INDvsENG : अश्विन-जयंत का जादू चला, टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 246 रन से हराया, विराट मैन ऑफ द मैच, सीरीज में 1-0 से आगे

ravichandran-ashwin_650x400_51479698023विशाखापटनम: टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के तहत विशाखापटनम में खेले गए दूसरे टेस्ट में विशाल अंतर से जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. पांचवें दिन इंग्लैंड की टीम 405 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लंच के बाद 158 रन पर ही ढेर हो गई. इस प्रकार टीम इंडिया को 246 रनों से बड़ी जीत हासिल हो गई. जॉनी बेयरस्टॉ (34) रन पर नाबाद रहे. टीम इंडिया की ओर से दोनों ऑफ स्पिनर आर अश्विन और जयंत यादव ने 3-3 विकेट लिए, जबकि मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा ने 2-2 विकेट चटकाए. इंग्लैंड की उम्मीदें जो रूट से थीं, जिन्होंने विराट के हाथों जीवनदान पाने के बाद 25 रन बनाए, लेकिन आगे टिक नहीं पाए. विराट कोहली को मुश्किल विकेट पर पहली पारी में 167 रन और दूसरी पारी में 81 रन की अहम पारी खेलने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच मोहाली में 26 नवंबर से खेला जाएगा. (जयंत यादव के जीवन में दो मां का रहा है अहम रोल)

इंग्लैंड का विकेट पतन : 1/75 (हसीब हमीद- 25), 2/87 (एलिस्टर कुक- 54), 3/92 (बेन डकेट- 0), 4/101 (मोईन अली- 2), 5/115 (बेन स्टोक्स- 6), 6/115 (जो रूट- 25), 7/129 (आदिल राशिद- 4), 8/143 (जफर अंसारी- 0), 9/158 (स्टुअर्ट ब्रॉड- 5), 10/158 (जेम्स एंडरसन- 0)

विराट ने रूट को दिया जीवनदान, नहीं उठा पाए फायदा
टीम इंडिया ने रविवार को चौथे दिन के खेल के अंतिम ओवर में जमकर खेल रहे एलिस्टर कुक (54) को आउट कर बड़ी सफलता हासिल की थी, वहीं सोमवार सुबह भी उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही, क्योंकि दिन के तीसरे और पारी के 63वें ओवर में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने अश्विन की गेंद पर जो रूट को जीवनदान दे दिया. उन्होंने लेग स्लिप पर रूट का कैच छोड़ा. इसके बाद अश्विन ने 87 रन से आगे खेलने उतरी इंग्लैंड टीम को तीसरा झेटका महज 5 रन बाद ही दे दिया और बेन डकेट बिना खाता खोले ही विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को कैच दे बैठे. इंग्लैंड के स्कोर में 9 रन ही जुड़े थे कि रवींद्र जडेजा की फिरकी ने कमाल किया और मोईन अली गच्चा खा गए. अली ने बैकवर्ड शॉर्ट लेग पर कप्तान कोहली को कैच थमाया.

इंग्लैंड को पांचवां झटका ऑफ स्पिनर जयंत यादव ने दिया. यादव की फुल लेंथ गेंद पर बेन स्टोक्स चकमा खा गए और गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए गिल्लियां उड़ा गई. स्टोक्स ने 6 रन बनाए. इंग्लैंड की उम्मीदें जो रूट से थीं, लेकिन वह भी जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाए और मोहम्मद शमी ने उन्हें विकेटों के सामने पकड़ लिया और अंपायर ने पगबाधा आउट करार दिया. रूट ने रीव्यू भी लिया, लेकिन उससे भी उन्हें मदद नहीं मिल सकी. मोहम्मद शमी ने आदिल राशिद को सातवें विकेट के रूप में अपना दूसरा शिकार बनाया. आठवां विकेट अश्विन ने लिया, तो जयंत यादव ने अंतिम दोनों विकेट झटके.

