हल्द्वानी में हुई चोरी का पुलिस ने किया खुलासा

arrestedउत्तराखंड के हल्द्वानी में पिछले दिनों एक शो रूम और एक व्यापारी के घर में हुई लाखों रुपए की चोरियों का खुलासा रविरार को नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कर दिया है. साथ ही पुलिस ने पकड़े हुए चोरों के पास से 80 फीसदी चोरी का सामान और नगदी भी बरामद कर ली है.

पकड़े गए चोर काठगोदाम ढुमवाढूंगा के ही रहने वाले है और शहर में लम्बे समय से चोरी कर रहे थे. पकड़े इन चारों चोरों को अलग-अलग धाराओं में जेल भेज दिया गया है.

वहीं, 24 घंटे के अंदर पुलिस की ओर से चोरी का खुलास करने पर एक पीड़ित व्यापारी ने पुलिस को 50 हजार रुपए का चेक बतौर ईनाम दिया है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक ही शोरूम में चोरों ने दूसरी बार धावा बोलकर कीमती सामान उड़ा दिया. इस घटना के क्षेत्र के व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ रोष बना हुआ था.

चोरों ने नैनीताल रोड पर महिला अस्पताल के पास लुधियाना हौजरी शो रूम मे फिर सेंध लगा दी. छत के रास्ते भीतर घुसे चोर शोरूम से लाखों रुपए की जैकिट और स्वेटर ले उड़े.

 

 

Source: Pradash 18

 

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Teachers Day: न नौकरी न कोई रोजगार फिर भी मुफ्त में बांट रहे ज्ञान

Teachers Day Manish Picsशिक्षक दिवस Teachers Day के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में पढ़कर आप खुद कह उठेंगे, वाह- वाह। ऐसे दौर में जहां इंसान बिना पैसा लिए कुछ नही करता, वहीं पिथौरागढ़ में एक युवा शिक्षक ऐसा भी है, जो छात्र-छात्राओं को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के क्लास रूम में मनीष डिमरी पिछले दो सालों से छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. उन्हें देखकर कोई भी यह समझेगा कि वे कोई सरकारी टीचर हैं. लेकिन ऐसा नहीं है|

मनीष खुद पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, लेकिन इन्हें ज्ञान को लोगों में बांटने का जुनून है. इस जूनुन को पूरा करने के लिए मनीष पिछले दो सालों से महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखा रहे हैं|

इस युवा शिक्षक का कहना है कि पढ़ाना उनका शौक है. वे भी चाहते है कि सरकार उनकी सेवाओं का लाभ ले, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. जिसके बाद उन्होनें मुफ्त में ही पढ़ाने का फैसला लिया है|

  • मनीष छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही कम्प्यूटर और सूचना तकनीक की भी जानकारी दते हैं.
  • दो सालों से मनीष सुबह महाविद्यालय को निकलते हैं 
  • सैकड़ों छात्रों को 4 घंटे तक मुफ्त में पढ़ाकर घर लौटते हैं.
  • इनके पढ़ाये हुए कई छात्र आज विभिन्न सरकारी महकमों में नौकरी कर रहे हैं.
  • मनीष का महाविद्यालय के साथ न तो कोई समझौता है और न ही विद्यालय इन्हें कुछ देता है,
  • मनीष के जज्बे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने इन्हें पढ़ाने के लिए एक कमरा जरूर मुहैया कराया है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती का कहना है कि मनीष भले ही उनके विद्यालय के शिक्षक न हों, लेकिन वे छात्रों को इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं कि लगता है, उन्हें सरकार ने पढ़ाने के लिए नियुक्त किया हो. ज्ञान बांटने का मनीष का ये जुनून, उन सरकारी शिक्षकों के लिए चुनौती और सबक है, जो भारी-भरकम सैलरी लेकर भी कोई ठोस नतीजा नहीं दे पा रहे हैं|

Source : &d tv

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उत्तराखंड कैबिनेट में शामिल हुए नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी

