26 साल बाद कांग्रेसी ‘युवराज’ का अयोध्या दौरा

160110200529_rahul_gandhi_624x351_afpgettyशुक्रवार, नौ सितंबर, 2016 की सुबह साढ़े नौ-दस बजे के आसपास जब राहुल गांधी अयोध्या की प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी में दर्शन करेंगे तो वे बाबरी मस्जिद कांड के बाद अयोध्या जाने वाले नेहरू-गांधी परिवार के पहले वंशज होंगे.

1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और राहुल के पिता राजीव गांधी ने कांग्रेस के लोक सभा चुनाव प्रचार की शुरुआत अयोध्या से की थी, हालांकि वे हनुमान गढ़ी नहीं जा पाए थे, हालांकि यह उनके कार्यक्रम में था.

1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और राहुल के पिता राजीव गांधी ने कांग्रेस के लोक सभा चुनाव प्रचार की शुरुआत अयोध्या से की थी, हालांकि वे हनुमान गढ़ी नहीं जा पाए थे, हालांकि यह उनके कार्यक्रम में था.

1990 में सद्भावना यात्रा के दौरान राजीव गांधी का गुज़र अयोध्या से हुआ था.

लेकिन तबसे हनुमान गढ़ी तो दूर, अयोध्या भी उनके परिवार का कोई कांग्रेसी नहीं गया. सोनिया ने फैज़ाबाद में तो सभाएं कीं लेकिन अयोध्या से वे दूर ही रहती आई हैं.

वैसे, राजीव अयोध्या में हनुमान गढ़ी दर्शन से कहीं ‘बड़ा’ काम कर चुके थे जिसके बल पर उन्होंने 1989 के उस चुनावी सभा में ‘राम-राज्य’ लाने का वादा किया था.

राहुल गांधी का हनुमान गढ़ी के दर्शन करने का कार्यक्रम पहले नहीं था. बुधवार की रात अचानक इसे उनके कार्यक्रम में जोड़ा गया. जोड़ा यह भी गया कि अयोध्या के बाद जब वे रोड शो करते हुए अम्बेडकरनगर जाएंगे तो किचौछा शरीफ़ दरगाह पर भी मत्था टेकेंगे.

राहुल इस समय उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों-कस्बों में रोड शो कर रहे हैं. उनकी यात्रा को ‘किसान यात्रा’ का नाम दिया गया है. राहुल की यह यात्रा देवरिया से अपनी शुरुआत ही में ‘खाट-प्रकरण’ के कारण चर्चा या विवाद में आ गई. सोशल साइटों पर तब से ‘खाट’ ट्रेंड कर रहा है.

देवरिया के बाद राहुल को गोरखपुर, गोण्डा होकर शुक्रवार को अयोध्या-फैज़ाबाद में रोड शो और किसानों से मुलाक़ात करते हुए अम्बेडकर नगर जाना था. “खाट-प्रकरण” उनके साथ-साथ चल रहा था लेकिन अब हनुमान गढ़ी का दर्शन उनके कार्यक्रम में जुड़ जाने से फोकस बदल गया लगता है.

क्या कांग्रेसी रणनीतिकारों ने ‘किसान यात्रा’ में ऐन वक्त पर ‘मंदिर टच’ जान-बूझ कर दिया है? क्या राहुल के हनुमान गढ़ी दर्शन से कांग्रेस कोई ख़ास संदेश यू पी के मतदाताओं को देना चाहती है? क्या आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा की काट के लिए कांग्रेस को थोड़ा हिंदू-झुकाव भी ज़रूरी लग रहा है?

जिन ब्राह्मण वोटों पर इस बार कांग्रेस सबसे ज़्यादा ज़ोर दे रही है, क्या राहुल का हनुमान गढ़ी प्रवेश उसे आसान बना देगा?

कई सवाल एकाएक उछलने लगे हैं.

राहुल के हनुमान गढ़ी में पूजन-अर्चन को 27 साल पहले की उनके पिता की रणनीति से जोड़कर भी देखा जाने लगा है.