विदेशी टीम चौथी पारी में 276 रन का ही कर पाई पीछा
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के सामने जो लक्ष्य रखा है, वह लगभग असंभव है, क्योंकि भारतीय धरती पर किसी भी विदेशी टीम के चौथी पारी के स्कोर पर एक नजर डालें, तो वह 5 विकेट पर 276 रन रहा है, जो वेस्टइंडीज ने नवंबर, 1987 में भारत के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में बनाया था और जीत दर्ज कर ली थी. इसके बाद न्यूजीलैंड की ओर से अहमदाबाद टेस्ट, 2003 में बनाए गए 6 विकेट पर 272 रन हैं, जो ड्रॉ रहा था. ऐसे में विशाखापटनम के टर्न लेते विकेट पर इंग्लैंड को करिश्माई बल्लेबाजी ही जीत दिला सकती है. अन्यथा हार तय है.

चौथे दिन विराट रिकॉर्ड से चूक गए थे
विराट ने विशाखापटनम टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 167 रन बनाए थे और दूसरी पारी में 81 रन पर ही आउट हो गए. इस तरह उन्हें मायूस होना पड़ा… विराट कोहली से पहले पांच भारतीय बल्लेबाज ऐसे रहे, जो अपने 50वें टेस्ट की किसी एक पारी में ही शतक लगा पाए थे. इनमें पाली उमरीगर (112), गुंडप्पा विश्वनाथ (124, 31), सुनील गावस्कर (13, 221), कपिल देव (13, 100*) और वीवीएस लक्ष्मण (178 रन) शामिल हैं.

बतौर कप्तान शतकों का रिकॉर्ड
कप्तान कोहली ने कप्तान के रूप में शतक बनाने के मामले में सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर ली है. उन्होंने कप्तान के तौर पर अब तक 7 शतक लगा दिए हैं, जबकि सचिन के नाम भी 7 शतक ही हैं. कोहली फिलहाल मो. अजहरुद्दीन (9 शतक) और सुनील गावस्कर (11 शतक) से पीछे हैं.

चौथा दिन : इंडिया 204 पर सिमटी, रखा 405 का लक्ष्य
चौथे दिन टीम इंडिया की पारी 204 रन पर ही सिमट गई. विराट कोहली के 50वें टेस्ट में दूसरी पारी में भी शतक बनाकर रिकॉर्ड कायम करने से चूकने के बाद टीम टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया. हालांकि टीम इंडिया ने पहली पारी में मिली 204 रनों की बढ़त के सहारे 405 रन का लक्ष्य रखने में कामयाब रही. इसके बाद इंग्लैंड ने विशाल लक्ष्य के दबाव में नहीं आते हुए शानदार शुरुआत की. लंबे इंतजार के बाद आर अश्विन को 75 रन के स्कोर पर सफलता मिली, जब उन्होंने ओपनर हसीब हमीद को 25 के निजी स्कोर पर पगबाधा आउट कर दिया. हमीद ने कुक के साथ 75 रन जोड़े. दिन के अंतिम ओवर में रवींद्र जडेजा ने एलिस्टर कुक को 54 रन पर आउट कर इंग्लैंड को बड़ा झटका दिया. इंग्लैंड की ओर से गेंदबाजी में स्टुअर्ट ब्रॉड और आदिल राशिद ने 4-4 विकेट, वहीं जेम्स एंडरसन और मोईन अली ने एक-एक विकेट लिया.

टीम इंडिया का विकेट पतन : 1/16 (मुरली विजय- 3), 2/17 (लोकेश राहुल- 10), 3/40 (चेतेश्वर पुजारा-1), 4/117 (अजिंक्य रहाणे-26), 5/127 (आर अश्विन- 7), 6/130 (ऋद्धिमान साहा- 2), 7/151 (विराट कोहली- 81), 8/162 (रवींद्र जडेजा- 14), 9/162 (उमेश यादव- 0), 10/204 (मोहम्मद शमी- 19)

तीसरा दिन : अश्विन के पंजे में फंसे अंग्रेज
इंग्लैंड की टीम तीसरे दिन 255 रन पर ही ऑलआउट हो गई. वह फॉलोऑन में फंस गई थी, लेकिन टीम इंडिया ने गेंदबाजों को आराम देने और दो से अधिक दिन का खेल बचा होने के कारण बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन वह शुरुआती दौर में मुश्किल में फंस गई, जब उसके 40 रन पर ही 3 विकेट लौट गए. मुरली विजय (3), लोकेश राहुल (10) और पहली पारी के शतकवीर चेतेश्वर पुजारा (1) ने निराश किया. हालांकि बाद में कप्तान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने पारी को संभाला और मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. दोनों स्कोर को 3 विकेट पर 98 रन तक पहुंचा दिया. भारत ने पहली पारी की 200 रन की बढ़त को मिलाकर कुल 298 रन की अहम बढ़त हासिल कर ली. पिच के मिजाज को देखते हुए 350 रन से अधिक का कोई भी लक्ष्य इंग्लैंड के लिए बेहद मुश्किल होगा.