हरीश रावत मंत्रिमंडल में रिक्त हुए कैबिनेट मंत्रियों के दो खाली पदों पर गुरुवार को विधायक नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी ने शपथ ग्रहण की।
सुबह दस बजे राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में विकास नगर से विधायक नवप्रभात और बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने पद की कर्तव्य एंव निष्ठा की शपथ ली। उधर, राजनीतिक गलियारों में ये खबर भी जोरों पर है कि नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी की ताजपोशी के बाद हरीश रावत को अन्य विधायकों का रोष झेलना पड़ सकता है।

हालांकि नए मंत्रियों के नामों की अधिकारिक घोषणा बुधवार को नहीं की गई थी, लेकिन उपरोक्त दोनों नामों पर की संभावना जताई गई थी। सूत्रों की हवाले से यह भी खबर है कि रावत के मंत्रियों के विभागों में जल्द ही फेरबदल संभव है।
फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद सत्ता में दोबारा वापस आए हरीश रावत ने इन दोनों पदों को जल्द भरने का आश्वासन दिया था। तमाम लोगों ने इन पदों के लिए दावेदारी भी ठोंक रखी थी। मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के दो खाली पदों को भरने के संबंध में मुख्यमंत्री ने हाईकमान से चर्चा भी की।

बुधवार को ही नवप्रभात और राजेंद्र भंडारी के नाम पर सहमति बन गई। हालांकि हाईकमान के स्तर पर कुछ औपचारिकता के फेर में देर रात तक दोनों के नामों की अधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी थी।

दोनों ही विधायकों को शपथ गृहण के लिए तैयार रहने के संदेश दिए जा चुके थे। दोनों ही विधायकों के नजदीकी रिश्तेदार और समर्थकों का राजधानी में जुटना शुरू हो गया था।
बुधवार को दोनों ही विधायक देर रात तक किसी तरह की अधिकृत सूचना से इंकार करते रहे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने गढ़वाल में कांग्रेस का पलड़ा भारी करने के मकसद से दोनों पद यहीं से भरे। इसके अलावा ब्राह्मण-क्षत्रिय वोट बैंक में संतुलन बिठाने की भी कोशिश की है।

गौरतलब है कि हरीश रावत पर पार्टी में क्षत्रियों और कुमाऊं को तरजीह देने का आरोप लगता रहा है। ताजा घटनाक्रम इन दोनों फैक्टर को बैलेंस करने का सटीक प्रयास माना जा रहा है।

उधर, खबर यह भी है कि कुछ मंत्रियों को पैदल भी किया जा सकता है। इनके स्थान पर कुछ नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। यह कवायद राजेंद्र भंडारी और नवप्रभात के मंत्री बनने से फैलने वाली संभावित नाराजगी को दूर करने के मकसद से की जा सकती है।

Source: Amar ujala

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भारी पड़ा सेल्फी का शौक, चली गई जान

photo-1देहरादून में कॉल सेंटर में काम करने वाली ममता को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था की सेल्फ़ी लेने का शौक उसकी जान पर भारी पड़ जाएगा, और उसकी वो सेल्फ़ी आख़री सेल्फ़ी साबित होगी.

मामला देहरादून पिकनिक स्पॉट मलदेवता का है जहाँ मोहब्बेवाला की रहने वाली ममता अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ पिकनिक मामने आई थी.जिस वक़्त सभी दोस्त पिकनिक में मशगूल थे उसकी वक़्त एक ऐसा हादसा हुआ की ममता की जान चली गई.

क्योंकि ममता की नदी में डूबने से मौत हो गई थी ममता के दोस्त राम का कहना है की ममता विवेक के साथ सेल्फ़ी ले रही थी तभी बेलेंस बिगड़ने की वजह से ममता और विवेक नदी में जा गिरे,दोनों को बचाने का प्रयास किया गया,विवेक तो नदी के बहाव से बच निकला लेकिन ममता का शव नदी में कुछ दूरी पर मिला

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा भरके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

बताया गया है के ममता आईएसबीटी के पास कॉल सेण्टर में काम करती थी और कॉल सेण्टर के ही सभी साथी पिकनिक मानाने के लिए मलदेवता आए थे,घटना के बाद से ममता के साथियों का रो रो कर बुरा हाल है.