राजीव गांधी ने अपने दोस्तों-सलाहकारों के कहने पर बाबरी मस्जिद मामले में कई तरह के फ़ैसले लिए थे: 1989 में विश्व हिंदू परिषद को अयोध्या के विवादित क्षेत्र में राम मंदिर के शिलान्यास की इजाज़त दी थी. इसकी परिणति छह दिसम्बर, 1992 को बाबरी मस्जिद ध्वंस में हुई, जिसने कांग्रेस को अपने व्यापक मुस्लिम जनाधार से वंचित कर दिया.

27 साल से कांग्रेस यूपी की सत्ता से बाहर है. ’27 साल यूपी बेहाल’ का नारा लेकर इस बार वह नए चुनावी प्रबंधन कौशल से प्रदेश में पैर जमाने निकली है. ये 27 साल यूपी में कांग्रेस की बदहाली के भी हैं. क्या इस बदहाली को दूर करने के लिए राहुल को अयोध्या और हनुमान गढ़ी की यात्रा ज़रूरी लग रही है?

बताया तो यह जा रहा है कि अयोध्या-फैज़ाबाद से कांग्रेस का टिकट चाहने वालों ने, जिनमें एक महंत भी हैं, राहुल के सलाहकारों तथा कांग्रेस के रणनीतिकारों पर दवाब बनाया और तब बुधवार की रात राहुल के हनुमान गढ़ी जाने का कार्यक्रम तय हुआ.

उन्हें यह समझाया गया कि सोनिया गांधी अपने वाराणसी रोड शो में काशी-विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर पाई थीं. बहाना उनकी बीमारी बना लेकिन हिंदुओं में चर्चा यह रही कि रोड शो में बड़ी संख्या में मुस्लिम उपस्थिति देख कर सोनिया बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना टाल गईं.

राहुल और उनके सलाहकारों की रणनीति यदि इस बहाने हिंदू-कार्ड चलना है तो इतिहास में, विशेषकर राजीव गांधी की मंदिर-चाल में उनके लिए एक बड़ा सबक़ तो हो ही सकता है, यदि वे उस ओर देखना चाहें.

तनिक वाम झुकाव वाली कांग्रेस की मध्यमार्गी नीति से किनारा करते हुए राजीव गांधी ने 1986 से 1989 के बीच हिंदू झुकाव का जो रास्ता अपनाया उसने जहां देश को विकास के मार्ग से भटका कर धर्म की राजनीति का अखाड़ा बना दिया वहीं कांग्रेस पार्टी के धीरे-धीरे अप्रासंगिक होते जाने का रास्ता भी तैयार कर दिया था.

धर्म की राजनीति करने के लिए दूसरी पार्टियां अखाड़े में पहले से मौजूद थीं. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों की सहायता से भाजपा ने फ़ौरन राम मंदिर को चुनावी राजनीति का मुख्य मुद्दा बना डाला.

आज भी राहुल और उनकी कांग्रेस इस मामले में भाजपा का क़तई मुकाबला नहीं कर सकते. भाजपा को टक्कर देने के लिए उस ही की तरह बनने की कोशिश करने की बजाय कांग्रेसी मूल्यों की पुनर्स्थापना क्या बेहतर तरीक़ा नहीं होगा?

जिस निचले पायदान पर आज कांग्रेस खड़ी है वहां से उसे वापसी का रास्ता ढूंढना है. उससे नीचे मोदी जी का ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ है और वहां कांग्रेस निश्चय ही नहीं लुढ़कना चाहेगी.

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आश्चर्य है कि राहुल अपने रोड शो और किसान पंचायतों में सीधे नरेंद्र मोदी और उनकी ‘सूट-बूट की सरकार’ को निशाना बना रहे हैं. उनके प्रचार का अंदाज़ लोकसभा चुनाव की याद दिलाता है.

चुनाव यूपी के होने हैं और यहां सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी उनकी आलोचना का केंद्र नहीं है. इस प्रदेश की बदहाली को दूर करने का कोई रोड मैप उनके मुंह से नहीं सुनाई देता.

