Drugs Worth ₹1,000 Crore Seized in Haus Khas Delhi, ₹3,000 Crore Narcotics Confiscated in Pune-Delhi Combined

Pune police’s recent crackdown marks a historic milestone with the seizure of drugs worth over ₹1,000 crore. Police Commissioner Amitesh Kumar revealed in a press conference that the Crime Branch team confiscated 600 kilograms of methamphetamine valued at ₹1,100 crore within two days.

New Delhi: Pune police, in a major operation, seized drugs worth over ₹1,000 crore in the Haus Khas area of Delhi. Pune police have been actively conducting raids on drug-related activities. Previously, Pune police, with the assistance of the Crime Branch, seized drugs worth over ₹100 crore from Pune’s Vishrantwadi area.

Following this success, Pune police conducted raids in the Haus Khas area of Delhi. Pune has now seized drugs worth ₹1,100 crore, while Delhi also recorded a haul of ₹1,000 crore. Police have seized approximately ₹3,000 crore worth of drugs from Delhi and Pune.

It is reported that this is the largest operation in the history of Pune police. Police Commissioner Amitesh Kumar revealed in a press conference that the Crime Branch team confiscated 600 kilograms of methamphetamine valued at ₹1,100 crore within two days. In this case, a factory owner named Anil Sable was arrested from Dombivali, Maharashtra.
Earlier, on February 19, Pune police’s Crime Branch seized 55 kilograms of methamphetamine (MD) in a late-night operation. Subsequently, a chemical company in Kurukshetra was raided, leading to the seizure of MD drugs. Police are investigating whether there is a connection between this drug racket and drug lord Lalit Patil. This operation conducted by the Crime Branch raises concerns about the expansion of the drug trade.

It is worth mentioning that on Monday, the Crime Branch arrested three drug traffickers in Pune and seized 3.5 crore worth of methamphetamine (MD) from their possession. This drug trafficking racket was being operated from a godown in Gorakhdham, and police suspect the involvement of international traffickers.

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Delhi Violence left Students

दिल्ली हिंसाः 24 फरवरी को परीक्षा देने गई थी आठवीं की छात्रा, अब तक है लापता

रविवार से उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुरू हुई हिंसा अब खत्म हो चुकी है और दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस बीच बीच खजूरी खास इलाके में तीन दिन पहले यानी सोमवार(24 फरवरी) को परीक्षा देने के लिए स्कूल गई 13 वर्षीय छात्रा का कोई पता नहीं है। वह आज तक घर नहीं लौटी है।

पुलिस ने इस मामले में बताया कि आठवीं कक्षा की छात्रा सोनिया विहार में अपने माता-पिता के साथ रहती है और वह सोमवार को सुबह अपने घर से करीब 4.5 किलोमीटर दूर स्थित अपने स्कूल परीक्षा देने गई थी लेकिन तब से लौटी नहीं है।

रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करने वाले उसके पिता ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे शाम पांच बजकर 20 मिनट पर उसे स्कूल से लेने जाना था। लेकिन मैं हमारे इलाके में चल रही हिंसा में फंस गया। तब से मेरी बेटी लापता है।’

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘गुमशुदगी’ की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और लड़की की तलाश चल रही है। मौजपुर के विजय पार्क निवासी एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि दो दिन से शिव विहार के एक घर में फंसे उनके परिवार के सदस्यों से मंगलवार रात से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

70 वर्ष की आयु के आसपास के मोहम्मद सबीर ने कहा, ‘‘मेरा मदीना मस्जिद के पास शिव विहार में भी एक मकान है। मेरे दो बच्चे वहां रहते हैं, दो यहां विजय पार्क में मेरे साथ रहते हैं। इलाके में हिंसा के कारण मेरा उनसे संपर्क नहीं हो सका और गत रात से उनसे कोई संपर्क नहीं है।’’

