केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द की 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति

high-court_147312966332_650x425_090616081352_090816121920केजरीवाल सरकार को आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने के मामले में बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 13 मार्च 2015 के अपने आदेश के जरिए पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था. जिसे अदालत में चुनौती दी गई थी|

इससे पहले, दिल्ली सरकार द्वारा 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के खिलाफ लगाई गई याचिका पर केंद्र सरकार ने अदालत के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की थी. केंद्र ने कहा कि कानून के मुताबिक दिल्ली में 21 संसदीय सचिव नहीं रखे जा सकते हैं. मौजूदा कानून में केवल एक संसदीय सचिव रखने का प्रावधान है, जो केवल मुख्यमंत्री के अंतर्गत काम करेगा|

एक संसदीय सचिव रखने का प्रावधान
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा की खंडपीठ के समक्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पेश वकील जसमीत सिंह ने कहा कि संसदीय सचिव के पद का जिक्र न तो भारत के संविधान में किया गया है और न ही दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्य घोषित करना) अधिनियम 1993 में इस बाबत कुछ कहा गया है. नियम के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री को केवल एक संसदीय सचिव रखने का प्रावधान है. लिहाजा, दिल्ली सरकार के 13 मार्च 2015 के आदेश के अनुसार बनाए गए 21 संसदीय सचिव कानून के अंतर्गत नहीं आते हैं\

स्वयंसेवी संस्था ने लगाई याचिका
यह याचिका अदालत के समक्ष एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा लगाई गई थी. याचिका में दिल्ली सरकार के 13 मार्च 2015 के उस आदेश को चुनौती देते हुए उसे खारिज करने की मांग की गई थी जिसके तहत आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया था|

 

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राज्यसभा में सांसदों का फेयरवेल, मोदी बोले- GST पास कराते तो फायदा होता