सुबह इंग्लैंड ने दूसरे दिन के स्कोर 5 विकेट पर 103 रन से पारी को आगे बढ़ाया. उसके शुक्रवार के नाबाद बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टॉ और बेन स्टोक्स ने लंच से कुछ देर पहले तक जमकर बल्लेबाजी की और ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया को विकेट के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा, लेकिन टीम का स्कोर 190 तक पहुंचा ही था कि बेयरस्टॉ ने एकाग्रता खो दी. फिर तो उनके विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया और देखते ही देखते पूरी टीम 255 रन पर सिमट गई. इंग्लैंड की ओर से बेन स्टोक्स ने सर्वाधिक 70 रन बनाए और जॉनी बेयरस्टॉ के साथ 110 रन की साझेदारी की. बेयरस्टॉ और जो रूट ने 53-53 रन, तो आदिल राशिद ने 32 रनों का योगदान दिया. टीम इंडिया की ओर से आर अश्विन ने 29.5 ओवर में 67 रन देकर 5 विकेट, तो मोहम्मद शमी, उमेश यादव, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने एक-एक विकेट चटकाया. अश्विन ने 22वीं बार पारी में 5 या अधिक विकेट लिए हैं.

दूसरा दिन : अश्विन छाए, कोहली दोहरे शतक से चूके
दूसरे दिन टीम इंडिया के फैन्स को उम्मीद थी कि कप्तान विराट कोहली दोहरा शतक लगाएंगे, लेकिन वह 267 गेंदों में 167 रन बनाकर आउट हो गए. उन्होंने पारी में 18 चौके लगाए. उनके अलावा अश्विन ने 58, तो जयंत यादव ने 35 रनों की पारी खेली, जबकि पहले दिन चेतेश्वर पुजारा ने 119 रन बनाए थे. इस प्रकार भारत की पहली पारी 455 रनों पर समाप्त हो गई. इंग्लैंड की ओर से तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन, मोईन अली ने 3-3 विकेट, जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड, बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने एक-एक विकेट चटकाया. चायकाल के समय तक इंग्लैंड ने एक विकेट पर 34 रन बना लिए थे.

गेंदबाजी में भारत की ओर से आर अश्विन ने बल्ले के बाद गेंद से भी कमाल किया और इंग्लैंड के दो विकेट झटके. टीम इंडिया को पहली सफलता तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने दिलाई और कप्तान एलिस्टर कुक (2) को बोल्ड कर दिया, जबकि हसीब हमीद को जयंत यादव के वाइड थ्रो पर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने शानदार तरीके से रनआउट किया. हमीद ने 13 रन बनाए और जो रूट के साथ 47 रन की साझेदारी की. रूट का साथ देने आए बेन डकेट अधिक देर नहीं टिक पाए और 5 रन के निजी स्कोर पर अश्विन की गेंद पर बोल्ड हो गए. इंग्लैंड ने 72 रन पर ही 3 विकेट खो दिए. स्कोर में 7 रन और जुड़े थे कि अश्विन ने जो रूट को उमेश यादव के हाथों कैच करा दिया. रूट ने 53 रनों की बेहतरीन पारी खेली. 80 रन पर इंग्लैंड ने पांचवां विकेट खो दिया. जयंत यादव ने अपना पहला टेस्ट विकेट डीआरएस के माध्यम से हासिल किया. उन्होंने मोईन अली को पगबाधा आउट करके पैवेलियन भेजा.दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 5 विकेट पर 103 रन बना लिए थे.

