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डिफेंस डील डन-ट्रेड डील पर बात शुरू, पढ़ें साझा बयान में क्या बोले मोदी-ट्रंप

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप का साझा बयान
  • भारत-अमेरिका में डिफेंस डील पर लगी मुहर
  • ट्रेड डील पर बातचीत शुरू करेंगे भारत-US
  • आज खत्म होगा डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान भी जारी किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने ऐलान किया कि भारत और अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डील हो गई है, जिसके तहत 24 रोमियो हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे. डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साझा बयान में क्या कहा, यहां पढ़ें…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेलिगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत है. मुझे विशेष खुशी है कि इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं, पिछले 8 महीने में मेरी और ट्रंप की ये पांचवीं मुलाकात है. पीएम मोदी ने कहा कि मोटेरा स्टेडियम में डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक स्वागत हुआ.

बयान में पीएम ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संबंध दो सरकार नहीं बल्कि लोगों के बीच हैं. ये संबंध 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. दोनों देशों के संबंध को आगे बढ़ाने में डोनाल्ड ट्रंप का शानदार प्रयास रहा है. पीएम मोदी बोले कि हम दोनों आज डिफेंस, सुरक्षा, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, ट्रेड जैसे सभी मसलों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डिफेंस मैन्युफैक्चर एक दूसरे की सप्लाई चेन का हिस्सा बन रहे हैं, भारतीय फोर्स आज दुनिया में सबसे अधिक अमेरिका के साथ ही ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ कर रही है. पिछले कुछ साल में हमारी सेना के बीच कई समझौते भी हुए हैं.

‘ट्रे़ड डील पर जल्द बनेगी बात’

ट्रंप के साथ साझा प्रेस वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अमेरिका के साथ होमलैंड सुरक्षा पर निर्णय हुआ है, आतंक के समर्थकों को हराने के लिए हमने अपने प्रयासों को बढ़ाने का निर्णय किया है. प्रेसिडेंट ट्रंप ने इस दौरान ड्रग्स से लड़ाई पर प्राथमिकता दी है, इस मसले पर दोनों देशों के बीच चर्चा भी हुई है.

पीएम मोदी बोले कि तेल, गैस के लिए अमेरिका भारत का साथी है. टेक्नोलॉजी के मसले में भी भारत और अमेरिका एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. दोनों देश बैलेंस ट्रेड के लिए प्रतिबद्ध हैं और द्विपक्षीय वार्ता को संतुलन करने पर सहमत हैं. प्रधानमंत्री ने यहां कहा कि ट्रेड डील के मसले पर दोनों देश बात करेंगे और कॉमर्स मिनिस्टर लीगल रूप से आगे बढ़ेंगें.

‘आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ेंगे भारत-US’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत आने के न्योते के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं, मेलानिया और मैं भारत के स्वागत से अभिभूत हैं. मैंने और मेलानिया ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और ताजमहल को भी देखा. ट्रंप ने कहा कि मेरा ये दौरा काफी शानदार रहा और दोनों देश डिफेंस डील करने पर सहमत हुए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां कहा कि दोनों देशों का फोकस अपने नागरिकों को इस्लामिक आतंकवाद से बचाने का है और दोनों देश इसके लिए एक साथ काम करेंगे. हमारे देश की सेना आज एक साथ अभ्यास कर रही हैं, जो दोनों देशों को लाभ पहुंचाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ बात कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने के लिए दबाव बना रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप बोले कि हमारे देश लोकतंत्र, संविधान और लोगों के हितों को बचाने के लिए जानी जाती हैं. अमेरिका और भारत दोनों ही ट्रेड डील पर बात को तैयार हैं और इसपर जल्द ही फैसला होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत-अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील होगी.

