Jammu & Kashmir

आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला पंचायत चुनाव, तारीखों का हुआ ऐलान

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार पंचायत चुनाव हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पहली बार राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। जम्मू-कश्मीर के हर ब्लॉक में खाली पड़े पदों के पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। इस पंचायत चुनाव में बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने दी।

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव 5 मार्च से 20 मार्च तक कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में इस पंचायत चुनाव को 8 चरणों में संपन्न कराया जाएगा। बता दें कि कश्मीर के कुछ इलाकों में चुनाव नहीं कराए जा सके थे। ये चुनाव उन्हीं इलाकों में होंगे।

जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने कहा कि जहां-जहां चुनाव होने हैं, वहां आज से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव आठ चरणों में होंगे। बता दें कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। जिसके बाद कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बन गए थे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सारे चरणों में होने वाले वोटिंग की तारीखों का ऐलान किया। 

पहले चरण का मतदान- 5 मार्च
दूसरे चरण का मतदान- 7 मार्च
तीसरे चरण का मतदान- 9 मार्च
चौथे चरण का मतदान- 12 मार्च
पांचवे चरण का मतदान- 14 मार्च
छठे चरण का मतदान- 16 मार्च
सातवें चरण का मतदान- 18 मार्च
आठवें चरण का मतदान- 20 मार्च

आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला पंचायत चुनाव, तारीखों का हुआ ऐलान Read More

घाटी में अब तक 32 स्कूल जले, बच्चे ने कहा – स्कूल मसजिद के समान

2016_11largeimg05_nov_2016_125133457श्रीनगर: कश्मीर घाटी में चल रही अशांति के दौरान जलाये गये स्कूलों की संख्या बढकर 32 हो गयी है. इस बीच घाटी में स्कूल जाने वाले छात्रों ने  प्रदर्शन के दौरान स्कूलों को निशाना बनाने वाली घटना पर रोष जताया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत के दौरान एक छात्र ने कहा कि हमें स्कूलों में ज्यादा सुरक्षा की जरूरत है. हमारे लिए स्कूल किसी मसजिद से कम नहीं है.

घाटी में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद भड़की हिंसा के बाद स्कूलों को क्षतिग्रस्त करने की घटना बदस्तूर जारी है. पुलिस के एक अधिकारी ने आज बताया कि कल रात बांदीपोरा जिले के सैदनगर के  एक गवर्नमेंट हाई स्कूल की पुरानी इमारत (जिसमें प्राथमिक स्कूल है) में आग लग गई. उन्होंने कहा कि दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे लेकिन इमारत को नष्ट होने से नहीं बचाया जा सका.

पुलिस ने बताया कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गयी है. बीती आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा एक मुठभेड में मार गिराने के बाद से कश्मीर में हुई अशांति में 32 स्कूलों को निशाना बनाया गया है. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते घटना का स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार को स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था|

 

 

Source: प्रभात खबर

घाटी में अब तक 32 स्कूल जले, बच्चे ने कहा – स्कूल मसजिद के समान Read More

जम्मू: आरएस पुरा में 23 घंटे से फायरिंग, BSF ने ढेर किए 3 पाक सैनिक, 6 चौकियां भी की तबाह

firing_102616075355जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. मंगलवार रात आरएसपुरा सेक्टर और अरनिया में ये फायरिंग हुई है. इस फायरिंग को 20 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है. बीएसएफ ने भी पाकिस्तानी रेंजर्स की 5-6 चौकी को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, तीन पाकिस्तान जवान भी मारे गए है|

इस फायरिंग में 11 नागरिकों के घायल होने की भी खबर है. कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

पाकिस्तान के सिविल एरिया और कई पोस्ट्स पर भारी नुकसान होने की खबर है. सीमापार से लगातार मोर्टार दागे जा रहे हैं. छोटे हथियारों के अलावा 82 एमएम और 120 एमएम के मोर्टार गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह 10 बजे से बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और हमारी चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और छोटे हथियारों से गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि हमारे सैनिकों की जवाबी गोलीबारी में दो से तीन पाकिस्तानी जवान मारे गए हैं.’ गोलीबारी अब भी चल रही है. एक मोर्टार आरएसपुरा के सुचेतगढ़ सेक्टर के एक घर पर जा गिरा जिससे उसमें रहने वाले एक परिवार की छह महिला सदस्य घायल हो गईं|

 

 

 

Source: Aaj Tak

जम्मू: आरएस पुरा में 23 घंटे से फायरिंग, BSF ने ढेर किए 3 पाक सैनिक, 6 चौकियां भी की तबाह Read More

विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक

army-surgical-strikes-loc_650x400_71475656584नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.

करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए|

  1. विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति को जानकारी दी
  2. उन्होंने कहा, यह पहला मौका जब सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक किया
  3. जयशंकर की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है

नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.


करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए.


हमले में आतंकवादियों के हताहत होने के बारे में सवाल किए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि सेना नियंत्रण रेखा के पार हमले करने गयी थी न कि सबूत एकत्र करने. बैठक के दौरान बीजेपी और वाम दल के एक सदस्य के बीच शब्दों का आदान प्रदान हुआ जब हमलों के बाद सांसदों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. कुछ सदस्यों ने कहा कि बैठक का विषय निजी सुरक्षा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है.

विशेष सचिव आंतरिक सचिव एम के सिंघला ने अति महत्वपूर्ण लोगों को दी जा रही सुरक्षा के बारे में समिति को सूचित किया. बैठक में रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के के शर्मा भी शामिल हुए. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी समिति के सदस्य हैं. एक सदस्य ने कहा कि वह बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा.

विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक Read More

जम्मू-कश्मीर रवाना हुए राजनाथ, लद्दाख में करेंगे सरहदी इलाकों में सुरक्षा की समीक्षा

rajnath-singh_147547347540_650x425_100316111626-1केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर लेह पहुंच गए हैं. वो यहां लद्दाख के सरहदी इलाके में सुरक्षा की समीक्षा करेंगे. लेह पहुंचने के बाद राजनाथ ने कहा कि भारतीय सेना और सुरक्षाबल आतंकवादियों और आतंकी हमलों का सामना करने में सक्षम हैं.

एक रात पहले हुआ आतंकी हमला
राजनाथ मंगलवार को कारगिल का रुख करेंगे. गृह मंत्री के दौरे से एक रात पहले ही बारामूला में आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स कैंप पर हमला किया. रविवार की रात कुछ आतंकियों ने सेना के कैंप पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था. सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया था जबकि बाकी भाग खड़े हुए.

NSA डोभाल से की बात
जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले राजनाथ ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सुरक्षा के हालातों के बारे में जानकारी ली है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बार पहला दौरा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की तरफ से आतंकी कैंपों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बार राजनाथ पहली बार जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के संग कश्मीर का दौरा किया था.

 

 

Source: Aaj Tak

 

जम्मू-कश्मीर रवाना हुए राजनाथ, लद्दाख में करेंगे सरहदी इलाकों में सुरक्षा की समीक्षा Read More

बारामूला में सेना कैंप पर आतंकी हमला : एक जवान शहीद, आतंकी संभवत: भागने में कामयाब रहे

baramulla-attack-650_650x400_41475437482नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले के बाद सेना का सर्च अभियान जारी है. दरअसल, रविवार की रात सेना और बीएसएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ. इस हमले में एक बीएसएफ जवान शहीद और एक घायल हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक, दो घंटे तक भारी फायरिंग के बाद आतंकी (जिनकी संख्या तीन से चार हो सकती है) भाग गए. फिलहाल इलाके को घेरे में लेकर तलाशी अभियान जारी है. बारामूला हाइवे को सील कर दिया गया है.

आतंकवादियों ने बारामूला में सेना के 46 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप और इसी से सटे बीएसएफ कैंप पर दो गुटों में लगभग 10.30 बजे हमला किया. इसके बाद भारी गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनी गईं. यह जगह श्रीनगर से 60 किलोमीटर दूर है.

राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को बारामूला की सुरक्षा स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है.

