Trump and his wife at taj mahal

ताजमहल में ट्रंप ने इस भारतीय से पूछे 7 सवाल, खुश होकर दिया खास तोहफा

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने आगरा में ताज की यात्रा के दौरान एक शख्स को तोहफा दिया. यह तोहफा बेहद खास था. इसमें डोनाल्ड ट्रंप का नाम खुदा हुआ था. साथ व्हाइट हाउस का लोगो बना हुआ था. यह तोहफा इसलिए दिया गया क्योंकि ट्रंप ने इस आदमी से सात सवाल पूछे और उन्हें सारे सवालों के सही जवाब मिले.

Trump and his wife at taj mahal

डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को आगरा के ताजमहल घूमने गए थे. इस दौरान उनके जेहन में कई सवाल थे. उन्होंने अपने गाइड नितिन सिंह से ये सातों सवाल पूछे. नितिन ने उन्हें सातों सवालों के सही जवाब दिए. इसके बदले में डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह को एक खास तोहफा दिया. 

Guide and donald trump and his wife

डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह से पूरे ताज की यात्रा के दौरान सात सवाल पूछे. ये सवाल थे – ताजमहल किसने बनवाया था? इसे बनाने वाले कलाकार कहां से आए? शाहजहां को कहां कैद किया गया था? ताज में लगा संगमरमर कहां से आया था? अब तक ताजमहल में क्या-क्या बदला गया है? वाटर चैनल शाहजहां के समय के हैं या बाद में बने हैं?  तहखाने में बनी कब्रें पहले बनीं या फिर बाद में?

Trump and his wife with guide

नितिन सिंह ने सभी सवालों के जवाब बेहद शालीनता से विस्तृत तरीके से बताए. इसके बदले में डोनाल्ड ट्रंप ने नितिन सिंह को एक स्मृति चिन्ह तोहफे में दिया. इस चिन्ह पर सील का निशान बना है. डोनाल्ड ट्रंप का नाम और संयुक्त राज्य अमेरिका का लोगो छपा हुआ है.

ट्रंप ने पूछा कि ताज पर ये पेंटिंग क्या है. नितिन ने बताया कि ये पेंटिंग नहीं, इसे पच्चीकारी कहते हैं. यानी संगमरमर पर बहुमूल्य नगीने जड़े हुए हैं.

Trump guide gifr

ट्रंप ने नितिन ने पूछा कि तहखाने में बनी असली कब्रों और ऊपर बनी कब्रों की क्या कहानी है. तब नितिन ने उन्हें बताया कि इस्लाम में कब्रों के सजाने की इजाजत नहीं है. इसलिए शाहजहां ने ऊपर अलग से सजावटी कब्रों की प्रतिकृति बनवाई थी. 

ट्रंप को नितिन ने बताया कि ताजमहल में वाटर चैनल साइफन सिस्टम से चलता है और ये ताजमहल के बनने के समय से ही बना हुआ है. इसके कारीगर पूरी दुनिया से बुलवाए गए थे.

नितिन ने ट्रंप को बताया कि ताज के संगमरमर मकराना और काले पत्थर साउथ इंडिया से मंगवाए गए थे. ताज के दोहरे गुंबद, उसमें गूंजती आवाज, शाही मस्जिद व मेहमानखाने के बारे में भी ट्रंप ने जानकारी ली.

ट्रंप को नितिन ने ताजमहल के बनने की पूरी कहानी तारीख के हिसाब से सुनाई. शाहजहां और मुमताज महल की मोहब्बत की कहानियां भी सुनाई.

 

 

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Air Force One: जानें उस विमान की ताकत, जिससे भारत आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। 24 और 25 फरवरी 2020 को ट्रंप भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली के अलावा अहमदाबाद (गुजरात) और ताज महल (आगरा) भी जाएंगे। ट्रंप तीन स्तर के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। अमेरिकी अफसरों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा का पहला घेरा उनका ही रहेगा।

आपने पढ़ा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स वन से भारत आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये विमान कितना ताकतवर है? उस विमान की खासियत क्या है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति सफर करते हैं? इसके बारे में आगे पढ़ें।

