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छोटे कारोबारियों को RBI का तोहफा, अब नए तरीके से भी मिलेगा लोन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को बड़ी राहत दी है. दरअसल, अब मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को लोन देने के तरीके में बदलाव किया गया है.

नए बदलाव के तहत कारोबारी 1 अप्रैल से रेपो रेट आधारित लोन भी ले सकेंगे. आरबीआई की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक अब मीडियम एन्‍टरप्रन्‍योर को एक अप्रैल 2020 से फ्लोटिंग रेट्स पर दिया जाने वाला कर्ज एक्‍सटर्नल बेंचमार्क यानी बाहरी मानकों से जुड़ा होगा.

 

यहां बता दें कि रेपो रेट, ट्रेजरी बिल पर रिटर्न और एफबीआईएल (फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लि.) द्वारा प्रकाशित अन्य बाजार ब्याज दर, एक्‍सटर्नल बेंचमार्क के दायरे में आते हैं.

केंद्रीय बैंक के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य मौद्रिक नीति का लाभ ग्राहकों को देने की व्यवस्था को और मजबूत करना है. आरबीआई ने कहा कि इस पहल से रेपो रेट में कटौती का लाभ मझोले उद्यमों को भी मिल सकेगा.

अब तक कारोबारियों को ये सुविधा नहीं मिल रही थी. वर्तमान में सिर्फ होम, ऑटो या अन्‍य रिटेल लोन को ही रेपो रेट के आधार पर लिया जा सकता है.

 

दरअसल, आरबीआई हर दो महीने बाद होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है. बीते दो बैठकों में रेपो रेट को नहीं बदला गया है. हालांकि, इससे पहले लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती की गई थी.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली बार यानी अप्रैल की बैठक में आरबीआई रेपो रेट कटौती कर सकता है. इसका सीधा असर लोन के ब्‍याज दर पर पड़ेगा. यहां बता दें कि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई फंड देता है और इसी फंड के आधार पर बैंक ग्राहकों को ब्‍याज दर में राहत देते हैं.

 

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Love Aaj Kal 2020

Love Aaj Kal Box Office Collection: वैलंटाइंस डे के दिन बढ़िया रही ‘लव आज कल’ की कमाई

कार्तिक आर्यन और सारा अली खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘लव आज कल’ वैलंटाइंस डे के मौके पर 14 फरवरी को रिलीज हो गई है। इम्तियाज अली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और अपने ओपनिंग डे पर इसने अच्छा बिजनस किया है। हालांकि इसमें वैलंटाइंस डे का भी इफेक्ट माना जा रहा है।
बॉक्सऑफिसइंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने अपने डे पर 11.75 करोड़ रुपये का कुल बिजनस किया है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि वैलंटाइंस डे के कारण इसके बिजनस में 35-40 पर्सेंट का इजाफा दिख रहा है। अगर इस आंकड़े को हटा दें तो इसका बिजनस 8.50 करोड़ रुपये रहा है जो बहुत ज्यादा नहीं माना जा सकता है।

‘लव आज कल’: नाम वही, लव स्टोरी नईइम्तियाज अली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘लव आज कल’ वैलंटाइन्स डे पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद लोगों में एक साथ चल रहीं दो स्टोरी को देखकर ‘लव आज कल’ को लेकर लोगों का काफी उत्साह बढ़ गया था। बता दें कि सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण की इसी नाम की फिल्म 2009 में आई थी। फिलहाल, फिल्म की टिकट बुक करने से पहले इसका रिव्यू देख लीजिए…

फिल्म का बिजनस दिल्ली-एनसीआर और यूपी के सर्किट में अच्छा रहा है। हालांकि मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में फिल्म का बिजनस अच्छा रहने की उम्मीद थी क्योंकि यहां पर यूथ टारगेट ऑडियंस की अच्छी संख्या है लेकिन अभी तक यही यूथ फिल्म देखने नहीं पहुंचा है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि आगे फिल्म का बिजनस और कम हो सकता है। दूसरी तरफ साल 2009 में पुरानी ‘लव आज कल’ ने 8.02 करोड़ रुपये की ओपनिंग की थी जो उस समय के हिसाब से बेहतरीन शुरुआत मानी जाएगी।

