हल्द्वानी में हुई चोरी का पुलिस ने किया खुलासा

arrestedउत्तराखंड के हल्द्वानी में पिछले दिनों एक शो रूम और एक व्यापारी के घर में हुई लाखों रुपए की चोरियों का खुलासा रविरार को नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कर दिया है. साथ ही पुलिस ने पकड़े हुए चोरों के पास से 80 फीसदी चोरी का सामान और नगदी भी बरामद कर ली है.

पकड़े गए चोर काठगोदाम ढुमवाढूंगा के ही रहने वाले है और शहर में लम्बे समय से चोरी कर रहे थे. पकड़े इन चारों चोरों को अलग-अलग धाराओं में जेल भेज दिया गया है.

वहीं, 24 घंटे के अंदर पुलिस की ओर से चोरी का खुलास करने पर एक पीड़ित व्यापारी ने पुलिस को 50 हजार रुपए का चेक बतौर ईनाम दिया है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक ही शोरूम में चोरों ने दूसरी बार धावा बोलकर कीमती सामान उड़ा दिया. इस घटना के क्षेत्र के व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ रोष बना हुआ था.

चोरों ने नैनीताल रोड पर महिला अस्पताल के पास लुधियाना हौजरी शो रूम मे फिर सेंध लगा दी. छत के रास्ते भीतर घुसे चोर शोरूम से लाखों रुपए की जैकिट और स्वेटर ले उड़े.

 

 

Source: Pradash 18

 

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चीन सीमा पर भारतीय गांव हुए वीरान, सुरक्षा एजेंसियों ने जताई चिंता

29_09_2016-28hld1हल्द्वानी: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगी भारत-चीन सीमा के गांव उजाड़ हो गए है, जबकि ड्रैगन (चीन) अपने सीमावर्ती गांवों को तेजी से आबाद करने में जुटा है। तिब्बत के दो सीमावर्ती गांव दारचिल व कुफू पिछले पांच वर्ष में कस्बे बन गए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सामरिक दृष्टि से इसे बड़ी चिंता माना है और इस संबंध में केंद्र सरकार को सीमांत गांवों को फिर से आबाद करने की सलाह दी है। सीमावर्ती गांवों में नागरिकों को बिना हथियार का सैनिक माना जाता है। उनकी मौजूदगी से सीमा पर कोई भी गतिविधि किसी से छिपी नहीं रह सकती है, लेकिन अब भारतीय गांवों में सन्नाटा पसरा है। लोग पुस्तैनी गांव से पलायन कर चुके हैं। इसके ठीक उलट चीन का फोकस भारतीय सीमा से लगे गांवों में आधारभूत सुविधा बढ़ाने के साथ ही आबादी बसाने पर केंद्रित है। सैनिक छावनी भी सीमा के कस्बों में आबाद हो गई है। भारत की सीमा के सबसे करीब चीन अधिकृत तिब्बत का तकलाकोट बाजार है। यह बड़ी व्यावसायिक मंडी बन चुका है। चीन ने यहां तक फोरलेन सड़क बनाने के साथ ही सैनिक छावनी व एयरबेस तक बना दिए हैं। इसके विपरीत भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस चिंता से भारत सरकार को अवगत कराया है। गांव छोड़ पलायन कर गए लोगों को फिर से गांवों में बसाने के लिए कोई कारगर योजना लागू करने की पैरवी भी की है।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में 12,600 फीट की ऊंचाई पर भारत के अंतिम गांव कुटी, सीपू, तिदांग, गो, मरछा, गुंजी, नपल्च्यू, नाबी गांव भोटिया जनजाति बाहुल्य हैं। एक दशक पहले तक इन आठ गांवों में ही 15 से 20 हजार की आबादी थी।

मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित इस क्षेत्र में अब ढाई सौ की आबादी ही रह गई है। गांव के गांव उजाड़ हो चुके हैं। क्षेत्र में दुनिया के सबसे खूबसूरत ग्लेशियरों में से एक मिलन के गांव भी उजड़ चुके हैं। मिलन गांव में कभी पांच सौ परिवार रहते थे, लेकिन अब महज दो परिवार रह गए हैं। इसकी बड़ी वजह सड़क, शिक्षा, चिकित्सा की सुविधा नहीं होना रहा।

भारत सरकार ने एक दशक पहले चीन सीमा से लगे गांवों को आबाद करने करने के उद्देश्य से बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) शुरू किया था। शुरुआती दौर में इसमें उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल व अरुणांचल के सिर्फ नौ ब्लाकों के गांव शामिल किए गए। बाद में इस योजना में नेपाल बार्डर के गांव शामिल कर योजना का क्रियान्वयन ब्लाक मुख्यालयों से सुपुर्द कर दिया गया। योजना पर आशा के अनुरूप काम नहीं हुआ। स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 में सीमांत जिले पिथौरागढ़ को इस मद में 11.17 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे और महज 25 फीसद भी काम नहीं हो पाया।

पलायन गंभीर चिंता का विषय

आइटीबीपी के सेनानी महेंद्र प्रताप ने बताया कि सीमावर्ती गांवों से पलायन गंभीर चिंता का विषय है। आइटीबीपी इन गांवों में रहने वाले लोगों के लिए अपने स्तर से तथा बीएडीपी मद से कई कार्य कर रही है ताकि लोग गांव में ही रहें। सीमांत क्षेत्र तक बिजली और सड़क जरूरी है। इस समय सरकार क्षेत्र को ऊर्जीकृत कर रही है। सड़क का निर्माण हो रहा है। लोगों को अभी और प्रेरित करने की जरूरत है।

 

 

Source: Jagran

 