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महाराष्ट्रः शपथ ग्रहण के बाद पहली बार ‘बड़े भाई’ मोदी से मिले उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने शपथ लेने के बाद पहली बार पीएम नरेंद्र से शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उद्धव के बेटे और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद उद्धव ने मीडिया को संबोधित किया और बताया कि पीएम मोदी से महाराष्ट्र के मुद्दों के अलावा सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चर्चा हुई। महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि बैठक में पीएम मोदी ने बताया कि देशवासियों को सीएए से डरने की आवश्यकता नहीं है।

सीएए से डरने की नहीं जरूरत, एनआरसी सिर्फ असम में
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना सेना संजय राउत और आदित्य ठाकरे भी उद्धव के साथ मौजूद थे। उद्धव ने बताया कि पीएम मोदी के साथ बैठक बेहद लाभदायी रही। महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया है कि सीएए से किसी को डरने की जरूरत नहीं है और संसद में केंद्र ने स्पष्ट किया है कि एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘ एनपीआर, एनआरसी और सीएए पर भी पीएम मोदी से चर्चा हुई। सामना के माध्यम से शिवसेना ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी थी। सीएए पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून नहीं है। एनआरसी को लेकर केंद्र ने भूमिका स्पष्ट की यह पूरे देश में नहीं है और असम में चलेगा।’

एनपीआर से नहीं छिनेगा अधिकार
उद्धव ने एनपीआर को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, ‘एनपीआर में किसी को घर से नहीं निकाला जाएगा। यह वैसे ही जैसे हर 10 साल पर जनगणना होती है।अगर हमें लगा कि एनपीआर खतरनाक है तो बात होगी। मैंने राज्य की जनता से कहा है कि किसी का भी अधिकार नहीं छीनने दिया जाएगा।’

शाहीनबाग में लोगों को भड़काया जा रहा
उद्धव ठाकरे ने दिल्ली के शाहीनबाग में 2 महीने से ज्यादा वक्त से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कि वहां लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘वहां लोगों से मिलने की जरूरत है। विरोध क्यों कर रहे हैं पहले यह स्पष्ट होना चाहिए। नेताओं को समझने की जरूरत होती है।’ वहीं, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपके मुताबिक शाहीनबाग में लोगों को भड़काया जा रहा है, जबकि आपके सहयोगी कांग्रेस के नेता भी वहां पहुंचे हैं, आपको क्या लगता है कौन भड़का रहा है? इस सवाल पर बचते हुए उद्धव ने कहा, ‘मुझे नहीं पता, मैं दिल्ली में नहीं रहता।’

उल्लेखनीय है कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद ठाकरे ने कहा था कि वह ‘बड़े भाई’ नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली पहुंचेंगे। ठाकरे के ऑफिस ने मुलाकात के बाद तस्वीरें शेयर कर ट्वीट किया, ‘उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने दिल्ली में पीएम से आज शिष्टाचार मुलाकात की।’ अक्टूबर 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी के रूप में उभरने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई थी। सीएम पद को लेकर पूर्व सहयोगी शिवसेना से सहमति न बन पाने के कारण उसे सत्ता से दूर रहना पड़ा। बाद में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई। इस दौरान बीजेपी और शिवसेना नेताओं के बीच वाकयुद्ध देखने को भी मिला। शिवसेना और बीजेपी के राजनीतिक संबंध चाहे जैसे भी रहे हों, लेकिन पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे के आपसी रिश्ते अच्छे बताए जाते हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव गृह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। इसके अतिरिक्त वह गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के वयोवृद्ध नेता एल के आडवाणी से भी मिलेंगे।

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Now hope to extradite mallya and nirav modi after sanjeev chawla

बुकी संजीव चावला के बाद अब बंधी नीरव मोदी और माल्‍या को लंदन से वापस लाने की उम्‍मीद

सट्टेबाज संजीव चावला को लंदन से वापस भारत लाने के बाद अब उम्‍मीद जग रही है कि आने वाले दिनों में विजय माल्‍या और नीरव मोदी समेत भारत के दूसरे आरोपियों को स्‍वदेश लाया जा सकेगा। इनके अलावा इसी सूची में राजेश कपूर, टाइगर हनीफ, अतुल सिंह, राजकुमार पटेल और शायक सादिक का नाम भी शामिल है जिनकी वापसी का भी इंतजार वर्षों से भारत कर रहा है। इन सभी को भारत की अदालतों की तरफ से भगोड़ा करार दिया गया है। संजीव चावला की ही बात करें तो उससे जुड़ा मैच फिक्सिंग का मामला करीब 19 वर्ष पुराना है।

संजीव चावला को वापस भारत लाने में मिली सफलता के बाद अब उम्‍मीद की जा रही है कि विजय माल्‍या और नीरव मोदी को भी स्‍वदेश लाकर मामला चलाया जाएगा।

