Saraswati Pooja 2020: वसंत पचंमी आज, यह है मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

Saraswati Pooja 2020 : सुबह 10.45 बजे से पूजा का मुहूर्त शुरू
ज्योतिषाचार्य पीके युग के मुताबिक बुधवार 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से 30 जनवरी को दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर बृहस्पतिवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है।

विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना का गुरुवार को खास दिन है। वसंत पंचमी पर मां की उपासना को लेकर बन रहे शुभ संयोग को लेकर स्कूल-कॉलेजों में विशेष तैयारी है। मां की उपासना को लेकर पटना के सभी छोट-बड़े शिक्षण संस्थानों में पूजा-अर्चना की तैयारी की गई है। कई शिक्षण संस्थानों के साथ गली-मोहल्लों में मूर्ति स्थापना कर मां की उपासना की जा रही है। मां सरस्वती की उपासना को लेकर वसंत पंचमी पर छात्र काफी उत्साहित होते हैं। छात्र मां की मूर्ति की स्थापना कर पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस तिथि पर उपासना से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।

Saraswati Pooja 2020 राशि के अनुसार करें मां सरस्वती की आराधना

मेष : सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करें।

वृष : हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाएं।

मिथुन : श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करें।

कर्क : लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाएं।

सिंह : पीले रंग की कलम, लाल फूल, अभ्रक अर्पित करें।

कन्या : गुड़, अबीर, इत्र अर्पण करें।

तुला : नीला कलम, पंचामृत, गुलाबी अबीर, इत्र चढ़ाएं।

वृश्चिक : सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करें।

धनु : श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाएं।

मकर : अरवा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करें।

कुंभ : खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाएं।

मीन : सफेद वस्त्र, पीला फूल और घी अर्पित करें।

अग्रसेन हस्पताल, जीवन नगर में सरस्वती पूजा के कुछ फोटो

Saraswati Maa

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LEO (सिंह)

जनवरी- कार्य-क्षेत्र में कुछ नई योजनाएं बनेंगी लेकिन लाभ के स्थान में राहु होने से आर्थिक परेशानियों का सामना होगा। घरेलू उलझनों की वजह से तानल रह सकता है।
उपाय- मकर संक्रांति को गर्म वस्त्र और पंचांग दान करें।

फरवरी- कार्यों में धीरे-धीरे प्रगति होगी। सूर्य की दृष्टि होने से मान-सम्मान में वृद्धि व धन लाभ होगा। पति-पत्नी का आपसी मनमुटाव हो सकता है।
उपाय- श्री महाशिवरात्रि का विधि पूर्वक व्रत रखें।

मार्च- नए-नए दोस्त बनेंगे। निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। स्वास्थ्य कुछ ढीला रहेगा, पेट व नेत्र संबंधी रोगों से बचाव करना पड़ सकता है।
उपाय- सूर्य-कवच का पाठ करें।

अप्रैल- सूर्य अष्टम स्थान पर होने से धन लाभ व बनते कामों में विघ्न पैदा हो सकते हैं।स्वास्थ्य में विकार और व्यर्थ के खर्च बढ़ेंगे। 13 अप्रैल 2020 के बाद आय के साधनों में वृद्धि होगी।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- सूर्य भाग्य स्थान में होने से बिगड़े कामों में सुधार आएगा। धन लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। किसी शुभ कार्य पर धन खर्च होगा।
उपाय- सूर्य देव को रोज़ जल चढ़ाएं।

जून- मंगल की सप्तमस्थ दृष्टि रहने से कुछ रुके कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मित्रों की सहायता से किसी कार्य में सिद्धि हासिल होगी।
उपाय- चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का पाठ करें।

जुलाई- व्यवसायिक क्षेत्र में अस्थिरता व उथल-पुथल के हालात का सामना हो सकता है। खर्च अधिक होंगे। संघर्ष के बाद ही गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ व शिव-मंत्रावली में से शिव-स्तोत्र का पाठ करें।

अगस्त- गुरु की दृष्टि होने से धर्म-कर्म की ओर रूचि होगी। किसी शुभ कार्य पर खर्च होगा। कठिनाई से धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर- कुछ बिगड़े कामों में सुधार व आय के साधनों में वृद्धि होगी। किसी नवीन कार्यक्षेत्र में धन का निवेश करने की योजना भी बनेगी। क्रोध की अधिकता रहेगी।
उपाय- पितृ-स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

अक्टूबर- घर में शुभ कार्य होंगे। 17 अक्टूबर 2020 से व्यर्थ खर्च बढ़ सकता है। वाहन आदि का क्रय-विक्रय भी होगा।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- सूर्य नीच राशि में होने सो धन लाभ साधारण हो, मानसिक तनाव व क्रोध अधिक रहेगा। परिवार में व्यर्थ का तनाव पैदा हो सकता है। यात्रा से परेशानी हो सकती है।
उपाय- आदित्यह्रदय स्तोत्र काप पाठ करें।

दिसंबर- विशेष परिश्रम व पारिवारिक सहयोग के बावजूद कार्य-सिद्धि में देरी हो सकती है। बहुत सारे विघ्नों के बाद भी कुछ बिगड़े कामों में सुधार आएगा।
उपाय- मंगलवार के व्रत करें।

 

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