क्या है एयरफोर्स वन

  • अमेरिकी एयरफोर्स के जिस भी विमान में वहां के राष्ट्रपति सफर कर रहे हों, उसे तकनीकी रूप से एयरफोर्स वन कहा जा सकता है। यह एक कॉलसाइन होता है।
  • लेकिन 20वीं सदी के मध्य से एक नई व्यवस्था शुरू हुई, जिसके अनुसार राष्ट्रपति के सफर के लिए सभी जरूरी सुविधाओं से लैस एयरफोर्स के विमानों को ही एयरफोर्स वन कहा जाने लगा।
  • ऐसे दो सबसे खास विमान हैं – बोइंग 747-200बी सीरीज के विमान। इन विमानों में पीछे की तरफ 28000 और 29000 कोड लिखा होता है।
  • इस विमान पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है – ‘United States of America’। साथ ही अमेरिका के झंडे और अमेरिकी राष्ट्रपति की सील होती है।
  • यह 45 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी ऊंचाई 6 मंजिले इमारत जितनी और लंबाई एक फुटबॉल के मैदान जितनी है।

Air force one

अंदर से कैसा होता है ये विमान

  • एयरफोर्स वन के अंदर 4000 वर्ग फीट की जगह है। विमान अंदर से तीन स्तर में बंटा है। इसमें राष्ट्रपति के लिए खास सुईट भी है, जिसमें बड़ा सा कार्यालय, कॉन्फ्रेंस रूम और बाथरूम होता है।
  • इसके अलावा विमान में एक मेडिकल सुईट होता है, जिसे जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थिएटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। विमान पर एक डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद होता है।
  • विमान में खाना बनाने के लिए दो अलग-अलग रसोई होती है जिसमें एक साथ 100 लोगों का खाना तैयार करने की क्षमता होती है।
  • इसमें राष्ट्रपति के साथ चलने वाले अधिकारियों (वरिष्ठ सलाहकार, गुप्त सेवा अधिकारी, पत्रकार) व अन्य अतिथियों के लिए भी कमरे होते हैं।

एयरफोर्स वन की खासियत

  • किसी राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ये दुनिया का सबसे आधुनिक और बड़ा विमान है।
  • इस विमान का दायरा असीमित है। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां चाहें और दुनिया के जिस कोने में भी जरूरत हो, ये विमान आसानी से उस जगह पहुंच सकता है।
  • इस विमान में बीच हवा में भी जरूरत पड़ने पर दोबारा ईंधन भरे जाने की क्षमता है।
  • इस विमान में एक बार में 2.03 लाख लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
  • विमान पर जितने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हैं, वे इतने मजबूत हैं कि उनपर विद्युत चुंबकीय कंपन (Electromagnetic Pulse) का असर नहीं हो सकता।
  • विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम इस तरह का है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे मोबाइल कमांड सेंटर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी किसी तरह की आपत्ति की परिस्थिति में राष्ट्रपति विमान में उड़ते हुए कहीं से भी अपनी सेना व अधिकारियों को कमांड दे सकते हैं।
  • किसी आपदा की स्थिति में ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए हवा में उड़ने वाले बंकर का काम कर सकता है। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद भी यही विमान राष्ट्रपति का कमांड सेंटर बन गया था।
  • एयरफोर्स वन के दो विमान बिल्कुल एक जैसे बनाए गए हैं। एक मुख्य विमान होता है और दूसरा बैकअप के लिए। दोनों विमान हमेशा साथ में उड़ान भरते हैं। इनमें से एक में राष्ट्रपति होते हैं, जिसकी जानकारी पहले से किसी को नहीं दी जाती।
  • इस विमान में साइबरस्पेस से होने वाले हमलों या मिसाइल हमलों का पता लगाने के लिए भी खास सेंसर्स लगाए गए हैं।

Air force one

हवा में कैसे चलता है अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला

  • एयरफोर्स वन के आगे कई मालवाहक विमान उड़ान भरते हैं, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में राष्ट्रपति को जरूरी चीजें आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें।
  • जब राष्ट्रपति विमान में सवार हो रहे होते हैं, तो रनवे पर उनके साथ काफिले में जा रहे लोगों के अलावा और किसी को अपनी जगह से हिलने की इजाजत नहीं होती।
  • एयरफोर्स वन चार क्रू सदस्यों – पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और नेविगेटर के साथ उड़ान भरता है। बोइंग 747 के किसी और विमान में इतना मजबूत क्रू नहीं होता।