 

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Coronavirus: मोदी के ऑफर का चीन ने दिया जवाब, कहा- ये भारत-चीन की दोस्ती दिखाता है

चीन में कोरोना वायरस का असर लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन के साथ-साथ इसका असर दुनिया के दूसरे देशों में भी पहुंच रहा है. इस सभी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिख किसी भी तरह की मदद का ऑफर दिया था. पीएम मोदी की चिट्ठी पर अब चीनी विदेश मंत्रालय का जवाब आया है और इस ऑफर को भारत-चीन की गहरी दोस्ती का प्रतीक बताया है.

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘भारत की ओर से कोरोना वायरस को लेकर जो समर्थन की बात कही गई, उसके लिए हम धन्यवाद करते हैं. भारत के द्वारा ऐसा कहना चीन के साथ उसकी गहरी दोस्ती को दर्शाता है. हम भारत और दुनिया के सभी देशों के साथ काम करने को तैयार हैं, ताकि इस वायरस के खिलाफ जंग लड़ सकें’.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिखी थी. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर भारत की मदद का ऑफर दिया था.
  • पीएम मोदी के ऑफर पर चीन का जवाब
  • भारत का ऑफर गहरी दोस्ती दर्शाता है: चीन
  • कोरोना वायरस से चीन में 900 से अधिक की मौत

पीएम मोदी ने दिया था मदद का ऑफर

बता दें कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को चिट्ठी लिखी थी. इसमें अभी तक कोरोना वायरस की वजह से चीन में हुए नुकसान पर शोक व्यक्त किया था और भारत की ओर से किसी भी तरह की सहायता की पेशकश की थी. अपने खत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुबेई प्रांत से भारतीय नागरिकों को निकालने में चीनी सरकार के द्वारा की गई मदद का सराहना की थी.

बता दें कि चीन में भारत के 300 से अधिक छात्र फंस गए थे, जिन्हें विदेश मंत्रालय ने चीन की सरकार की मदद से बाहर निकाला. एयर इंडिया के दो विमान चीन से भारतीय नागरिकों को वापस अपने देश लेकर आए और अब उनका यहां पर ट्रीटमेंट किया जा रहा है. पिछले दो महीने में कोरोना वायरस का असर दुनियाभर में हुआ है. सिर्फ चीन में ही इस वायरस की वजह से 900 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग इसकी चपेट में हैं. कोरोना वायरस की वजह से चीन का अधिकतर दुनिया से संपर्क कम हो गया है.

 

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Fixed Deposit

जानिए कौन सा बैंक आपकी एफडी पर दे रहा सबसे ज्यादा ब्याज, यहां देखें पंजाब नेशनल बैंक, SBI, ICICI समेत कई बैंकों के रेट

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने अपने ग्राहकों को झटका देते हुए आज यानी 10 फरवरी से फिक्स डिपॉजिट (FD) की दरों में कटौती कर दी है। भारतीय स्टेट बैंक ने परिपक्वता अवधि 7 दिन से 45 दिन तक को छोड़कर सभी तरह की FD दरों में कटौती की है। एसबीआई की इस कटौती के बाद अगर आप फिक्स डिपॉजिट करने की सोच रहे हैं तो यहां  SBI, पंजाब नेशनल बैंक, ICICI औए एचडीएफसी बैंक की दरों को पहले देख लें..

एक्सिस बैंक (Axis) की एफडी पर ब्याज दरें

जमा अवधि ब्याज दर (प्रतिशत में) सीनियर सिटीजन
1 साल से कम 6.4 6.65
18 महीने से 2 साल से बीच 6.5 7.15
2 साल से 30 महीने के बीच 6.65 7.3
30 महीने से 3 साल से बीच 6.5 7
3 से 5 साल के बीच 6.5 7
5 से 10 साल के बीच 6.5 7

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की नई दरें जो 10 फरवरी से हैं लागू 

