ACP Anuj Kumar Injured in Delhi violence

दिल्ली हिंसा में घायल ACP अनुज कुमार ने बयां किया 24 फरवरी का दर्द, बताया-हजारों की भीड़ के सामने थे सिर्फ 200 पुलिसकर्मी

दिल्ली में तीन दिन लगातार हुई हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल रतन लाल शहीद हो गए। हिंसा के दौरान सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अनुज कुमार भी घायल हुए थे और उन्होंने बताया कि कैसे भीड़ ने उन्हें घेर लिया था। इस भीड़ के पथराव में ही डीसीपी शाहदरा गंभीर रूप से घायल हो गए थे और हेड कांस्टेबल रतन लाल शहीद हो गए थे। 

घायल एसीपी ने 24 फरवरी की घटना को याद करते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों के पथराव के चलते फोर्स बिखर गई थी। इस बीच डीसीपी सर मेरे से पांच छह मीटर दूर चल गए थे और डिवाइडर के पास बेहोशी की हालत में थे और उनके मुंह से खून आ रहा था। उन्होंने कहा कि जब हम प्रदर्शनकारियों के पथराव का सामना कर रहे थे तब रतन लाल भी हमारे साथ थे। मैंने देखा था रतन लाल को चोट लगी है और उसे दूसरा स्टाफ नर्सिंग होम में लेकर गया था। हम वहां से अपनी गाड़ियों से नहीं निकल सकते थे इसलिए हम वहां से निजी वाहन की मदद से निकले। मैक्स अस्पताल दूर था इसलिए हम डीसीपी सर और रतन लाल को लेकर पहले जीटीबी अस्पताल पहुंचे जहां पर रतन लाल को मृत घोषित कर दिया गया। बाद में हम डीसीपी सर को मैक्स अस्पताल लेकर पहुंचे।

दिल्ली के गोकलपुरी में हिंसा में घायल हुए एसीपी को दो दिन पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिली है। उन्होंने बताया कि हमें निर्देश दिया गया था कि सिग्नेचर ब्रिज को गाजियाबाद की सीमा के साथ जोड़ने वाली सड़क को ब्लॉक ना होने दिया जाए लेकिन धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी और इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे। वे लगभग 20,000- 25,000 थे, जबकि हम केवल 200 थे। मुझे नहीं पता कि उन्होंने सड़क को ब्लॉक करने की योजना बनाई थी जैसा कि उन्होंने पहले किया था।

उन्होंने बताया कि हमने उनसे शांति से बात की और उन्हें मुख्य सड़क के बजाय सर्विस रोड पर प्रदर्शन करने को कहा। तब तक अफवाहें फैलने लगी थीं कि कुछ महिलाएं और बच्चे पुलिस फायरिंग में अपनी जान गंवा चुके हैं। पुल के पास निर्माण कार्य चल रहा था। प्रदर्शनकारियों ने वहां से पत्थर और ईंटें उठाकर अचानक पथराव शुरू कर दिया और हम घायल हो गए, जिसमें डीसीपी सर भी घायल हो गए और उनके सिर से भी खून बह रहा था।

एसीपी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन प्रदर्शनकारियों के बीच की दूरी बड़ी होने के कारण यह कोशिश नाकाम रही। उन्होंने बताया कि हम सड़क के दो विपरीत छोरों पर खड़े थे। हम फायरिंग नहीं करना चाहते थे क्योंकि कई महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल थी। उन्होंने बताया कि मेरा मकसद डीसीपी को बचना था क्योंकि पथरा के दौरान वह घायल हो गए थे और उनके शरीर से खून बह रहा था। उन्होंने कहा कि वहीं हम किसी भी प्रदर्शनकारी को चोट नहीं पहुंचाना चाहते थे।

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CAA Protest: पुलिस के सामने जामिया में पिस्तौल लहराकर युवक ने की फायरिंग

हमलावर अपना नाम पुलिस से गोपाल बता रहा है| साथ ही खुद को रामभक्त भी बता रहा है| पुलिस हमलावर के दावे की जांच कर रही है| घायल छात्र की पहचान शादाब के तौर पर हुई है| वह जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन का छात्र है|

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च के दौरान एक शख्स ने फायरिंग की| जामिया इलाके के पास एक सनकी युवक ने गोली चला दी, जिसमें एक छात्र घायल हो गया|

घटना गुरुवार दोपहर की है| प्रदर्शनकारी छात्र गोली लगने से घायल हो गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के व्यवस्था के बाद भी गोली चली| पूरे मार्च वाले इलाके में  भारी मात्रा में पुलिस बलों की तैनाती है फिर भी आरोपी युवक ने खुलेआम बंदूक से गोली चलाई|