पहला दिन : पुजारा-कोहली का जलवा
दूसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल का मुख्य आकर्षण विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी रही. खासतौर से पुजारा ने जिस तरह से विकेट के चारों ओर शॉट लगाए, वह दर्शनीय रहा. इतना ही नहीं उन्होंने स्वभाव के विपरीत दो छक्के भी जड़े और हां उन्होंने अपना शतक दूसरे छक्के से ही पूरा किया. हालांकि टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 6 के स्कोर पर ही गौतम गंभीर की जगह चोट के बाद वापसी कर रहे लोकेश राहुल का विकेट गंवा दिया. उसे दूसरा झटका भी जल्दी ही लग गया, जब राजकोट के शतकवीर ओपनर मुरली विजय भी टेस्ट में 3000 रन पूरे करने के बाद 20 के निजी स्कोर पर जेम्स अंडरसन का शिकार हो गए. ऐसे में चेतेश्वर पुजारा का साथ देने आए कप्तान विराट कोहली ने मोर्चा संभाला और दूसरे विकेट के लिए 226 रन की रिकॉर्डतोड़ साझेदारी की. हालांकि कोहली को 56 के निजी स्कोर पर जीवनदान भी मिला|

Source: NDTV इंडिया

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INDvsWI: सबीना पार्क में राहुल के शतक के साथ बने ये 8 रिकॉर्ड

virat-rahul~01~08~2016~1470042308_storyimageस्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (52 रन पर पांच विकेट) की बेहतरीन गेंदबाजी के बाद ओपनर लोकेश राहुल (158) के शानदार शतक की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन रविवार को दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट के नुकसान पर 358 रन बना लिये हैं और उसकी कुल बढ़त 162 रन की हो चुकी है और पांच विकेट बाकी है।

पहले दिन नाबाद लौटे लोकेश राहुल ने पहले ही सत्र में अपना शतक पूरा कर लिया। राहुल ने शतक तक पहुंचने के लिए 182 गेंदें खेलीं। इस दौरान उन्होंने 12 चौके और एक छक्का जमाया।

लंच के बाद चेतेश्वर पुजारा (46) के निजी स्कोर पर रन आउट हो गये। पुजारा और राहुल के बीच दूसरे विकेट के लिए 121 रन की शतकीय साझेदारी हुई। इसके बाद राहुल ने कप्तान विराट कोहली (44) के साथ तीसरे विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी की। राहुल ने 289 गेंदों में 150 रन का स्कोर पूरा कर लिया। उन्होंने 303 गेंदों में 15 चौकों और तीन छक्कों की मदद से शानदार 158 रन बनाये।

अजिंक्या रहाणे (42) और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (नाबाद 17) रन बनाकर क्रीज पर हैं। भारत ने रविवार को दूसरे दिन एक विकेट के नुकसान पर 126 रन से आगे खेलना शुरू किया।

ये दूसरे दिन दिलचस्प आंकड़ें:
1- 158 रन बनाने वाले के.एल राहुल के टेस्ट करियर की ये सबसे बड़ी पारी तो थी ही, साथ ही कैरेबियाई सरजमीं पर अपने पहले मैच में ही शतक लगाने वाले वह पांचवें भारतीय और पहले सलामी बल्लेबाज बन गये। राहुल से पहले अजय जडेजा ने 1997 में सर्वश्रेष्ठ 96 रन बनाये थे।

2- अजहरुद्दीन के बाद केएल राहुल ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होंने अपने पहले तीन अर्धशतकों को शतक में तबदील किया।

3- राहुल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले तीन शतक विदेशी सरजमीं पर लगाये हैं। ठीक ऐसा सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के साथ भी हुआ था। क्या राहुल इनके नक्शेकदम पर चल पायेंगे?
158.8- सलामी बल्लेबाज के तौर पर विदेशी सर्जमीं पर सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम है। गावस्कर ने अपने पहले 8 टेस्ट मैचों में शतक जड़े थे। 4 शतकों के साथ राहुल द्रविड़ दूसरे नम्बर पर हैं। वीनू मंकड के साथ राहुल तीसरे नम्बर पर हैं।

9- मौजूदा सीरीज में अभी तक भारत की 11 साझेदारियों में से 9, 50 से ऊपर की साझेदारियां थीं।

