Navigating the Path to Your Work Visa: A Comprehensive Guide

Empowering Your Journey to International Employment

Are you ready to embark on an exciting career journey abroad? Securing a work visa is often the first step toward making your professional dreams a reality. In this comprehensive guide, we’ll walk you through everything you need to know about obtaining a work visa, empowering you to navigate the process with confidence and clarity.

 

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FAQ: Frequently Asked Questions

Q: How do I begin the process of obtaining a work visa? A: The process typically starts with securing a job offer from an employer in your desired country. Once you have a job offer, you can proceed with the visa application process.

Q: What documents are typically required for a work visa application? A: While requirements may vary depending on the country and visa type, common documents include a valid passport, job offer letter, proof of qualifications, financial statements, and medical clearance.

Q: How long does it take to get a work visa? A: The processing time for a work visa varies depending on the country and the complexity of your application. It’s essential to start the process well in advance to allow for any potential delays.

Q: Are there any restrictions or eligibility criteria for obtaining a work visa? A: Each country has its own set of eligibility criteria and visa regulations. Factors such as your qualifications, work experience, and the demand for your skills in the destination country may influence your eligibility.

Q: Can I apply for a work visa without a job offer? A: In some cases, certain countries offer visa options for individuals seeking employment opportunities independently. However, securing a job offer beforehand can streamline the visa application process.

Q: What should I expect during the visa interview? A: The visa interview is an opportunity for immigration officials to assess your eligibility and intentions for seeking employment in their country. It’s essential to be prepared to answer questions about your qualifications, work experience, and reasons for choosing to work in their country.

Embark on your journey to international employment with confidence, armed with the knowledge and resources to navigate the work visa process successfully. Your dream career abroad awaits – let’s make it a reality together!
Source: Sareen Schengen Consultancy

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जानें कैटरीना से ब्रेक‍अप को लेकर क्‍या बोले रणबीर, ऐसे हुई थी पहली मुलाकात ?

katrina-kaif-ranbir-kaapoorअभिनेता रणबीर कपूर ने पहली बार कैटरीना कैफ संग अपने ब्रेकअप को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है. इस साल की शुरुआत में दोनों एकदूसरे से अलग हो गये थे. इसके बाद लोगों को लगा कि शायद दोनों इस रिश्‍ते को एक दूसरा मौका दे सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और दोनों अपने-अपने रास्‍तों में आगे बढ़ गये|

एक इंटरव्यू के दौरान रणबीर ने अपने अंदर छुपी बातों को सबके सामने खोल दिया. उन्‍होंने कहा,’ उन दिनों इस रिश्‍ते के टूटने की कई वजहें थी, जिसमें आधारहीन अफवाहें और खबरें भी शामिल है. ब्रेकअप का दर्द होता है. कैटरीना मेरी जिदंगी में मेरे माता-पिता के बाद सबसे प्रभावशाली महिला थी|

दोनों की मुलाकात वर्ष 2009 की फिल्‍म ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ के दौरान हुई थी. रणबीर उस समय दीपिका पादुकोण के साथ थे और कैटरीना सलमान खान के साथ. लेकिन 2010 में खबरें आई कि रणबीर का दीपिका से और कैटरीना का सलमान से ब्रेक‍अप हो गया है|

वर्ष 2012 में दोनों के करीब आने की खबरें आने लगी. इसके बाद 2013 में कैटरीना और रणबीर स्‍पेन में छुट्टियां मनाते नजर आये. दोनों की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी और इसके बाद दोनों की डेटिंग की खबरें आने लगी|

र्ष 2014 में दोनों ने अग-अलग इंटरव्‍यू में कहा कि दोनों एकदूसरे की जिंदगी में एक खास जगह है. इसके बाद कंफर्म हो गया कि दोनों रिलेशनशिप में हैं. रिपोर्टस की मानें तो इसी साल रणबीर अपने माता-पिता का घर छोड़कर कैटरीना के साथ लिव-इन में रहने लगे थे. रणबीर की मां नीतू कपूर ने कैटरीना के साथ अपनी एक तस्‍वीर इंस्‍टाग्राम पर शेयर की थी|