rajyasabha_146311854नई दिल्ली.पार्लियामेंट के बजट सेशन का आज आखिरी दिन है। राज्यसभा से 57 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। जून में टर्म खत्म होने के चलते इनमें से कई सांसद नहीं जानते कि पार्लियामेंट के मॉनसून सेशन से पहले वे वापसी करेंगे या नहीं। उनके फेयरवेल पर नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामना दी। कहा- अगर आप जीएसटी पास करा लेते तो कई राज्यों को फायदा होता। पीएम मोदी ने क्यों किया जीएसटी का जिक्र…
– मोदी ने सांसदों से कहा- ‘दोनों सरकारों को आपके एक्सपीरियंस का लाभ मिला। इस सरकार को कम मिला, पुरानी वाली सरकार को ज्यादा मिला, लेकिन देश को कम्पलीट लाभ मिला।’
– ‘ यहां जब हम आते हैं, तो हमारी सोच की एक सीमा होती है। यहां हरेक बैकग्राउंड के लोग आते हैं। इस सदन में आते हैं तो सोचने का दायरा और बड़ा हो जाता है।’
– ‘ यहां आने वालों ने देश के लिए बड़ी भूमिका निभाई, मेरी शुभकामनाएं हैं और रहेंगी।’
– ‘ सदन से जाने के बाद यह सरकार आपके काम को उसी तरह करने को तत्पर रहेगी, जैसा सदस्य रहने पर रहती है, मैं चाहूंगा कि आप इस हक का भरपूर लाभ उठायें।’
– ‘ महत्वपूर्ण रिफॉर्म के फैसले आपके भागीदारी और मौजूदगी में हुए। आप राज्य के रिप्रेजेंटेटिव्ह्स हैं। पर, कुछ चीजों का गिला-शिकवा आपके मन में जरूर रहेगा।’
– ‘आप जिस राज्य से आते हैंं, वह आप पर भरपूर गर्व करता, अगर जीएसटी पास हो जाता तो।
– ‘ इससे बिहार को भरपूर फायदा होता। यूपी को भी फायदा होता। एक दो राज्यों को छोड़ अधिकतर राज्य को इसका लाभ होता।
आनंद शर्मा बोले- हमें एक दूसरे को समझना होगा
कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने क्या कहा- ‘कोई चीज स्थिर नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का हिस्सा है। लेकिन, सदन और संसद स्थिर है। यह सबसे बड़ी देन हमारे फ्रीडम फाइटर्स और संविधान निर्माताओं की है। ऐसे भी कई क्षण आए हैं, जब दुनिया ने हमारे एक विचार हमारी ताकत को देखा।’
– ‘ हमने कई बार देश के लिए बड़े फैसले लिए हैं। कुछ क्षण ऐसे भी आए जब पीठ की तरफ से सख्ती भी हुई।’
– ‘हमारा प्रयास रहे कि हम एक दूसरे को समझें। चर्चा करें। विरोधी की बात को समझने की कोशिश करें। उसे सुनें। व्यक्तिगत विरोधी न समझकर व्यवहार करें।’
राज्यसभा में क्या है सिचुएशन?
– 245 मेंबर्स वाले हाउस में अभी एनडीए के 62 सांसद हैं। सात नॉमिनेटेड मेंबर्स को शामिल कर दें तो एनडीए के 69 सांसद हो जाते हैं।
– कांग्रेस के 61 सांसद हैं। उसकी सहयोगी पार्टियों की संख्या मिला दें तो यूपीए के 80 सांसद हो जाते हैं।
– इसमें भी एआईएडीएमके, बीजेडी, तृणमूल, सपा और बसपा को मिला दें तो गैर-एनडीए सांसदों की संख्या 90 हो जाती है।
– 30 जून को राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य रिटायर होंगे। यहां सांसदों का टर्म 6 साल का होता है। हर दो साल में एक-तिहाई मेंबर रिटायर होते हैं।
– नए मेंबर्स का इलेक्शन 11 जून को होगा।
कौन-कितनी सीटें जीतेगा?
– बीजेपी के 14 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। 57 सीटों पर इलेक्शन के बाद उसे 18 सीटें मिल सकती हैं। यानी वह 4 सीटों के फायदे में रह सकती है।
– 49 सीटों वाली बीजेपी राज्यसभा में 53 सीटों तक पहुंच जाएगी।
– कांग्रेस के अभी 61 सांसद हैं। उसके भी 16 सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि दोबारा इलेक्शन के बाद उसकी संख्या 60 बनी रहेगी।
