‘Pappu Pass Hoga’, Congress Workers In Varanasi Insist Today

sonia-gandhi-road-show_650x400_51470126232Varanasi: At 1 pm in Varanasi, there is no escape from the sun. Or the politics that the city is awash in today as it contemplates what sort of pulling power Congress chief Sonia Gandhi will demonstrate on the turf that Prime Minister Narendra Modi so decisively established as his own in the general election.

“The crowds will come. They will build up, you wait,” says Mohammed Isa, who runs a fishing business. Mr Isa says he voted for the Congress in 2014 and is likely to repeat his decision in the state election. “It is true the Congress will not win,” he says, “but who else will I vote for?  As Muslims, my family has always voted for the Congress.

He is seated at a small stall that sells cold drinks and eggs opposite the Dr Ambedkar statue that the Congress chief will garland. Her road show will end with a visit to the statue of Kamalapati Tripathi  to signal that the Congress should be the choice of a range of castes, from Brahmins to Dalits.

“Since Prime Minister Modi was elected, it is true that roads have improved here,” Mr Isa says. The improvement in Varanasi, from better roads to cleanliness, is acknowledged freely as the result of the PM making this his political home.

At the statue of Dalit icon Dr Ambedkar, Congress workers, their head scarves limp with sweat, climb up a ladder to clean the structure. So far, at this major intersection, the crowds are thin. A few Congress workers carry the placards of the local lawmaker who has rustled them together. One comes up. “I am seeking a ticket. If you can speak to anyone, please let me know,” he says, without inquiring who his query is being addressed to.

It is a testament to how today politics is the only thing on the city’s mind. Anil Dikshit, a taxi driver, says the BJP, who he supported in 2014, will make big gains. “In my village, it took me just a month to get a bank account opened,” he said of the PM’s Jan Dhan scheme to ensure all families have a bank account.

At the cold drinks stall, a group of Congress workers take refuge from the sun. “You can pay later, first have some cold water,” says the young owner, Wasim Akram, to them. “It is not a usual day,” he offers as explanation for his freewheeling business practice today.

One of the young Congress supporters gets up to be interviewed on camera. “Pappu fail nahin hua, Pappu pass hoga,” he insists loudly, referring to the mocking nickname given by PM Modi during his 2014 campaign to Mrs Gandhi’s son, Rahul.

That is the sort of bluster that is running through the streets today in a state where the Congress placed last in the general election.

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UP: अगले महीने 89100 मेधावी छात्राओं को मिलेगा कन्या विद्याधन

UP: 89100 meritorious girl students to get Kanya Vidyadhan next month
अगस्त में 89100 मेधावी छात्राओं के खातों में कन्या विद्याधन की राशि भेज दी जाएगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिलेवार लक्ष्य जारी कर दिया है।
सबसे ज्यादा लाभार्थी इलाहाबाद में हैं, जबकि सबसे कम श्रावस्ती में हैं। लखनऊ में कुल 2169 छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।

सरकार इंटरमीडिएट पास करने वाली मेधावी छात्रों को कन्या विद्याधन के तौर पर एकमुश्त 30 हजार रुपये देती है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी 75 जिलों में 89100 मेधावी छात्राओं का चयन कर लिया है।

वहीं, 9900 छात्राओं का चयन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं करेंगे, हालांकि इन छात्राओं के नामों की अभी घोषणा नहीं की गई है। इस तरह से चालू वित्त वर्ष में कुल 99 हजार छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, कन्या विद्या धन के लिए सबसे ज्यादा 3433 लाभार्थी इलाहाबाद में हैं। वहीं श्रावस्ती में सबसे कम 250 छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग का कहना है कि 89100 छात्राओं को दी जाने वाली राशि लक्ष्य के अनुसार जिलों को भेज दी गई है। साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी छात्रा को चेक से भुगतान नहीं किया जाएगा, बल्कि सभी के खातों में राशि भेजी जाएगी। भुगतान अगले महीने हर हाल में करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

अवध में इतनी छात्राओं को मिलेगा कन्या विद्याधन
लखनऊ–2169
अमेठी–589
बहराइच–1008
बलरामपुर–375

गोण्डा–1382
रायबरेली–1214
श्रावस्ती–250

सीतापुर–1226
सुल्तानपुर–1367
बाराबंकी–1009

Source: Amar Ujala

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यूपीः ‘इंसाफ’ के लिए 11000 वोल्ट की लाइन वाले पोल पर चढ़ा रिक्‍शावाला