वर्ष 2015 में खबरें आई कि दोनों सगाई करनेवाले हैं और इसी साल के अंत तक दोनों शादी कर सकते हैं. लेकिन साल की शुरुआत में ही दोनों के अलग होने की खबरों ने सबको चौंका दिया. रणबीर फिर से अपने मां-पिता के साथ शिफ्ट हो गये|

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मोती लाल गुप्ता मेहंदी किंग से साईं सेवक बन समाज में बनाई एक विश्वसनीय पहचान

motilal guptaपीपल के पत्ते जैसे ना बनो जो वक़्त आने पर सुख जाते है बनना है तो मेहंदी के पत्तों सा बनो जो खुद पीस कर भी दुसरो की ज़िन्दगी मे रंग भर जाते है। कुछ इसी तरह  की सोच है फरीदाबाद के समाजसेवी और उद्योगपति मोतीलाल गुप्ता की जो 78 साल की उम्र मे अपने दम पर एन जी ओ चला रहे है और एक नहीं , दो नहीं , 1100 बच्चो को शिक्षा भी मुहैया करा रहे है। दरअसल मोती लाल गुप्ता ने सन 1987 मे अपनी ही ज़मीन पर साईं बाबा का मंदिर बनवाया जो तिगांव रोड पर स्थित है। ये मंदिर अब साईं धाम के नाम से जाना जाता है।

ऐसे हुई शुरुआत :- मोतीलाल गुप्ता एक साईं भक्त है। वो निरंतर साईं मंदिर मे प्रसाद बांटने जाया करते थे। लेकिन वहां उन्होंने देखा की छोटे-छोटे बच्चे भीख मांग रहे थे। उनके कपडे और हालत देखकर उनकी निरक्षरता का साफ़ पता चल रहा था। ये सब देखकर मोतीलाल गुप्ता को काफी दुःख हुआ। तभी उन्होंने उन जैसे बच्चों  का भविष्य संवारने का निर्णय लिया। उन्होंने गलियों और मंदिरों से छोटे-छोटे बच्चों को इकट्ठा किया। सबसे पहले एक छोटे से कमरे में 67 बच्चों को बैठाकर उनकी पढ़ाई शुरू कराई लेकिन फिर भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिल पाई। धीरे-धीरे उन्होंने और अधिक प्रयास किये और 12 अप्रैल 2004 को अपने ही बनाए हुए साईं मंदिर के पास साईं धाम के नाम से स्कूल खोला। शुरुआत में स्कूल को चलने मे काफी दिक्कतें आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज उसी प्रयास का नतीजा है कि उसी स्कूल मे 1100 बच्चों  की ज़िन्दगी संवारी जा रही है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को सारी सुविधाएँ  दी जाती है। जैसे स्कूल यूनिफार्म, स्टेशनरी, नाश्ता, खाना आदि। मोतीलाल जी के इस काम में अन्य सामाजिक लोगों ने भी आर्थिक रूप से उनकी काफी मदद की। जैसे यू एस की एक एन जी ओ होम ऑफ़ होप ने साईं धाम स्कूल मे कंप्यूटर लैब खोलने के लिए लगभग 24 कंप्यूटर दान दिए। साईं धाम मे पढ़ाई के साथ-साथ महिलाओ को भी आत्म निर्भर बनने मे उनकी मदद की जाती है। महिलाओ को फ्री सिलाई-कड़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके साथ-साथ शहर की कंपनियों मे उनकी नौकरी भी लगवायी जाती है ताकि वो अपने सामाजिक रूप को सुधार सके और अपने परिवार की आर्थिक रूप से सहायता कर सके। इस वक़्त अगर बात करे तो लगभग 100 महिलाओ को यहाँ प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 

सिर्फ स्कूल नहीं स्मार्ट स्कूल :- कहने को तो साईं धाम एक एन जी ओ द्वारा चलाया जा रहा स्कूल है लेकिन अगर सुविधाओ की बात करे तो किसी प्राइवेट स्कूल से ज्यादा सुविधाये इस स्कूल में उपलब्ध है। प्राइवेट स्कूलों की तरह इस स्कूल मे भी शानदार बिल्डिंग,कंप्यूटर लैब,केमिस्ट्री लैब,फीजिक्स लैब,स्मार्ट क्लास के साथ-साथ खेलो के लिए की भी सारी आधुनिक सुविधाये उपलब्ध है। साईं धाम स्कूल हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। स्कूल मे बच्चो की पढ़ाई के लिए एजुकेटेड टीचर्स का स्टाफ है जबकि खेलों के लिए अलग से कोच रखा गया है।