किसानों की ऋण माफी का मुद्दा वे सीधे विजय माल्या से जोड़ते हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद की अपनी उम्मीदवार ‘दिल्ली का कायाकल्प कर देने वाली’ शीला दीक्षित को प्रदेश के मतदाताओं से परिचय नहीं करा रहे.

बहरहाल, देखना होगा कि 27 साल बाद अयोध्या आ रहे पहले कांग्रेसी युवराज हनुमान गढ़ी दर्शन-पूजन के बाद किस तेवर में दिखाई देते हैं!

Source : BBC hindi

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‘Pappu Pass Hoga’, Congress Workers In Varanasi Insist Today

sonia-gandhi-road-show_650x400_51470126232Varanasi: At 1 pm in Varanasi, there is no escape from the sun. Or the politics that the city is awash in today as it contemplates what sort of pulling power Congress chief Sonia Gandhi will demonstrate on the turf that Prime Minister Narendra Modi so decisively established as his own in the general election.

“The crowds will come. They will build up, you wait,” says Mohammed Isa, who runs a fishing business. Mr Isa says he voted for the Congress in 2014 and is likely to repeat his decision in the state election. “It is true the Congress will not win,” he says, “but who else will I vote for?  As Muslims, my family has always voted for the Congress.

He is seated at a small stall that sells cold drinks and eggs opposite the Dr Ambedkar statue that the Congress chief will garland. Her road show will end with a visit to the statue of Kamalapati Tripathi  to signal that the Congress should be the choice of a range of castes, from Brahmins to Dalits.

“Since Prime Minister Modi was elected, it is true that roads have improved here,” Mr Isa says. The improvement in Varanasi, from better roads to cleanliness, is acknowledged freely as the result of the PM making this his political home.

At the statue of Dalit icon Dr Ambedkar, Congress workers, their head scarves limp with sweat, climb up a ladder to clean the structure. So far, at this major intersection, the crowds are thin. A few Congress workers carry the placards of the local lawmaker who has rustled them together. One comes up. “I am seeking a ticket. If you can speak to anyone, please let me know,” he says, without inquiring who his query is being addressed to.

It is a testament to how today politics is the only thing on the city’s mind. Anil Dikshit, a taxi driver, says the BJP, who he supported in 2014, will make big gains. “In my village, it took me just a month to get a bank account opened,” he said of the PM’s Jan Dhan scheme to ensure all families have a bank account.

At the cold drinks stall, a group of Congress workers take refuge from the sun. “You can pay later, first have some cold water,” says the young owner, Wasim Akram, to them. “It is not a usual day,” he offers as explanation for his freewheeling business practice today.

One of the young Congress supporters gets up to be interviewed on camera. “Pappu fail nahin hua, Pappu pass hoga,” he insists loudly, referring to the mocking nickname given by PM Modi during his 2014 campaign to Mrs Gandhi’s son, Rahul.

That is the sort of bluster that is running through the streets today in a state where the Congress placed last in the general election.

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सोनिया गांधी के खिलाफ FIR, बिल न चुकाने का आरोप

sonia-gandhi-angryकांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ केरल के तिरुअनंतपुरम में भुगतान न करने के एक मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी आरोपी बनाया गया है।

अंग्रेजी वेबसाइट NEWS18 के अनुसार मुकदमा केरल के एक कांट्रेक्टर की ओर से दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज कराने वाले मैसर्स हीथ कंस्ट्रक्‍शन के मैनेजिंग पार्टनर राजीव की ओर से बताया गया कि उन्हें केरल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की ओर से राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के भवन निर्माण का ठेका दिया गया था। भवन बनकर तैयार भी हो गया, लेकिन इसमें आई लागत का भुगतान उन्हें नहीं किया गया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार आपसी झगड़े के कारण कांट्रेक्टर का भुगतान अटक गया। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि उनके पास पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चेनिनथाला द्वारा शुरू करवाए गए इस प्रोजेक्ट के भुगतान के ‌लिए पैसा ही नहीं है, ऐसे में भुगतान कैसे किया जाए।

कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीएम सुधीरन का कहना है कि न पार्टी के पास इसका भुगतान करने के लिए पैसा है न ही इस इंस्टीट्यूट की कोई जरूरत  है।

बता दें कि अक्टूबर 2005 में खुद सोनिया गांधी ने इस इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया था। कंपनी का भुगतान न होने की जानकारी उनके पास भी पहुंची थी जिस पर उन्होंने प्रदेश कमेटी को इसका भुगतान करने का निर्देश दिया था। लेकिन पार्टी ने इस मामले को बहुत हल्के में लिया और कांट्रेक्टर का भुगतान नहीं किया गया। जिसके बाद राजीव की ओर से मामले में सोनिया गांधी, इंस्टीट्यूट के चेयरमैन रमेश चैनिनथाला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और केरला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वीएम सुधीरन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज होते ही पार्टी की ओर से आनन फानन में उनका पक्ष रखा गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह मामला भवन का निर्माण करने वाली कंपनी और इंजीनियर के बीच विवाद का है। इंस्टीट्यूट का निर्माण प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की ओर से शोध को बढ़ावा देने के‌ लिए करवाया गया था। इस मामले से एआईसीसी का कोई लेना देना नहीं है। सूरजेवाला ने दावा किया कि 24 घंटे में यह मामला निपटा लिया जाएगा।

Source: Amar Ujala

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अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील: PM मोदी के बयान पर लोकसभा से कांग्रेस का वाकआउट

111605-445533-parliament27.12.15 Indian helicopter bribery scandal
नई दिल्ली  : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिलनाडु की एक चुनावी रैली में 3600 करोड़ रूपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान दिए जाने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री के ऐसे बयान से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच प्रभावित हो सकती है।

लोकसभा अध्यक्ष से इसे तत्काल उठाने का मौका नहीं मिलने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया। हालांकि वे कुछ देर बाद वापस आ गए। निचले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तत्काल “Indian helicopter bribery scandal” उठाने देने की मांग कर रहे थे। हालांकि अध्यक्ष ने शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के इदरिश अली का नाम पुकारा। कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया।

खड़गे ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और प्रधानमंत्री ऐसे बयान देते हैं तब इससे प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच प्रभावित होगी। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चर्चा के दौरान किसी ने किसी का नाम नहीं लिया था तब प्रधानमंत्री ऐसा कैसे कर सकते हैं। हम ऐसे बयान की निंदा करते हैं। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

 

 

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लोकतंत्र बचाओ मार्च LIVE: संसद मार्ग थाने से बाहर निकले सोनिया और राहुल, दी थी गिरफ्तारी

rally_050616110640 so_050616104736 अगस्ता घोटाला समेत तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर जंतर-मंतर से संसद की ओर कांग्रेस के ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च को पुलिस ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पर रोक दिया है. वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं, जबकि पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में जाकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह ने प्रतीकात्मक गिरफ्तारी दी, जिसके थोड़ी देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया|

थाने के बाहर बैरिकेडिंग की गई है. जिसके पार बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता मौजूद हैं. रेणुका चौधरी समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता इस दौरान बैरिकेड पर चढ़े हुए नजर आए. कार्यकर्ताओं से इतर कई नेता खुद बैरिकेड पर चढ़कर नारे लगा रहे हैं. दूसरी ओर, संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है और दोनों सदनों में इस वक्त कांग्रेस का कोई सांसद मौजूद नहीं है. अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेगी या नहीं. कांग्रेस बीजेपी के हमलों का जवाब देने के लिए जंतर-मंतर से संसद भवन तक यह रैली कर रही है.

संबोधन में अगस्ता मामले का जिक्र नहीं
इससे पहले अपने संबोधन में राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सभी नेताओं ने कांग्रेस शासित राज्यों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया. हालांकि खास बात यह रही कि इस दौरान किसी भी नेता ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले का जिक्र नहीं किया. अपने संबोधन में सभी नेताओं ने मौजूद कार्यकर्ताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने पर बल दिया और उन्हीं मुद्दों की बात की गई, जिन पर बीजेपी पर हमलावर रुख अख्ति‍यार किया जा सके.