जमा अवधि ब्याज दर (%) सीनियर सिटीजन
180 से 210 दिन 5.5 6
211 दिन से 1 साल से कम 5.5 6
1 से 2 साल के बीच 6 6.5
2 से 3 साल से बीच 6 6.5
3 से 5 साल के बीच 6 6.5
5 से 10 साल के बीच 6 6.5

ICICI की एफडी पर ब्याज दरें

जमा अवधि ब्याज दर (प्रतिशत में) सीनियर सिटीजन
185 से 270 दिनों के बीच 5.75 6.25
271 दिनों से 1 साल के बीच 6 6.5
18 महीनों से 2 साल के बीच 6.3 6.8
2 से 3 साल से बीच 6.4 6.9
3 से 5 साल के बीच 6.4 6.9
5 से 10 साल के बीच 6.4 6.9

एचडीएफसी (HDFC) की एफडी पर ब्याज दरें

 जमा अवधि ब्याज दर (%) सीनियर सिटीजन
6 से 9 महीनों के लिए 5.8 6.3
1 साल के लिए 6.3 6.8
1 से 2 साल के बीच 6.3 6.8
2 से 3 साल से बीच 6.4 6.9
3 से 5 साल के बीच 6.3 6.8
5 से 10 साल के बीच 6.3 6.8

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की एफडी पर ब्याज दरें

जमा अवधि ब्याज दर (%) सीनियर सिटीजन
271 से 1 साल के बीच 60 6.5
1 साल के लिए 6.3 6.8
1 से 2 साल के बीच 6.3 6.8
2 से 3 साल से बीच 6.25 6.75
3 से 5 साल के बीच 6.25 6.75
5 से 10 साल के बीच 6.3 6.8

 

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Rape case

हरियाणा में युवती से गैंगरेप, वारदात में एक नाबालिग भी शामिल

अभी न‍िर्भया गैंगरेप केस के दोषी फांसी पर चढ़े भी नहीं है क‍ि हर‍ियाणा में एक और इस तरह के केस से हलचल मची हुई है. हर‍ियाणा के यमुनानगर में घर में सो रही एक लड़की को पांच लोग घर से उठा ले गए और एक आंगनवाड़ी में गैंगरेप की घटना को अंजाम द‍िया. हैवन‍ियत भरी इस घटना में एक नाबाल‍िग भी शाम‍िल था. पुल‍िस ने यह मामला रव‍िवार को दर्ज क‍िया.

घर में सो रही एक लड़की को पांच लोग घर से उठा ले गए और एक आंगनवाड़ी में गैंगरेप की वीभत्स घटना को अंजाम द‍िया. इस घटना में एक नाबालिग भी शामिल है. पुलिस पहचान के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा यमुनानगर में एक लड़की को पांच लड़के घर से उठाकर पास में एक बंद पड़ी के साथ मारपीट और गैंगरेप का मामला सामने आया है. पीड़िता ने भागने की कोशिश की तो उससे काफी मारपीट की गई. इससे पीड़िता को काफी चोट पहुंची है. आरोपी युवकों ने पीड़िता को उसके घर से उठाया और पास ही बंद पड़ी आंगनवाड़ी में अपराध को अंजाम दिया.

  • पांच लड़कों ने घर से उठाकर क‍िया लड़की से गैंगरेप
  • हरियाणा के यमुना नगर में खेला गया हैवान‍ियत का खेल

वारदात में एक नाबाल‍िग भी शामिल

घटना में एक नाबाल‍िग भी शामिल था. लड़की किसी तरह दरिदों के चंगुल से बचकर अपने घर पहुंची और पर‍िजनों को इस बारे में बताया. पर‍िजन लड़की को लेकर तुरंत थाने पहुंचे. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए पीड़िता को चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराई और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.