Delhi violence

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘उन्होंने कल मुझे घर को भीड़ द्वारा घेरे जाने के बारे में बताया था और वे भाग निकले लेकिन मुझे मालूम नहीं है कि अब वे कहां हैं। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और पुलिस से मेरी अपील है कि कृपया हमारी मदद कीजिए।’’

मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, घोंडा समेत उत्तरपूर्वी दिल्ली के आवासीय इलाकों में सोमवार से हो रही हिंसा में कम से कम 34 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए हैं।

दंगाग्रस्त इलाकों में सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बल के कर्मी मौजूद है जिससे बुधवार को कुछ हिस्सों में अजीब से खामोशी छाई रही लेकिन लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा में अभी तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई है और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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Abhinandan Delhi police

‘अभिनंदन’ मूंछों के फैन थे रतन लाल, अधूरा रह गया बच्चों से किया यह वादा

  • CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत
  • रतन लाल की मौत के बाद परिवार में कोहराम, मां को अबतक नहीं दी गई बेटे की मौत की जानकारी
  • हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बड़े फैन थे, वैसे ही रखते थे मूंछें
  • राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे

नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध एक भयावह शक्ल में तब्दील हो चुका है। दिल्ली में फिर से गाड़ियां फूंकी गईं, पत्थरबाजी की गई, लाठीचार्ज हुआ और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। मौत के बाद रतन लाल की जिंदगी के तमाम किस्से, बच्चों से वादे, उनका घर-परिवार सब एक लंबी खामोशी में डूब गया है। वैसे पता है आपको जांबाज रतन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के ‘जबरा’ फैन थे।
पिछले वर्ष 27 फरवरी को हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल अपने साथियों और वरिष्ठ लोगों के साथ अपनी मूंछों को लेकर बातचीत कर रहे थे। जिक्र इस बात का था कि रतन लाल की मूछें विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की तरह हैं। वही अभिनंदन, जिन्होंने पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था। ठीक एक साल बाद 42 वर्षीय पुलिसकर्मी रतन लाल की नॉर्थईस्ट दिल्ली में दंगाइयों को अदम्य साहस से रोकने का प्रयास करते हुए जान चली गई। रतन लाल ने वर्ष 1998 में बतौर कॉन्स्टेबल दिल्ली पुलिस को जॉइन किया था।

 

‘ रतन लाल थे जांबाज ‘
लाल वर्तमान में गोकुलपुरी में तैनात थे। इस घटना में एसीपी भी जख्मी हो गए हैं। रतन लाल को उनके साहस के लिए जाना जाता था। वह गोकुलपुरी पुलिस की ओर से की गईं कई छापेमारी का हिस्सा भी रहे। लाल कुछ वर्षों से अडिशनल डीसीपी ब्रजेंद्र यादव को रिपोर्ट कर रहे थे। ब्रजेंद्र कहते हैं, ‘रतन एक ऐसा पुलिसकर्मी थे, जो सकारात्मकता के साथ-साथ ऊर्जा से भरे हुए रहते थे।’

अबतक मां को नहीं दी गई ख़बर
राजस्थान के सीकर में एक सामान्य परिवार में जन्मे रतन लाल अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों (दो बेटियां- उम्र 11 और 12 साल, एक आठ वर्षीय बेटा) के साथ नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी में रहते थे। उन्होंने अपने बच्चों से वादा किया था कि इस बार वे सभी अपने गांव टीहावाली में होली मनाएंगे। महज दस दिन पहले बच्चों ने अपना पिता खो दिया। बेटे की मौत की ख़बर अबतक मां को नहीं दी गई है।

‘…और बंद कर दी गई टीवी’
परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘मेरे रिश्तेदार ने हमें मौत की सूचना दी। हमने तुरंत टीवी बंद कर दी ताकि मां कुछ भी न देख सकें। वह जानती हैं कि हम उनसे कुछ छिपा रहे हैं क्योंकि आमतौर पर जितने लोग हमसे मिलने आते हैं, उससे ज्यादा लोग इस दौरान मुलाकात के लिए आ रहे हैं।वह नहीं जानतीं कि सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल किया जाता है तो उन्हें ऑनलाइन भी अबतक मौत की सूचना नहीं मिल सकी है।’