राहुल गांधी की अगुवाई में प्रतीकात्मक मार्च
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के सांसदों और कार्यकर्ताओं ने संसद की ओर मार्च किया. इस दौरान सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. वहीं संसद की कार्यवाही के मद्देनजर धारा 144 भी लागू है. ऐसे में जंतर-मंतर से 500 मीटर की दूरी पर ही मार्च को सुरक्षा‍कर्मियों द्वारा रोक दिया गया. मार्च के जरिए कांग्रेस केंद सरकार पर दबाव बनाना चाह रही है|

NDA सांसदों का संसद परिसर में धरना प्रदर्शन
दूसरी ओर, इससे पहले संसद परिसर में एनडीए के सांसद कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गांधी जी की प्रतिमा के निकट धरना प्रदर्शन कर रहे हैं|

जंतर-मंतर पर सोनिया गांधी का भाषण:

– देशभर में मोदी सरकार को बेनकाब करने का समय आ गया है.

– मैं सभी साथ‍ियों से अपील करती हूं कि आगे बढ़ें और इनके झूठ का पर्दाफाश कर दें.

– आज उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं, लेकिन वहां कुछ नहीं हो पा रहा है.

– सत्ता की इन लोगों की भूख बढ़ती जा रही है. लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को ये गिराने की कोशि‍श कर रहे हैं.

– जिस दिन पानी सिर से ऊपर चला जाता है, भारत के लोग अच्छे अच्छों को पानी पिला देते हैं.

– आज विद्या‍र्थ‍ियों पर जुल्म हो रहे हैं. पलक झपकते ही ये किसी को देशद्रोही घोष‍ित कर देते हैं.

– मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है.

– दो साल में मोदी सरकार ने सब बर्बाद कर के रख दिया.

– समाज के पिछड़ों, वंचितों को चुनाव लड़ने से रोका गया.

– आज किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं.

– नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार विपक्ष पर झूठे आरोप लगा रही है.

– समाज को धर्म, भाषा के आधार पर बांटा जा रहा है.

– हम मजबूत विपक्ष की भूमिका से कभी पीछे नहीं हटेंगे.

– नाइंसाफी के खि‍लाफ कांग्रेस कभी झुकने वाली नहीं है.

– आज किसी पर भी देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है.

– झूठे सपने दिखाकर मोदी ने सत्ता हासिल की.

– जो इनकी हां में हां नहीं मिलाए आज उनकी खैर नहीं.

– लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशि‍श की जा रही है.

– मोदी सरकार ने सभी मुद्दों पर आंखें बंद कर रखी हैं.

– दो साल में मोदी सरकार ने सबकुछ बर्बाद कर दिया.

– उन्हें नहीं मालूम कांग्रेस किस मिट्टी की बनी है.

– जब भी जरूरत पड़ेगी हम किसी भी तरह की कुर्बानी देने से नहीं चूकेंगे.

– जिंदगी ने मुझे संघर्ष करना सिखाया है.

– केंद्र की सरकार नागपुर में बैठे लोगों के इशारे पर चल रही है.

 

जंतर-मंतर पर मनमोहन सिंह का संबोधन:

– देश में कांग्रेस शासित प्रदेशों के खि‍लाफ साजिश हो रही है.

– कई लोगों ने कांग्रेस को मिटाने की कोशि‍श की, लेकिन नाकाम रहे.

– हम मोदी सरकार के मंसूबों को नाकाम करेंगे.

– जहां कहीं भी कांग्रेस की सरकारें हैं, उसे गिराकर मोदी जी ने लोकतंत्री की आत्मा पर हमला किया है.

– कांग्रेस बहती गंगा है, जो कभी रुकेगी नहीं.

– कांग्रेस भारत की अात्मा है.