11- टेस्ट मैच में सबसे तेजी से तीन शतक बनाने वाले राहुल चौथे भारतीय बल्लेबाज हैं। चार पारियों में तीन शतक ठोक ये रिकॉर्ड मोहम्मद अजहरूद्दीन के नाम है। इनके अलावा विनोद कांबली (6) और सुनील गावस्कर (7) ने के.एल राहुल से कम पारियों में शतक बनाये हैं। राहुल ने 11 पारियों में तीन शतक बनाये जो चेतेश्वर पुजारा के बराबर है।

158- राहुल की 158 रनों की पारी न सिर्फ उनके टेस्ट करियर बल्कि वेस्टइंडीज में किसी भी भारतीय क्रिकेटर द्वारा डेब्यू मैच में खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारी थी। इससे पहले पॉली उमरीगर ने अपने डेब्यू मैच में 130 रन बनाये थे।

2013- के.एल राहुल ने अपनी सेंचुरी एक छक्के के साथ पूरी की थी। इससे नवंबर 2013 में मुंबई में रोहित शर्मा ने भी वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना शतक छक्के के साथ पूरा किया था।

Source : Hindustan Live

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INDvsWI: दूसरे टेस्ट के लिये ‘विराट विश्वास’ के साथ उतरेगी टीम इंडिया

virat-test-match~30~07~2016~1469852812_storyimageरिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन और खिलाड़ियों की धुआंधार पारियों से सजे पहले क्रिकेट टेस्ट की बड़ी जीत और उससे मिले आत्मविश्वास के साथ भारतीय क्रिकेट टीम शनिवार से सबीना पार्क में मेजबान वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में भी उतरने के लिये तैयार है।

भारत के विदेशी जमीन पर खराब प्रदर्शन और टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर पाने की सभी आलोचनाओं को धता बताते हुये विराट कोहली के नेतृत्व और अनिल कुंबले के मार्गदर्शन में युवा टीम इंडिया ने मेजबान कैरेबियाई टीम के खिलाफ सीरीज की जबरदस्त शुरुआत की है। भारत ने विंडीज को उसी के घर में पहले क्रिकेट टेस्ट में पारी और 92 रन से करारी शिकस्त दी थी। इस जीत के बाद चार टेस्टों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे है।

पिछले टेस्ट में भारतीय टीम की जीत ही नहीं बल्कि गेंदबाजों और बल्लेबाजों का बेहतरीन तालमेल तथा वेस्टइंडीज की चुनौतीपूर्ण धीमी पिचों पर अविश्वसनीय प्रदर्शन सभी के आकर्षण का केंद्र रहा था। जहां फॉर्म में चल रहे कप्तान विराट ने अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ दिया तो वहीं ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपेक्षा के अनुरूप खेलते हुये रिकॉर्ड सात विकेट लिये और छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुये शतक भी जड़ दिया।

अश्विन के इसी हरफनमौला खेल की बदौलत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में वह दुनिया के नंबर एक टेस्ट ऑलराउंडर और साथ ही नंबर एक गेंदबाज भी बन गये। अच्छी बात यह है कि इस जीत के बाद से खिलाड़ियों में एक अलग ही आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है और दूसरे टेस्ट में भी इसी प्रदर्शन की उम्मीद है। टीम ने जिस तरह से कैरेबियाई परिस्थितियों में खुद को ढाला है वह काबिले तारीफ है।

टेस्ट से पूर्व भारतीय टीम ने किंग्सटन में नेट पर भी जमकर पसीना बहाया और किंग्सटन की परिस्थितियों को समझने की कोशिश की। लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने भी अभ्यास के बाद कहा था कि पहले टेस्ट में मिली जीत से खिलाड़ियों का हौंसला काफी बुलंद है और पिछले मैच में खिलाड़ियों की आक्रामकता, गेंदबाजी, बल्लेबाजी और कसा हुआ क्षेत्ररक्षण हर विभाग में ऑलराउंड खेल से ही जीत मिली थी।

भारतीय टीम के नये कोच और पूर्व दिग्गज गेंदबाज कुंबले की मौजूदगी ने भी टीम के प्रदर्शन को निखारने में मदद की है और यह गेंदबाजों खासतौर पर स्पिनरों के प्रदर्शन में दिखता है। कैरेबियाई पिचों पर हमेशा से ही स्पिनरों की अहम भूमिका रही है और एंटीगा में जहां मिश्रा ने तीन विकेट निकाले तो वहीं अश्विन ने रिकॉर्ड प्रदर्शन कर दूसरी पारी में वेस्टइंडीज के 83 रन पर सात विकेट लेकर मेजबान टीम को निपटाते हुये चार दिन में ही मैच को समाप्त करा दिया।