कौन करता है एयरफोर्स वन की देखरेख

  • एयरफोर्स वन की देखरेख व संचालन प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप द्वारा किया जाता है जो व्हाइट हाउस मिलिट्री ऑफिस का हिस्सा होता है। ये एयरलिफ्ट ग्रुप 1944 में बनाया गया था।
  • शुरू के करीब 15 सालों तक, अमेरिकी राष्ट्रपति अलग-अलग विमानों में सफर करते रहे। 1962 में खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बनाए गए जेट विमान में सफर करने वाले पहले शख्स थे जॉन एफ केनेडी।

 

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शोर्ट फिल्म “ललक” अमेरिका के The Scene Festival में बेस्ट फिल्म के लिए नोमिनेट

rahul verma director film LALAKराहुल वर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ललक’ USA (अमेरिका) में आयोजित होने वाले फिल्म फेस्टिवल THE SCENE FESTIVAL 2020 के लिए चयनित हुई है साथ ही बेस्ट फिल्म के लिए नॉमिनेट भी हुई है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस फ़िल्म फेस्टिवल के लिए इंडिया से मात्र दो फिल्मों का चयन हुआ है। इस शोर्ट फिल्म के निर्देशक राहुल वर्मा बताते हैं की  “यह नवादा जिले के लिए भी गर्व की बात है। जिस सोच के साथ मैंने यह फिल्म बनाई उससे कहीं बढ़कर मुझे हासिल हुआ है आगे भी कोशिश जारी रहेगी”

BEST SHORT FILM की केटेगरी में 9 शोर्ट फिल्म का चयन किया गया जिसमे :

Short Film "LALAK" Nominated for Best Short Film atTHE SCENE FESTIVAL 2020

  1. The Desecrated – USA
  2. Death Offers Life – India
  3. Lalak – India
  4. Negative – Italy
  5. A story from a story – Tanzania
  6. The Spirit of the Forest – Russia
  7. Introducing Librophileas – Crotia
  8. The Bagpipe Maker’s Baby – UK
  9. Bread Winner – Uganda

THE SCENE FESTIVAL एक मासिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है। इस फेस्टिवल में  लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों, एनिमेशन, संगीत वीडियो और किसी भी शैली की वेब श्रृंखला स्वीकार करते हैं। जिसमें हर महीने जज, प्रस्तुत फिल्मों की समीक्षा, समीक्षा और मूल्यांकन करते हैं।

सीन फेस्टिवल को टीएसएफ के रूप में भी जाना जाता है, यह एक ऑनलाइन और लाइव फिल्म फेस्टिवल है, जिसे फिल्म निर्माताओं के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने काम को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

द सीन फेस्टिवल का मिशन एक प्रभावी फिल्म दृश्य को शिल्प करने के लिए आवश्यक कलात्मकता का जश्न मनाकर रचनात्मक फिल्म निर्माताओं को प्रेरित करना है। सीन फेस्टिवल में 3 मिनट के अंदर मूवी के दृश्य दिखाए जाते हैं।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24 फरवरी को भारत आएंगे, दिल्ली-अहमदाबाद में कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर रहेंगे। व्हाइट हाउस ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी। ट्रम्प के साथ उनकी पत्नी मेलानिया भी दो दिवसीय दौरे पर साथ आएंगी। ट्रम्प नई दिल्ली और अहमदाबाद में कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका पहला भारत दौरा है। उनसे पहले बराक ओबामा बतौर राष्ट्रपति दो बार- 2010 और 2015 में भारत दौरे पर आए थे।

  • अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ट्रम्प का कार्यक्रम होना है
  • ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया के साथ भारत पहुंचेंगे