– मोदी जी जहां भी जाते हैं सिर्फ कांग्रेस के सफाए की बात करते हैं|

जंतर-मंतर पर राहुल गांधी का संबोधन:

– देश में सिर्फ दो ही लोगों की बात चलती है नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत.

– उत्तराखंड में राज्य सरकार को तोड़ा गया, लोकतंत्र की हत्या हुई.

– मोदी सरकार कानून तोड़ती जा रही है.

– मोदी जी के भाषण और उनके मेक इन इंडिया की हकीकत अलग है.

– मोदी जी ने कहा था हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार दूंगा, लेकिन पिछले साल 1.3 लाख लोगों को ही रोजगार मिला.

– देश के कई हिस्सो में सूखा पड़ा है, लेकिन मोदी जी को इस पर कुछ नहीं कहना है.

– सभी साथि‍यों का यहां इक्ट्ठा होने के लिए शुक्रिया. आप सभी लोकतंत्र को बचाने के लिए यहां पहुुंचे हैं.

कांग्रेस के पोस्टरों में रॉबर्ड वाड्रा
दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. पैदल मार्च की अगुवाई खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी करने वाले हैं. दिलचस्प बात यह है कि जंतर-मंतर पर कांग्रेस के पोस्टरों में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को भी राहुल गांधी के साथ जगह दी गई है|

जाहिर तौर इससे नए सियासी कयास लगने शुरू हो गए हैं, वहीं यह भी समझा जा रहा है कि लैंड डील मामले में कांग्रेस ने वाड्रा को क्लीनचिट दे दी है|

कांग्रेस नेता कमलनाथ का कहना है कि देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और बीजेपी अगस्ता मामले के बहाने मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशि‍श की जा रही है, वहीं सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार को कमजोर करने की कोशि‍श कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को सीबीाई और ईडी द्वारा भी निशाना बनाया जा रहा है|

शुक्रवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथि‍त घोटाले पर बयान देंगे. जबकि उससे पहले इस मामले पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, किरीट सोमैया, निशीकांत ठाकुर, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधि‍या और टीएमसी के सौगत रॉय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस होगी.

संसद भवन के आसपास धारा 144 लागू
बताया यह भी जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी कांग्रेस की रैली को पार्लियामेंट स्ट्रीट पर ही रोक लेंगे. संसद सत्र जारी रहने के कारण संसद भवन के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू है|

लोकतंत्र बचाओ मार्च LIVE: संसद मार्ग थाने से बाहर निकले सोनिया और राहुल, दी थी गिरफ्तारी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी

अगस्ता घोटाला समेत तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर जंतर-मंतर से संसद की ओर कांग्रेस के ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च को पुलिस ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पर रोक दिया है. वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं, जबकि पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में जाकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह ने प्रतीकात्मक गिरफ्तारी दी, जिसके थोड़ी देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया|

 

थाने के बाहर बैरिकेडिंग की गई है. जिसके पार बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता मौजूद हैं. रेणुका चौधरी समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता इस दौरान बैरिकेड पर चढ़े हुए नजर आए. कार्यकर्ताओं से इतर कई नेता खुद बैरिकेड पर चढ़कर नारे लगा रहे हैं. दूसरी ओर, संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है और दोनों सदनों में इस वक्त कांग्रेस का कोई सांसद मौजूद नहीं है. अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेगी या नहीं. कांग्रेस बीजेपी के हमलों का जवाब देने के लिए जंतर-मंतर से संसद भवन तक यह रैली कर रही है|

संबोधन में अगस्ता मामले का जिक्र नहीं
इससे पहले अपने संबोधन में राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सभी नेताओं ने कांग्रेस शासित राज्यों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया. हालांकि खास बात यह रही कि इस दौरान किसी भी नेता ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले का जिक्र नहीं किया. अपने संबोधन में सभी नेताओं ने मौजूद कार्यकर्ताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने पर बल दिया और उन्हीं मुद्दों की बात की गई, जिन पर बीजेपी पर हमलावर रुख अख्ति‍यार किया जा सके|

