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राम मंदिर ट्रस्ट पर संतों में घमासान, खुद का अपमान बताते हुए दी आंदोलन की चेतावनी, आज बैठक

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को ट्रस्ट के गठन की घोषणा कर दी गई। ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के परासरन को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। ट्रस्ट का गठन होने के बाद से ही मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संतों के बीच घमासान शुरू हो गया है। उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के स्वरूप का विरोध शुरू कर दिया है। संतों ने ट्रस्ट को मानने से इनकार दिया और आंदोलन को धमकी दी है। गुरुवार सुबह से ही राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास जी की छावनी में ऐसे महंत एकत्रित होने लगे हैं जो ट्रस्ट के स्वरूप से असहमत हैं। खुद नृत्य गोपाल दास ने शासकीय ट्रस्ट के स्वरूप को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया और मंदिर आंदोलन को गति देने वाले धर्म आचार्यों की उपेक्षा पर विरोध जताया। यहां पहुंचे संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास और दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने भी नवगठित ट्रस्ट का विरोध किया।

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संतों ने कहा- हमारा संघर्ष नजरअंदाज किया गया

राम जन्मभूमि के न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सरकारी ट्रस्ट में जगह न मिलने के कारण नाराज हुए। उन्होंने कहा कि हमने दिगंबर अखाड़ा राममंदिर के लिए हर लड़ाई लड़ी, राममंदिर आंदोलन के लिए हमने पूरी जिंदगी लगा दी।

ट्रस्ट में न दिगम्बर अखाड़े का नाम है और न ही मेरा नाम है, ये अयोध्या वासियों का अपमान किया गया है। वहीं दिगम्बर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा है कि आज तीन बजे संतों महंतों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें ट्रस्ट को लेकर अगली रणनीति तय की जाएगी।

 

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देह व्यापार पर कोरोना वायरस की मार, पहचान छिपा रहीं चीनी लड़कियां

चीन में कोरोना वायरस ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ले ली है और हजारों लोग इससे पीड़ित हैं. बुधवार सुबह तक के आंकड़े के मुताबिक, चीन में 490 लोगों की जान जा चुकी है. दुनिया के कई अन्य देशों में भी वायरस से संक्रमित लोग सामने आए हैं. कई देशों ने चीन ने आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी है. वहीं, कोरोना वायरस का बुरा असर देह व्यापार में शामिल चीनी लड़कियों पर भी पड़ रहा है.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशों में देह व्यापार करने वालीं चीनी लड़कियां अपनी नेशनलिटी छुपा रही हैं या फिर खुद को किसी और देश का बताने लगी हैं. लड़कियों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से उनके साथ भेदभाव हो रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ऑनलाइन पोर्टल पर भी चीनी लड़कियों ने खुद के प्रोफाइल में चीन शब्द छिपा दिया है. एक सेक्स वर्कर ने बताया कि उन्होंने खुद का रेट आधा कर दिया है और नेशनलिटी हाइड कर दी है.

चीनी सेक्स वर्कर का कहना है कि जब से कोरोना वायरस सामने आया है तब से उनकी आय में काफी कमी हो गई है. एक अन्य लड़की ने बताया कि उनका बिजनेस इतना खराब पहले कभी नहीं हुआ.

 

कई सेक्स वर्कर सालों से अपने देश चीन नहीं गई हैं, बावजूद इसके लोग डर रहे हैं कि इन लड़कियों के संपर्क में आने से शायद वे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन की खोज नहीं की जा सकी है. कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर लोगों को आइसोलेट रहने और तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है.

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समझा जा रहा है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई. शहर में मरीजों के इलाज के लिए चीन ने वुहान में 10 दिनों में एक हजार बेड का हॉस्पिटल बनाया है. शहर में आने जाने पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

 

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