सूत्रों का कहना है आतंकवादी बीएसएफ शिविर के किनारे तक प्रवेश करने में कामयाब रहे, लेकिन उन लोगों को उरी हमले के बाद हाई अलर्ट पर चल रही सेना और बीएसएफ की भारी फायरिंग का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने झेलम नदी की ओर से घुसपैठ की.

गौरतलब है कि बीते 29 सितंबर को सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम देने की खबर दी थी. भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर आतंकी लॉन्‍च पैड्स की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स में लगभग 34 आतंकवादी मारे गए थे.

बता दें कि पाकिस्तान के हथियारबंद आतंकियों ने 18 सितंबर को सेना के उरी शिविर में हमला किया था, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि, भारतीय सेना ने इस मुठभेड़ में पाकिस्तान से आए चार आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था.

Source: NDTV
बारामूला में सेना कैंप पर आतंकी हमला : एक जवान शहीद, आतंकी संभवत: भागने में कामयाब रहे Read More

Confirmed: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा- भारत के हमले में मरे हमारे दो सैनिक, 9 घायल

ceasefire_650_092916013658पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे से इनकार किया  है. हालांकि आसिफ ने सीमा पर फायरिंग की बात मानी है और कहा है कि भारत की ओर से किए गए हमले में उनके दो सैनिक मारे गए हैं और 9 घायल हो गए हैं.

इससे पहले गुरुवार सुबह पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि भारत ने उसके दो सैनिकों को मार गिराया है. पाकिस्तान के अखबार के मुताबिक गुरुवार सुबह LoC पर हुई फायरिंग में उनके दो जवान मारे गए हैं.

पाकिस्तानी सेना ने भी यह दावा किया है कि भारत की ओर से की गई फायरिंग में उनके दो जवान शहीद हो गए हैं.

‘द डॉन’ में छपी खबर के मुताबिक दोनों तरफ से फायरिंग देर रात 2.30 बजे के आसपास शुरू हुई थी, जो सुबह 8 बजे तक चली. पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक भारत ने यहफायरिंग शुरू की. जम्मू-कश्मीर के भिंबेर, हॉटस्प्रिंग केल और लिपा सेक्टर में फायरिंग हुई.

 

Source: Aaj Tak

Confirmed: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा- भारत के हमले में मरे हमारे दो सैनिक, 9 घायल Read More

पुंछ में सुबह होते ही आतंकियों ने फिर शुरू की फायरिंग, खाली करवाया गया मिनी सचिवालय का इलाका

poonch_650_091216074026जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार सुबह एक बार फिर से मुठभेड़ शुरू हो गई है. सुबह होते ही आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी हैं, जबकि सुरक्षा बलों भी आतंकियों को करारा जवाब दे रहे हैं. इससे पहले रविवार को पुंछ के दो इलाकों में एनकाउंटर में तीन आतंकियों को मार गिराया गया था. जबकि मुठभेड़ में एक पुलिस कांस्टेबल शहीद हो गए|

पुंछ में अल्लाहपीर इलाके में रविवार को सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और एक नागरिक घायल हुए. पुंछ के अलावा नौगाम सेक्टर में भी मुठभेड़ हुई, जिसमें घुसपैठ की कोश‍िश कर रहे 7 आतंकियों को सेना ने मार गिराया. उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए|

बंधक बनाए गए दंपति सुरक्षित
पुलिस के मुताबिक, एक आतंकी पुंछ के मिनी सचिवालय और दूसरा एक स्थानीय नागरिक के घर में छिपा है. इस दौरान 6 लोगों के घायल होने की भी खबर है, जबकि घर में बंधक बनाए गए दंपति को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. आतंकियों को पकड़ने की कोशिश जारी है. मुठभेड़ के दौरान घायल हुए सब इंस्पेक्टर मंजूर अहमद और स्थानीय नागरिकों को अस्पताल पहुंचाया गया है. फायरिंग में पुलिस कांस्टेबल संदीप कुमार शहीद हो गए हैं|

रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुई थी गोलीबारी
आतंकवादियों ने पुंछ में सुबह लगभग आठ बजे सेना के 93 ब्रिगेड मुख्यालयों के पास निर्माणाधीन सचिवालय इमारत से गोलीबारी करनी शुरू कर दी. सुरक्षा बलों का कहना है कि इमारत में 4-5 आतंकी हो सकते हैं. फिलहाल दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. सुरक्षाबलों का कहना है कि तीन आतंकियों को मार गिराया गया है|

सेना ने इलाके को खाली कराया
मुठभेड़ को देखते हुए सेना ने पूरे इलाके को खाली करवा लिया है. आतंकियों की कुल संख्या में बारे में भी कोई सटीक जानकारी नहीं है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फायरिंग एक साथ कई जगहों से हो रही है.