1992 से है भारत-ब्रिटेन में प्रर्त्‍यपण संधि

संजीव चावला की वापसी को लेकर भारत सरकार ने कूटनीतिक और कानूनी दोनों ही तरह के प्रयास किए थे, जिन्‍हें अब जाकर सफलता मिली है। हालांकि इसी तरह के प्रयास सरकार द्वारा अन्‍य भगोड़े आरोपियों के लिए भी किए गए हैं लेकिन इनमें अभी सफलता हाथ नहीं लगी है। आपको बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 1992 में प्रत्‍यर्पण संधि हुई थी। लेकिन यह नवंबर 1993 से लागू हुई थी। इस संधि के तहत भारत में हत्‍या के आरोपी और बांग्‍लादेश के नागरिक को ब्रिटेन से प्रत्‍यर्पित किया गया था। आपको यहां पर ये भी बता दें कि संजीव चावला समेत नीरव और माल्‍या ने भी खुद को भारत प्रत्‍यर्पित न करने को लेकर जो दलील दी थीं उनमें से एक भारतीय जेलों की खराब हालत भी है। लेकिन ब्रिटेन की कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है।

क्‍या कहते हैं कानूनी जानकार 

दोनों देशों के बीच हुई इस संधि और आरोपियों की वापसी को लेकर संविधान विशेषज्ञ डॉक्‍टर सुभाष कश्‍यप का कहना है कि आरोपियों की वापसी में वो बिंदु खास मायने रखते हैं जो प्रत्‍यर्पण संधि का हिस्‍सा बने हैं। उनके मुताबिक हर देश से होने वाली प्रत्‍यर्पण संधि में प्रेसक्राइब प्रॉविजन और उनका प्रोसिजर अलग-अलग हो सकते हैं। यह दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी काफी कुछ निर्भर करता है। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रत्‍यर्पण संधि को लेकर कोई नियम-कायदे नहीं बनाए गए हैं। इसलिए ये संधि दो देशों के बीच आपसी राय-मशविरे से और दोनों के हितों को देखते हुए तैयार की जाती है। अब हम आपको उन लोगों के बारे में जानकारी दे देते हैं जो भारत से भागकर ब्रिटेन में जा छिपे हैं।

नीरव मोदी  

भारत की अदालत से भगोड़ा करार दिए गए नीरव मोदी पर कई बैंकों को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद पीएनबी के शेयर धड़ाम से गिर गए थे। इस इसी दौरान नीरव मोदी भारत से फरार हो गया और ब्रिटेन चला गया था। भारत सरकार की कोशिशों के बाद उसको 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही नीरव मोदी वहां की वांड्सवर्थ जेल में बंंद है। नीरव की तरफ से लगाई गई जमानत याचिका को पहले वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट और जुलाई 2019 में हाईकोर्ट की तरफ से खारिज किया जा चुका है। कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए टिप्‍पणी की थी नीरव मोदी ब्रिटेन से भाग सकता है। इसलिए उसको जमानत नहीं दी जा सकती है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि नीरव मोदी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट ने दिसंंबर 2019 को देश का दूसरा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। नीरव मोदी ने वर्ष 2010 में ‘नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड ज्वेलरी हाउस’ की स्‍थापना की थी। इस कंपनी का हेडक्‍वार्टर मुंबई में है। नीरव मोदी ‘क्रिस्टी’ और ‘सोथेबीस कैटलॉग’ पत्रिकाओं के कवर पर पब्लिश होने वाला पहला भारतीय जौहरी हैं।

विजय माल्‍या
विजय माल्‍या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। इसके बाद मई 2016 में भारत सरकार ने ब्रिटेन सरकार से माल्‍या को प्रत्‍यर्पित करने की अपील की थी, जिसको ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि माल्‍या वैलिड पासपोर्ट के साथ ब्रिटेन में दाखिल हुए थे, लिहाजा उन्‍हें जबरन प्रत्‍यर्पित नहीं किया जा सकता है। मई में ही माल्‍या ने भारत वापसी से इनकार कर दिया था। जनवरी 2019 में धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बनी विशेष अदालत ने उसको भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित किया था। इस कोर्ट द्वारा भगोड़ा करार दिया गया यह देश का पहला आरोपी है। यह फैसला कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनाया था।