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी स्टेफनी ग्रीशम ने कहा कि इसी हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प की फोन पर बातचीत हुई थी। इसमें दोनों के बीच सहमति बनी थी कि ट्रम्प की यात्रा से भारत-अमेरिका के बीच कूटनीतिक साझेदारी बढ़ेगी। साथ ही इससे अमेरिकी और भारतीय लोगों के बीच मजबूत संबंध भी उभरकर सामने आएंगे। वहां अभी से 300 पुलिस जवान और अधिकारी स्टेडियम में तैनात हैं। एनएसजी-एसपीजी की टीमें दोनों नेताओं के सुरक्षा कवच का हिस्सा होंगी। मोदी और ट्रम्प पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट आएंगे। इसके बाद हेलिकॉप्टर से सीधे मोटेरा स्टेडियम पहुंचेंगे। कार्यक्रम के बाद ट्रम्प हेलिकॉप्टर से सीधे एयरपोर्ट जाएंगे। संभवत: यहीं से अमेरिका के लिए रवाना होंगे।

Donald-Trump-His-Wife and Narendra Modi

‘अमेरिका के लिए भारत अहम’

भारतवंशी अमेरिकी दानकर्ता एमआर रंगस्वामी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के भारत दौरे का समय काफी अहम है। इससे अमेरिका और भारत के बीच चल रहे द्विपक्षीय व्यापार विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। यूएस-इंडिया स्ट्रेटिजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी के मुताबिक, दोनों देशों के बीच रिश्तों की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के पिछले तीनों राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में भारत आए थे। इस क्षेत्र में यह संदेश देना जरूरी है कि भारत अमेरिका का अहम साझेदार है और ट्रम्प भी इसे अहमियत देते हैं।

कार्यक्रम की रूपरेखा तय 

  • सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम में दोपहर 3 से शाम 5:30 बजे तक कार्यक्रम चलेगा। मोदी-ट्रम्प के अहमदाबाद दौरे के मद्देनजर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के आईजी राजीव रंजन भगत ने सुरक्षा का जायजा लिया।
  • भगत की अध्यक्षता में सोमवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर आशीष भाटिया ने अफसरों के साथ 4 घंटे बैठक की। आगामी चार दिन में सुरक्षा प्लान तैयार किया जाएगा।
  • ‘केम छो ट्रम्प’ के अलावा ट्रम्प के गांधीजी के साबरमती आश्रम जाने की भी संभावना है। वे सड़क मार्ग से आश्रम जा सकते हैं। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। 2-3 दिन में यूएस सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों के अहमदाबाद पहुंचने के आसार हैं।

 

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Oscars Awards Winners

कोरियन फ़िल्म पैरासाइट ने ऑस्कर में कैसे बनाया इतिहास

लॉस एंजेलिस में हुए 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स समारोह में कोरियन फ़िल्म पैरासाइट ने वाकई इतिहास रच दिया है। इस फ़िल्म ने पूरे हॉलीवुड को पीछे छोड़ते हुए बेस्ट पिक्चर समेत 4 केटेगरीज़ में  ऑस्कर अवॉर्ड्स जीते हैं। फ़िल्म के निर्देशक बॉन्ग जून हो को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड दिया गया है। इंटरनेशनल फीचर फ़िल्म केटेगरी में भी इसी फ़िल्म को अवॉर्ड मिला है। ओरिजिनल स्क्रीनप्ले केटेगरी में भी पैरासाइट ने पूरे हॉलीवुड को पीछे छोड़ दिया है।

Parasite Oscar Award Winner Film Poster

पैरासाइट की यह जीत इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि विदेशी भाषा का होते हुए फ़िल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड्स की मुख्य केटेगरी में 3 अवॉर्ड जीते हैं। कोरियन भाषा में बनी फ़िल्म इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ रिलीज़ की गयी थी। पैरासाइट की ऑस्कर जीत की हर जगह चर्चा हो रही है और जमकर तारीफ़ की जा रही है। प्रियंका चोपड़ा ने एक छोटा-सा नोट लिखकर फ़िल्म की जीत की बधाई दी है।

सिनेमा की दुनिया के सबसे मशहूर ऑस्कर अवॉर्ड के इतिहास में पहली बार विदेशी भाषा की एक फ़िल्म ने बेस्ट फ़िल्म का अवॉर्ड जीता है.