‘एक माह पहले आए थे गांव’
रतन के छोटे भाई दिनेश कहते हैं, ‘वह एक देशभक्त थे। वह हमेशा इस वर्दी के लिए खुद को कुर्बान करना चाहते थे। उनमें अपार धैर्य था। हमने उन्हें कभी चीखते या लोगों पर चिल्लाते हुए नहीं सुना था। एक महीने पहले जब एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी तभी वह गांव आए थे।’

 

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निर्भया की मां :दोषियों के वकील ने दी थी चुनौती, ये फांसी अनंतकाल तक नहीं होगी

2012 Delhi gang rape
निर्भया के दोषियों की फांसी एक बार फिर रोक लग गई है। कोर्ट के अगले आदेश तक इन दरिंदों को फांसी नहीं दी जा सकती है। इस फैसले पर निर्भया की मां काफी भावुक हो गईं और रोते हुए कहा कि दोषियों के वकील ने चुनौती दी थी कि यह फांसी अनंतकाल तक नहीं होगी और उन्होंने इसे सही साबित कर दिया है।

उनका कहना है कि आखिर मुजरिम जो चाहते थे वो गया है। इस पर सरकार को कोर्ट और सरकार पर विचार करना चाहिए। अब तो ऐसा लग रहा है जैसे सभी लोग मुजरिमों का साथ दे रहे हैं। जब निर्भया की मां से सवाल किया गया कि क्या अभी भी आपको कानून पर विश्वास है तो उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। लेकिन सरकार और कोर्ट पर विचार करना चाहिए।

इसके साथ ही निर्भया का पक्ष रखने वाली वकील के भी आंसू आ गए और उन्होंने कहा कि न्याय में काफी देरी हो रही है। लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि जबतक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं हो जाती वो हार नहीं मानेंगी।

बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपियों को कल सुबह (एक फरवरी) फांसी नहीं होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है।  दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट ने अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के डेथ वारंट को रद्द कर दिया है।

सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल ने कोर्ट से कहा है कि चाहें तो एक फरवरी को तीन दोषियों को फांसी दी जा सकती है। वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने दलील दी कि फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा देनी चाहिए। क्योंकि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन है, जबकि अक्षय और पवन के कानूनी उपाय भी बाकी हैं। अक्षय की दया याचिका बाकी है। पवन ने अभी तक उपचारात्मक याचिका दायर नहीं की है।

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Sharjil Imam arrested through his girlfriend

कैसे कराया गर्लफ्रेंड ने शरजिल इमाम को गिरफ्तार ?

How Girlfriend arrested Sharjil Imam

पुलिस टीम ने सोमवार रात को शरजील के दोस्त और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान सामने आया कि शरजील अंडरग्राउंड होने के बाद से केवल अपनी प्रेमिका के संपर्क में था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उसकी प्रेमिका से संपर्क किया। शरजील की प्रेमिका ने उसे फोन कर मलिक टोला गांव के पास इमामबाड़ा में मिलने के लिए बुलाया। जहां पुलिस ने उसे जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। शरजील की प्रेमिका ने उसकी गिरफ्तारी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
Victim of CAA NRC

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा शरजील को लेकर बुधवार दोपहर राजधानी लौट आई। शरजील की गिरफ्तारी में उसकी प्रेमिका ने बड़ी भूमिका निभाई है। दो दिन से बिहार में छापेमारी करने पहुंची पांच सदस्यों की पुलिस टीम को जांच के दौरान शरजील और उसकी प्रेमिका के संपर्क में होने की बात पता चली थी। जिसके बाद पुलिस ने उससे संपर्क किया और उसकी मदद ने शरजील को गिरफ्तार किया।
शरजील की गिरफ्तारी के लिए बिहार पहुंची दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम के सदस्यों की बिहार पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। सोमवार रात को जब दिल्ली पुलिस शरजील के घर छापेमारी के लिए पहुंची थी तो स्थानीय पुलिस उसके साथ नहीं थी। गांव के लोगों से सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस वहां पहुंची और दिल्ली पुलिस से उलझ गई। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद दोनों टीमों ने शरजील को गिरफ्तार कर लिया।