Source: Amar Ujala

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रुड़कीः लंढौरा जाते भाजपा सांसद भग‌त सिंह कोश्यारी और कई विधायक गिरफ्तार

bhagat-singh-koshiyari-arrestedरुड़की के लंढौरा में हुई घटना का जायजा लेने जा रहे बीजेपी सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शुक्रवार की दोपहर भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी पिछली एक जून को लंढौरा में हुई आगजनी और तोड़फोड़ का जायजा लेने जा रहे थे, लेकिन मामले की संवेदनशीलता देखते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
भगत सिंह कोश्यारी के साथ चार अन्य भाजपा विधायकों सहित कई कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस इन सबको गिरफ्तार कर के पुलिस लाइन ले गई है।
हरिद्वार के लंढौरा में बागी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के आवास में हुई आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद बागी विधायकों में असुरक्षा की भावना घर कर गई है।
कई विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कटौती न की जाए। सुरक्षाकर्मियों को यथावत रहने दिया जाए।
ज्ञात हो कि कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों को केंद्र सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई थी। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत कई विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया जाए।
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उत्तराखंड में अगले 36 घंटे तक भारी बारिश का अनुमान

gangotri-kedarnath_road_closed_30_05_2016नैनीताल। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर मौसम का असर पड़ रहा है। बीते दिनों से जारी बारिश से जहां कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहीं मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।

नैनीताल, अल्मोड़ा और देहरादून में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। साथ ही बद्रीनाथ और केदारनाथ में भी भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया गया है। केदारनाथ में चार धाम की यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को सेफ जोन में रोका गया है।

इसे पहले शनिवार को उत्तराखंड में तीन जगहों पर बादल फटने से इस प्रसिद्ध तीर्थयात्रा पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में बादल फटने से अब तक छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।

रविवार रात तेज बारिश से नैनीताल से कालाढूंगी को जोड़ने वाली सड़क पर भूस्खलन हो गया। दोनों और करीब एक किमी का जाम लग गया है। सड़क बंद होने से पर्यटकों के साथ ही दूधिये और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं फंस गए हैं।

खुरपाताल के प्रधान मनमोहन कनवाल ने बताया की जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर चार स्थानों पर सड़क पर मलबा आया है। विशालकाय पेड़ गिरे हैं। लोनिवि की ओर से मलबा हटाने के दो जेसीबी लगाई गई हैं।

उधर, आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार नैनीताल-हल्द्वानी और नैनीताल-भवाली मार्ग पर जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरे हैं, अलबत्ता-कालाढूंगी रोड छोड़कर अन्य सड़कों पर यातायात सुचारू है।

Source: नई दुनिया
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दिल्ली में हरीश रावत, ‘स्टिंग वीडियो’ मामले में सीबीआई के सवालों का जवाब देने पहुंचे

harish-rawat_650x400_81463586202देहरादून: सीबीआई ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से जुड़े स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में आज उनसे पूछताछ की। रावत कुछ समर्थकों और एक विधायक के साथ आज 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। सीबीआई ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया था जिसमें उसने राष्ट्रपति शासन के दौरान मामले की जांच को दी गई मंजूरी वापस लेने की बात कही थी।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी सीबीआई जांच पर रोक नहीं लगाई। रावत ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। सीबीआई ने कहा था कि कानूनी सलाह लेने के बाद अधिसूचना को खारिज कर दिया गया। इस सलाह में कहा गया कि मंजूरी को वापस लेने का कोई आधार नहीं है और यह ‘‘कानूनी तौर पर मान्य’’ नहीं है।