यूपी के आगरा के आवास विकास में सेक्टर 1 में रिक्शावाला 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन के खंभे पर चढ़ गया। शख्स का नाम संजय बताया जा रहा है।
हालांकि काफी देर की मशक्कत के बाद पुलिस उसे समझाने में कामयाब रही और उसे नीचे उतारा।
रिक्शा चालक की मानें तो उसके रिक्शे में कार की टक्कर के बाद पुलिस ने कार चालक की बात सुनी और उसकी पिटाई कर दी। उसके रिक्शा में हुए नुकसान को पुलिस ने नहीं देखा। इससे परेशान होकर वह पोल पर चढ़ गया। बाद में पुलिस ने उसकी बात सुनी और जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया तो वह पोल से उतर गया।
करीब सालभर पहले भी उत्पीड़न के मामले में सुनवाई न होने पर वह इसी तरह पोल पर चढ़ गया था।

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मिशन यूपी के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ यूं हाईटेक कर दिया कार्यकर्ताओं को

amit-shah_650x400_51463717652नई दिल्‍ली: पूरे उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विभिन्न दफ्तरों में काफी गहमागहमी है और इसका पूरा श्रेय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को जाता है। देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में लंबे समय से सत्ता से दूर रही बीजेपी के पार्टी दफ्तरों में अब एक नई कार्य संस्कृति देखी जा रही है। फरवरी में अमित शाह ने राज्य में पार्टी के नए मुख्यालय की आधारशिला रखी थी। शाह उस वक्त पान की पीक से रंगी दीवारों और हो-हल्ले वाले माहौल को देखकर काफी खफा हुए थे।

कार्यकर्ताओं को मिलेंगे रेडियो फ्रिक्‍वेंसी वाले अटेंडेंस कार्ड
लेकिन यह अब बीते दिनों की बात हो गई। बीजेपी अब लखनऊ में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को रेडियो फ्रि‍क्वेंसी वाले अटेंडेंस कार्ड देने की योजना बना रही है, जिसे उपस्थिति दर्ज कराने के लिए स्वाइप करना होगा। इसके जरिये पार्टी के वरिष्ठ नेता यह जान सकेंगे कि कोई नेता दफ्तर में कितनी जल्दी आता है और कितना समय व्यतीत करता है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों को 2019 के आम चुनावों के पूर्व संकेत के रूप में निश्चित रूप से देखा जाएगा।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता जो कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के दौरान पार्टी के उत्थान और साल 2001 में राजनाथ सिंह के शासनकाल के दौरान पार्टी के पतन के गवाह रहे हैं, उन्होंने एनडीटीवी से कहा, हम करीब 15 साल से सत्ता से दूर हैं। लगभग सभी नेता पार्टी दफ्तर तभी आते हैं, जब इसके लिए उन पर दबाव डाला जाता है। उनके लिए लंच के लिए वापस घर जाना और दोपहर में आराम करना भी जरूरी होता है। अब हमें बदलाव करने के लिए कहा जा रहा है।

नए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड में यूनिक नंबर हैं, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं को विभिन्न दस्तावेजों, पार्टी की नीतियों, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारियों और ऑनलाइन लाइब्रेरी के इस्तेमाल में काफी सहूलियत मिलेगी।

जमा करनी होगी बैठकों की ऑनलाइन रिपोर्ट
वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न बैठकों और चर्चाओं के बारे में ऑनलाइन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। इन रिपोर्टों की केंद्रीय नेताओं और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं द्वारा समीक्षा की जाएगी। यह ऑनलाइन सुविधा जुलाई से चालू हो जाएगी और पहले फेज में मंडल स्तर के 1800 पदधारी इससे जुड़ेंगे। बाद में करीब 1.5 लाख कार्यकर्ताओं को राज्य मुख्यालय से ऑनलाइन जोड़ा जाएगा, जो मतदान के दौरान बूथ लेवल पर काम करेंगे।

बीजेपी अध्यक्ष की नई योजनाएं उनके खुद के शुरुआती और कड़वे अनुभवों के आधार पर तैयार किए गए हैं। 2013 में अमित शाह उस वक्त पीएम पद के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए यूपी में चुनावी आधार तैयार करने के वास्ते गए थे। बीजेपी के एक नेता ने एनडीटीवी को बताया, ‘उन्होंने (अमित शाह ने) पाया कि स्थानीय नेता तभी दफ्तर में झांकते थे, जब किसी केंद्रीय नेता का दौरा होता था। उन्हें नेताओं के पैर छूने की आदत भी नागवार गुजरी, जिनका यूपी के वोटरों से वास्तव में कोई संपर्क नहीं था। अब जो नई पहल की जा रही है, उससे लगता है कि उन्हें यहां के शुरुआती दिन याद हैं।’