450 संधिग्द मोबाइल नंबर 
शुरुआती जांच के बाद पुलिस को शरजील की कॉल डिटेल से 450 संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि इन नंबरों में जामिया, अलीगढ़ हिंसा से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस ने इन सभी नंबरों को जांच के दायरे में रखा है। इन सभी लोगों के बारे में शरजील से पूछताछ होगी।
गिरफ्तारी के बाद शरजील ने पुलिस को बताया कि उसका मोबाइल खो गया है। ऐसे में उसने पुलिस को अपना मोबाइल फोन नहीं दिया है। पुलिस टीम ने नया मोबाइल लेकर शरजील के नंबर का व्हाट्सएप शुरू किया, जिसके डाटा की जांच में पुलिस को पता चला कि शरजील से पीएफआई से जुडे़ कुछ लोग भी संपर्क में थे। जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि शरजील की अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि वो ऐसे कुछ लोगो के संपर्क मे था, जो पीएफआई से जुडे़ हुए हैं। गत दिनों जांच एजेंसियों ने दिल्ली व देश भर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई के खातों से ही पैसा देने की बात कही थी। लिहाजा इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं शरजील भी पीएफआई से सीधे तौर पर तो नहीं जुड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि आरंभिक पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने शरजील से जुड़े दो वीडियो जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला भेज दिए हैं, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि शरजील ने जो भाषण दिए उनमें किसी भी तरह से कोई मिलावट नहीं की गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफएसएल से आई रिपोर्ट को दिखाकर भी शरजील से पूछताछ होगी, जिससे सच सामने आ सके। इसके लिए शरजील की आवाज का नमूना भी लिया जा रहा है, इस आवाज से सीडी में मौजूद आवाज का मिलान किया जाएगा।

13 जनवरी को दिया था पहला भाषण 
पुलिस की जांच में सामने आया है कि शरजील ने 13 जनवरी को पहला विवादित भाषण दिया था। अब पुलिस जानना चाहती है कि देश तोड़ने वाला जो भाषण शरजील ने दिया, उसकी स्क्रिप्ट तैयार करने में किन लोगों ने उसकी मदद की थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस जानना चाहती है कि शरजील ने देश तोड़ने वाला भाषण क्यों दिया और अलीगढ़ व जामिया में भाषण देते समय कौन लोग उसके साथ मौजूद थे। साथ ही 13 दिसबंर को वह किन लोगों के साथ जामिया के बाहर था? एफआईआर होने के बाद किन लोगों के संपर्क में था और किन लोगो ने उसे छुपाने में मदद की?
मुकदमा दर्ज होने के फौरन बाद शरजील फरार हो गया था। शरजील ने अपने भाषणों में देश को बांटने की बात कही थी। उसने दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत पटना में भी भाषण दिए। ऐसे में पुलिस अब शरजील को जामिया और अलीगढ़ ले जाने की तैयारी कर रही है जिससे वीडियो में दिखाई दे रही जगहों को चिन्हित किया जा सके।

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शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार, असम पर भड़काऊ विडियो हुआ था वायरल

देश को टुकड़ों में बांट देने जैसा विवादित भाषण देने के बाद छिपते फिर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है। असम को भारत से अलग करने के भड़काऊ बयान के बाद शरजील चर्चा में आया था। बताया जा रहा है कि शरजील को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया है। इससे पहले उसके भाई को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। शरजील की गिरफ्तार के बाद उसके वकील ने कहा है कि शरजील ने पहले सरेंडर किया है, फिर उसे गिरफ्तार किया गया है। शरजील के खिलाफ पांच राज्‍यों में केस दर्ज हैं।

