Rajesh Nagar: Health check up camp by Public Right Protection Forum was successful.

राजेश नागर: पब्लिक राईट प्रोटेक्शन फोरम  द्वारा स्वास्थ्य जाँच शिविर सफल रहा।
विश्व महिला दिवस के अवसर पर पब्लिक राईट प्रोटेक्शन फोरम (PRPF) द्वारा फ्री हेल्थ चेक अप कैंप का आयोजन किया गया |  सेक्टर 28 स्थित सीनियर सिटीजन पार्क में हेल्थ चेक अप कैंप सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चला | जिसमे लगभग 200 से ज्यादा लोगों ने इसका लाभ उठाया | कोरोना वायरस से बचाव के सुझाव के साथ ही फ्री मास्क का भी वितरण किया गया |

  • 200 से ज्यादा लोगों ने जाँच कराया
  • फ्री मास्क का वितरण
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ
  • हड्डी रोग विशेषज्ञ
  • चर्म रोग विशेषज्ञ
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ

 

फ्री हेल्थ चेक अप कैंप का उद्घाटन मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक राजेश नागर ने किया और उपस्थित वार्ता में कहा की समाज में इस तरह के कार्यक्रम में जिस तरह पब्लिक राईट प्रोटेक्शन फोरम की भागीदारी हो रही है सराहनीय कदम है | जहाँ एक तरफ सरकारी पदाधिकारी सेवानिवृत होने के बाद अपना समय घर में बिताते हैं वहीँ PRPF के सदस्य समाज से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में मदद कर रही हैं | श्री नागर ने “विश्व महिला दिवस” में महिलाओं की विशेष भागीदारी पर ख़ुशी जाहिर करते  हुए कहा की आज के हेल्थ चेक अप कैंप में ज्यदातर डॉक्टर महिला थी जो प्रसंशनिय है | उन्होंने डॉक्टर की कमी होने की बात करते हुए कहा की यहाँ से MBBS के लिए अब बच्चे भी ज्यादा संख्या में दाखिला ले रहे है जबकि पहले ऐसा कम हो रहा था, हरियाणा सरकार ने विधान सभा में प्रान्त में डॉक्टर्स की कमी को मद्देनजर रखते हुए 247 की भर्ती की बात कही थी और सरकार की तरफ से रोहतक में एक टेस्ट भी लिया गया था | इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है और जल्द ही पूरा हो जायेगा |

पब्लिक राईट प्रोटेक्शन फोरम के सचिव डा. मुकेश गंभीर ने अपने शायर अंदाज में कहा की अब हमलोग रिटायर्ड हो चुके है ये सही वक्त है समाज को चुकाने का उनकी मदद करने का….
“वाह वाह से फुर्सत नहीं मिलती
गुजर जाती है जिदगी और
खुद से मिलने की फुर्सत नहीं मिलती”

“यहाँ दौलत वालों ने जिन्दगी में अलग से क्या पा लिया
भर पेट खाने वाले ने अलग से क्या खा लिया
जिन्दगी के स्वाद यहाँ  भूख में बाबस्ता   हैं
जिसने खुद को गवा दिया
उसने ही पा लिया ”

पब्लिक राईट प्रोटेक्शन के अध्यक्ष एवं हरियाणा विद्युत् निगम के डायरेक्टर (सेवानिवृत ) इंजिनियर एस के सचदेवा ने विधायक श्री राजेश नागर का स्वागत करते हुए बताया की श्री नागर अपनी व्यस्तता के बाबजूद सामजिक कार्य में हमेशा आगे रहकर मदद करने को तैयार रहते है, पी आर पी एफ के उद्देश्य को पूरा करने में उनका हमेशा सहयोग मिलता रहता है |
प्रतिष्ठित वकील महावीर सिंह ने उद्घोषणा करते हुए  सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, सेक्टर -28 के योगदान के लिए सारे सदस्यों का अभिवादन किया |

हेल्थ चेकअप कैंप में शामिल डॉक्टर्स की सूचि 

  • DR. MRS. SWARAJ BATRA
    (GYNECOLOGIST )
    Ex- Medical Superintendent / HOD
    Gyne & Obs, Lok Nayak Hospital &
    Maulana Azad Medical College, New Delhi
  • DR. RASHMI GUPTA
    (EYE SPECIALIST)
    MBBS, MS (Ophthalmology)
    Presently in Govt. Job
  • DR. KAVITA MEHNDIRATTA
    (COSMETOLOGIST)
    MBBS, D.V.D, MIADVL, Dermatologist
    & Cosmetologistex Consultant
    Sarvodaya Hospital, Escort Hospital
  • Dr. VANITA GOEL
    (Gynecology)
    Geeta Hospital, Faridabad
  • DR. NIKHIL SACHDEVA
    (ORTHOPAEDIC)
    Bone & Joint Specialist
    DNB (Orthopaedic)
    Obs. in Sport Medicine
    (Sir Gangaram Hospital)
  • DR. GAURAV GOEL
    (ANESTHETIST)
    Consultant Anesthetist Geeta Hospital
    Specialist Painless Delivery
    M.D Anesthesia & Critical Care
    Ex Resident Dr G.B. Pant hospital and
    Safdurzung Hospital , New Delhi