 

स्कूल मे अन्य सुविधाएँ :- बच्चो के तकनीकी ज्ञान के लिए कंप्यूटर लैब मे NIIT के ट्रेनर्स को रखा गया है। पढ़ाई के साथ-साथ साईं धाम मे 18 होम्योपैथिक डिस्पेंसरी भी है जिसमे लगभग 800 से 1000 लोगो का प्रतिदिन इलाज़ किया जाता है। इस से अलग स्कूल के हर फ्लोर पर तीन टॉयलेट है। स्कूल आई एस ओ सर्टिफाइड है। बच्चो के मनोरंजन के लिए उन्हें अलग-अलग जगह ऐतिहासिक स्थल पर ले जाया जाता है।

हाल ही मे साईं धाम ने उत्तर प्रदेश के निसवारा मे लगभग 6 एकड़ ज़मीन पर एक और स्कूल बनाया है जिसके निर्माण में  एक प्राइवेट कंपनी ने लगभग 30 लाख रुपये का योगदान दिया। इस स्कूल मे लगभग 400 से 500 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इस से अलग दिल्ली के ग़ाज़ीपुर स्लम मे भी 2013 मे एन जी ओ द्वारा एक कोचिंग सेंटर बनाया गया जिसमे 200 बच्चो को कोचिंग दी जा रही है जिसमे से 40% लड़कियां है।

इसके साथ-साथ मोतीलाल गुप्ता जी सामूहिक विवाह भी करवाते है। लगभग 400 से 500 शादियां करवा चुके मोतीलाल गुप्ता हर साल लगभग 100 शादियां करवाते है। इन शादियों का पूरा खर्च ये खुद उठाते है। ये सब गुप्ता जी बिना किसी भेदभाव,जात-पात के करते है। चाहे कोई हिन्दू हो,मुसलमान हो,सिख हो या ईसाई सबकी समान रूप से सहायता करते है। साईं धाम की तरफ से एक पहल की गयी है – जरुरत है मानसिकता बदलने की, जिसका स्लोगन रखा गया-  बेटी बचाओ,बेटी पढाओ,आत्म निर्भर बनाओ,सामूहिक विवाह अपनाओ।

 

लक्ष्य :- मोतीलाल गुप्ता जी का कहना है कि अब उनका एक ही लक्ष्य है और वो है अशिक्षा मिटाना। उनका सपना है कि पुरे देश मे साईं धाम जैसी संस्थाएं खोली जाएँ जिससे गरीब बच्चो को फ्री शिक्षा दी जा सके और उनके भविष्य को सुधारा जा सके। वे चाहते है कि देश के हर बच्चे को अच्छा खाना,अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थय मिले। साथ ही वो लोगो को प्रेरित करना चाहते है कि इस तरह के स्कूल खोले। सामूहिक विवाह को अपनाए ताकि गरीब और अनाथ लड़कियों का विवाह भी अच्छे से संपन्न हो सके। मोतीलाल गुप्ता जी साल 2015 मे तीन बार सामूहिक विवाह करवा रहे है। सामूहिक विवाह की पहली तिथि 19 अप्रैल 2015,दूसरी तिथि 31 मई 2015 और तीसरी तिथि २२ नवंबर 2015 है।
Editor : Nitin Garg

 

 

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“लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I” Sarkar Talwar

Shri Sarkar Talwarआज सीधी बात के तहत “दी संडे हेडलाइंस” की संवाददाता सोनल अरोड़ा ने श्री सरकार तलवार, डायरेक्टर स्पोर्ट्स, मानव रचना यूनिवर्सिटी से बातचीत की प्रस्तुत है  बातचीत के कुछ अंश, वैसे तो क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह नाम नया नहीं है I इनका जन्म आगरा, उत्तर प्रदेश में सन 22 सितम्बर 1952 में हुआ I आइये एक नजर डालते है श्री तलवार की उपलब्धियों पर….

