों से वादे, उनका घर-परिवार सब एक लंबी खामोशी में डूब गया है। वैसे पता है आपको जांबाज रतन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के ‘जबरा’ फैन थे।
पिछले वर्ष 27 फरवरी को हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल अपने साथियों और वरिष्ठ लोगों के साथ अपनी मूंछों को लेकर बातचीत कर रहे थे। जिक्र इस बात का था कि रतन लाल की मूछें विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की तरह हैं। वही अभिनंदन, जिन्होंने पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था। ठीक एक साल बाद 42 वर्षीय पुलिसकर्मी रतन लाल की नॉर्थईस्ट दिल्ली में दंगाइयों को अदम्य साहस से रोकने का प्रयास करते हुए जान चली गई। रतन लाल ने वर्ष 1998 में बतौर कॉन्स्टेबल दिल्ली पुलिस को जॉइन किया था।

 

‘ रतन लाल थे जांबाज ‘
लाल वर्तमान में गोकुलपुरी में तैनात थे। इस घटना में एसीपी भी जख्मी हो गए हैं। रतन लाल को उनके साहस के लिए जाना जाता था। वह गोकुलपुरी पुलिस की ओर से की गईं कई छापेमारी का हिस्सा भी रहे। लाल कुछ वर्षों से अडिशनल डीसीपी ब्रजेंद्र यादव को रिपोर्ट कर रहे थे। ब्रजेंद्र कहते हैं, ‘रतन एक ऐसा पुलिसकर्मी थे, जो सकारात्मकता के साथ-साथ ऊर्जा से भरे हुए रहते थे।’

अबतक मां को नहीं दी गई ख़बर
राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों (दो बेटियां- उम्र 11 और 12 साल, एक आठ वर्षीय बेटा) के साथ नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी में रहते थे। उन्होंने अपने बच्चों से वादा किया था कि इस बार वे सभी अपने गांव टीहावाली में होली मनाएंगे। महज दस दिन पहले बच्चों ने अपना पिता खो दिया। बेटे की मौत की ख़बर अबतक मां को नहीं दी गई है।

‘…और बंद कर दी गई टीवी’
परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘मेरे रिश्तेदार ने हमें मौत की सूचना दी। हमने तुरंत टीवी बंद कर दी ताकि मां कुछ भी न देख सकें। वह जानती हैं कि हम उनसे कुछ छिपा रहे हैं क्योंकि आमतौर पर जितने लोग हमसे मिलने आते हैं, उससे ज्यादा लोग इस दौरान मुलाकात के लिए आ रहे हैं।वह नहीं जानतीं कि सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल किया जाता है तो उन्हें ऑनलाइन भी अबतक मौत की सूचना नहीं मिल सकी है।’

‘एक माह पहले आए थे गांव’
रतन के छोटे भाई दिनेश कहते हैं, ‘वह एक देशभक्त थे। वह हमेशा इस वर्दी के लिए खुद को कुर्बान करना चाहते थे। उनमें अपार धैर्य था। हमने उन्हें कभी चीखते या लोगों पर चिल्लाते हुए नहीं सुना था। एक महीने पहले जब एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी तभी वह गांव आए थे।’

 

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निर्भया की मां :दोषियों के वकील ने दी थी चुनौती, ये फांसी अनंतकाल तक नहीं होगी

2012 Delhi gang rape
निर्भया के दोषियों की फांसी एक बार फिर रोक लग गई है। कोर्ट के अगले आदेश तक इन दरिंदों को फांसी नहीं दी जा सकती है। इस फैसले पर निर्भया की मां काफी भावुक हो गईं और रोते हुए कहा कि दोषियों के वकील ने चुनौती दी थी कि यह फांसी अनंतकाल तक नहीं होगी और उन्होंने इसे सही साबित कर दिया है।

उनका कहना है कि आखिर मुजरिम जो चाहते थे वो गया है। इस पर सरकार को कोर्ट और सरकार पर विचार करना चाहिए। अब तो ऐसा लग रहा है जैसे सभी लोग मुजरिमों का साथ दे रहे हैं। जब निर्भया की मां से सवाल किया गया कि क्या अभी भी आपको कानून पर विश्वास है तो उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। लेकिन सरकार और कोर्ट पर विचार करना चाहिए।

इसके साथ ही निर्भया का पक्ष रखने वाली वकील के भी आंसू आ गए और उन्होंने कहा कि न्याय में काफी देरी हो रही है। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि जबतक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं हो जाती वो हार नहीं मानेंगी।

बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपियों को कल सुबह (एक फरवरी) फांसी नहीं होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है।  दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट ने अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के डेथ वारंट को रद्द कर दिया है।

सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल ने कोर्ट से कहा है कि चाहें तो एक फरवरी को तीन दोषियों को फांसी दी जा सकती है। वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने दलील दी कि फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा देनी चाहिए। क्योंकि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है, जबकि अक्षय और पवन के कानूनी उपाय भी बाकी हैं। अक्षय की दया याचिका बाकी है। पवन ने अभी तक उपचारात्मक याचिका दायर नहीं की है।

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अश्लील इशारे के आरोपी बिट्टा, खुद अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर 20 फरवरी को हों अदालत में पेश