शराब कारोबारी विजय माल्‍या पर 17 बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप है। आपको बता दें कि माल्‍या राज्‍य सभा से भी सांसद रह चुके हैं। भारत से फरार होकर फिलहाल लंदन में जीवन बिता रहे माल्‍या को प्रत्‍यर्पित करने की कोशिशों को उस वक्‍त सफलता मिली थी जब लंदन की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिसंबर 2018 में उसे भारत प्रत्‍यर्पित करने का आदेश दिया था। इस आदेश को माल्‍या ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए 12 फरवरी को हाई कोर्ट ने माना कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ बेईमानी के पुख्ता सबूत हैं।

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Coronavirus: मोदी के ऑफर का चीन ने दिया जवाब, कहा- ये भारत-चीन की दोस्ती दिखाता है

चीन में कोरोना वायरस का असर लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन के साथ-साथ इसका असर दुनिया के दूसरे देशों में भी पहुंच रहा है. इस सभी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिख किसी भी तरह की मदद का ऑफर दिया था. पीएम मोदी की चिट्ठी पर अब चीनी विदेश मंत्रालय का जवाब आया है और इस ऑफर को भारत-चीन की गहरी दोस्ती का प्रतीक बताया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘भारत की ओर से कोरोना वायरस को लेकर जो समर्थन की बात कही गई, उसके लिए हम धन्यवाद करते हैं. भारत के द्वारा ऐसा कहना चीन के साथ उसकी गहरी दोस्ती को दर्शाता है. हम भारत और दुनिया के सभी देशों के साथ काम करने को तैयार हैं, ताकि इस वायरस के खिलाफ जंग लड़ सकें’.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिखी थी. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर भारत की मदद का ऑफर दिया था.
  • पीएम मोदी के ऑफर पर चीन का जवाब
  • भारत का ऑफर गहरी दोस्ती दर्शाता है: चीन
  • कोरोना वायरस से चीन में 900 से अधिक की मौत

पीएम मोदी ने दिया था मदद का ऑफर

बता दें कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिखी थी. इसमें अभी तक कोरोना वायरस की वजह से चीन में हुए नुकसान पर शोक व्यक्त किया था और भारत की ओर से किसी भी तरह की सहायता की पेशकश की थी. अपने खत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को निकालने में चीनी सरकार के द्वारा की गई मदद का सराहना की थी.

बता दें कि चीन में भारत के 300 से अधिक छात्र फंस गए थे, जिन्हें विदेश मंत्रालय ने चीन की सरकार की मदद से बाहर निकाला. एयर इंडिया के दो विमान चीन से भारतीय नागरिकों को वापस अपने देश लेकर आए और अब उनका यहां पर ट्रीटमेंट किया जा रहा है. पिछले दो महीने में कोरोना वायरस का असर दुनियाभर में हुआ है. सिर्फ चीन में ही इस वायरस की वजह से 900 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग इसकी चपेट में हैं. कोरोना वायरस की वजह से चीन का अधिकतर दुनिया से संपर्क कम हो गया है.

 

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Delhi Election: हैदराबादी-मुरादाबादी के साथ अब दिल्ली में ‘चुनावी बिरयानी’, योगी ने चढ़ाई हांडी

Delhi Election 2020 Yogi Adityanath Shaheen Bagh Protest
दिल्ली में मिलने वाली हैदराबादी और मुरादाबादी बिरयानी काफी मशहूर है, लेकिन चुनावी (Delhi Election 2020) माहौल में यहां एक ऐसी बिरयानी भी पकाई जा रही है, जो स्वाद भी बिगाड़ सकती है और इसकी खुशबू से किसी का पेट भी भर सकता है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ से राजधानी दिल्ली आकर इस बिरयानी की हांडी चढ़ा दी है, Shaheen Bagh Protest जिसके असल टेस्ट का पता 11 फरवरी को चलेगा.
  • दिल्ली चुनाव में लगा बिरयानी का तड़का
  • सीएम योगी के बयानों में बिरयानी का जिक्र
  • शाहीन बाग के बहाने बिरयानी का छौंक

यूं तो दिल्ली में हैदराबाद से लेकर मुरादाबाद और कलकत्ता तक की बिरयानी मिलती है, लेकिन आजकल चुनावी माहौल है, लिहाजा यहां राजनीतिक बिरयानी भी पकाई जा रही है. खासकर, भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने भाषणों में बिरयानी की दावत और उसके पकौता के बारे में खूब जानकारी दे रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली में मिलने वाली इन बाहरी बिरयानी की तरह ये नेता भी लोकल नहीं हैं.