खुद मिश्रा और अश्विन ने भी माना कि कुंबले की मौजूदगी से गेंदबाजों को काफी फायदा हुआ है और उनके अपार अनुभव से गेंदबाजों को सही लाइन एंड लेंथ से गेंदबाजी करने और परिस्थतियों के अनुकूल खेलने में मदद मिली है। इसके अलावा तेज गेंदबाजों उमेश यादव और मोहम्मद शमी का प्रदर्शन भी काफी सधा हुआ रहा था। चोट के बाद वापसी कर रहे शमी पर भरोसा जताते हुये विराट ने उन्हें मौका दिया था और शमी ने भी खुद को साबित करने का प्रयास किया।

उम्मीद है कि विराट एक बार फिर किंग्सटन में भी इसी विजयी टीम को मौका दें। हालांकि किंग्सटन की पिच कुछ अलग होने की उम्मीद है। वहीं बल्लेबाजों को देखें तो ओपनिंग और मध्यक्रम में शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट, अजिंक्या रहाणे, अश्विन सभी ने पिछले मैच में बल्ले से काफी योगदान दिया था जिसकी बदौलत भारत ने अपनी पहली पारी में ही 566 का बड़ा स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी थी।

पुजारा और रहाणे ने बल्ले से बहुत उम्दा प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन पुजारा का मानना है कि उनका फॉर्म कोई चिंता का विषय नहीं है। पुजारा का मानना है कि भारतीय टीम के ओपनिंग और निचले क्रम में काफी अच्छा सामंजस्य है और वह इसे दूसरे टेस्ट में भी बरकरार रखेंगे। पिछले मैच में टीम के स्टार खिलाड़ी और कप्तान विराट ने 283 गेंदों में 200 रन बनाये थे जो उनके करियर का पहला दोहरा शतक है।

कमाल के फॉर्म में चल रहे कप्तान 27 वर्षीय विराट से एक बार फिर टीम को इसी प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। ओपनर मुरली विजय अपने अंगूठे की चोट से उबर रहे हैं और पिछले मैच में वह मात्र सात रन ही बना सके थे जबकि रहाणे और पुजारा ने भी 22 और क्रमश 16 रन ही बनाये थे। लेकिन उम्मीद रहेगी कि वह अगले मैच में फॉर्म में सुधार दिखाएंगे।

वहीं अपने करियर का तीसरा टेस्ट शतक लगाने वाले अश्विन से भी गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में अच्छे खेल की आस रहेगी। अश्विन एंटीगा में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे जबकि मिश्रा ने भी 53 रन की अर्धशतकीय पारी खेली थी। निचले क्रम में खिलाड़ियों के इस खेल ने टीम को और भी आत्मविश्वास दिया है।

लेकिन इस बात को भी ध्यान रखने की जरूरत है कि भारतीय टीम अति उत्साह से बचे और विपक्षी टीम का सम्मान करे। जेसन होल्डर के नेतृत्व वाली कैरेबियाई टीम निश्चित ही दबाव में है लेकिन टीम वापसी करने के लिये भी काफी प्रयासरत है। युवाओं से भरी इस टीम में देवेंद्र बिशू, कार्लोस ब्रेथवेट,डैरेन ब्रावो और मार्लोन सैमयुअल्स जैसे शानदार खिलाड़ी हैं जो उलटफेर कर सकते हैं।

Source :- Live Hindustan

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सनराइजर्स बना IPL-9 का ‘सुल्तान’, फाइनल मुकाबले में बैंगलोर ने तीसरी बार चखा हार का कड़वा स्वाद

ipl_146455681320_650x425_053016025137बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रविवार को सनराइजर्स हैदराबाद ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को करारी शि‍कस्त दी है. आईपीएल-9 के फाइनल मुकाबले में सनराइजर्स ने रॉयल चैलेंजर्स को 8 रनों से हरा दिया. इस रोमांचक मुकाबले में अपनी धुआंधार बैटिंग के लिए पहचानी जाने वाली कोहली सेना वार्नर की टीम के गेंदबाजों की लाइन लेंथ के आगे पस्त दिखी|