MS Bitta, Delhi, नई दिल्ली-अश्लील इशारे के आरोपी एमएस बिट्टा की पेशी छूट पर अम्बाला की जज कीर्ति वशिस्ठ ने आज कहा की अदालत को इस बात से कोई मतलब नहीं है की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस में है 20 फरवरी को बिट्टा अदालत में पेश हों l अम्बाला शहर की नीलम शर्माने एमएस बिट्टा के खिलाफ अश्लील इशारे करने के आरोप में आईपीसी की धारा 504,506,509 के तहत केस दायर किया था जिसमे अदालत ने एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया था और जब बिट्टा लगातार कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने बिट्टा के गैर-जमानती वारंट जारी किये जिसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा ने गुपचुप तरीके से 30 सितम्बर 2015 को अदालत में पेशी से पूर्व ही अपनी जमानत याचिका दायर की जिसपर जज कीर्ति वसिष्ठ की अदालत ने 25 हजार के मुचलके पर आरोपी एमएस बिट्टा को रिहा किया था लेकिन उसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा अदालत में पेश नहीं हुए और हर बार पेशी छूट के लिए अदालत में अपने वकील के माध्यम से प्रार्थना पत्र भेजने लगे और यही नहीं आरोपी ने अदालत में फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ली इस बात की भनक जब शिकायतकर्ता नीलम शर्मा को लगी तो उसने अदालत में याचिका दायर कर बिट्टा की जमानत रद्द करने की मांग की जिसपर अदालत ने आरोपी एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया हुआ है जिसपर आज तक आरोपी एमएस बिट्टा ने ना तो कोई जवाब दिया ना पेश हुए l जज कीर्ति वसिष्ठ की कोर्ट ने आरोपी एमएस बिट्टा के वकील राजेश गुप्ता को 13 जनवरी 2016 को आदेश दिए थे की वह सुनिश्चित करें की बिट्टा 30 जनवरी को हर हालत में कोर्ट में पेश हो l शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बताया की बिट्टा आज फिर कोर्ट पेशी पर नहीं पहुंचे और आरोपी एमएस बिट्टा ने अपने वकील राजेश गुप्ता के माध्यम से पेशी छूट की मांग की और कहा की वह जेड प्लस सुरक्षा में है और अदालत में सुरक्षा के कारणों से नहीं आ सकता और दूसरा आरोपी ने अपनी टांग में तकलीफ का हवाला दिया आरोपी एमएस बिट्टा की तरफ से पेशी की छूट एप्लीकेशन का शिकायतकर्ता के वकील मोहित सहगल ने अदालत के समक्ष जोरदार विरोध किया और कहा की आरोपी अपने आप को अदालत से बड़ा बनने की कौशिश कर रहा है लगातार अदालत के आदेशों की अवमानना कर रहा है और शिकायतकर्ता के वकील ने कहा आरोपी 28 जनवरी को अम्बाला शहर में मॉडल टाउन में देर शाम पहुंचा और लोगों के बीच रहा और मोहित सहगल ने कहा इससे एक दिन पहले पंजाब में आरोपी एमएस बिट्टा ने अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जो तमाम प्रमाण शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत को सौंपे और अदालत ने मोहित सहगल की तरफ से दिए दस्तावेजों को फाइल का हिस्सा बनाया और शिकायतकर्ता की वकील ने कहा इससे पहले भी टांग की तकलीफ के चलते फर्जी मेडिकल के आधार पर पेशी छूट ले चूका है आरोपी एमएस बिट्टा कहता है उसकी टांग में तकलीफ है वह अपाहिज है उसके बावजूद भी आरोपी हजारो किलोमीटर का सफर करता है घूमता है सिर्फ अदालत में आते हुए एमएस बिट्टा की टांग में तकलीफ होती है और आरोपी एमएस बिट्टा को और कई खुलेआम घूमने में दिक्कत नहीं पर अदालत में आने से उसे सुरक्षा का खतरा होता है जो शिकायतकर्ता की एप्लीकेशन इसी अदालत में विचाराधीन है l वही,दोनों पक्षों की बहस के बाद जे.एम.आई.सी कीर्ति वसिष्ठ ने बिट्टा की पेशी छूट पर कहा की अदालत को इस बात से कुछ नहीं लेना की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस सुरक्षा में है इसलिए आरोपी अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करें और 20 फरवरी को अदालत में पेश हो l ज्ञात रहे अम्बाला की महिला को वर्ष 2011 में अश्लील इशारे किये थे जिसमे आज बिट्टा आरोपी है नीलम शर्मा ने कहा अपने आप को देशभक्त कहलाने वाला बिट्टा महिलायों व अदालत की कितनी इज्जत करता है यह नजर आ रहा है नीलम शर्मा ने कहा इससे पहले भी आरोपी एमएस बिट्टा चंडीगढ़ में महिला को अश्लील इशारे कर चुका है l नीलम शर्मा ने कहा उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है लेकिन वह सजा करवाकर ही दम लेगी l

 कोर्ट ने कहा-बिट्टा को 20 फरवरी को अगर पेश ना हुई तो होगी कारवाई,शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बिट्टा की पेशी से छूट की एप्लीकेशन पर की जमकर की बहस,कहा-अदालत से ऊपर बनने की कौशिश कर रहा है बिट्टा,2 दिन पहले देर शाम अम्बाला मॉडल टाउन आया था उसके तमाम दस्तावेज वकील ने कोर्ट को सौंपे जिसे अदालत ने फाइल पर लिया पहले भी फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ले चूका है आरोपी जिस पर कोर्ट ने लिया था गंभीर संज्ञान

अश्लील इशारे के आरोपी बिट्टा, खुद अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर 20 फरवरी को हों अदालत में पेश Read More