स्टिंग में कथित रूप से रिश्वत लेते दिखाई दिए
सीबीआई ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की जांच के लिए 29 अप्रैल को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में रावत बागी कांग्रेसी विधायकों को कथित रूप से रिश्वत की पेशकश करते दिखाए गए हैं, ताकि वे विधायक उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान उनका समर्थन करें।

रावत का आरोपों से इनकार
सीबीआई ने 9 मई को रावत को पूछताछ के लिए तलब किया था लेकिन उन्होंने एजेंसी से और अधिक समय मांगा। इसके बाद वह शक्ति परीक्षण जीत गए और सत्ता में लौट आए। बागी कांग्रेसी विधायकों द्वारा वीडियो जारी किए जाने पर रावत ने आरोपों से इंकार किया था और वीडियो को फर्जी बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार कर लिया कि स्टिंग ऑपरेशन के कैमरे में वही दिखाई दे रहे हैं।

शक्ति परीक्षण में रावत की जीत के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 15 मई को हुई और इस बैठक में उस अधिसूचना को वापस ले लिया गया, जिसमें रावत की संलिप्तता वाले स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। राज्य मंत्रिमंडल ने तय किया कि इसके बजाय विशेष जांच दल गठित किया जाए क्योंकि यह राज्य से जुड़ा मुद्दा है।

(इस खबर को दी सन्डे  हेड लाइंस टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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राज्यसभा में सांसदों का फेयरवेल, मोदी बोले- GST पास कराते तो फायदा होता