हमलावर ने लगाया वंदे मातरम का नारा

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक युवक गोली चलाने के दौरान भारत मां की जय, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद और वंंदे मातरम का नारा लगा रहा था. पुलिस ने बदमाश युवक को हिरासत में ले लिया है. पुलिस युवक से पूछताछ कर रही है| गोली लगने से घायल युवक को होली फैमली अस्पताल में भार्ती कराया गया है|

Crowd Shahin Bagh

पुलिस ने नहीं खोला बैरीकेड

जब यह हमला हुआ तब राजघाट की ओर प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे थे. जब युवक ने फायरिंग की तब भी पुलिस देखती रही| सब कुछ रिकॉर्ड होता लेकिन उसे रोका नहीं गया| प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब युवक घायल हुआ तब  पुलिस ने बैरिकेड खोलन से मना कर दिया. घायल छात्र को कूदकर आगे बढ़ना पड़ा|

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अन्ना बोले- मैंने केजरीवाल से कहा था, लोगों का चाल-चरित्र जरूर देख लें…

anna-kejriwalरालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र)। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने फिर नाराजगी जताई है। दिल्ली सरकार के मंत्री संदीप कुमार की सेक्स सीडी सामने आने के बाद हुए हंगामे पर अन्ना ने कहा कि उन्होंने पहले ही केजरीवाल को आगाह किया था, लेकिन केजरीवाल ने उनकी कोई बात नहीं मानी।

समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि वह ‘यह देखकर बहुत दुखी हैं’ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुछ सहयोगी जेल जा रहे हैं जबकि कुछ अन्य ‘धोखाधड़ी में लिप्त हैं।’ हजारे ने कहा, ‘‘मुझे बहुत पीड़ा पहुंची है…।

अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि मैंने कहा था कि लोगों का चाल-चरित्र जरूर देख लें। किसी पर यूं ही भरोसा करना ठीक नहीं है। पार्टी में आने वाले लोगों के चरित्र को जांचने की व्यवस्था होनी चाहिए। अन्ना ने इसके पहले भी केजरीवाल की राजनीति को लेकर खुलकर नसीहत दी थी। उसके बावजूद दिल्ली सरकार के कई मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक भ्रष्टाचार, घरेलू हिंसा, फर्जी सर्टिफिकेट, लोगों से दुर्व्यवहार जैसे कई अपराधिक गतिविधियों के आरोप में कानूनी कार्रवाई के दायरे में आए।

अन्ना ने कहा कि वह (केजरीवाल) जब मेरे साथ थे तो उन्होंने ग्राम स्वराज पर एक पुस्तक लिखी थी… क्या हम इसे ग्राम स्वराज कहेंगे? इस कारण मैं बहुत दुखी हूं। मैं जिस आशा के साथ उन्हें (केजरीवाल को) देख रहा था, वह समाप्त हो गई।’

उनका यह बयान आप विधायक संदीप कुमार की गिरफ्तारी के बाद आया है जिनपर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया है।

Source : IBN7

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अश्लील इशारे के आरोपी बिट्टा, खुद अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर 20 फरवरी को हों अदालत में पेश