हैदराबाद की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बैंगलोर के सामने 209 रनों का लक्ष्य रखा. हालांकि इसके जवाब में बैंगलोर ने पारी की शानदार शुरुआत की, लेकिन फिर रॉयल चैलेंजर्स के दिग्गज एक के बाद एक पवेलियन लौटते चले गए और लगातार झटकों से टीम ने लड़खड़ाकर जीत के मुकाम से पहले 200 रनों पर ही घुटने टेक दिए|

दिलचस्प बात यह है कि इस हार के साथ ही बैंगलोर की टीम तीसरी बार आईपीएल के फाइनल में पहुंचकर हार का स्वाद चख चुकी है|

सस्ते में निपट गए आरसीबी के सारे दिग्गज
बैंगलोर की टीम से इकबाल अब्दुल्ला 4 रन बनाकर नॉट आउट रहे, जबकि टीम को सातवां झटका जोर्डन के रूप में लगा. वह 3 रन ही जोड़ सके. छठा विकेट स्टुअर्ट बिन्नी का गिरा. वह महज 9 के स्कोर पर रनआउट हो गए. इससे पहले शेन वाटसन और केएल राहुल 11-11 रन बनाकर पवेलियन चले गए. वाटसन रहमान की गेंद पर हेनरिक्स को कैच थमा बैठे|

टीम का तीसरा विकेट विस्फोटक बल्लेबाज एबी डिविलियर्स के रूप में गिरा. वह फाइनल मुकाबले में सस्ते में निपट गए. महज 5 रनों के निजी स्कोर पर बिपुल शर्मा की गेंद पर हेनरिक्स ने ही उनका भी कैच लपक लिया. इससे पहले कप्तान विराट कोहली 54 रन बनाकर दूसरे विकेट के रूप में पवेलियन लौटे. वह सरन की गेंद पर बोल्ड हो गए. उन्होंने 35 गेंदों में 2 छक्के और 5 चौके जड़े|

हैदराबाद की ओर से कटिंग ने 4 ओवर में 35 रन देकर 2 विकेट लिए, जबकि बिपुल शर्मा, सरन और रहमना को एक-एक विकेट मिला|

कोहली की धीमी शुरुआत, गेल की धुआंधार पारी
कप्तान कोहली ने अन्य दिनों के मुकाबले धीमी शुरुआत की, वहीं दूसरे छोड़ से क्रिस गेल धुआंधार बैटिंग करते रहे. अपनी तूफानी पारी में क्रिस गेल ने 38 गेंदों में 76 रन बनाए. वह कटिंग की गेंद पर बिपुल शर्मा को कैच थमा बैठे. गेल ने 8 छक्के और चार चौके लगाए|

बैंगलोर की टीम ने 9 ओवर में ही 100 का आंकड़ा छू लिया, जबकि 8 ओवर में स्कोर 79 रन था. 11वें ओवर में गेल का विकेट गिरा.13वें ओवर की आखि‍री गेंद पर कोहली का विकेट गिरा. जबकि 14वें ओवर में डिविलियर्स का विकेट गिरा. टीम ने 14 ओवर में 145 रन बना लिए. लगातार झटकों के बीच 16 ओवर की समाप्ति‍ पर बैंगलौर ने 4 विकेट खोकर 162 रन बनाए. 20 ओवर में टीम 7 विकेट के नुकसान पर 200 रन ही बना सकी|

हैदराबाद ने 7 विकेट खोकर बनाए 208 रन
सनराइजर्स ने 7 विकेट के नुकसान पर 20 ओवरों में 208 रन बनाए. हैदराबाद की ओर से कप्तान डेविड वार्नर से सबसे अधि‍क 69 रन जोड़े, जबकि बेन कटिंग 39 रन और भुवनेश्वर कुमार 1 रन बनाकर नाबाद रहे. टीम के लिए तीसरा सर्वाध‍िक स्कोर युवराज सिंह ने बनाया. वह 38 रन बनाकर आउट हुए.