तीन जगह घुसपैठ की कोशिश
इस बीच कश्मीर घाटी में एलओसी के पास तीन जगहों पर घुसपैठ की कोशिश हुई है. पहली घुसपैठ नौगाम सेक्टर में हुई है, जहां सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है. दूसरी घुसपैठ की कोशिश बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में हुई है, जहां सेना के ऑपरेशन के कारण घुसपैठिए पाकिस्तान की तरफ वापस चले गए हैं. घुसपैठ की तीसरी कोशिश कुपवाड़ा के एक इलाके में हुई. ऐसा माना जा रहा है कि 9/11 आतंकी हमले की 15वीं बरसी पर आतंकी एलओसी के अलग-अलग सेक्टरों से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं. एलओसी पर सेना को हाई अलर्ट कर दिया गया है.

हाल में बढ़े एनकाउंटर के मामले
बीते कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में आतंकियों से सेना की मुठभेड़ हो चुकी है. आठ अगस्त को कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें बीएसएफ के 2 जवान शहीद हो गए और एक आतंकी को भी मार गिराया गया. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने मार 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया था.

जुलाई में कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में सेना ने आतंकियों के घुसपैठ का प्रयास विफल कर दिया. सेना को पहले ही खबर मिल चुकी थी कि आतंकी 29 और 30 जुलाई की रात को घुसपैठ की कोशिश करेंगे. सेना ने आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल, एक यूबीजीएल और अन्य हथियार बरामद किए थे|

 

 

Source By: Aaj Tak

पुंछ में सुबह होते ही आतंकियों ने फिर शुरू की फायरिंग, खाली करवाया गया मिनी सचिवालय का इलाका Read More

कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, हुर्रियत को जम्हूरियत में यकीन नहीं: राजनाथ सिंह

124557-522023-rajnath-singhHurriyat does not believe in junta: Rajnath Singh
श्रीनगर
: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीर के हालात सुधरें। हर व्यक्ति चाहता है कि कश्मीर में अमन और शांति कायम हो। गौर हो कि कश्मीर में आज सर्वदलीय प्रतिनिधिंडल का आज दूसरा दिन है।

हुर्रियत नेताओं से मिलने पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से उनके मिलने से मना कर देने के एक दिन बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अलगाववादियों का रवैया दर्शाता है कि वे ‘कश्मीरियत’, ‘इंसानियत’ और ‘जम्हूरियत’ में यकीन नहीं रखते हैं। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा कि वह इस बारे में आश्वस्त हैं कि राज्य में शांति बहाल होगी और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत की है।

गृहमंत्री ने कहा, ‘जहां तक वार्ता का संबंध है तो अमन और सामान्य स्थिति चाहने वाले सभी लोगों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी पत्र लिखे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य कल हुर्रियत नेताओं से मिलने गये थे। जिन्हें हमने ना तो जाने के लिए कहा था और ना ही नहीं जाने के लिए। जो कुछ भी हुआ उसके बारे में आप जानते हैं। विस्तार में जाने की मेरी इच्छा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें उन दोस्तों ने वापस आ कर जो भी सूचना दी, यह कहा जा सकता है कि यह ‘कश्मीरियत’ नहीं है। इसे ‘इंसानियत’ नहीं कहा जा सकता। कोई बातचीत के लिए जाता है और वो उसे खारिज कर देते हैं, यह ‘जम्हूरियत’ भी नहीं है। शांति और सामान्य स्थिति चाहने वाले हरेक आदमी के साथ बातचीत के लिए हम तैयार हैं।’ सिंह ने कहा जम्मू कश्मीर ‘‘हमेशा भारत का अभिन्न अंग था , है और रहेगा।’