इस चुनावी बिरयानी में सबसे पहला छौंक यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगाया. योगी आजकल दिल्ली में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और इस क्रम में योगी जब 1 फरवरी को रोहिणी में चुनाव प्रचार के लिए उतरे तो उन्होंने सीधा निशाना नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर साधा. योगी ने कहा कि जो लोग कश्मीर में आतंकियों का समर्थन करते हैं, वो शाहीन बाग में मंच संभाले हुए हैं और आजादी के नारे लगा रहे हैं.

yogi adityanath shaheen bagh Delhi BJP Rally

इसके साथ ही योगी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिल्ली की सरकार जनता को जहरीला पानी पिला रही है और जो लोग शाहीन बाग में धरना दे रहे हैं उन्हें बिरयानी सप्लाई की जा रही है. योगी ने ये भी कहा कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, हर आतंकी की पहचान की जा रही है और उन्हें बिरयानी की जगह गोली दी जा रही है.’

बता दें कि मुंबई हमले के दोषी आतंकी अजमल कसाब जब जेल में था, उसे खाने में बिरयानी देने को लेकर देश में काफी चर्चा रही थी और बीजेपी ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर आतंकी को बिरयानी खिलाने के आरोप लगाए थे.

अब बीजेपी केंद्र की सत्ता में है और उसके नेताओं की तरफ से आतंकवाद का जिक्र कर शाहीन बाग के प्रोटेस्ट को निशाने पर लिया जा रहा है और AAP पर प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिलाने की बात की जा रही है.

योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रचार के दूसरे दिन भी बिरयानी का मुद्दा उठाया. रविवार (2 जनवरी) को योगी जब दक्षिण दिल्ली के बदरपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे तो उन्होंने शाहीन बाग के बहाने बिरयानी भी पका दी और विरोधी आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर ले लिया.

योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा, ‘बीजेपी आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की दिशा में काम कर रही है, जबकि केजरीवाल शाहीन बाग के लिए बिरयानी का आयोजन करने और खिलाने में व्यस्त हैं.’

योगी की इस बिरयानी की हांडी में अब बीजेपी के दूसरे नेता भी हाथ बंटाने उतर आए हैं. मोदी कैबिनेट में मंत्री और बिहार से आने वाले सांसद अश्विनी चौबे ने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वहां भाड़े के टट्टू फ्री की बिरयानी खाकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बिरयानी की इस दावत का आयोजक अश्विनी चौबे ने भी आम आदमी पार्टी को ही बताया. चौबे ने कहा, ‘शाहीन बाग में बैठे लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. आम आदमी पार्टी शाहिन बाग के लोगों को बिरयानी दे रही है और वोट बैंक की राजनीति कर रही है.’

यानी शाहीन बाग में 50 दिनों से चले आ रहे महिलाओं के धरने प्रदर्शन के बहाने बीजेपी नेता आतंकवाद और बिरयानी का जिक्र कर विशेषकर आम आदमी पार्टी को निशाना बना रहे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Elections 2020) के लिए 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होना है, जिसके बाद 11 फरवरी को नतीजों के साथ ही पता चल पाएगा कि इस बिरयानी का असली टेस्ट कैसा है.

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Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं को लेकर किए कई अहम ऐलान, पोषण संबंधी कार्यक्रम के लिए 35,600 करोड़ का प्रस्ताव

मोदी सरकार ने आज अपना दूसरा बजट (Union Budget 2020) पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करते हुए जीएसटी को ऐतिहासिक बताया। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के पोषण संबंधी कार्यक्रमों से जुड़े कई महत्वपूर्ण ऐलान भी किए। आइए जानते हैं आखिर क्या हैं ये ऐलान-

पोषण संबंधी कार्यक्रम-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है जबकि महिला विशिष्ट कार्यक्रमों को 28,600 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘पोषण मां के स्वास्थ्य के साथ बच्चों के लिए भी जरूरी है। आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं। पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं।