दूसरी ओर, बैंगलोर की ओर से जोर्डन को तीन सफलता मिली, जबकि अरविंद को 2 और चहल को एक विकेट हासिल हुआ|

सात में छह खि‍लाड़ी कैच आउट
यह दिलचस्प है कि हैदराबाद को लगे सात झटकों में से छह खि‍लाड़ी कैच आउट हुए. टीम को सातवां झटका बिपुल शर्मा के रूप में लगा. वह महज 5 रन बनाकर कैच आउट हुए. जबकि इससे पहले छठा विकेट नमन ओझा का गिरा. वह 7 रनों के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए. टीम के लिए शानदार पारी खेलते हुए कप्तान वार्नर तीसरे विकेट के रूप में 14वें ओवर में 69 रनों के निजी स्कोर पर आउट हो गए|

वार्नर ने अरविंद की गेंद पर अब्दुल्ला को कैच दे दिया. टीम को पहला झटका शि‍खर धवन के रूप में लगा. वह 28 रनों के निजी स्कोर पर चहल की गेंद पर जोर्डन को कैच थमा बैठे. आठवें ओवर में शि‍खर धवन के आउट होने के बाद मोइजेस हेनरिक्स क्रिज पर कप्तान डेविड वार्नर का साथ देने आए. लेकिन वह भी 4 रनों के निजी स्कोर पर आउट हो गए. वह जोर्डन की गेंद पर चहल को कैच थमा बैठे|

तीसरे विकेट के रूप में वार्नर के आउट होने के बाद मैदान में उतरे दीपक हुड्डा महज 3 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. अरविंद की गेंद पर आरसीबी के कप्तान विराट कोहली ने उनका कैच लपका. इसके बाद 16वें ओवर में युवराज सिंह भी 38 रन बनाकर आउट हो गए. वह भी कैच आउट हुए और जोर्डन की गेंद पर वाटसन को अपना कैच थमा दिया|

ऐसे बढ़ा हैदराबाद के स्कोर का ग्राफ
शुरुआती दो ओवरों में हैदराबाद की टीम ने जहां छह रनों की औसत से 12 रन बनाए, वहीं 6 ओवर की समाप्ति‍ पर यह आंकड़ा बढ़कर 59 रनों पर जा पहुंचा. हालांकि इसके बाद टीम को दो झटके भी लगे, लेकिन रनों के औसत में कोई खास कमी नहीं आई. सनराजर्स की ओर से कप्तान वार्नर ने सधी हुई पारी खेली. टीम ने 13 ओवर में 120 रनों के आंकड़े को छू लिया. 16 ओवर में टीम का स्कोर 148 रन पहुंचा. 18वें ओवर की समाप्ति‍ पर टीम का स्कोर 6 विकेट के नुकसान पर 168 रन था. 20 ओवर में टीम ने 7 विकेट खोकर 208 रन बनाए|

दोनों टीमों की निगाहें अपने पहले टी-20 खिताब पर है. हालांकि बैंगलोर की टीम इससे पहले दो बार फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन कभी जीत का स्वाद नहीं चख पाई है|

दूसरी ओर, डेविड वार्नर की कप्तानी में सनराइजर्स हैदराबाद को इस पूरे टूर्नामेंट में बल्क में जीत मिली. इस टीम ने शुरुआती मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से 45 रनों से और केकेआर से आठ विकेटों से हारने के बाद मुंबई इंडियंस को सात विकेटों से हराया. इसके बाद गुजरात लायंस को 10 विकेटों से और किंग्स इलेवन पुणे को पांच विकेटों से हराने के बाद जीत का हैट्रि‍क भी बनाया. हालांकि इसके बाद टीम को एक हार भी मिली है, लेकिन सनराइजर्स ने उसके बाद लगातार चार मैच जीतकर जबरदस्त वापसी की|

बैंगलोर के लिए उतार-चढ़ाव वाला सफर
उधर,विराट कोहली की अगुवाई में बंगलौर का अभियान शुरुआत में थोड़ा उतार चढ़ाव भरा रहा. उन्हें प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए अंतिम चार मैच जीतने की दरकार थी और उन्होंने सिर्फ इतना ही हासिल नहीं किया, बल्कि क्वालीफायर में अपनी जीत से तीसरी बार सीधे फाइनल में जगह सुनिश्चित की|

 

Source: आज तक

 

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