Source : Zee News

कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, हुर्रियत को जम्हूरियत में यकीन नहीं: राजनाथ सिंह Read More

श्रीनगर में राजनाथ सिंह और महबूबा मुफ़्ती की प्रेस कांफ्रेंस

 rajnath-singh-mehbooba-mufti_650x400_41472110268कश्मीर में पत्रकारों से बात करते केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री  राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए हैं. कश्मीर के हालात का जायजा लेने और कई राजनीतिक दलों और सरकार के नुमाइदों के साथ मुलाकात करने के बाद उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर संवाददाताओं को संबोधित किया. उसी संवाददाता सम्मेलन का शब्दश: वर्णनन…

महबूबा मुफ़्ती, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर – जैसा कि आप जानते हैं कि होम मिनिस्टर साहब आज पिछले एक महीने में दूसरी बार यहां आ रहे हैं, ये जो जम्मू-कश्मीर के जो कुछ हालात पिछले एक डेढ़ महीने से ख़राब हो गए हैं. सबका कंसर्न है क्योंकि इसमें जो कैज़ुअल्टीज़ हुई हैं वो हमारे अपने बच्चे हैं हमारे अपने लोग हैं यहां के. तो पीएम साहब का एक स्टेटमेंट आया है. वो भी कंसर्न्ड हैं. वो भी चाहते हैं कि हालात ठीक हों. वो भी कश्मीर के लोगों तक पहुंचना चाहते हैं.  ये देखा जाए कि किस तरह से हालात को ठीक किया जाए. मैंने बार बार कहा है कि भारत सरकार का, और जितने भी लोग हैं इंडिया के उनका फोकस होना चाहिए कि 95% लोग जो हैं कश्मीर के वादी के, सड़कों पर पत्थर मारना नहीं चाहते हैं.. इस्टेबलिशमेंट पर हमला करके कोई मकसद हासिल करना नहीं चाहते हैं… हमें उन लोगों में अंतर करना होगा जो बातचीत से समस्या का हल करना चाहते हैं. और वो लोग जो छोटे-छोटे बच्चों को पत्थर देकर एक्सप्लॉइट करके सड़कों पर पत्थर मांगने के लिए तैयार करते हैं. उनके बीच में फ़र्क़ करना चाहिए..

महबूबा मुफ़्ती – मुझे उम्मीद है कि होम मिनिस्टर साहब आए हैं. हमारी आबादी का जो बड़ा हिस्सा है जो पीस रिकंसिलिएशन डिग्निटी चाहता है. बाइज़्ज़त तरीके से रहना चाहते हैं और उसके साथ इस समस्या का जैसा वाजपेयी ने कहा था एक इंसानियत के तरीके से समाधान करना चाहते हैं. हमारा फोकस वो लोग होने चाहिए, जो लोग यहां तबाही मचाते हैं पांच परसेंट उनके साथ कानूनी कार्रवाई होगी, क़ानून के तहत उन्हें डील किया जाएगा. उन्हें इजाज़त नहीं दी जाएगी कि मैजोरिटी के लोगों की जिंदगी को जहन्नुम बना दें उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी जाएगी|

राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री – मित्रों जैसा महबूबा जी ने बताया कि जबसे कश्मीर वैली में ये क्राइसिस पैदा हुई है दूसरी बार मैं यहां आया हूं. यहां पर बीस से ज़्यादा डेलीगेशन के साथ मेरी बातचीत हुई. मैं समझता हूं कि सभी पॉलिटिकल पार्टीज़ ने अपने डेलीगेशन बातचीत के लिए भेजे. सबके साथ बातचीत बहुत अच्छी रही. सब चाहते हैं कि कश्मीर वैली में अमन-आमान के हालात कायम हों. सबकी इच्छा है. मैंने भी सब से सहयोग की अपील की है. मिलने वालों की संख्या भी क़रीब तीन सौ के आसपास, लोग कल से लेकर आज तक मुझसे मिले हैं. मैंने चर्चा की है. कश्मीर वैली के हालात को लेकर हम लोग भी बेहद दुखी हैं. इसीलिए कल आते ही मैंने अपनी तरफ़ से ट्वीट किया था कि जम्हूरियत, कश्मीरियत, इंसानियत के दायरे में बात करने के लिए मैं यहां आया हूं. जो भी बात करना चाहते हैं मैं उनका स्वागत करता हूं. जब कभी कश्मीर का कोई नौजवान मारा जाता है, यहां सिक्योरिटी फोर्स का कोई नौजवान मारा जाता है तो उससे हम सब लोगों को बेहद तकलीफ़ होती है. सिर्फ़ कश्मीर के लोगों को ही तकलीफ़ नहीं बल्कि हिंदुस्तान के सभी लोगों को तकलीफ़ होती है. क्या हम ऐसे हालात से इस कश्मीर को बाहर नहीं निकाल सकते. कश्मीर के रहने वाले सभी भाइयों-बहनों से मैं अपील करना चाहता हूं कि कश्मीर के रहने वाले नौजवानों के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ ना करें. पहले भी मैं कह चुका हूं छोटे-छोटे बच्चे 17, 18 और 20 साल के नौजवान के हाथ में कलम, कंप्यूटर, बुक्स होने चाहिए. कौन लोग उन्हें पत्थर उठाने की इजाज़त देते हैं. क्या उन लोगों के बच्चों के भविष्य को बनाने की गारंटी वो दे सकते हैं. हम कश्मीर के बच्चों को हिंदुस्तान के बच्चों के फ्यूचर के साथ जोड़कर देखते हैं. मैं कश्मीर के लोगों से ये अपील करना चाहता हूं कि जिन लोगों के द्वारा ऐसे हालात पैदा करने की कोशिश हो रही है उन्हें पहचानें. कुछ हमारे नौजवान किसी तरह के बहकावे में आकर हाथ में पत्थर उठाते हैं तो ऐसे नौजवानों को समझाने की कोशिश होनी चाहिए. बच्चे बच्चे होते हैं. कश्मीर के फ्यूचर को हम हिंदुस्तान के फ्यूचर से अलग करके कदापि नहीं सोच सकते. हिंदुस्तान का फ्यूचर बनाना चाहते हैं. कश्मीर का फ्यूचर नहीं बनेगा तो हिंदुस्तान का फ्यूचर भी नहीं बन सकता|

राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री – मैं समझता हूं कि पहली बार ऐसा हुआ होगा कि कश्मीर में ऐसे हालात पैदा होने के बाद भारत सरकार का गृह मंत्री दो बार यहां आया. हम सबके दिल की पीड़ा क्या है इसका अहसास स्वाभाविक रूप से होना चाहिए. मैंने मुख्यमंत्री महबूबा जी से कहा है कि ऑल पार्टी डेलीगेशन हम लाना चाहते हैं यहां पर और उसके लिए पूरी तैयारी यहां की जानी चाहिए ताकि वो यहां आकर लोगों से बातचीत कर सकें. पैलेट गन का जहां तक सवाल है उसके बारे में पिछली बार मैं जब आया था, मैंने कहा था एक्सपर्ट कमेटी बना दी है और दो महीने में वो अपनी रिपोर्ट दे देगी. लेकिन मैं बता देना चाहता हूं कि एक महीना पूरा हुए है. विदिन टू थ्री फोर डेज़ एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आ रही है. और विदिन फ्यू डेज़ हम लोग इसका एक अल्टर्नेटिव देंगे. पहले ये माना गया था कि 2010 में पैलेट गन ही एक नॉन लीथल वेपन है जिससे लीस्ट डैमेज हो सकता है लेकिन आज हम महसूस कर रहे हैं कि कोई ना कोई इसका अल्टर्नेटिव होना चाहिए. हमने सुरक्षा के जवानों से भी कहा है कि जितना अधिक से अधिक हो सकता है वो रिस्ट्रेन बरतें और मुझे जानकारी मिली है कि वो ऐसा कर रहे हैं. 4500 से ज़्यादा सुरक्षा बलों के जवान भी घायल हुए हैं. मैं यहां के लोगों से ये भी अपील करना चाहूंगा कि ये ना भूलें कि इनही जवानों ने जब बाढ़ के हालात पैदा हुए थे तो किस तरह से उन्होंने अपना रोल प्ले किया था. आप लोगों ने शायद देखा होगा कि दो-तीन दिन पहले मैंने लखनऊ से हिंदुस्तान के सारे नौजवानों से अपील की कि कश्मीर का कोई भी नौजवान हिंदुस्तान के किसी भी कोने में रहता हो, स्कूल में पढ़ता हो, उसकी हिफ़ाज़त करना, मान सम्मान करना, कॉन्फिडेंस डेवलप करना हिंदुस्तान के हर नौजवान की ज़िम्मेदारी है. उसे अपना भाई समझें, परिवार का सदस्य समझें. हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्वयं अपनी वेदना, अपनी पीड़ा व्यक्त की है और कश्मीर को लेकर वो बराबर मुझसे चर्चा करते रहते हैं. हम लोग कश्मीर का डेवलपमेंट करना चाहते है. कुछ ही दिन पहले हमने फ़ैसला लिया है कि जो सेंट्रल आर्म्ड पुलिस होती है उसकी एक बटालियन का रिक्रूटमेंट यहीं से होना चाहिए. साथ ही मुख्यमंत्रीजी ने भी कहा है कि दस हज़ार एसपीओ की भर्ती होगी. इतने कम समय में देश के किसी राज्य ने ये फ़ैसला नहीं किया होगा. आगे भी हम कुछ स्टेप्स लेंगे. मित्रों इससे ज़्यादा मुझे कुछ नहीं कहना है. पुन: कश्मीर के भाई बहनों से अपील करना चाहता हूं कि कृपया यहां अमन आमान के हालात कायम करने में पूरी तरह सहयोग करें|