लड़कियों के मां बनने की उम्र-
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि अब हमारी सरकार लड़कियों के मां बनने की उम्र को बढ़ाने पर भी चर्चा कर रही है। इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा जो 6 महीने में इस मुद्दे पर रिपोर्ट तैयार करेगी।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता-
महिलाओं से जुड़ी योजना का ऐलान करते समय वित्त मंत्री ने कहा, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता उल्लेखनीय है, लड़कियों के स्कूल जाने का आंकड़ा लड़कों से ज्यादा है। 98 फीसदी लड़कियां नर्सरी लेवल पर स्कूल जा रही हैं। प्लस टू लेवल पर भी इसी तरह के आंकड़े हैं, लड़कियां लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं।’

पर्यटन और स्किल डेवलपमेंट-
वित्त मंत्री ने पर्यटन के लिए 2500 करोड़ देते हुए स्किल डेवलपमेंट के लिए भी 99, 300 करोड़ आवंटित किए गए हैं। सीतारमण ने ऐलान किया, ”ये सरकार दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए संजीदा है। इनके लिए 9500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।’

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राहुल गांधी बोले, अब गांव-शहर में लोग बोल रहे ‘अरहर मोदी, अरहर मोदी’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण का जिक्र करते हुए उनके दावों पर निशाना साधा। महंगाई पर नरेंद्र मोदी के भाषणों का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि मोदी जी कहते थे, ‘गरीब के घर में चूल्हा नहीं जलता। मां-बेटे रात भर रोते रहते हैं.वाह! क्या लाइन थी। लेकिन अब महंगाई पर लगाम लगाना भूल गए।’
सदन में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा एनडीए की सरकार अपनी सालगिरह का जश्न ‘हैप्पी बर्थडे’ मनाती है लेकिन महंगाई का जिक्र तक नहीं करती। राहुल गांधी ने महंगाई पर एनडीए और यूपीए सरकार की तुलना करते हुए कहा, ‘ मोदी जी कहा था कि मुझे प्रधानमंत्री नहीं, चौकीदार बनाओ। तीन-तीन बार अध्यादेश पेश किए गए, मोदीजी की नाक के नीचे जमीन छीनने की कोशिश की गई और चौकीदार देखता रहा।’ राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने किसानों का हजारों करोड़ रुपए माफ किए लेकिन एनडीए सरकार जमीन छीनने की कोशिश करती रही।

कांग्रेस सांसदों की तालियों के बीच राहुल गांधी ने सदन में जोरदार तरीके से मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अरहर की दाल की बढ़ती कीमतोंं के मामले पर केंद्र सरकार की खूब आलोचना की।सदन में राहुल ने कहा, ‘मैं मोदी जी से सिर्फ एक बात बोलना चाहता हूं कि स्टार्टअप, ओके बाय बाय …जो करना है करिए, लेकिन इस हाउस को आप वह डेट, वह तारीख दे दीजिए, जब मार्केट में दाल आलू-टमाटर के दाम कम हो जाएंगे। अरहर की दाल के भाव आसमान छू रहे हैं, गांव शहर के लोग बोल रहे हैं अरहर मोदी- अरहर मोदी।

Source: Amar Ujala

राहुल गांधी बोले, अब गांव-शहर में लोग बोल रहे ‘अरहर मोदी, अरहर मोदी’ Read More

पत्रकार वीजा मामले पर बौखलाई चीनी मीडिया, कहा- यह NSG का बदला है तो भारत को भुगतने होंगे परिणाम

china_650_072516101342भारत की ओर से चीन के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढ़ाने से इनकार किए जाने पर चीन के एक सरकारी अखबार ने हिंदुस्तान को चेतावनी दी है. दैनिक अखबार ने लिखा है कि यदि यह कदम एनएसजी में भारत की सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन द्वारा उसका साथ न दिए जाने की प्रतिक्रिया है, तो इस बात के गंभीर परिणाम होंगे.

द ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में कहा गया, ‘ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चूंकि चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने का विरोध किया, इसलिए भारत अब बदला ले रहा है. यदि नई दिल्ली वाकई एनएसजी सदस्यता के मुद्दे के चलते बदला ले रही है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.’ बता दें कि चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिंहुआ के तीन चीनी पत्रकारों की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया गया है.