rajyasabha_146311854नई दिल्ली.पार्लियामेंट के बजट सेशन का आज आखिरी दिन है। राज्यसभा से 57 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। जून में टर्म खत्म होने के चलते इनमें से कई सांसद नहीं जानते कि पार्लियामेंट के मॉनसून सेशन से पहले वे वापसी करेंगे या नहीं। उनके फेयरवेल पर नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामना दी। कहा- अगर आप जीएसटी पास करा लेते तो कई राज्यों को फायदा होता। पीएम मोदी ने क्यों किया जीएसटी का जिक्र…
– मोदी ने सांसदों से कहा- ‘दोनों सरकारों को आपके एक्सपीरियंस का लाभ मिला। इस सरकार को कम मिला, पुरानी वाली सरकार को ज्यादा मिला, लेकिन देश को कम्पलीट लाभ मिला।’
– ‘ यहां जब हम आते हैं, तो हमारी सोच की एक सीमा होती है। यहां हरेक बैकग्राउंड के लोग आते हैं। इस सदन में आते हैं तो सोचने का दायरा और बड़ा हो जाता है।’
– ‘ यहां आने वालों ने देश के लिए बड़ी भूमिका निभाई, मेरी शुभकामनाएं हैं और रहेंगी।’
– ‘ सदन से जाने के बाद यह सरकार आपके काम को उसी तरह करने को तत्पर रहेगी, जैसा सदस्य रहने पर रहती है, मैं चाहूंगा कि आप इस हक का भरपूर लाभ उठायें।’
– ‘ महत्वपूर्ण रिफॉर्म के फैसले आपके भागीदारी और मौजूदगी में हुए। आप राज्य के रिप्रेजेंटेटिव्ह्स हैं। पर, कुछ चीजों का गिला-शिकवा आपके मन में जरूर रहेगा।’
– ‘आप जिस राज्य से आते हैंं, वह आप पर भरपूर गर्व करता, अगर जीएसटी पास हो जाता तो।
– ‘ इससे बिहार को भरपूर फायदा होता। यूपी को भी फायदा होता। एक दो राज्यों को छोड़ अधिकतर राज्य को इसका लाभ होता।
आनंद शर्मा बोले- हमें एक दूसरे को समझना होगा
कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने क्या कहा- ‘कोई चीज स्थिर नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का हिस्सा है। लेकिन, सदन और संसद स्थिर है। यह सबसे बड़ी देन हमारे फ्रीडम फाइटर्स और संविधान निर्माताओं की है। ऐसे भी कई क्षण आए हैं, जब दुनिया ने हमारे एक विचार हमारी ताकत को देखा।’
– ‘ हमने कई बार देश के लिए बड़े फैसले लिए हैं। कुछ क्षण ऐसे भी आए जब पीठ की तरफ से सख्ती भी हुई।’
– ‘हमारा प्रयास रहे कि हम एक दूसरे को समझें। चर्चा करें। विरोधी की बात को समझने की कोशिश करें। उसे सुनें। व्यक्तिगत विरोधी न समझकर व्यवहार करें।’
राज्यसभा में क्या है सिचुएशन?
– 245 मेंबर्स वाले हाउस में अभी एनडीए के 62 सांसद हैं। सात नॉमिनेटेड मेंबर्स को शामिल कर दें तो एनडीए के 69 सांसद हो जाते हैं।
– कांग्रेस के 61 सांसद हैं। उसकी सहयोगी पार्टियों की संख्या मिला दें तो यूपीए के 80 सांसद हो जाते हैं।
– इसमें भी एआईएडीएमके, बीजेडी, तृणमूल, सपा और बसपा को मिला दें तो गैर-एनडीए सांसदों की संख्या 90 हो जाती है।
– 30 जून को राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य रिटायर होंगे। यहां सांसदों का टर्म 6 साल का होता है। हर दो साल में एक-तिहाई मेंबर रिटायर होते हैं।
– नए मेंबर्स का इलेक्शन 11 जून को होगा।
कौन-कितनी सीटें जीतेगा?
– बीजेपी के 14 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। 57 सीटों पर इलेक्शन के बाद उसे 18 सीटें मिल सकती हैं। यानी वह 4 सीटों के फायदे में रह सकती है।
– 49 सीटों वाली बीजेपी राज्यसभा में 53 सीटों तक पहुंच जाएगी।
– कांग्रेस के अभी 61 सांसद हैं। उसके भी 16 सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि दोबारा इलेक्शन के बाद उसकी संख्या 60 बनी रहेगी।
कहां से कितनी सीटों पर होना है इलेक्शन?
– यूपी : 11
– तमिलनाड़ु : 6
– महाराष्ट्र : 6
– बिहार : 5
– आंध्र प्रदेश : 4
– कर्नाटक : 4
– मध्य प्रदेश : 3
– ओडिशा : 3
– हरियाणा : 2
– झारखंड : 2
– पंजाब : 2
– छत्तीसगढ़ : 2
– तेलंगाना : 2
– उत्तराखंड : 1
(इन 53 सीटों के अलावा बाकी 4 सीटों पर कुछ सदस्यों के निधन या इस्तीफे के चलते चुनाव होगा।)
बीजेपी को क्या फायदा मिलेगा…
– बीजेपी को कुछ सीटों का फायदा हो सकता है, लेकिन उसकी संख्या इतनी नहीं बढ़ेगी कि वह राज्यसभा में बड़े बिल पास कराने की स्थिति में आ जाए।
– मोदी सरकार के पांच मंत्री- वेंकैया नायडू, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, वाईएस चौधरी और मुख्तार अब्बास नकवी का टर्म खत्म हो रहा है।
– नायडू के पास पार्लियामेंट्री अफेयर्स और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री है। उनकी संसद में वापसी तय है।
– वे पिछली बार कर्नाटक से चुने गए थे। इस बार विजय माल्या के इस्तीफे के बाद कर्नाटक से एक सीट खाली है।
– अगर नायडू आंध्र प्रदेश से इलेक्ट होना चाहेंगे तो उन्हें टीडीपी की मदद लेनी होगी, जिसका अभी बीजेपी के साथ अलायंस है।
– आंध्र प्रदेश से 4 सीटें हैं। एक सीट वाईएसआर कांग्रेस और बाकी तीन बीजेपी-टीडीपी को मिलेंगी।
– कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी आंध्र प्रदेश से आती हैं। लेकिन नायडू या सीतारमण में से कोई एक ही वहां से चुना जा सकेगा, क्योंकि टीडीपी अपनी 3 में से 2 सीटें बीजेपी को नहीं देगी।
– पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल महाराष्ट्र से और मुख्तार अब्बास नकवी यूपी से वापसी करेंगे।
कांग्रेस यहां रहेगी खाली हाथ…
– कांग्रेस को आंध्र प्रदेश या तेलंगाना से कोई राज्यसभा सीट नहीं मिल सकेगी। लिहाजा, पूर्व मंत्री जयराम रमेश की वापसी तेलंगाना की रूलिंग पार्टी टीआरएस पर निर्भर करेगी।
– कांग्रेस के ही हनुमंत राव और जेडी सीलम की भी वापसी तय नहीं है।
– महाराष्ट्र में कांग्रेस के विजय दर्डा का टर्म खत्म हो रहा है। लेकिन इसके लिए पार्टी के तीन नेता सुशील कुमार शिंदे, गुरदास कामत और मुकुल वासनिक दावेदार हैं।
– पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी भी रिटायर होने जा रहे हैं। केरल असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस की परफॉर्मेँस राज्यसभा में उनकी राह तय करेगी।
– पंजाब में भी कांग्रेस को परेशानी है। वहां से उसके तीन सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन दो की ही वापसी हो सकेगी।
– ऑस्कर फर्नांडीज कर्नाटक से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह कांग्रेस पूर्व मंत्री पी चिदंबरम की एंट्री करा सकती है। लेकिन लोकल नेताओं ने कहा है कि उन्हें बाहरी कैंडिडेट मंजूर नहीं होगा। चिदंबरम तमिलनाडु से आते हैं।
यूपी में क्या होगा…
– बीएसपी के पास लोकसभा में कोई मेंबर नहीं है। अब राज्यसभा से उसके 6 सांसद रिटायर हो रहे हैं।
– इनमें पार्टी में नंबर-2 सतीश चंद्र मिश्रा भी शामिल हैं। बीएसपी अपने दो और बीजेपी-कांग्रेस एक-एक नेता को चुन सकेगी।
– मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से किसी नेता का फिलहाल चांस नहीं है।
Source:दैनिक भास्कर
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उत्तराखंड: फ्लोर टेस्ट के लिए केंद्र के पास 6 मई तक का समय