गैंगरेप और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज
पुल‍िस ने घटना की नजाकत को देखकर लड़की का मेड‍िकल कराया. उसके बाद गैंगरेप और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर ल‍िया. हालांक‍ि पुल‍िस ने शुरुआत में ही लड़की व पर‍िजनों के बयानों के आधार पर अपहरण, गैंगरेप और मारपीट का मामला दर्ज कर ल‍िया था लेक‍िन मेड‍िकल र‍िपोर्ट आने के बाद और एक और धारा जोड़नी पड़ सकती है. इस मामले में लड़की ने सभी आरोप‍ियों की पहचान भी बताई है. इसी आधार पर पुल‍िस आरोप‍ियों को पकड़ने की कोश‍िश कर रही है. जांच अध‍िकारी न‍िर्मल स‍िंह ने दावा क‍िया क‍ि अभी तक पुल‍िस के हाथ भले ही खाली हों लेक‍िन बहुत जल्द ही आरोपी सलाखों के पीछे होंगे.

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वोटिंग के आंकड़ों में 24 घंटे उलझी रही दिल्ली, देखिये- AAP के आरोप और EC के जवाब

दिल्ली विधानसभा चुनाव का फाइनल वोटिंग प्रतिशत जारी करने में चुनाव आयोग को पूरे 24 घंटे लग गए. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के वोटिंग के फाइनल आंकड़ो में देरी और गड़बड़ी करने को लेकर सवाल उठाए तो चुनाव आयोग ने देर शाम 62.59 प्रतिशत मतदान का अंतिम आंकड़ा जारी किया, जो 2015 के चुनाव से 5 फीसदी कम रहा. चुनाव आयोग ने कहा है कि हर बूथ से वोटिंग की डिटेल जुटाए जाने के बाद फाइनल आंकड़ा जारी किया गया है.

आम आदमी पार्टी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने रविवार को देर शाम बताया कि इस बार दिल्ली में 62.59 फीसदी वोटिंग हुई है. कुल वोटिंग में 62.55 प्रतिशत महिलाओं और 62.62 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाला. साल 2015 में विधानसभा चुनाव में 67.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. इस तरह से इस बार पांच फीसदी कम वोटिंग रही.
  • दिल्ली चुनाव के फाइनल आंकड़े 24 घंटे बाद आए
  • आम आदमी पार्टी ने देरी पर उठाए सवाल

दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद शनिवार को चुनाव अयोग के ऐप पर पहले 57 फीसदी का अंतिम आंकड़ा दिखाया गया जो बाद में बढ़कर 61 फीसदी तक पहुंच गया. यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मतदान के आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप तक लगाया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल खड़े हुए करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग क्या कर रहा है?

फाइनल आंकड़े में देरी

वोटिंग प्रतिशत जारी करने में देरी पर दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि हर पोलिंग स्टेशन से देर रात तक डेटा आते रहे. उन सब को जोड़कर फाइनल निष्कर्ष पर पहुंचने में वक्त लगा. उन्होंने बताया कि कई पोलिंग स्टेशन पर उपलब्ध कराए गए मोबाइल फोन में भी गड़बड़ी की शिकायत आ गई थी, जिसके चलते पूरा डेटा आने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगा.

आप ने उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे कि वोटिंग संपन्न होने के इतने समय बाद तक मत प्रतिशत का आंकड़ा क्यों नहीं जारी किया गया है. लोकसभा चुनाव में 1 घंटे के अंदर चुनाव आयोग वोटिंग प्रतिशत बता देता है, दिल्ली जैसे छोटे राज्य में इतना विलंब क्यों?

संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि कल से क्या खेल चल रहा है? कल चुनाव खत्म हो गए लेकिन अभी तक चुनाव आयोग के किसी अधिकारी ने वोटिंग प्रतिशत पर कोई अधिकृत बयान नहीं दिया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर सवाल उठाए कि आखिर चुनाव आयोग ने वोटिंग के इतने समय बाद भी मत प्रतिशत क्यों नहीं जारी किए. मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी के नेता मतदान के आंकड़े दे रहे हैं. उधर चुनाव आयोग मतदान ख़त्म होने के 24 घंटे के बाद तक नहीं बता पाया है कि वोटिंग कितने प्रतिशत हुई. आयोग कह रहा है कि अभी डेटा इकट्ठा किया जा रहा है.

क्या चल रहा है. क्या मतदान का फाइनल आंकड़ा बीजेपी ऑफिस से मिलना है आपको?