कहां से कितनी सीटों पर होना है इलेक्शन?
– यूपी : 11
– तमिलनाड़ु : 6
– महाराष्ट्र : 6
– बिहार : 5
– आंध्र प्रदेश : 4
– कर्नाटक : 4
– मध्य प्रदेश : 3
– ओडिशा : 3
– हरियाणा : 2
– झारखंड : 2
– पंजाब : 2
– छत्तीसगढ़ : 2
– तेलंगाना : 2
– उत्तराखंड : 1
(इन 53 सीटों के अलावा बाकी 4 सीटों पर कुछ सदस्यों के निधन या इस्तीफे के चलते चुनाव होगा।)
बीजेपी को क्या फायदा मिलेगा…
– बीजेपी को कुछ सीटों का फायदा हो सकता है, लेकिन उसकी संख्या इतनी नहीं बढ़ेगी कि वह राज्यसभा में बड़े बिल पास कराने की स्थिति में आ जाए।
– मोदी सरकार के पांच मंत्री- वेंकैया नायडू, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, वाईएस चौधरी और मुख्तार अब्बास नकवी का टर्म खत्म हो रहा है।
– नायडू के पास पार्लियामेंट्री अफेयर्स और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री है। उनकी संसद में वापसी तय है।
– वे पिछली बार कर्नाटक से चुने गए थे। इस बार विजय माल्या के इस्तीफे के बाद कर्नाटक से एक सीट खाली है।
– अगर नायडू आंध्र प्रदेश से इलेक्ट होना चाहेंगे तो उन्हें टीडीपी की मदद लेनी होगी, जिसका अभी बीजेपी के साथ अलायंस है।
– आंध्र प्रदेश से 4 सीटें हैं। एक सीट वाईएसआर कांग्रेस और बाकी तीन बीजेपी-टीडीपी को मिलेंगी।
– कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी आंध्र प्रदेश से आती हैं। लेकिन नायडू या सीतारमण में से कोई एक ही वहां से चुना जा सकेगा, क्योंकि टीडीपी अपनी 3 में से 2 सीटें बीजेपी को नहीं देगी।
– पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल महाराष्ट्र से और मुख्तार अब्बास नकवी यूपी से वापसी करेंगे।
कांग्रेस यहां रहेगी खाली हाथ…
– कांग्रेस को आंध्र प्रदेश या तेलंगाना से कोई राज्यसभा सीट नहीं मिल सकेगी। लिहाजा, पूर्व मंत्री जयराम रमेश की वापसी तेलंगाना की रूलिंग पार्टी टीआरएस पर निर्भर करेगी।
– कांग्रेस के ही हनुमंत राव और जेडी सीलम की भी वापसी तय नहीं है।
– महाराष्ट्र में कांग्रेस के विजय दर्डा का टर्म खत्म हो रहा है। लेकिन इसके लिए पार्टी के तीन नेता सुशील कुमार शिंदे, गुरदास कामत और मुकुल वासनिक दावेदार हैं।
– पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी भी रिटायर होने जा रहे हैं। केरल असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस की परफॉर्मेँस राज्यसभा में उनकी राह तय करेगी।
– पंजाब में भी कांग्रेस को परेशानी है। वहां से उसके तीन सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन दो की ही वापसी हो सकेगी।
– ऑस्कर फर्नांडीज कर्नाटक से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह कांग्रेस पूर्व मंत्री पी चिदंबरम की एंट्री करा सकती है। लेकिन लोकल नेताओं ने कहा है कि उन्हें बाहरी कैंडिडेट मंजूर नहीं होगा। चिदंबरम तमिलनाडु से आते हैं।
यूपी में क्या होगा…
– बीएसपी के पास लोकसभा में कोई मेंबर नहीं है। अब राज्यसभा से उसके 6 सांसद रिटायर हो रहे हैं।
– इनमें पार्टी में नंबर-2 सतीश चंद्र मिश्रा भी शामिल हैं। बीएसपी अपने दो और बीजेपी-कांग्रेस एक-एक नेता को चुन सकेगी।
– मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से किसी नेता का फिलहाल चांस नहीं है।
Source:दैनिक भास्कर
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कनाडा में सड़क हादसे में निरंकारी बाबा हरदेव सिंह की मौत, देश-विदेश में शोक में डूबे अनुयायी

