आईपीएल : हरभजन सिंह-अंबाती रायडू में कहासुनी, जानिए भज्जी कब-कब रहे हैं विवादों में…

नई दिल्ली: हरभambati-rayudu-mi-v-dd-ipl_650x488_51430854542जन सिंह अपने गर्म मिज़ाज के लिए जाने जाते हैं और कई बार मैदान पर इस रवैये की वजह से वे परेशानी में भी आ चुके हैं। रविवार को वह एक बार फिर विवादों में घिर गए, जब उनकी मुंबई इंडियन्स के साथी खिलाड़ी अंबाती रायडू से कहासुनी हो गई। बात बढ़ी, तो दोनों एक-दूसरे की ओर चल पड़े। जानिए फिर क्या हुआ और वह कब-कब विवादों में रहे,फिर चाहे साइमंड्स के साथ ‘मंकीगेट’ मामला हो या श्रीसंत को थप्पड़ मारना…

रायडू का अच्छा प्रयास, पर भज्जी को रास नहीं आया
हुआ यह कि भज्जी की एक गेंद पर बाउंड्री रोकने के चक्कर में अंबाती रायडू ने छलांग लगाई मगर वे नाकाम रहे। गेंद रायडू के हाथ से उछलकर चौके के लिए चली गई। जाहिर है भज्जी रायडू की इस कोशिश से खुश नहीं थे। भज्जी ने रायडू पर अपना गुस्सा निकाला और कुछ ऐसी बातें और इशारा किया जिससे रायडू भी गुस्से में आ गए।

रायडू भी हुए नाराज
रायडू भज्जी की तरफ चलकर आए और इशारों में कहा कि उनसे जो बन पड़ता था वो उन्होंने किया और भज्जी का इस तरफ उनको भला बुरा कहना ठीक नहीं। भज्जी भी जल्द समझ गए कि रायडू ने अपनी ओर से कोशिश तो पूरी की है और इसीलिए बात अगे बढ़ती इससे पहले उन्होंने रायडू को मनाने की कोशिश की। लेकिन तब तक रायडू का गुस्सा बढ़ चुका था और वे फिर से भज्जी की बातों को अनसुना करके बाउन्ड्री पर फील्डिंग करने चल पड़े।

हरभजन ने श्रीसंत को मारा थप्पड़, सबसे चर्चित रहा विवाद
आईपीएल में अब तक का सबसे चर्चित विवाद हरभजन सिंह और एस. श्रीसंथ के बीच हुआ, जो इसके पहले ही सीजन में घटित हुआ था। किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियन्स के बीच हुए इस मैच में हरभजन जहां मुंबई की ओर से खेल रहे थे, वहीं श्रीसंथ पंजाब की ओर से थे। कहा गया कि हरभजन सिंह ने श्रीसंथ को थप्पड़ मार दिया था। हालांकि बाद में श्रीसंत के मैदान पर ही रोने की फोटो इंटरनेट पर वायरल हो गई थी। इस पर भज्जी को आईपीएल से निलंबित भी कर दिया गया और 5 वनडे के लिए बैन किया गया।

एंड्रयू साइमंड्स के साथ ‘मंकीगेट’ विवाद
जनवरी, 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच ‘मंकीगेट’ विवाद को भला कौन भूल सकता है। सिडनी टेस्ट के दौरान साइमंड्स ने भज्जी पर नस्लीय कमेंट करने का आरोप लगाया था। इसके लिए उन पर लेवल 3 के चार्ज लगाए गए। उन्हें तीन टेस्ट मैचों के लिए बैन किया गया और 50 फीसदी मैच फीस का जुर्माना भी लगाया गया। हरभजन पर बैन लगने से टीम इंडिया के कई खिलाड़ी नाराज हुए। बाद में सचिन तेंदुलकर की गवाही के बाद जज हेनसन ने हरभजन पर लगा बैन हटा लिया। इस विवाद के बाद दोनों टीमों में जबर्दस्त तनाव पैदा हो गया था। बाद में साइमंड्स को अपना आरोप वापस लेना पड़ा।

एनसीए से निकाले गए
हरभजन को उनकी तुनकमिजाजी के लिए भी जाना जाता है। साल 2000 में हरभजन को ट्रेनिंग कैंप के लिए नेशनल क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरू भेजा गया था, लेकिन बाद में हरभजन को अकादमी से बाहर कर दिया गया।  दरअसल भज्जी को यहां सीनियर स्पिनर प्रसन्ना और श्रीनिवास वेंकटराघवन से गेंदबाजी के गुर सीखने थे, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार हरभजन ने अकादमी की गतिविधियों में ढंग से भाग नहीं लिया।

पोंटिंग से विवाद
आईपीएल के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की हरभजन सिंह से काफी तीखी बहस हो गई थी। दरअसल इन दोनों के बीच लंबे समय से तनाव रहा। विवाद की वजह जानने के लिए आपको साल 1998 में जाना होगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज में एक मैच के दौरान हरभजन की गेंद पर पोन्टिंग स्टंप आउट हो गए। इसके बाद इन दोनों में बहस हो गई। इसके लिए हरभजन पर फाइन लगा दिया गया और एक वनडे का बैन भी लग गया।