MS Bitta, Delhi, नई दिल्ली-अश्लील इशारे के आरोपी एमएस बिट्टा की पेशी छूट पर अम्बाला की जज कीर्ति वशिस्ठ ने आज कहा की अदालत को इस बात से कोई मतलब नहीं है की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस में है 20 फरवरी को बिट्टा अदालत में पेश हों l अम्बाला शहर की नीलम शर्माने एमएस बिट्टा के खिलाफ अश्लील इशारे करने के आरोप में आईपीसी की धारा 504,506,509 के तहत केस दायर किया था जिसमे अदालत ने एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया था और जब बिट्टा लगातार कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने बिट्टा के गैर-जमानती वारंट जारी किये जिसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा ने गुपचुप तरीके से 30 सितम्बर 2015 को अदालत में पेशी से पूर्व ही अपनी जमानत याचिका दायर की जिसपर जज कीर्ति वसिष्ठ की अदालत ने 25 हजार के मुचलके पर आरोपी एमएस बिट्टा को रिहा किया था लेकिन उसके बाद आरोपी एमएस बिट्टा अदालत में पेश नहीं हुए और हर बार पेशी छूट के लिए अदालत में अपने वकील के माध्यम से प्रार्थना पत्र भेजने लगे और यही नहीं आरोपी ने अदालत में फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ली इस बात की भनक जब शिकायतकर्ता नीलम शर्मा को लगी तो उसने अदालत में याचिका दायर कर बिट्टा की जमानत रद्द करने की मांग की जिसपर अदालत ने आरोपी एमएस बिट्टा को नोटिस जारी किया हुआ है जिसपर आज तक आरोपी एमएस बिट्टा ने ना तो कोई जवाब दिया ना पेश हुए l जज कीर्ति वसिष्ठ की कोर्ट ने आरोपी एमएस बिट्टा के वकील राजेश गुप्ता को 13 जनवरी 2016 को आदेश दिए थे की वह सुनिश्चित करें की बिट्टा 30 जनवरी को हर हालत में कोर्ट में पेश हो l शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बताया की बिट्टा आज फिर कोर्ट पेशी पर नहीं पहुंचे और आरोपी एमएस बिट्टा ने अपने वकील राजेश गुप्ता के माध्यम से पेशी छूट की मांग की और कहा की वह जेड प्लस सुरक्षा में है और अदालत में सुरक्षा के कारणों से नहीं आ सकता और दूसरा आरोपी ने अपनी टांग में तकलीफ का हवाला दिया आरोपी एमएस बिट्टा की तरफ से पेशी की छूट एप्लीकेशन का शिकायतकर्ता के वकील मोहित सहगल ने अदालत के समक्ष जोरदार विरोध किया और कहा की आरोपी अपने आप को अदालत से बड़ा बनने की कौशिश कर रहा है लगातार अदालत के आदेशों की अवमानना कर रहा है और शिकायतकर्ता के वकील ने कहा आरोपी 28 जनवरी को अम्बाला शहर में मॉडल टाउन में देर शाम पहुंचा और लोगों के बीच रहा और मोहित सहगल ने कहा इससे एक दिन पहले पंजाब में आरोपी एमएस बिट्टा ने अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जो तमाम प्रमाण शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत को सौंपे और अदालत ने मोहित सहगल की तरफ से दिए दस्तावेजों को फाइल का हिस्सा बनाया और शिकायतकर्ता की वकील ने कहा इससे पहले भी टांग की तकलीफ के चलते फर्जी मेडिकल के आधार पर पेशी छूट ले चूका है आरोपी एमएस बिट्टा कहता है उसकी टांग में तकलीफ है वह अपाहिज है उसके बावजूद भी आरोपी हजारो किलोमीटर का सफर करता है घूमता है सिर्फ अदालत में आते हुए एमएस बिट्टा की टांग में तकलीफ होती है और आरोपी एमएस बिट्टा को और कई खुलेआम घूमने में दिक्कत नहीं पर अदालत में आने से उसे सुरक्षा का खतरा होता है जो शिकायतकर्ता की एप्लीकेशन इसी अदालत में विचाराधीन है l वही,दोनों पक्षों की बहस के बाद जे.एम.आई.सी कीर्ति वसिष्ठ ने बिट्टा की पेशी छूट पर कहा की अदालत को इस बात से कुछ नहीं लेना की आरोपी एमएस बिट्टा जेड प्लस सुरक्षा में है इसलिए आरोपी अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करें और 20 फरवरी को अदालत में पेश हो l ज्ञात रहे अम्बाला की महिला को वर्ष 2011 में अश्लील इशारे किये थे जिसमे आज बिट्टा आरोपी है नीलम शर्मा ने कहा अपने आप को देशभक्त कहलाने वाला बिट्टा महिलायों व अदालत की कितनी इज्जत करता है यह नजर आ रहा है नीलम शर्मा ने कहा इससे पहले भी आरोपी एमएस बिट्टा चंडीगढ़ में महिला को अश्लील इशारे कर चुका है l नीलम शर्मा ने कहा उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है लेकिन वह सजा करवाकर ही दम लेगी l

 कोर्ट ने कहा-बिट्टा को 20 फरवरी को अगर पेश ना हुई तो होगी कारवाई,शिकायतकर्ता नीलम शर्मा के वकील चन्द्रमोहन सहगल व मोहित सहगल ने बिट्टा की पेशी से छूट की एप्लीकेशन पर की जमकर की बहस,कहा-अदालत से ऊपर बनने की कौशिश कर रहा है बिट्टा,2 दिन पहले देर शाम अम्बाला मॉडल टाउन आया था उसके तमाम दस्तावेज वकील ने कोर्ट को सौंपे जिसे अदालत ने फाइल पर लिया पहले भी फर्जी मेडिकल भेजकर पेशी छूट ले चूका है आरोपी जिस पर कोर्ट ने लिया था गंभीर संज्ञान

अश्लील इशारे के आरोपी बिट्टा, खुद अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर 20 फरवरी को हों अदालत में पेश Read More