harish rawatनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें केंद्र ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने की व्यवहार्यता के कोर्ट के सुझाव पर जवाब देने के लिए उससे दो और दिन का समय मांगा था। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोर्ट के सुझाव को केंद्र तक पहुंचा दिया है और सरकार इस पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है। इसके बाद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने इस मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

पीठ ने अटॉर्नी जनरल की इस बात को रिकॉर्ड कर लिया कि केंद्र सरकार इस मामले में उपजे विवाद को खत्म करने के लिए विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने के इस कोर्ट के सुझाव पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है। पीठ ने यह भी कहा कि उसने हटाए गए मुख्यमंत्री हरीश रावत के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की इस बात पर भी गौर किया कि सरकार द्वारा सुझाव को स्वीकार कर लिए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि सरकार सुझाव को स्वीकार कर लेती है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा।

मामले की सुनवाई को छह मई के लिए स्थगित करते हुए पीठ ने कहा कि यदि एजी को सुझाव पर निर्देश नहीं मिलते हैं तब भी मामले की सुनवाई की जाएगी। यह भी संभावना है कि इस मामले को पूर्ण बहस के लिए संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया जाए।

पीठ का यह मानना था कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के अधिकतर मामलों में, कुछ अहम सवाल तैयार करने के बाद मामला संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाता रहा है। बहरहाल, सिब्बल और सिंघवी ने इस आदेश की रिकॉर्डिंग पर आपत्ति जताई और कहा कि यहां यह शक्ति परीक्षण का मामला है, जो रावत के लिए विश्वास मत जैसा है और इसे किसी भी तरह से अविश्वास मत नहीं कहा जा सकता।