चुनाव आयोग ने जारी किए फाइनल आंकड़े

आम आदमी पार्टी द्वारा सवाल उठाए जाने बाद चुनाव आयोग ने रविवार को देर शाम बताया कि इस बार दिल्ली में 62.59 फीसदी वोटिंग हुई है. कुल वोटिंग में 62.55 प्रतिशत महिलाओं और 62.62 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाला. साल 2015 में विधानसभा चुनाव में 67.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. इस तरह से इस बार पांच फीसदी कम वोटिंग रही.

आम आदमी पार्टी द्वारा खड़े किए सवालों पर दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि शनिवार को देर शाम तक वोटिंग होती रही, जिसके चलते हर बूथ से आंकड़े जुटाने में वक्त लगा. दिल्ली के हर बूथ से वोटिंग की डिटेल जुटाए जाने के बाद फाइनल आंकड़ा जारी किया गया है.

दिल्ली के बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 71.6 फीसदी वोटिंग हुई. दिल्ली कैंट इलाके में सबसे कम 45.4 फीसदी वोटिंग हुई. ओखला विधानसभा क्षेत्र में 58.84 और सीलमपुर में 71.22 फीसदी वोटिंग हुई. इस तरह से उन्होंने दिल्ली की सभी 70 सीटों का फाइनल आंकड़ा दिया.

 

 

 

 

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Sikara Movie Review Poster

Shikara Movie Review: त्रासदी की पृष्ठभूमि में एक प्रेम कहानी

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आज से करीब 30 साल पहले, 19 जनवरी 1990 को हजारों कश्मीरी पंडितों को आतंक का शिकार होकर अपना घर छोड़ना पड़ा था। उन्हें उम्मीद थी कि वे जल्दी ही अपने घरों में दुबारा से उसी तरह रह पाएंगे, जैसे दशकों से रहते आए थे। उन्हें उम्मीद थी कि उनके लिए संसद में शोर मचेगा, लेकिन उनके पक्ष में कहीं से कोई आवाज नहीं उठी। तब से लेकर अब तक 30 साल बीत गए, आज भी वे अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं। कई कश्मीरी पंडित अपने घर में फिर से रहने की आस अपने सीने में दबाए दुनिया से विदा भी हो गए।
Shikara MOvie Poster

निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘शिकारा’ इसी कथ्य के आसपास रख कर बुनी गई फिल्म है। हालांकि उन्होंने घाटी में आतंक की खेती और उसके परिणामस्वरूप कश्मीरी पंडितों पर हुए वीभत्स अत्याचारों को फिल्म में बस संदर्भ के रूप में रखा है और इसे एक कश्मीरी पंडित जोड़े की प्रेम कहानी के रूप में ज्यादा प्रस्तुत किया है। कहानी शुरू होती है 1987 में, जब कश्मीर घाटी कश्मीरी पंडितों की भी उतनी ही थी, जितनी कश्मीरी मुसलमानों की। जब दोनों समुदाय पूरे सौहाद्र्र के साथ मिल-जुल कर रहते थे। फिल्म खत्म होती है 2018 में, जब हजारों कश्मीरी पंडित अभी भी शरणार्थी का जीवन जीने को अभिशप्त हैं।

कश्मीर में एक फिल्म की शूटिंग हो रही है। निर्देशक को एक्स्ट्रा कलाकारों के रूप में एक कश्मीरी जोड़ा चाहिए। उसके असिस्टेंट शिव प्रकाश धर (आदिल खान) और शांति सप्रू (सादिया) को चुनते हैं। शिव कविताएं लिखता है, शांति नर्स है। इस घटना के बाद दोनों में प्यार हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं। वह अपनी पहली रात डल झील में एक शिकारा में बिताते हैं, इसीलिए शांति अपने नए घर का नाम शिकारा रखती है। वह शिव के लिए रोगन जोश बनाती है और शिव उसके लिए कविताएं लिखता है- ‘तेरे होने से घर भरा-भरा सा लगे।’ लेकिन उनका ये सुख ज्यादा दिन नहीं टिकता। एक-दो सालों में परिस्थितियां ऐसी बदलती हैं कि कश्मीरी पंडितों के घर जलने शुरू हो जाते हैं, उनकी हत्याएं होने लगती हैं और उन्हें कश्मीर छोड़ कर भागना पड़ता है और जम्मू में एक शरणार्थी कैम्प में अपना जीवन गुजारना पड़ता है…