राहुल गांधी की अगुवाई में प्रतीकात्मक मार्च
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के सांसदों और कार्यकर्ताओं ने संसद की ओर मार्च किया. इस दौरान सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. वहीं संसद की कार्यवाही के मद्देनजर धारा 144 भी लागू है. ऐसे में जंतर-मंतर से 500 मीटर की दूरी पर ही मार्च को सुरक्षा‍कर्मियों द्वारा रोक दिया गया. मार्च के जरिए कांग्रेस केंद सरकार पर दबाव बनाना चाह रही है|

NDA सांसदों का संसद परिसर में धरना प्रदर्शन
दूसरी ओर, इससे पहले संसद परिसर में एनडीए के सांसद कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गांधी जी की प्रतिमा के निकट धरना प्रदर्शन कर रहे हैं|

जंतर-मंतर पर सोनिया गांधी का भाषण:

– देशभर में मोदी सरकार को बेनकाब करने का समय आ गया है.

– मैं सभी साथ‍ियों से अपील करती हूं कि आगे बढ़ें और इनके झूठ का पर्दाफाश कर दें.

– आज उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं, लेकिन वहां कुछ नहीं हो पा रहा है.

– सत्ता की इन लोगों की भूख बढ़ती जा रही है. लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को ये गिराने की कोशि‍श कर रहे हैं.

– जिस दिन पानी सिर से ऊपर चला जाता है, भारत के लोग अच्छे अच्छों को पानी पिला देते हैं.

– आज विद्या‍र्थ‍ियों पर जुल्म हो रहे हैं. पलक झपकते ही ये किसी को देशद्रोही घोष‍ित कर देते हैं.

– मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है.

– दो साल में मोदी सरकार ने सब बर्बाद कर के रख दिया.

– समाज के पिछड़ों, वंचितों को चुनाव लड़ने से रोका गया.

– आज किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं.

– नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार विपक्ष पर झूठे आरोप लगा रही है.

– समाज को धर्म, भाषा के आधार पर बांटा जा रहा है.

– हम मजबूत विपक्ष की भूमिका से कभी पीछे नहीं हटेंगे.

– नाइंसाफी के खि‍लाफ कांग्रेस कभी झुकने वाली नहीं है.

– आज किसी पर भी देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है.

– झूठे सपने दिखाकर मोदी ने सत्ता हासिल की.

– जो इनकी हां में हां नहीं मिलाए आज उनकी खैर नहीं.

– लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशि‍श की जा रही है.

– मोदी सरकार ने सभी मुद्दों पर आंखें बंद कर रखी हैं.

– दो साल में मोदी सरकार ने सबकुछ बर्बाद कर दिया.

– उन्हें नहीं मालूम कांग्रेस किस मिट्टी की बनी है.

– जब भी जरूरत पड़ेगी हम किसी भी तरह की कुर्बानी देने से नहीं चूकेंगे.

– जिंदगी ने मुझे संघर्ष करना सिखाया है.

– केंद्र की सरकार नागपुर में बैठे लोगों के इशारे पर चल रही है.

जंतर-मंतर पर मनमोहन सिंह का संबोधन:

– देश में कांग्रेस शासित प्रदेशों के खि‍लाफ साजिश हो रही है.

– कई लोगों ने कांग्रेस को मिटाने की कोशि‍श की, लेकिन नाकाम रहे.

– हम मोदी सरकार के मंसूबों को नाकाम करेंगे.

– जहां कहीं भी कांग्रेस की सरकारें हैं, उसे गिराकर मोदी जी ने लोकतंत्री की आत्मा पर हमला किया है.

– कांग्रेस बहती गंगा है, जो कभी रुकेगी नहीं.

– कांग्रेस भारत की अात्मा है.

– मोदी जी जहां भी जाते हैं सिर्फ कांग्रेस के सफाए की बात करते हैं.
जंतर-मंतर पर राहुल गांधी का संबोधन:

– देश में सिर्फ दो ही लोगों की बात चलती है नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत.

– उत्तराखंड में राज्य सरकार को तोड़ा गया, लोकतंत्र की हत्या हुई.