नेशनल चैंपियनशिप अवार्ड
खेल में स्नातक करने के साथ लगभग 20 वर्ष पंजाब एवं हरियाणा की रणजी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया I

बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री (1985)
इन्होने 358 विकेट एवं  2000 रन बनाये I 8 रणजी मैच में 45 विकेट लिए जिसके कारण इनको मुंबई में बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री से नवाजा गया I

इंटरनेशनल क्रिकेट कोच  लेवल 4

जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता
सन 1996 में लॉड्स इंग्लैंड में पाकिस्तान को हराकर जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता I

बेस्ट क्रिकेट कोच (1996 – 1997)
इंग्लैंड में वर्ल्ड कप जितने के बाद मिला I

भीम अवार्ड (विशिष्ट खिलाडियों की श्रेणी)
हरियाणा सरकार की तरफ से भीम अवार्ड से सम्मानित किया गया I

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
बी सी सी आई की तरफ से इनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया I

सोनल अरोड़ा : आप खुद को लीडर मानतें है या कुछ और ?
श्री तलवार : लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I     और यही कारण है की मैं स्पोर्ट्स को अलग नजरिये से देख पता हूँ I मैं समझता हूँ की अच्छे लीडर के अंदर अपना नजरिया होना जरुरी है I

सोनल अरोड़ा : क्या अचंभित करती है ?
श्री तलवार :  मुझे ख़ुशी होती है जब मैं  कुछ अलग देखता हूँ आजकल बच्चों के अंदर की प्रतिभा को देखकर अचंभित हो जाता हूँ I उनके अंदर सिखने की ललक को देखकर मुझे अपने पुराने दिन याद आने लगते हैं I और मैं हरसंभव प्रयास करता हूँ जिससे वो कुछ अच्छा प्रदर्शन कर सकें I

सोनल अरोड़ा : आपकी पूंजी क्या है उसपर आप कितना भरोसा करते हैं ?
श्री तलवार :     मेरी पूंजी मेरा आत्मबल है जो हमें बच्चों से मिलता है मैं खिलाडियों को खेलते नहीं उड़ते हुए देखना चाहता हूँ खिलाडियों को सही गाइड लाइन और प्रोत्साहन मिल सके  लिए समय समय पर वैसे खिलाडियों को भी आमंत्रित करता हूँ जो अपनी मेहनत के बल पर आम से खास बन चुकें हैं I

सोनल अरोड़ा : आपको प्रेरणा कैसे मिलती है ?
श्री तलवार : मैं जब भी बच्चों को क्लासरूम में या प्ले ग्राउंड में परफॉर्म करते देखता हूँ मैं  प्रेरित होता हूँ I खेल का जीवन में बड़ा महत्व है यह शारीरिक मानसिक विकास के साथ हमारे जीवनशैली को भी प्रभावित करती हैंI आप अच्छे खिलाडियों  देखकर इसका अंदाजा लगा सकते हैं I

सोनल अरोड़ा : लड़कियों के लिए खेल कितना जरुरी है ?
श्री तलवार : लड़कियां खेल में लड़कों के मुकाबले ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन करतीं है इनके अंदर त्याग की भावना और वचनबद्धता लड़कों की अपेक्षा ज्यादा होती है हमें अपनी सोच बदलनी होगी I जिससे उन्हें बराबरी का दर्ज मिल सके I

सोनल अरोड़ा : आपने कभी किसी को खेल से बाहर किया है ?
श्री तलवार : (मुस्कुराते हुए ) हाँ मुझे याद है एकबार खेल के दौरान एक ट्रेनर थे मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता काफी अनुभवी थे लेकिन उनका व्यव्हार अनप्रोफेशनल सा था खिलाडियों के साथ बात करने का तरीका, मुझे पसंद नहीं आया और मैंने उनको खेल के दौरान ही बाहर किया था I

सोनल अरोड़ा : अंतिम सवाल। … खिलाडियों को आप क्या कहना चाहेंगे ?
श्री तलवार : खिलाडियों से मैं यही कहना चाहूंगा की खेल को ईमानदारी के साथ खेलें सही डिसीजन लेना सीखे कोच की इज्जत करना सीखे I हार से भी सीखे क्योंकि हार के बाद जीत है I

 

Editor : Nitin Garg

“लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I” Sarkar Talwar Read More