  • दक्षिण कोरियाई फ़िल्म पैरासाइट को ये अवॉर्ड मिला है.
  • इसे तीन और पुरस्कार मिले हैं . पैरासाइट दो कोरियाई परिवारों पर आधारित है.
  • हमने उस छोटे से अपार्टमेंट का जायज़ा लिया जिसके इर्द गिर्द ये फ़िल्म घूमती है.

प्रियंका ने अपने नोट में लिखा है- अंग्रेजी सबटाइटल्स वाली कोरियन फ़िल्म पैरासाइट जैसी अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म को दर्शकों का इतना प्यार और दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित फ़िल्म एकेडमी की तरफ़ से सम्मान मिलते हुए देखना वाकई भावुक करने वाला है। मनोरंजन उद्योग से होने के नाते हमारी कला के पास सरहदों और भाषाओं को लांघने की क्षमता होती है और आज पैरासाइट ने बिल्कुल वही साबित किया है। आसमान में सूराख करने और बेस्ट पिक्चर का अवॉर्ड जीतने वाली गैर-अंग्रेजी फ़िल्म बनने के लिए फ़िल्म से जुड़े सभी लोगों को बधाई।
पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर फ़िल्म है। इसकी कहानी एक ऐसे ग़रीब परिवार पर आधारित है, जो एक अमीर घर में किसी तरह एंट्री ले लेता है और धीरे-धीरे उसके सामने कई राज़ खुलते हैं, जो काफ़ी दहलाने वाले हैं। फ़िल्म पिछले साल 30 मई को साउथ कोरिया में रिलीज़ हुई थी और बॉक्स ऑफ़िस पर भी सफल रही थी। कान फ़िल्म समारोह में भी पैरासाइट को पुरस्कार मिले थे। पैरासाइट की जीत इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि इसका सामना हॉलीवुड की कई बेहतरीन फ़िल्मों से था।

 

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पठानकोट: US ने किया PAK को बेनकाब, डोजियर से खुलासा-80 घंटे तक आतंकियों से बात कर रहे थे बॉर्डर पार बैठे हैंडलर्स