– मोदी सरकार कानून तोड़ती जा रही है.

– मोदी जी के भाषण और उनके मेक इन इंडिया की हकीकत अलग है.

– मोदी जी ने कहा था हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार दूंगा, लेकिन पिछले साल 1.3 लाख लोगों को ही रोजगार मिला.

– देश के कई हिस्सो में सूखा पड़ा है, लेकिन मोदी जी को इस पर कुछ नहीं कहना है.

– सभी साथि‍यों का यहां इक्ट्ठा होने के लिए शुक्रिया. आप सभी लोकतंत्र को बचाने के लिए यहां पहुुंचे हैं.

कांग्रेस के पोस्टरों में रॉबर्ड वाड्रा
दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. पैदल मार्च की अगुवाई खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी करने वाले हैं. दिलचस्प बात यह है कि जंतर-मंतर पर कांग्रेस के पोस्टरों में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को भी राहुल गांधी के साथ जगह दी गई है|

जाहिर तौर इससे नए सियासी कयास लगने शुरू हो गए हैं, वहीं यह भी समझा जा रहा है कि लैंड डील मामले में कांग्रेस ने वाड्रा को क्लीनचिट दे दी है.

कांग्रेस नेता कमलनाथ का कहना है कि देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और बीजेपी अगस्ता मामले के बहाने मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशि‍श की जा रही है, वहीं सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार को कमजोर करने की कोशि‍श कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को सीबीाई और ईडी द्वारा भी निशाना बनाया जा रहा है|

शुक्रवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथि‍त घोटाले पर बयान देंगे. जबकि उससे पहले इस मामले पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, किरीट सोमैया, निशीकांत ठाकुर, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधि‍या और टीएमसी के सौगत रॉय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस होगी.

संसद भवन के आसपास धारा 144 लागू
बताया यह भी जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी कांग्रेस की रैली को पार्लियामेंट स्ट्रीट पर ही रोक लेंगे. संसद सत्र जारी रहने के कारण संसद भवन के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी
अगस्ता रिश्वत मामले पर दाखिल जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. याचिका में मांग की गई है कि इटली की कोर्ट के फैसले को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अहमद पटेल जैसे नेताओं पर एफआईआर दर्ज हो.

उत्तराखंड, अरुणाचल और हिमाचल का मुद्दा भी
कांग्रेस पार्टी रैली के दौरान उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के कथि‍त प्रयासों को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोलने की तैयारी में है. सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के अलावा इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी संबोधित करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी शुक्रवार को लोकसभा में अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर होने वाली बहस में भी शिरकत करेंगे.

सदन में आरोपों का कैटलॉग पढ़ गए पर्रिकर
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में फंसाने के लिए यह साजिश रची है. जयराम रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जिस तरह ट्वीट करके अपने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के इस मामले में राज्यसभा में दिए उत्तर की सराहना की, वह न सिर्फ उनकी मानसिकता को दिखाता है बल्कि उनकी रणनीति का भी खुलासा करता है|

रक्षा मंत्री पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि दरअसल पर्रिकर का उत्तर संसदीय इतिहास का अब तक का सबसे खराब उदाहरण है, क्योंकि उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए सवालों के जवाब देने की बजाए आरोपों का कैटालॉग ही पढ़ दिया|

विश्वविद्यालयों का मुद्दा भी
जयराम रमेश ने पर्रिकर पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, ‘उन्होंने रक्षामंत्री पद की मर्यादा का ध्यान नहीं रखा और एक राजनीतिक बयान दिया.’ जयराम ने कहा कि रैली का आयोजन सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, हैदराबाद और इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों के खिलाफ बोले गए हमले के विरोध में भी किया गया है. पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने पिछले सप्ताह कहा था कि पार्टी संसद का घेराव करेगी लेकिन रमेश ने सिर्फ इतना कहा कि रैली के बाद पार्टी संसद तक मार्च निकालेगी|

 

 

Source: AAJ TAk

 

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