चैपल की खुलेआम आलोचना
टीम इंडिया के कोच रहे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल को टीम को निचले स्तर पर ले जाने का जिम्मेदार माना जाता है। सितंबर 2005 में जब कप्तान सौरव गांगुली और कोच ग्रेग चैपल के बीच विवाद बढ़ा, तो इसमें हरभजन भी शामिल हो गए। उन्होंने चैपल को उनके व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से लताड़ दिया। भज्जी ने कहा था कि चैपल के तौर-तरीके बहुत कड़े हैं और उनके रवैए से टीम में असंतोष है। इसके बाद पंजाब क्रिकेट बोर्ड ने हरभजन को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा, वहीं BCCI ने भी उन्हें नोटिस जारी कर दिया।

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“लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I” Sarkar Talwar

Shri Sarkar Talwarआज सीधी बात के तहत “दी संडे हेडलाइंस” की संवाददाता सोनल अरोड़ा ने श्री सरकार तलवार, डायरेक्टर स्पोर्ट्स, मानव रचना यूनिवर्सिटी से बातचीत की प्रस्तुत है  बातचीत के कुछ अंश, वैसे तो क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह नाम नया नहीं है I इनका जन्म आगरा, उत्तर प्रदेश में सन 22 सितम्बर 1952 में हुआ I आइये एक नजर डालते है श्री तलवार की उपलब्धियों पर….

नेशनल चैंपियनशिप अवार्ड
खेल में स्नातक करने के साथ लगभग 20 वर्ष पंजाब एवं हरियाणा की रणजी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया I

बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री (1985)
इन्होने 358 विकेट एवं  2000 रन बनाये I 8 रणजी मैच में 45 विकेट लिए जिसके कारण इनको मुंबई में बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री से नवाजा गया I

इंटरनेशनल क्रिकेट कोच  लेवल 4

जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता
सन 1996 में लॉड्स इंग्लैंड में पाकिस्तान को हराकर जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता I

बेस्ट क्रिकेट कोच (1996 – 1997)
इंग्लैंड में वर्ल्ड कप जितने के बाद मिला I

भीम अवार्ड (विशिष्ट खिलाडियों की श्रेणी)
हरियाणा सरकार की तरफ से भीम अवार्ड से सम्मानित किया गया I

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
बी सी सी आई की तरफ से इनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया I

सोनल अरोड़ा : आप खुद को लीडर मानतें है या कुछ और ?
श्री तलवार : लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I     और यही कारण है की मैं स्पोर्ट्स को अलग नजरिये से देख पता हूँ I मैं समझता हूँ की अच्छे लीडर के अंदर अपना नजरिया होना जरुरी है I

सोनल अरोड़ा : क्या अचंभित करती है ?
श्री तलवार :  मुझे ख़ुशी होती है जब मैं  कुछ अलग देखता हूँ आजकल बच्चों के अंदर की प्रतिभा को देखकर अचंभित हो जाता हूँ I उनके अंदर सिखने की ललक को देखकर मुझे अपने पुराने दिन याद आने लगते हैं I और मैं हरसंभव प्रयास करता हूँ जिससे वो कुछ अच्छा प्रदर्शन कर सकें I

सोनल अरोड़ा : आपकी पूंजी क्या है उसपर आप कितना भरोसा करते हैं ?
श्री तलवार :     मेरी पूंजी मेरा आत्मबल है जो हमें बच्चों से मिलता है मैं खिलाडियों को खेलते नहीं उड़ते हुए देखना चाहता हूँ खिलाडियों को सही गाइड लाइन और प्रोत्साहन मिल सके  लिए समय समय पर वैसे खिलाडियों को भी आमंत्रित करता हूँ जो अपनी मेहनत के बल पर आम से खास बन चुकें हैं I

सोनल अरोड़ा : आपको प्रेरणा कैसे मिलती है ?
श्री तलवार : मैं जब भी बच्चों को क्लासरूम में या प्ले ग्राउंड में परफॉर्म करते देखता हूँ मैं  प्रेरित होता हूँ I खेल का जीवन में बड़ा महत्व है यह शारीरिक मानसिक विकास के साथ हमारे जीवनशैली को भी प्रभावित करती हैंI आप अच्छे खिलाडियों  देखकर इसका अंदाजा लगा सकते हैं I

सोनल अरोड़ा : लड़कियों के लिए खेल कितना जरुरी है ?
श्री तलवार : लड़कियां खेल में लड़कों के मुकाबले ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन करतीं है इनके अंदर त्याग की भावना और वचनबद्धता लड़कों की अपेक्षा ज्यादा होती है हमें अपनी सोच बदलनी होगी I जिससे उन्हें बराबरी का दर्ज मिल सके I

सोनल अरोड़ा : आपने कभी किसी को खेल से बाहर किया है ?
श्री तलवार : (मुस्कुराते हुए ) हाँ मुझे याद है एकबार खेल के दौरान एक ट्रेनर थे मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता काफी अनुभवी थे लेकिन उनका व्यव्हार अनप्रोफेशनल सा था खिलाडियों के साथ बात करने का तरीका, मुझे पसंद नहीं आया और मैंने उनको खेल के दौरान ही बाहर किया था I

सोनल अरोड़ा : अंतिम सवाल। … खिलाडियों को आप क्या कहना चाहेंगे ?
श्री तलवार : खिलाडियों से मैं यही कहना चाहूंगा की खेल को ईमानदारी के साथ खेलें सही डिसीजन लेना सीखे कोच की इज्जत करना सीखे I हार से भी सीखे क्योंकि हार के बाद जीत है I

 

Editor : Nitin Garg

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