कांग्रेस की इस दलील पर रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के चलते राष्ट्रपति शासन लागू होने की वजह से रावत खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करके विश्वास मत नहीं मांग सकते। एजी ने कहा कि उत्तराखंड में स्थिति ऐसी है, जहां दोनों ही पक्षों को अपना बहुमत साबित करने के लिए शक्तिपरीक्षण का सामना करना होगा। सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण उस दल के लिए नहीं हो सकता, जो सत्ता में है ही नहीं और जिस व्यक्ति को बहुमत साबित करने के लिए बुलाया जाना है वह मुख्यमंत्री रहा है। पीठ ने कहा कि हम रावत को बहुमत साबित करने के लिए कह कर पूर्व स्थिति बहाल नहीं करेंगे।

एजी ने कहा कि शुक्रवार को जब सुनवाई शुरू हो, तब कोर्ट को शक्ति परीक्षण आयोजित करने के तरीकों पर फैसला करना चाहिए। पीठ ने कहा कि राष्ट्रपति शासन की घोषणा को खारिज करने वाले उत्तराखंड उच्च कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने वाला अंतरिम आदेश ‘अगले आदेश आने तक जारी और प्रभावी रहेगा।’ शुरूआत में ही एजी ने कह दिया था कि शीर्ष अदालत के कल के सवाल को गंभीरता के साथ आगे पहुंचा दिया गया था लेकिन उन्हें कोई दृढ़ निर्देश नहीं मिले हैं।

उन्होंने कहा कि इस सुबह मुझे जो जानकारी मिली है, वह यह है कि हम शुक्रवार सुबह इसे देखेंगे और फिलहाल यही स्थिति है। सिब्बल और सिंघवी ने भी एजी की बात पर कोई आपत्ति नहीं जताई। पीठ ने कल एजी से कहा था कि वह केंद्र से उत्तराखंड विधानसभा में उसके निरीक्षण में शक्तिपरीक्षण करवाने की व्यवहार्यता के बारे में निर्देश ले और कोर्ट को सूचित करे। कोर्ट राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के उत्तराखंड उच्च कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र की अपील पर सुनवाई कर रहा था

 

 

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उत्तराखंडः जंगल में आग लगाने पर 46 पर कार्रवाई, तीन गिरफ्तार

fire-shimla_1462199876उत्तराखंड के जंगलों में अचानक इतनी आग कैसे लगी? इस सवाल का जवाब धीरे-धीरे मिलने लगा है। सोमवार को जानबूझकर जंगल में आग लगाने के मामले में 46 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इनमें दो व्यक्तियों को दूसरे प्रांत का बताया जा रहा है। इससे शक की सुई वन माफिया की तरफ घूमने लगी है। हालांकि अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने बताया कि आरोपियों का विस्तृत ब्यौरा लिया जा रहा है। जंगलों में आग का सिलसिला शुरू होने के बाद यह चर्चा रही कि आग मानव जनित है।

इस पर कार्रवाई शुरू हुई तो शरारती तत्व पकड़ में आने लगे हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जंगलों में जानबूझकर आग लगाते हुए पाए जाने पर कुल 46 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 1 मामले में एफ आईआर और 45 मामलों में इंडियन फॉरेस्ट एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट की धाराओं में 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है।

इसके अलावा तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो व्यक्ति नैनीताल और एक पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया गया है। नैनीताल में पकड़े गए व्यक्ति पड़ोसी प्रांत के रहने वाले हैं। इनके संबंध में छानबीन की जा रही है। दूसरे प्रांतों के लोगों के पकड़े जाने पर शक की सुई वन माफिया की तरफ घूमने लगी है।

वन माफिया आग की आड़ लेकर जंगलों में अवैध रूप से पेड़ों को काट लेते हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आग से निपटने के बाद विस्तृत जांच कराई जाएगी। वन विभाग का जो अधिकारी, कर्मचारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।

Source- अमर उजाला

उत्तराखंडः जंगल में आग लगाने पर 46 पर कार्रवाई, तीन गिरफ्तार Read More