राजनाथ सिंह – बीएसएफ़ के डिप्लॉयमेंट को लेकर अनावश्यक डिस्प्यूट खड़ा करने की ज़रूरत नहीं है. मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि फोर्सेस का डिप्लॉयमेंट पहले भी हुआ है. इस बार भी होना चाहिए… ऐसे समय में इसमें कोई संकेत ढूंढने की कोशिश नहीं होनी चाहिए|

राजनाथ सिंह – बस इतना ही कहना चाहूंगा कि जम्हूरियत, कश्मीरियत, इंसानियत के दायरे में सबसे बात करने के लिए हम तैयार हैं…

राजनाथ सिंह  – मैं कहना चाहता हूं कि पिछली बार जब आए थे. उसके मुक़ाबले इस बार तीन चौथाई नए लोगों से मैं मिला हूं. आज बहुत सारे लोगों से मिला हूं. और एजेंडा ऑफ़ एलायंस के बारे में कहना चाहता हूं कि उसके प्रति हम दोनों कमिटेड हैं|

महबूबा मुफ़्ती – मैंने कहा कि 95 परसेंट लोग शांतिपूर्ण तरीके से समाधान चाहते हैं. इसका मतलब है वो शांति चाहते हैं लेकिन पांच परसेंट लोगों ने इसको हाइजैक करके, वो हिंसा करके इसे पटरी से उतारना चाहते हैं. अगर आपको किसी भी इश्यू को बदनाम करना है तो आप तशद्दुत पर उतर आइए|

राजनाथ सिंह – मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि हम लोगों की समझ पर संदेह मत कीजिए. हमारी समझ पर सवालिया निशान लगाने की कोशिश मत कीजिए. समझ दुरुस्त है, कैसे समस्या का समाधान होगा हम लोग अच्छी तरह समझते हैं|

राजनाथ सिंह – एक और जानकारी आप लोगों को देना चाहता हूं कि गृह मंत्रालय एक नोडल अफ़सर तय करने जा रहा है कि कश्मीर के नौजवानों, लोगों को अगर कोई भी प्रॉबल्म देश के किसी भी कोने में होती है तो सीधे आप उस अफ़सर से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं. एक नंबर होगा जिसे हम अगले कुछ दिन में बता देंगे|

राजनाथ सिंह – क्या आप कहना चाहते हैं कि मेरा आना बंद हो जाए (हंसते हुए). हमें आप सभी लोगों का सहयोग चाहिए. हम ग्राउंड लेवल पर चेंज लाना चाहते हैं. और जो बातें इस समय मैं बोल रहा हूं. यहां पर शांति रिस्टोर करने के लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए. किलिंग रुकनी चाहिए. कौन चाहेगा. कोई इसे पसंद नहीं करेगा|