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विधायक श्री राजेश नागर एवं पब्लिक राईट प्रोटेक्शन फोरम के पदाधिकारी ने  उपरोक्त डॉक्टर समेत संध्या मेहता, मानसी कुमारी, आकांक्षा, सबीना, अशोक गुप्ता, सुनीता गोयल, टी डी मनोचा, चन्दन मेहता को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया | इस कार्यक्रम में सीनियर सिटीजन के अध्यक्ष डी.आर. चौहान सहित पी आर पी एफ के पदाधिकारी श्याम सुन्दर कपूर, पांचजन्य बत्रा सिंह, कपिल मलिक, जीतेन्द्र शाह, दर्शन मलिक, नमिता राकेश, राकेश नामित, एस एस आहूजा , बिपिन गुलाटी, रूपचंद, राजेंद्र , अमृत शर्मा, मनोज आहूजा |

 

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अरुणाचल में कांग्रेस को बड़ा झटका, 43 विधायक BJP समर्थित PPA में शामिल

prema_650_091616021031अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. 46 एमएलए के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पार्टी को छोड़ दिया है. 60 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक हैं, जबकि 11 विधायक बीजेपी के हैं|

पीपीए का दामन थामा
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 46 में से 43 विधायकों ने पीपीए का दामन थामा है. एक बार फिर से कांग्रेस पर संकट खड़ा हो गया है. बागियों में अरुणाचल के मुख्यमंत्री के अलावा दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे और वर्तमान में राज्य के सीएम पेमा खांडू भी हैं. खांडू ने कहा, ‘मैंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके उन्हें यह सूचना दी है कि हमने कांग्रेस का पीपीए में विलय कर दिया है. राज्य में कांग्रेस के 46 विधायक हैं जिनमें से 43 इस पार्टी में शामिल हो गए हैं. पीपीए का गठन 1979 में हुआ था. यह 10 क्षेत्रीय दलों के नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा रहा है जिसका गठन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मई 2016 में की थी. वर्तमान में असम में बीजेपी के नेता हेमंता विश्व सरमा इसके प्रमुख हैं|

जुलाई में खांडू को मिली थी कमान
कांग्रेस का अरुणाचल का संकट काफी पुराना है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नाटकीय घटनाक्रम के बाद जुलाई में नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को मुख्यमंत्री घोषित करके एक लंबी चली लड़ाई को जीता था. खांडू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बना ली थी. तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद बागी नेता खालिको पुल अपने 30 साथी बागी विधायकों के साथ पार्टी में लौट आए थे. पुल बागी होकर मुख्यमंत्री बने थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया था|

60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक थे जबकि बीजेपी के 11. अब 43 विधायकों के पीपीए में चले जाने के बाद कांग्रेस में पूर्व सीएम नबम तुकी और इक्का-दुक्का विधायक ही बचे रह गए हैं. हाल में पूर्व सीएम कलिखो पुल का निधन हो गया था. फरवरी 2016 में उन्होंने 24 कांग्रेसी विधायकों के साथ पीपीए ज्वाइन किया था|

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था जिसमें अदालत ने कलिखो पुल सरकार को असंवैधानिक घोषित कर पूर्व की कांग्रेस सरकार को बहाल करने का आदेश दिया था. इसके बाद पेमा खांडू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी. ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार फिर बाजी बीजेपी के हाथ जाते दिख रही है|

 

 

Source: AAj Tak

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उत्तराखंड मामला : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र ने उठाए 8 अहम सवाल

harish-rawat_650x400_41461293707नई दिल्ली: केंद्र ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

  1. नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है और उसे राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई का अधिकार नहीं है जोकि मंत्रिमंडल की सलाह और तथ्यों पर लिया गया।
  2. हाईकोर्ट कहता है कि भ्रष्टाचार सहा नहीं जाएगा, लेकिन उसने यह आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को राहत दी जिस पर स्टिंग ऑपरेशन में हार्स ट्रेडिंग और घूस के आरोप लगे हैं।
  3. सुप्रीम कोर्ट के बोम्मई जजमेंट के आधार पर हाईकोर्ट के पास राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के लिए सीमित अधिकार हैं, हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने अधिकार से बाहर आदेश दिया है, वह राष्ट्रपति के संतुष्ट होने पर फैसला नहीं कर सकता।
  4. हाईकोर्ट मंत्रीमंडल की राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह की सत्यतता और वैद्यता पर सुनवाई नहीं कर सकता
  5. हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल को आदेश सुनाया लेकिन लिखित आदेश नहीं दिया
  6. हाईकोर्ट ने यह फैसला हरीश रावत के गलत और छुपाए हुए तथ्यों के आधार पर दिया है, जो गलत है
  7. हाईकोर्ट का यह कहना भी गलत है कि बजट बिल पास नहीं होने पर सरकार नहीं गिरती बल्कि सरकार को इस्तीफा देना होता है। कानून के मुताबिक, बजट बिल के फेल होते ही सरकार गिर जाती है।
  8. हाईकोर्ट ने विधायको की खरीद फरोख्त की स्टिंग पर गौर नहीं किया जबकि यह एक बड़ा आधार है।


हाईकोर्ट का फैसला
इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। 29 अप्रैल को विधानसभा में उनका बहुमत परीक्षण होगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।

सुप्रीम कोर्ट आज हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाकर दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह सुनवाई सोमवार या बाद में हो सकती है। अभी तक नैनीताल हाईकोर्ट का लिखित आदेश नहीं आया है। सोमवार को आने की संभावना है। सूत्र बता रहे है कि हरीश रावत ने रात 9 बजे कैबिनेट बैठक बुलाकर कई अहम फैसले लिए हैं।

न्याय का मजाक होगा
इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? जजों ने पूछा, ‘यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं।

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
राष्ट्रपति शासन हटने पर अब कांग्रेस को 29 अप्रैल को बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है-

कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36 (9 बागी विधायकों को मिलाकर)
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1

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