  • असम पर विवादित बयान देने वाले शरजील इमाम को पुलिस ने किया गिरफ्तार
  • बिहार के जहानाबाद से पुलिस ने किया अरेस्ट, भाई को भी हिरासत में लिया था
  • पुलिस की पांच टीमों ने मुंबई, दिल्ली और पटना के कई इलाकों में छापेमारी की थी
  • शरजील ने शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण का आरोप

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दावा किया था कि शरजील जल्द ही मिल जाएगा। उसकी तलाश के लिए गठित पांच टीमों ने मुंबई, दिल्ली, पटना के कई इलाकों में छापेमारी की। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के ही एक आला-अफसर ने सोमवार रात कहा था, ‘वह पुलिस के रेडार से गायब हो चुका है। चिंता है कि नेपाल न निकल गया हो। नेपाल चला गया तो उसे भारत लाने में बहुत पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। क्योंकि तमाम कानूनी अड़चनों से सामना करना होगा।’

आखिरी बार फुलवारी शरीफ में देखा गया शरजील
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के इसी आला-अफसर ने सोमवार को दावा किया था कि 25 जनवरी 2020 को शाम करीब 7-8 बजे के बीच फरार शरजील इमाम को बिहार के फुलवारी शरीफ में एक मीटिंग में आखिरी बार देखा गया था। उसके बाद से ही वह पुलिस के रेडार से गायब था।

शरजील के पिता ने जेडीयू टिकट पर लड़ा चुनाव
शरजील का परिवार मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के काको का रहने वाला है। शरजील के पिता अकबर इमाम जेडीयू नेता थे। कुछ साल पहले उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो चुका है। सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे अकबर इमाम ने साल 2005 में जहानाबाद सीट से जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जेडीयू की गठबंधन सहयोगी होने के नाते उस चुनाव में उन्हें बीजेपी का भी साथ मिला था। हालांकि वह आरजेडी के उम्मीदवार सच्चिदानंद राय से 3000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे।

 

 

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दिल्ली पुलिस को JNU के पांच छात्रों की तलाश, वीसी से कहा- इन स्टूडेंट्स को हमारे सामने पेश करें

jnusu-president-kanhaiya-kumar_650x400_71455290874नई दिल्‍ली: तीन दिन की रिमांड पर चल रहे जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार से पुलिस की पूछताछ जारी है। पुलिस पता लगा रही कि आखिर देशविरोधी नारेबाजी में कन्हैया के साथ कौन-कौन था और कहीं इसके पीछे कोई नक्सली या आंतकी संगठन तो नहीं है।

जेएनयू में 9 फरवरी को हुए कार्यक्रम ‘ए कंट्री विदआउट ए पोस्ट ऑफिस’ की वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने देशविरोधी नारे लगा रहे पांच और छात्रों की पहचान की है। अब पुलिस ने जेएनयू के वाइस चांसलर को खत लिखकर इन सभी छात्रों के बारे में जानकारी देने और पुलिस के सामने उन्हें पेश करने को कहा है।

वहीं, दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी प्रेमनाथ ने भी जेएनयू के वाइस चांसलर को खत लिखकर कहा है कि यूनिवर्सिटी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। हर कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग हो और कार्यक्रमों के दौरान पुलिस को अंदर जाने की अनुमति दी जाए।

हालांकि जेएनयू की तरफ से छात्रों को पेश करने या उनके बारे में जानकारी देने की अब तक कोई पहल नहीं की गई है, लेकिन पुलिस को जानकारी मिली है कि नारेबाजी में 80-90 लोग शामिल थे। इनमें बाहरी कौन था ये ..अब तक साफ नहीं हुआ है।

Source: NDTV

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