670-pathankot-1-new_14698नई दिल्ली. पठानकोट हमले के मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। अमेरिका ने भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को एक हजार पन्नों का डोजियर सौंपा है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान और 4 फिदायीन के बीच बातचीत दर्ज थे। बता दें कि जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। उसे 1999 के कंधार प्लेन हाईजैक केस में पैसेंजरों की रिहाई के बदले भारत ने छोड़ा था। मुंबई हमले से पहले भी लश्कर आतंकियों की हुई थी बातचीत…
– अमेरिकी डोजियर में पाक आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच जिस बातचीत का जिक्र है, वह वैसी ही है, जैसी 2008 में मुंबई हमलों से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई थी।
– उस वक्त लश्कर के आतंकी कराची के सुरक्षित ठिकाने पर बैठकर भारत में लोगों को मारने की स्क्रिप्ट लिख रहे थे।
– एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, हमले के दौरान चारों फिदायीन नासिर हुसैन (पंजाब), अबू बकर (गुजरांवाला), उमर फारूक और अब्दुल कयूम (सिंध) 80 घंटे तक पाक में बैठे अपने हैंडलर्स से कॉन्टैक्ट में रहे।
– अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, डॉक्युमेंट्स में काशिफ की पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर्स से एक तय सीमा में बातचीत का ब्योरा भी दर्ज है। फिलहाल, एनआईए इन डॉक्युमेंट्स की जांच कर रही है।
डोजियर से और क्या पता चला?
– इन्वेस्टिगेशन बताती है कि वॉट्सऐप पर चैटिंग करने के अलावा काशिफ एक फेसबुक अकाउंट भी यूज कर रहा था।
– ये फेसबुक अकाउंट उसी नंबर से कनेक्टेड था, जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त फोन किया था।
– आतंकियों ने एक अन्य ‘मुल्ला दादुल्ला’ के फेसबुक अकाउंट से कनेक्ट नंबर पर भी फोन किया था।
– यह अकाउंट भी काशिफ जान ही ऑपरेट करता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म (टेलीनॉर एंड टेलीनॉर पाकिस्तान कम्युनिकेशन कंपनी लि. इस्लामाबाद) के आईपी ऐड्रेस का इस्तेमाल करके यूज किया जा रहा था।
– इन फेसबुक पेजों पर जिहादी कंटेंट, वीडियो और कमेंट्स मौजूद हैं। साथ ही, इनमें पाकिस्तान में जैश के आतंकियों को अरेस्ट करने को क्रिटिसाइज किया गया है।
– आतंकियों ने जैश की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।
अफसरों ने क्या कहा?
– यूएस अफसरों के मुताबिक, “अमेरिका ने भारत से सारी इन्फॉर्मेशन शेयर की है। लेकिन हम फिलहाल उन मोबाइल नंबरों का खुलासा नहीं कर रहे, क्योंकि इसकी जांच चल रही है।”
– अमेरिका ने भारत को ये सबूत म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) के तहत सौंपे हैं।
– अमेरिका की भारत को दी गई इस जानकारी से यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में मसूद अजहर को टेररिस्ट साबित करने में आसानी होगी।
कब हुआ पठानकोट हमला और इस केस में अब तक क्या हुआ?
– 2 जनवरी की सुबह 6 पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इसमें 7 जवान शहीद हो गए।
– 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन कॉम्बिंग ऑपरेशन चला।
– हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर है।
– अजहर को 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक केस में पैसेंजरों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था।
– भारत ने आतंकियों की उनके हैंडलर्स से बातचीत की कॉल डिटेल्स और उनसे मिले पाकिस्तान में बने सामानों के सबूत पड़ोसी देश को सौंपे हैं।
– पाक मीडिया का दावा है कि मसूद अजहर को हिरासत में लिया जा चुका है। लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है।
– इस बीच, भारत-पाक फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की 15 जनवरी को जो बातचीत होनी थी, जो नहीं हुई।
– 28 मार्च को पाकिस्तान के पांच मेंबर्स वाली इन्वेस्टिगेशन टीम भी पठानकोट आई थी।
पाकिस्तान ने कहा- पठानकोट हमले में अजहर का हाथ नहीं
– पाकिस्तान भारत से कह चुका है कि उसे जांच में ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिसके बेस पर उसे आरोपी बनाया जाए।
– भारत का दावा है कि मसूद अजहर ही एयरबेस अटैक का मास्टरमाइंड है। नवाज शरीफ ने खुद नरेंद्र मोदी को फोन कर हमले की जांच में पूरी मदद का भरोसा दिलाया था।
– हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि भारत ने जो फोन नंबर्स और कॉल डिटेल्स दी थी, उनकी जांच अब तक नहीं की जा सकी है।
Source :- Dainik Bhaskar
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अमेरिका में भी दो दिन में 23.5 करोड़ रुपये कमाए रजनीकांत की ‘कबाली’ ने

rajinikanth-in-kabali_650x400_71469426575चेन्नई: दक्षिण भारतीय सुपरस्टार रजनीकांत की नई तमिल एक्शन फिल्म ‘कबाली’ हिन्दुस्तान में ही नहीं, उत्तरी अमेरिका में भी ताबड़तोड़ कमाई कर रही है, और फिल्म ने प्रीमियर सहित रिलीज़ के शुरुआती दो दिनों में 35 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 23 करोड़ 52 लाख) की कमाई कर ली है। उत्तरी अमेरिका में सिनेगैलेक्सी इंक के ज़रिये ‘कबाली’ का वितरण किया जा रहा है, और इसमें अमेरिका के साथ-साथ कनाडा भी शामिल है।

सिनेगैलेक्सी इंक के सहसंस्थापक संजय ने बताया, “कबाली 35 लाख डॉलर के साथ पहली तमिल फिल्म और ‘बाहुबली’ के बाद दूसरी सर्वाधिक कमाई करने वाली दक्षिण भारतीय फिल्म बन गई है… मिली-जुली समीक्षा के बावजूद फिल्म पूरे उत्तरी अमेरिका में जबरदस्त कमाई कर रही है…”

पा. रंजीत द्वारा निर्देशित ‘कबाली’ एक गैंगस्टर की कहानी है, जो मलेशिया में तमिलों के समान हक के लिए लड़ता है। फिल्म ने रिलीज़ के शुरुआती सप्ताहांत में दुनियाभर में 150 करोड़ रुपये की कमाई की।

Source :- NDTV

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