पत्रकार मुज़म्मिल जलील – मेरा सवाल महबूबा जी से है… 2010 में भी ऐसी ही सूरते हाल थी… तब आपका स्टैंड बिलकुल अलग था… लेकिन 2016 में आप जब सरकार में आईं तो आपका स्टैंड बिलकुल अलग है… अब उमर आपके पुराने स्टैंड पर हैं. ऐसा लगता है जैसे आपने रोल बदल लिया है|

महबूबा मुफ़्ती, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर – मुज़म्मिल आपका ग़लत है अनैलिसिस. 2010 में जो हुआ उसका रीज़न था. तब माछिल में फेक एनकाउंटर हुआ था जिसमें तीन लोग मारे गए. उसके बाद शोपियां में रेप और हत्या के आरोप लगे. तब लोगों के गुस्से की वजह थी… आज एक एनकाउंटर हुआ जैसा कि होता है. तीन आतंकी मुठभेड़ में मारे गए. उसमें सरकार की क्या गलती थी. लोग सड़कों पर आ गए. हमने कर्फ्यू लगाया. बच्चा क्या आर्मी कैंप टॉफ़ी ख़रीदने गया? पंद्रह साल का लड़का जब उसने हांजीपोरा में पुलिस स्टेशन पर हमला किया वो तब दूध लेने गया था? आप इन दो चीज़ों को मत मिलाइए. उस वक्त लोगों के गुस्से की वजह थी. फ़ेक एनकाउंटर में सिविलियन मारे गए. शोपियां हो गया. माछिल हो गया. आज आपने बताइए कि 95 परसेंट जो बच्चे मारे गए हैं वो ग़रीबों के हैं. और वो कैम्प्स पर हमला करने के दौरान रिटेलिएशन में पैलेट गन से मारे गए, ज़ख्मी हो गए… ये जो लेक्चरर है उसकी मौत की इन्क्वायरी होनी चाहिए. सज़ा मिलनी चाहिए. मैं उसके हक़ में हूं. मगर डोन्ट कम्पेयर. 2010 में तबकी सरकार ने, उमर साहब ने कहा ये हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ है. ये एंटी नेशनल है|

महबूबा मुफ़्ती – मैं कह रही हूं कि 95 परसेंट कश्मीर के लोग शांतिपूर्ण तरीके से हल चाहते हैं मगर पांच परसेंट लोग क्योंकि बदकिस्मती से जो मिस्क्रिएंट्स हैं बच्चों को शील्डस बनाकर फौजी कैंप पर हमला करवाते हैं. वो चाहते हैं हमारे बच्चे मर जाएं.

राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री – प्लीज़ प्लीज़… मैं अपील करना चाहता हूं कि महबूबा आपके घर की हैं (हंसते हुए)… आपकी हैं…

महबूबा मुफ़्ती – मुझे क्या कहेंगे सर ये जो बच्चे हैं मैंने इनको निकाला है जब टास्क फोर्स की जिप्सी देखकर ये भागते थे. जब इनको वहां बेगार के लिए ले जाते थे. घास काटने के लिए ले जाते थे साउथ कश्मीर के बच्चों को तब मैंने इन बच्चों को निकाला है. जब इनका कार्ड चेक किया जाता था. आज इन बच्चों को कुछ लोगों ने हिंसा में डाल दिया है अपने नाजायज़ मकसद के लिए. मैं कश्मीर इश्यू के साथ हूं. रिज़ॉल्व होना चाहिए, हल होना चाहिए. डायलॉग होना चाहिए.. मगर इस तरह पथराव से, कैंपों पर पथराव से कोई मसला हल होने वाला नहीं है. थैंक्यू वेरी मच. बहुत बहुत शुक्रिया. वहीं चलिए. चलिए चाय पी लीजिए. कम ऑन|

 

श्रीनगर में राजनाथ सिंह और महबूबा मुफ़्ती की प्रेस कांफ्रेंस Read More