यह फिल्म मुख्य रूप से शिव और शांति की प्रेम कहानी है। निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने घाटी में आतंकवाद और कश्मीरी पंडितों की त्रासदी को सिर्फ संदर्भ के रूप में प्रयोग किया है। उसकी थोड़ी-सी झलक दिखलाई है। वह भी फिल्म के पूर्वाद्र्ध में ही। मध्यांतर के बाद फिल्म पूरी तरह शिव और शांति की प्रेम कहानी पर फोकस करती है। विधु अपनी बात प्रतीकों में ज्यादा कहते हैं। लेखक राहुल पंडिता, अभिजात जोशी और विधु घाटी में आतंकवाद के कारणों की ज्यादा चर्चा नहीं करते। ज्यादा सवाल नहीं उठाते, बस प्रेम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसीलिए फिल्म में कश्मीरी पंडितों के घर जलने के जो दृश्य है, उसमें निर्देशक उपद्रवियों के चेहरे दिखाने की बजाय उनकी परछाइयों को दिखलाते हैं। वे बस यह समझाने की कोशिश करते हैं कि सरकारी दमन और अमेरिका कश्मीर में आतंकवाद के पीछे मुख्य वजह हैं। इसीलिए फिल्म का नायक अमेरिका के राष्ट्रपति को चिट्ठियां लिखता है, भारत के हुक्मरानों को नहीं।

लेकिन इस फिल्म की प्रेम कहानी बहुत सशक्त है। वह अंदर तक भिगोती है। प्रेम की शक्ति में भरोसा पैदा करती है। शिव और शांति का प्रेम जिंदगी के सबसे कठिन लम्हों में भी कम नहीं होता। वह प्रेम ही है, जो उनके जीवन को कड़वा होने से बचाता है और अपने पीड़कों के प्रति भी कड़वा होने से बचाता है। रंगराजन रामभद्रन की सिनेमेटोग्राफी शानदार है। वह अपने कैमरे से कश्मीर की नैसर्गिक खूबसूरती, वहां के जनजीवन और फिल्म के मूड को बेहतरीन तरीके से पेश करते हैं। विधु की एडिटिंग भी अच्छी है। फिल्म का गीत-संगीत सामान्य है।

शिव के रूप में आदिल खान का अभिनय बहुत अच्छा है। पहली ही फिल्म में उन्होंने शानदार काम किया है। एक निर्वासित कश्मीरी पंडित की पीड़ा को उन्होंने प्रभावी तरीके से अपने अभिनय से उभारा है। शांति के रूप सादिया भी प्रभावित करती हैं। उनकी भी यह पहली फिल्म है और पहली फिल्म में ही वह प्रभावित करने में सफल रही हैं। शिव के ममेरे भाई नवीन के रूप में प्रियांशु चटर्जी की भूमिका छोटी है, लेकिन वह याद रह जाते हैं। लतीफ की भूमिका जिस कलाकार ने निभाई है, उसका अभिनय भी अच्छा है। बाकी छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाने वाले कलाकारों ने भी अपना काम ठीक किया है।

अगर इस फिल्म को आप एक प्रेम कहानी के रूप में देखेंगे, तो आपको प्रभावित करेगी, भावुक करेगी, आपमें करुणा भरेगी। लेकिन आप इसे कश्मीरी पंडितों के निष्कासन, उनकी त्रासदी से जोड़ कर देखेंगे, तो आप शययद निराश हो सकते हैं, क्योंकि इसमें उनकी पीड़ा को मुखर अभिव्यक्ति नहीं मिलती है। सिनेमाई मापदंडों के आधार पर यह एक श्रेष्ठ फिल्म है और असर छोड़ती है।

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RBI ने आम लोगों को दिया झटका, लगातार दूसरी बार नहीं कम होगी आपकी EMI

उम्‍मीद के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है. यह लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक है जब आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है. ऐसे में अब लोन की ब्‍याज दर और आपकी ईएमआई कम होने की गुंजाइश कम ही है. इससे पहले, दिसंबर में भी केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. वहीं 2019 के शुरुआती पांच मौद्रिक समीक्षा बैठक में लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती की गई थी.

  • वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है
  • लगातार दूसरी बार RBI ने नहीं की कटौती

बता दें कि वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 4.90 फीसदी पर बरकरार है. रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशयो यानी सीआरआर 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखा है.वहीं आरबीआई बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी.

RBI Governer

 

क्‍या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई फंड देता है और इसी फंड के आधार पर बैंक ग्राहकों को ब्‍याज दर में राहत देते हैं. हालांकि आरबीआई के रेपो रेट कटौती का बैंकों ने उम्‍मीद के मुताबिक फायदा नहीं पहुंचाया है. यही वजह है कि आरबीआई ने भी बैंकों से रेपो रेट कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने की बात कही है.

क्‍यों नहीं हुई कटौती?
दरअसल, महंगाई के आंकड़े और बजट में  राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के संशोधन की वजह से आरबीआई दबाव में था. बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया था. वहीं दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.3 फीसदी के उच्च स्तर पर रही. इसका कारण सब्जी खासकर प्याज और टमाटर का महंगा होना है. यह आरबीआई की उम्‍मीद से ज्‍यादा है.

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आजाद कश्मीर नाम के घोड़े से फंस सकता है पाकिस्तान, छिन सकता है ओलंपिक कोटा

पाकिस्तान ने एक नई मुसीबत मोल ले ली है। पाकिस्तान और उसके एथलीट हमेशा से भारत की भावनाओं के साथ अपनी गलत हरकतें करने से बाज नहीं आते। इस बार एक पाकिस्तानी घुड़सवार ने जानबूझकर अपने घोड़े का नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया। हालांकि, इससे पाकिस्तान को काफी नुकसान हो सकता है, बावजूद इसके पाकिस्तान संभलने का नाम नहीं ले रहा।

दरअसल, पाकिस्तानी घुड़सवार उस्मान खान ने आजाद कश्मीर नाम के घोड़े से एक प्रतियोगिता जीत ली और टोक्यो ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया, लेकिन अब वह मुश्किल में फंस सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसकी इस हरकत से भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) नाराज है और वह इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

  • पाकिस्तान और उसके एथलीट हमेशा से भारत की भावनाओं के साथ अपनी गलत हरकतें करने से बाज नहीं आते।

पाकिस्तान से छिन सकता है ओलंपिक कोटा

इतना ही नहीं, आइओसी के नियम 50 के तहत भी उसका ओलंपिक कोटा छिन जाएगा। उस्मान इस स्पर्धा में टोक्यो के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पाकिस्तानी घुड़सवार हैं। 12 साल का यह घोड़ा पहले ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा बेलिस्टर के पास था जो वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में रहती थीं। लेकिन, 15 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे उस्मान ने यह घोड़ा पिछले साल उनसे खरीदा और जानबूझकर इसका नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया।

 

आइओए के एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान और उसके खिलाड़ी हमेशा से ऐसे कारनामों में आगे रहे हैं और हर बार वे भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। उस्मान ने भी यही किया और हम इसके खिलाफ आइओसी में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उसने भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आइओसी के नियम 50 के अनुसार, किसी ऐसी चीज से किसी राष्ट्र की भावनाओं को ठेस पहुंचती है और वह इसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराता है तो उस देश का ओलंपिक कोटा रद किया जा सकता है।

 

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Air India

एयर इंडिया को खरीदने का प्लान तैयार, 88 साल बाद फिर टाटा की हो जाएगी कंपनी!