2014 के लोकसभा चुनावें में बीजेपी का यूपी में रहा था शानदार प्रदर्शन
2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 70 पर कब्जा जमाया था और पार्टी की इस शानदार कामयाबी से सिद्ध हुआ कि अमित शाह ने यहां वोटरों के नब्ज पकड़ने में कोई चूक नहीं की थी। जब उन्हें यूपी का जिम्मा सौंपा गया था, तब ऐसी स्थिति थी जैसे बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं को घुन लगा हो। इनमें अधिकतर वैसे कार्यकर्ता थे, जो नेताओं के सगे-संबंधी थे और जिन्होंने कभी भी जमीनी स्तर पर काम नहीं किया था। यही नहीं कार्यकर्ताओं की सूची में कुछ ऐसे भी नाम थे, जो मर चुके थे। ऐसी स्थिति में आनन-फानन में कार्यकर्ताओं की पूरी फौज खड़ी की गई। अब एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है और उनके रिकॉर्ड, प्रमाण पत्र तथा उनकी क्षमताओं का विश्लेषण कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि वोटरों से उनके कितने मजबूत संबंध हैं।

 

Source : NDTV

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राज्यसभा में सांसदों का फेयरवेल, मोदी बोले- GST पास कराते तो फायदा होता

rajyasabha_146311854नई दिल्ली.पार्लियामेंट के बजट सेशन का आज आखिरी दिन है। राज्यसभा से 57 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। जून में टर्म खत्म होने के चलते इनमें से कई सांसद नहीं जानते कि पार्लियामेंट के मॉनसून सेशन से पहले वे वापसी करेंगे या नहीं। उनके फेयरवेल पर नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामना दी। कहा- अगर आप जीएसटी पास करा लेते तो कई राज्यों को फायदा होता। पीएम मोदी ने क्यों किया जीएसटी का जिक्र…
– मोदी ने सांसदों से कहा- ‘दोनों सरकारों को आपके एक्सपीरियंस का लाभ मिला। इस सरकार को कम मिला, पुरानी वाली सरकार को ज्यादा मिला, लेकिन देश को कम्पलीट लाभ मिला।’
– ‘ यहां जब हम आते हैं, तो हमारी सोच की एक सीमा होती है। यहां हरेक बैकग्राउंड के लोग आते हैं। इस सदन में आते हैं तो सोचने का दायरा और बड़ा हो जाता है।’
– ‘ यहां आने वालों ने देश के लिए बड़ी भूमिका निभाई, मेरी शुभकामनाएं हैं और रहेंगी।’
– ‘ सदन से जाने के बाद यह सरकार आपके काम को उसी तरह करने को तत्पर रहेगी, जैसा सदस्य रहने पर रहती है, मैं चाहूंगा कि आप इस हक का भरपूर लाभ उठायें।’
– ‘ महत्वपूर्ण रिफॉर्म के फैसले आपके भागीदारी और मौजूदगी में हुए। आप राज्य के रिप्रेजेंटेटिव्ह्स हैं। पर, कुछ चीजों का गिला-शिकवा आपके मन में जरूर रहेगा।’
– ‘आप जिस राज्य से आते हैंं, वह आप पर भरपूर गर्व करता, अगर जीएसटी पास हो जाता तो।
– ‘ इससे बिहार को भरपूर फायदा होता। यूपी को भी फायदा होता। एक दो राज्यों को छोड़ अधिकतर राज्य को इसका लाभ होता।
आनंद शर्मा बोले- हमें एक दूसरे को समझना होगा
कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने क्या कहा- ‘कोई चीज स्थिर नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का हिस्सा है। लेकिन, सदन और संसद स्थिर है। यह सबसे बड़ी देन हमारे फ्रीडम फाइटर्स और संविधान निर्माताओं की है। ऐसे भी कई क्षण आए हैं, जब दुनिया ने हमारे एक विचार हमारी ताकत को देखा।’
– ‘ हमने कई बार देश के लिए बड़े फैसले लिए हैं। कुछ क्षण ऐसे भी आए जब पीठ की तरफ से सख्ती भी हुई।’
– ‘हमारा प्रयास रहे कि हम एक दूसरे को समझें। चर्चा करें। विरोधी की बात को समझने की कोशिश करें। उसे सुनें। व्यक्तिगत विरोधी न समझकर व्यवहार करें।’
राज्यसभा में क्या है सिचुएशन?
– 245 मेंबर्स वाले हाउस में अभी एनडीए के 62 सांसद हैं। सात नॉमिनेटेड मेंबर्स को शामिल कर दें तो एनडीए के 69 सांसद हो जाते हैं।
– कांग्रेस के 61 सांसद हैं। उसकी सहयोगी पार्टियों की संख्या मिला दें तो यूपीए के 80 सांसद हो जाते हैं।
– इसमें भी एआईएडीएमके, बीजेडी, तृणमूल, सपा और बसपा को मिला दें तो गैर-एनडीए सांसदों की संख्या 90 हो जाती है।