1365757013Nirankari_Baba_Hardev निरंकारी बाबा हरदेव सिंह का शुक्रवार को कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन हो गया. बाबा के निधन से देश-दुनिया में मौजूद उनके तमाम भक्तों में शोक की लहर है|

बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त निरंकारी बाबा के रिश्तेदार गाड़ी चला रहे थे. एक्सीडेंट के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई|

रावलपिंडी में हुई थी निरंकारी समुदाय की उत्पत्ति
निरंकारी समुदाय की उत्पत्ति पंजाब के उत्तर-पश्चिम में बसे रावलपिंडी से हुई जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. इस समुदाय की स्थापना सहजधारी सिख बाबा दयाल सिंह और एक स्वर्ण व्यापारी ने की थी|

ब्रिटिश राज में हालांकि इस समुदाय को दरकिनार कर दिया गया. बाद में 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई. आज की तारीख में इस समुदाय के करोड़ों अनुयायी भारत से लेकर विदेशों में फैले हैं|

बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने निरंकारी बाबा के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, ‘बाबा हरदेव सिंह के निधन से देश को काफी नुकसान हुआ है. मैंने उनके कई समागमों को देखा है..’

 

Source: आज तक

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पाकिस्तान में सिख नेता की हत्या ,तालिबान ने ली जिम्मेदारी

2016_4image_11_51_130522000suransingh-llइस्लामाबाद : पाकिस्तानी तालिबान ने खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत में सिख नेता सूरन सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली है । पाकिस्तान के एक प्रमुख सिख नेता की शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई । हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे ।
पुलिस ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों पर मुख्यमंत्री खैबर पख्तूनख्वा के विशेष सहायक सरदार सूरन सिंह की बुनेर जिले के पीर बाबा इलाके में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वे सैर के बाद घर वापस जा रहे थे । पुलिस के मुताबिक सूरन सिंह को गोली आंख के करीब माथे पर लगी । उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां ,उन्हें मृत घोषित कर दिया गया । पुलिस ने कहा कि हमले के समय सिंह के पास कोई अंगरक्षक नहीं था ।

Source by- Panjab Keshari

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मुस्तफाबाद लाया गया शहीद किरपाल सिंह का शव, शहर में मातम

kirpal~20~04~2016~1461125308_storyimageपाकिस्तान की एक जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए भारतीय कैदी किरपाल सिंह का शव बुधवार को उनके गृहनगर मुस्तफाबाद ले जाया गया। उनके पार्थिव शरीर के वहां पहुंचने पर पूरे शहर में मातम पसर गया।

किरपाल सिंह का परिवार पंजाब में गुरदासपुर के मुस्तफाबाद में रहता है। उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा।

किरपाल सिंह के भतीजे ने कहा कि उनके चाचा और सरबजीत दोनों को एक साजिश के तहत मारा गया है।

शव से दिल और अमाशय गायब

इससे पहले मंगलवार को किरपाल सिंह का शव अटारी सीमा पर लाया गया और उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। शव से दिल और अमाशय (पेट) जैसे अंग गायब थे।

अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीएस बल ने किरपाल सिंह के शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि पोस्टमार्टम जांच में पाया गया कि उसका दिल और पेट गायब था। हालांकि शव पर किसी तरह की अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं पाई गई।

बल ने कहा कि  ब हम उसके गुर्दे, लीवर और इन दोनों अंगों के नमूने प्रयोगशाला की जांच के लिए अमृतसर से बाहर भेजेंगे ताकि उसकी मौत से जु़ड़े और तथ्यों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान पाया गया कि पाकिस्तान ने पोस्टमार्टम के दौरान गुर्दे और लीवर का कोई नमूना नहीं लिया था जो मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए जरूरी है। बल ने कहा कि पाकिस्तान ने अभी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं भेजी है।

इससे पहले दिन में किरपाल का शव उसके परिवार वालों की मौजूदगी में यहां लाया गया। किरपाल की बहन जागीर कौर सहित उनके परिजन, पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुलजार सिंह रानिके और अमृतसर के उपायुक्त वरुण रूजम के अलावा कई अन्य आला अधिकारी शव लेने के लिए वाघा सीमा की संयुक्त जांच चौकी पर मौजूद थे।

एक अन्य भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर भी वहां मौजूद थीं। गौरतलब है कि मई 2013 में पाकिस्तान की ही एक जेल में सरबजीत की मौत हुई थी। किरपाल सिंह कथित तौर पर 1992 में वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे और वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

बाद में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सीरियल बम धमाकों के एक मामले में किरपाल को मौत की सजा सुनाई गई थी। लाहौर की कोट लखपत जेल में पिछले सोमवार को किरपाल मृत पाए गए थे।

खबरों के मुताबिक, गुरदासपुर के रहने वाले किरपाल को बम धमाकों के मामले में लाहौर हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था लेकिन अज्ञात कारणों से उनकी मौत की सजा माफ नहीं कराई जा सकी थी।

 

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