जिस एयरलाइन्स की 88 साल पहले जेआरडी टाटा ने नींव रखी थी, ऐसा लगता है वह फिर टाटा की होने वाली है। संकट से जूझ रही एयर इंडिया के लिए 17 मार्च तक बोलियां मंगाई गई हैं और टाटा ग्रुप इस नैशनल कैरियर के लिए अपनी दावेदारी को लेकर अपने प्लान को अंतिम रूप देने के बेहद करीब है। टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मिलकर इस अधिग्रहण को स्वरूप देने के लिए काम शुरू कर चुके हैं। बता दें कि साल 1932 में जेआरडी टाटा ने ही एयर इंडिया की नींव रखी थी और 1946 में इसका नैश्नलाइजेशन कर दिया गया था। शुरुआत में इसका नाम टाटा एयरलाइन्स हुआ करता था और नैशनलाइजेशन के बाद 1948 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया था। अब यह एयरलाइन वापस टाटा घराने के पास जा सकती है। टाटा ग्रुप प्लान को सफल बनाने की कोशिश में जुटा है। उसके प्लान में एयर एशिया इंडिया का मर्जर(इसमें टाटा की 51% हिस्सेदारी) और एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं, जो एयर इंडिया की 100% सब्सिडियरी है।

  • एयर इंडिया के लिए 17 मार्च तक बोलियां मंगाई गई हैं और टाटा ग्रुप इसके लिए बोली के प्लान को अंतिम रूप देने के बेहद करीब
  • टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है
  • खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है

खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है, जो एयर एशिया में 49% हिस्सेदारी रखते हैं। शेयरधारक समझौते के मुताबिक, अगर फर्नांडिस तैयार नहीं हैं तो टाटा ग्रुप किसी अन्य बजट एयरलाइन्स में 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकता।

  • टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मिलकर संकट से जूझ रही एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है और सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मिलकर इस अधिग्रहण को स्वरूप देने के लिए काम शुरू कर चुके हैं।

एयर एशिया को विदेशी उड़ान के लिए मंजूरी का इंतजार
मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, जल्द एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। टाटा ग्रुप ने एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के मर्जर का प्रस्ताव रखा है। सूत्र ने बताया, ‘इस मर्जर से भारतीय एविएशन सेक्टर में फर्नांडिस का बड़ा शेयर हो जाएगा, इसलिए दोनों पार्टनर्स के लिए जीत का ही सीन है।’

एयर एशिया की शुरुआत टाटा ग्रुप और फर्नांडिस के बीच एक जॉइंट वेंचर के तहत 2013 में हुई थी। टाटा एक और फुल-सर्विस कैरियर विस्तारा ऑपरेट करता है, जो सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ जॉइंट वेंचर है। इसमें टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है। हाल में टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बताया था, ‘बगैर मर्जर के हम तीसरी एयरलाइन नहीं चला सकते।’ एयर इंडिया और विस्तारा का साथ टाटा ग्रुप को फुल-सर्विस स्पेस में एकाधिकार दिला सकता है।

AI एक्सप्रेस और एयर एशिया कहां-कहां?
एयर इंडिया एक्सप्रेस 20 भारतीय शहरों में उड़ान भरती है। इसके अलावा, खाड़ी और दक्षिण एशियाई देशों के 13 इंटरनैशनल डेस्टिनेशन्स में भी इसकी मौजूदगी है। इसके बेड़े में 25 बोइंग 737 हैं, वहीं एयर एशिया की बात की जाए तो इसके पास 29 एयरबस A320 हैं और यह 21 शहरों में अपनी सेवाएं देती है।

विदेशी उड़ानों के लिए मंजूरी में अड़ंगा!
एयर एशिया इंडिया विदेशी उड़ानों के लिए इजाजत के इंतजार में है। यह इंतजार लंबा हो सकता है क्योंकि फर्नांडिस, एयर एशिया बोर्ड में टाटा नॉमिनी आर वेंकटरमन, दोनों पर आपराधिक षड़यंत्र का और मनी लॉन्डरिंग के केसस चल रहे हैं। फर्नांडिस को 5 फरवरी को ईडी ने समन किया है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि फर्नांडिया या एयर एशिया इंडिया टाटा-सिंगापुर एयरलाइन्स अलायंस की ओर से एयर इंडिया के लिए लगाई जाने वाली बोली का हिस्सा होंगे या नहीं। उनके खिलाफ चल रहा मामला इसकी वजह हो सकता है।

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