– 30 जून को राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य रिटायर होंगे। यहां सांसदों का टर्म 6 साल का होता है। हर दो साल में एक-तिहाई मेंबर रिटायर होते हैं।
– नए मेंबर्स का इलेक्शन 11 जून को होगा।
कौन-कितनी सीटें जीतेगा?
– बीजेपी के 14 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। 57 सीटों पर इलेक्शन के बाद उसे 18 सीटें मिल सकती हैं। यानी वह 4 सीटों के फायदे में रह सकती है।
– 49 सीटों वाली बीजेपी राज्यसभा में 53 सीटों तक पहुंच जाएगी।
– कांग्रेस के अभी 61 सांसद हैं। उसके भी 16 सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि दोबारा इलेक्शन के बाद उसकी संख्या 60 बनी रहेगी।
कहां से कितनी सीटों पर होना है इलेक्शन?
– यूपी : 11
– तमिलनाड़ु : 6
– महाराष्ट्र : 6
– बिहार : 5
– आंध्र प्रदेश : 4
– कर्नाटक : 4
– मध्य प्रदेश : 3
– ओडिशा : 3
– हरियाणा : 2
– झारखंड : 2
– पंजाब : 2
– छत्तीसगढ़ : 2
– तेलंगाना : 2
– उत्तराखंड : 1
(इन 53 सीटों के अलावा बाकी 4 सीटों पर कुछ सदस्यों के निधन या इस्तीफे के चलते चुनाव होगा।)
बीजेपी को क्या फायदा मिलेगा…
– बीजेपी को कुछ सीटों का फायदा हो सकता है, लेकिन उसकी संख्या इतनी नहीं बढ़ेगी कि वह राज्यसभा में बड़े बिल पास कराने की स्थिति में आ जाए।
– मोदी सरकार के पांच मंत्री- वेंकैया नायडू, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, वाईएस चौधरी और मुख्तार अब्बास नकवी का टर्म खत्म हो रहा है।
– नायडू के पास पार्लियामेंट्री अफेयर्स और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री है। उनकी संसद में वापसी तय है।
– वे पिछली बार कर्नाटक से चुने गए थे। इस बार विजय माल्या के इस्तीफे के बाद कर्नाटक से एक सीट खाली है।
– अगर नायडू आंध्र प्रदेश से इलेक्ट होना चाहेंगे तो उन्हें टीडीपी की मदद लेनी होगी, जिसका अभी बीजेपी के साथ अलायंस है।
– आंध्र प्रदेश से 4 सीटें हैं। एक सीट वाईएसआर कांग्रेस और बाकी तीन बीजेपी-टीडीपी को मिलेंगी।
– कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी आंध्र प्रदेश से आती हैं। लेकिन नायडू या सीतारमण में से कोई एक ही वहां से चुना जा सकेगा, क्योंकि टीडीपी अपनी 3 में से 2 सीटें बीजेपी को नहीं देगी।
– पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल महाराष्ट्र से और मुख्तार अब्बास नकवी यूपी से वापसी करेंगे।
कांग्रेस यहां रहेगी खाली हाथ…
– कांग्रेस को आंध्र प्रदेश या तेलंगाना से कोई राज्यसभा सीट नहीं मिल सकेगी। लिहाजा, पूर्व मंत्री जयराम रमेश की वापसी तेलंगाना की रूलिंग पार्टी टीआरएस पर निर्भर करेगी।
– कांग्रेस के ही हनुमंत राव और जेडी सीलम की भी वापसी तय नहीं है।
– महाराष्ट्र में कांग्रेस के विजय दर्डा का टर्म खत्म हो रहा है। लेकिन इसके लिए पार्टी के तीन नेता सुशील कुमार शिंदे, गुरदास कामत और मुकुल वासनिक दावेदार हैं।
– पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी भी रिटायर होने जा रहे हैं। केरल असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस की परफॉर्मेँस राज्यसभा में उनकी राह तय करेगी।
– पंजाब में भी कांग्रेस को परेशानी है। वहां से उसके तीन सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन दो की ही वापसी हो सकेगी।
– ऑस्कर फर्नांडीज कर्नाटक से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह कांग्रेस पूर्व मंत्री पी चिदंबरम की एंट्री करा सकती है। लेकिन लोकल नेताओं ने कहा है कि उन्हें बाहरी कैंडिडेट मंजूर नहीं होगा। चिदंबरम तमिलनाडु से आते हैं।
यूपी में क्या होगा…
– बीएसपी के पास लोकसभा में कोई मेंबर नहीं है। अब राज्यसभा से उसके 6 सांसद रिटायर हो रहे हैं।
– इनमें पार्टी में नंबर-2 सतीश चंद्र मिश्रा भी शामिल हैं। बीएसपी अपने दो और बीजेपी-कांग्रेस एक-एक नेता को चुन सकेगी।
– मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से किसी नेता का फिलहाल चांस नहीं है।
Source:दैनिक भास्कर
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