जुलाई के अंत में समाप्त हो रही है वीजा अवधि‍
इन तीन पत्रकारों में दिल्ली स्थित ब्यूरो के प्रमुख वू कियांग और मुंबई स्थित दो संवाददाता-तांग लू और मा कियांग शामिल हैं. पत्रकारों के वीजा की अवधि इस माह के अंत में पूरी हो रही है. इन तीनों ने ही उनके बाद इन पदों को संभालने वाले पत्रकारों के यहां पहुंचने तक के लिए वीजा अवधि में विस्तार की मांग की थी.

‘यह विदेशी मीडिया का निष्कासन’
संपादकीय में कहा गया कि भारत के इस कदम को कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों ने एक ‘निष्कासन’ करार दिया है. ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने संपादकीय में कहा, ‘वीजा की अवधि नहीं बढ़ाए जाने के लिए कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया. कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों का दावा है कि इन तीन पत्रकारों पर फर्जी नामों का इस्तेमाल कर दिल्ली और मुंबई के कई प्रतिबंधित विभागों में पहुंच बनाने का संदेह है.’ ऐसी रिपोर्ट भी है कि इन पत्रकारों ने निर्वासित तिब्बती कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.’

‘पत्रकारों को फर्जी नामों की जरूरत नहीं’
समाचार पत्र ने भारत में अपने पूर्व संवाददाता लु पेंगफेई के हवाले से कहा कि चीनी पत्रकारों को इंटरव्यू लेने के लिए फर्जी नामों का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं है और संवाददाताओं के लिए दलाई लामा समूह का साक्षात्कार लेने का अनुरोध करना पूरी तरह सामान्य बात है.

संबंधों पर पड़ेगा निगेटिव असर
‘भारत द्वारा संवाददाताओं का निष्कासन एक घटिया कार्य है’ शीषर्क से छपे संपादकीय में कहा गया, ‘इस कदम ने नकारात्मक संदेश भेजे हैं और इससे चीन एवं भारत के बीच मीडिया संवाद पर निस्संदेह नकारात्मक असर पड़ेगा.’ इसमें दावा किया गया है कि एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करके चीन ने कुछ अनुचित नहीं किया. उसने ऐसा करके इस नियम का पालन किया कि सभी एनएसजी सदस्यों के लिए अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है.

‘चीनी वीजा प्राप्त करना भी आसान नहीं’
समाचार पत्र ने कहा, ‘भारत का दिमाग शंकालु है. चीनी संवाददाता भले ही लंबी अवधि के वीजा के लिए आवेदन दें या किसी अस्थायी पत्रकार वीजा के लिए आवेदन दें, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. भारत के साथ काम करने वाले अन्य चीनी लोगों ने भी भारतीय वीजा प्राप्त करने में मुश्किलें पेश आने की शिकायतें की हैं. इसके विपरीत, भारतीयों के लिए चीनी वीजा प्राप्त करना बहुत आसान है.’ इसमें कहा गया है, ‘हमें इस बार वीजा मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दिखाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. हमें कम से कम कुछ भारतीयों को यह एहसास कराना चाहिए कि चीनी वीजा प्राप्त करना भी आसान नहीं है.’

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PM मोदी जून में जा सकते हैं अमेरिका, स्टेट विजिट पर US प्रेसिडेंट ओबामा करेंगे खातिरदारी

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नई दिल्ली
: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून के महीने में अमेरिका जा सकते हैं। मोदी 7-8 जून को अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। द्विपक्षीय वार्ता के लिहाज से उनका यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी पहली बार वाशिंगटन के स्टेट विजिट पर होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस मुलाकात को लेकर उत्सुकता जताई है।

स्टेट विजिट दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूत को लेकर सबसे अहम माना जाता है। इससे पहले स्टेट विजिट के तौर पर साल 2009 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गए थे। ओबामा ने चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं का 2011 और शी जिनपिंग का 2015 में स्टेट विजिट के दौरान स्वागत किया था।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह चौथा अमेरिकी दौरा होगा। हालांकि इसके पहले वह संयुक्त राष्ट्र, सिलिकॉन वैली और न्यूक्लियर समिट में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन इस बार उनका दौरा पूरी तरह अमेरिका पर ही फोकस होगा। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने दूसरे कार्यकाल के खत्म होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते थे। अमेरिकी राष्ट्रपति कुछ इसी तरह का दुनिया के कई और नेताओं से भी मिल रहे हैं। गौर हो कि अगले साल जनवरी में ओबामा का बतौर राष्ट्रपति का टर्म खत्म हो रहा है।

Source- Z news

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