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डेंगू के एक दर्जन मरीज मिलने से हड़कंप

सुशीला तिवारी अस्पताल में डेंगू के एक दर्जन मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। ओपीडी में चार मरीजों की जांच कराने और सूचना न देने पर सीएमओ एवं एसटीएच प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। सीएमओ ने आईडीएसपी सेल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
सुशीला तिवारी अस्पताल में लालकुआं निवासी भगवती देवी (60) को 18 जुलाई को भर्ती कराया गया था और 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया। बाजपुर की मेहता कॉलोनी निवासी सुरेंद्र (03) को 18 जुलाई को भर्ती किया गया और 22 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया। वहीं, बरेली निवासी रूबिया (40) 23 जुलाई को भर्ती हुई, जिसे 24 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया। इसी तरह बिलासपुर (रामपुर) निवासी जावेद अली (55) 23 को भर्ती हुए और 24 को डिस्चार्ज हुए। जबकि, खटीमा निवासी मनोज धामी (17) 16 जुलाई को भर्ती हुए और 24 जुलाई को डिस्चार्ज हो गए।

इसके अलावा सिमरन (29), ममता (22) और इमरान 25 को एसटीएच में भर्ती कराया गया था। सूत्रों की मानें तो कुछ मरीजों के डिस्चार्ज पर मलेरिया, डेंगू और टायफायड तीनों निगेटिव दिखाए गए हैं। जबकि, आईजीएम कार्ड में डेंगू पॉजिटिव था। सवाल ये उठता है कि डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स कम होने पर ही भर्ती किया जाता है और इतनी जल्दी डिस्चार्ज कैसे कर दिया गया।

दूसरी ओर सीएमओ डॉ. एलएम उप्रेती ने बताया कि मंगलवार को एसटीएच की ओपीडी में चार मरीजों की जांच कराई गई। चार मरीजों में भी डेंगू पॉजिटिव होने की बात सामने आ रही है। डेंगू के मरीजों का नाम और पता नहीं नोट किया गया। सीएमओ ने आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) सेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस की प्रति मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को भी भेजी गई है।

कोट
प्लेटलेट्स कम होने पर लोग घबरा जाते हैं और डेंगू समझकर आ जाते हैं। मरीज में अगर डेंगू के लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो भर्ती करने का कोई औचित्य नहीं है।
– डॉ. सीपी भैसोड़ा, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी।

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उत्तराखंड में अगले 36 घंटे तक भारी बारिश का अनुमान

gangotri-kedarnath_road_closed_30_05_2016नैनीताल। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर मौसम का असर पड़ रहा है। बीते दिनों से जारी बारिश से जहां कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहीं मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।

नैनीताल, अल्मोड़ा और देहरादून में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। साथ ही बद्रीनाथ और केदारनाथ में भी भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया गया है। केदारनाथ में चार धाम की यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को सेफ जोन में रोका गया है।

इसे पहले शनिवार को उत्तराखंड में तीन जगहों पर बादल फटने से इस प्रसिद्ध तीर्थयात्रा पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में बादल फटने से अब तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

रविवार रात तेज बारिश से नैनीताल से कालाढूंगी को जोड़ने वाली सड़क पर भूस्खलन हो गया। दोनों और करीब एक किमी का जाम लग गया है। सड़क बंद होने से पर्यटकों के साथ ही दूधिये और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं फंस गए हैं।

खुरपाताल के प्रधान मनमोहन कनवाल ने बताया की जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर चार स्थानों पर सड़क पर मलबा आया है। विशालकाय पेड़ गिरे हैं। लोनिवि की ओर से मलबा हटाने के दो जेसीबी लगाई गई हैं।

उधर, आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल-हल्द्वानी और नैनीताल-भवाली मार्ग पर जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरे हैं, अलबत्ता-कालाढूंगी रोड छोड़कर अन्य सड़कों पर यातायात सुचारू है।

Source: नई दुनिया
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ब्रॉडी के षड़यंत्र में फंसे खली, रेसलरों के ‘ट्रिपल अटैक’ में लहूलुहान

great-khali-injuredहल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में आयोजित भारत के पहले रेसलिंग शो में द ग्रेट खली पर तीन रेसलरों ने एक साथ हमला कर लहूलुहान कर दिया। मालूम हो कि तीन दिन पहले ब्रॉडी स्टील ने डेथ वारंट साइन करने की चुनौती दी थी जिसे खली ने कबूला था। ऐसे में बुधवार को हुए मैच के दौरान दोनों एक दूसरे को मारने के इरादे से ही रिंग में उतरे थे।

लेकिन रिंग में खली और ब्रॉडी की फाइट में ब्रॉडी को पिटता देख माइक नॉक्स और अपोलो भी रिंग में उतर गए। तीनों ने मिलकर रिंग में खली पर कुर्सी और लात से सिर, सीने, गर्दन और पीठ पर ताबड़तोड़ प्रहार किए। लहूलुहान खली को रिंग से स्ट्रेचर में ग्रीन रूम ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बृजलाल अस्पताल ले जाया गया।

इस फाइट पर रेफरी ने कोई फैसला नहीं दिया है। इस फाइट का फैसला देहरादून में 28 फरवरी को होगा। डॉक्टरों ने देर रात बताया कि बेहतर इलाज के लिए खली को बृहस्पतिवार सुबह दून एयर लिफ्ट किया जाएगा। वहीं एक अन्य फाइट में कनाडा की महिला रेसलर चेल्सिया का हाथ फ्रेक्चर हो गया है। उन्हें भी खली के साथ्‍ा एयर लिफ्ट किया जाएगा।

 

Source : Munnajeet Mandal

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