SAARC समिट में PAK नहीं जाएंगे भारत, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान

saarc280920161475040424_storyimageभारत के बाद भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद में नवंबर में होने वाले दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया। पाकिस्तान का भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद जारी रखने का हवाला देते हुए सरकार ने ऐलान किया कि मौजूदा हालात में भारत सरकार इस्लामाबाद में होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थ है।

बांग्लादेश द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, बांग्लादेश के अंदरूनी मामलों में एक देश के बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा माहौल उत्पन्न कर दिया है जो नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए उपयुक्त नहीं है। इसने कहा, दक्षेस प्रक्रिया के आरंभकर्ता के रूप में बांग्लादेश क्षेत्रीय सहयोग, कनेक्टिविटी और संपर्कों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अटल है, लेकिन उसका मानना है कि ये चीजें एक सुखद माहौल में ही आगे बढ़ सकती हैं। उपरोक्त के मददेनजर बांग्लादेश इस्लामाबाद में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थ है

भूटान ने कहा कि हालांकि वह दक्षेस प्रक्रिया और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन क्षेत्र में हाल में आतंकवादी घटनाओं में आई तेजी से वह चिंतित है जिसका असर इस्लामाबाद में नंवबर 2016 में होने वाले 19वें दक्षेस शिखर सम्मलेन के सफल आयोजन के लिए जरूरी माहौल पर पड़ा है।

भूटान की ओर से आगे कहा गया है, इसके अलावा भूटान की शाही सरकार क्षेत्र में आतंकवाद के कारण शांति और सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर दक्षेस के कुछ सदस्य देशों की चिंता से इत्तेफाक रखती है तथा वर्तमान हालात में दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने में उन देशों के साथ है ।

सार्क सम्मेलन पर संकट

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत ने इसकी जानकारी दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान पहले ही क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद और इसमें एक देश की भूमिका का हवाला देते हुए सम्मेलन में भागीदारी से असमर्थता जता चुके हैं। भारत के इस फैसले के बाद दक्षेस सम्मलेन का रद्द होना तय हो गया है। दक्षेस के संविधान के मुताबिक, एक भी सदस्य देश यदि शामिल होने में असमर्थता जताए तो शिखर सम्मेलन नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि उरी हमले को लेकर भारत ने कठोर रुख अपनाया है। सभी स्तरों पर पाकिस्तान को अलग थलग करने का प्रयास चल रहा है। सिंधु नदी समझौते की समीक्षा की जा रही है। वहीं पाकिस्तान को सर्वाधिक तरजीही वाले देश का दर्जा देने पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विश्व के देशों से आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को अलग थलग करने की अपील कर चुकी हैं। भारत ने कहा कि वह क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। वह चाहता है कि दक्षेस देशों के बीच जुड़ाव और आपसी संबंध बेहतर बनें। लेकिन यह आतंक से मुक्त वातावरण में ही संभव हो सकता है।

मौजूदा हालात अनुकूल नहीं

भारत ने कहा कि सीमापार आतंकवाद और सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में एक देश के बढ़ती दखलंदाजी से ऐसा माहौल बना है, जो दक्षेस सम्मेलन की सफलता के लिहाज से अनुकूल नहीं है। लिहाजा इस समय की परिस्थितियों में भारत सम्मेलन में भागीदारी नहीं कर सकता।

पाक ने फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, बल्कि भारतीय विदेश मंत्रालय के ट्वीट से यह पता चला है। लेकिन भारत का ऐसा फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।

मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्ज पर बैठक

इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान पर और नकेल कसते हुए उससे सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा छीन लेने का भी संकेत दिया है। इस पर विचार के लिए प्रधानमंत्री ने गुरुवार यानी 29 सितंबर को विशेष बैठक बुलाई है। सिंधु जल संधि की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री का यह एक और कड़ा संदेश है। भारत ने 1996 में ही पाकिस्तान को यह दर्जा दिया था। दोतरफा कारोबारी रिश्ते को मजबूती देने के लिए भारत तभी से पाकिस्तान से भी इस तरह के दर्जे की मांग कर रहा था लेकिन उसने यह दर्जा नहीं दिया। उड़ी हमले के बाद भारत में इसे रद करने की मांग बढ़ती जा रही है।

 

 

Source: Hindustan

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घर जाकर जन्मदिन पर पीएम मोदी ने लिया मां हीरा बा का आशीर्वाद, अहमदाबाद में कटेगा 67 किलो का केक

narendra650_091716081837प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 67वां जन्मदिन है. पीएम मोदी अपना जन्मदिन मनाने गुजरात पहुंचे हैं. वहां उन्होंने गांधीनगर में अपनी मां हीरा बा का आशीर्वाद लिया. पीएम मोदी 32 दिनों में तीसरी बार गुजरात गए हैं|

पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर ओल्ड अहमदाबाद में 67 किलो का केक कटेगा. सूरत में बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी की सालगिरह मनाई.

PM मोदी ने लिया मां का आशीर्वाद
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मां का आशीर्वाद लेने के बाद ट्वीट कर कहा कि मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी होता है. पीएम मोदी का शनिवार को गुजरात में बहुत व्यस्त कार्यक्रम रहेगा. मां का आशीर्वाद लेने के बाद नरेंद्र मोदी आदिवासी बहुल जिले के दाहोद के लीमखेड़ा में सिंचाई परियोजना की शुरुआत करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री नवसारी में विकलांगों को किट, व्हील चेयर्स, हियरिंग ऐड बांटने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यहां विकलांगों को आठ करोड़ रुपये से अधिक जरूरत का सामान बांटा जाएगा|

 

 

 

Source: आज तक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 18वीं बार देशवासियों से करेंगे ‘मन की बात’

pm-modi-on-radioनई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 18वीं बार रेडियो के जरिये देशवासियों से ‘मन की बात’ बात करेंगे। मोदी इस कार्यक्रम में अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। अपने इस खास कार्यक्रम के लिए पीएम ने देशभर की जनता से सुझाव भी मांगे है। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर प्रसारित किया जाता है। पिछले कार्यक्रम में पीएम ने खादी को बढ़ावा देने, फसल बीमा योजना से देश के 50% किसानों को जोड़ने और स्टार्ट अप अभियान के बारे में बात की थी। साथ ही उन्होंने 10वीं और 12वीं के छात्रों को तनावमुक्त होकर परीक्षा देने को कहा था।

उधर, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के रविवार को प्रसारण की इन निर्देशों के साथ मंजूरी दे दी है कि इसमें पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल, पुडुचेरी) के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आयोग से संपर्क कर आचार संहिता के कारण मासिक रेडियो कार्यक्रम के प्रसारण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने बुधवार को कार्यक्रम के प्रसारण को हरी झंडी देते हुए निर्देश दिया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।

एक सूत्र ने कहा, ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए जो पांच राज्यों के मतदाताओं पर असर डालता हो। भाषण को मंजूरी देते हुए ये निर्देश जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह नियमित कार्यक्रम है, इसलिए पहले की तरह मंजूरी प्रदान की गयी। आयोग पहले भी विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यक्रम के प्रसारण की स्वीकृति देता रहा है। उसने महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यक्रम के लिए मंजूरी दी थी और कुछ महीने पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी स्वीकृति दे दी थी।

विपक्ष ने और खासतौर पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से संपर्क साधकर कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में 4 अप्रैल से चुनाव होने जा रहे हैं। आदर्श आचार संहिता चार मार्च को प्रभाव में आ गयी थी जब आयोग ने चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी।

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