दिल्‍ली: कश्मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा- राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं

124729-party-meet-77नई दिल्‍ली: कश्मीर में शांति बहाली की कोशिशें विफल होने के बाद बुधवार को दिल्ली में फिर से जम्मू-कश्मीर के मसले पर सर्वदलीय बैठक हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक संसद भवन परिसर में हुई। जानकारी के अनुसार, इस दौरान कश्मीर के हालात के साथ-साथ अलगाववादियों को लेकर सरकार ने अगले कदम और रणनीति पर चर्चा की। सर्वदलीय शिष्टमंडल के सदस्य अपने कश्मीर दौरे के दौरान निकाले गए निष्कर्षों पर चर्चा के लिए बुधवार को यहां बैठक की।

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर से संबंधित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार से ‘सभी पक्षकारों’ के साथ बातचीत शुरू करने की अपील की। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने शांति और बातचीत के लिए अपील करते हुए कहा कि नागरिक समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कुछ बातों पर सहमति बनी है। सरकार ने सभी से वार्ता के लिए संकेत दिए हैं।

इस बैठक के बाद जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभ्‍य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। घाटी में घायलों के इलाज के लिए उचित व्‍यवस्‍था की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अपील यह है कि बातचीत के जरिये समस्‍या का हल निकले। घाटी में स्‍कूल कॉलेज जल्‍द खुलें।

इस बैठक में अलगाववादियों को दी जा रही सहूलियतों, जिसमें उच्च स्तरीय सुरक्षा आदि की समीक्षा संबंधी बात की जानकारी नहीं मिली है। पहले यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पर कतरने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार केंद्र जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा कठिन बनाकर तथा उनकी सुरक्षा कम कर उनके प्रति अपना रुख कड़ा कर सकता है। सरकारी खजाने की कीमत पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है। सांसदों की अलगाववादियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी किये जाने से नाखुश केंद्र कुछ मामलों में उनका पासपोर्ट वापस लेकर तथा यात्रा दस्तावेजों से इनकार कर उनकी विदेश यात्राओं पर अंकुश लगाने के कदमों पर विचार कर रहा है। राज्य के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सांसदों ने अलगाववादियों से मिलने की कोशिश की थी।

इससे पहले, अशांत जम्मू कश्मीर का दौरा कर चुके सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जिसके बाद यह सामने आई कि बुधवार को यहां सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ घोषणा की जा सकती है। इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा महासचिव राममाधव भी मौजूद थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने 4-5 सितंबर को श्रीनगर और जम्मू का दौरा किया था।

गृहमंत्री के आवास पर हुई इस बैठक के बाद माधव ने संवाददाताओं से कहा था कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद हमने जम्मू कश्मीर में भावी कार्ययोजना पर चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है, माधव ने कहा कि सभी प्रस्ताव बुधवार को चर्चा के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सामने रखे जाऐंगे।

बता दें कि कश्मीर घाटी में हिंसा का चक्र जारी है। वहां पथराव करने वालों एवं सुरक्षाबलों के बीच झड़प में 73 लोगों की जान चा चुकी है। अलगावादियों की आहूत हड़ताल के कारण जनजीवन आज 60 वें दिन भी ठप्प रहा। कश्मीर घाटी में अशांति आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुई थी।

वहीं, गृहमंत्री सिंह ने अपने इस दौरे को सकारात्मक बताया था और लेकिन कुछ सांसदों से मिलने से इनकार करने पर अलगाववादियों की खरी खोटी सुनायी थी। कुछ सांसदों से मिलने से हुर्रियत नेताओं के बिल्कुल इनकार कर देने से नाखुश सिंह ने कहा था कि उनका बर्ताव लोकतंत्र, इंसानियत एवं कश्मीरियत के विपरीत है। रविवार को श्रीनगर में हुर्रियत नेताओं ने अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। सिंह ने 20 दलों के 26 सांसदों वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी। प्रतिनिधिमंडल दोपहर को जम्मू में रूकने से पहले रात को श्रीनगर में ठहरा था। जम्मू में कुछ घंटे रुकने के बाद वह दिल्ली लौट आया था।

Source : Zee News

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रुड़की से ISIS के चार आतंकी गिरफ्तार, दिल्ली और हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में हमले की थी साजिश

index isis001देश की राजधानी दिल्ली को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम कर दी गई है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उत्तराखंड के रुड़की से अखलाक समेत ISIS के चार आतंकियों को पकड़ा है. इनके निशाने पर राजधानी दिल्ली के अलावा हरिद्वार का अर्धकुंभ भी था. मुख्य आरोपी आतंकी का नाम अखलाक बताया जा रहा है. इसके साथ ही तीन अन्य संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रॉ के साथ ज्वाइंट ओपरेशन में  इन्हें गिरफ्तार किया. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में छापेमारी जारी है. सूत्रों के मुताबिक इन्होंने दिल्ली एनसीआर में रेकी की थी. इसके अलावा हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ मेले के दौरान बड़े आतंकी हमले की साजिश थी. गिरफ्तार किए गए आतंकियों को दिल्ली लाकर इनसे पूछताछ की जा रही है.

उत्तराखंड पुलिस ने पाकिस्तान के एक संदिग्ध आतंकी नावीद के बारे में भी अलर्ट जारी किया है. वह पिछले साल मई में यूपी के शामली में आया था. उसके बाद वह गायब हो गया. कुंभ मेले के मद्देनजर पूरे राज्य में संदिग्ध आतंकी से संबंधित अलर्ट जारी किया गया है.

बताते चलें कि पिछले दिनों अल कायदा के एक आतंकी अब्दुल शमी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया था. वह झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला है, जो दुबई के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा था. उससे पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सूचनाएं मिलीं.

सूत्रों ने बताया था कि जनवरी 2014 में अब्दुल दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था. वहां करांची में कुछ दिन रुकने के बाद मंसेरा में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली. जनवरी 2015 में भारत वापस आ गया. वह कटक से गिरफ्तार अब्दुर रहमान के संपर्क में था.

भारत पर आतंकी संगठनों की नापाक नजर लगातार गड़ी हुई है. इस साजिश में अब अल कायदा भी शामिल हो गया है. लेकिन अल कायदा की साजिश को दिल्ली पुलिस ने बेनकाब कर दिया. एक-एक करके अलकायदा के कई आतंकवादी गिरफ्तार हो चुके हैं.

ऐसे हुआ था खौफनाक साजिश का खुलासा
पिछले साल अल कायदा इंडिया सब कॉन्टिनेंट के मुखिया मुहम्मद आसिफ को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद आतंक की उस खौफनाक साजिश का खुलासा हुआ है, जिसके तहत अल कायदा भारत में अपनी जड़े जमाने की कोशिश में लगा है.

कटक से गिरफ्तार हुआ था अब्दुर रहमान
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ओडिशा के कटक से अल कायदा के ही दूसरे आतंकी अब्दुर रहमान को भी कब्जे में ले लिया था. दोनों भारत में अल कायदा के लिए जमीन तैयार कर रहे थे. आसिफ मूल रुप से यूपी के संभल का रहने वाला है, जबकि अब्दुर रहमान कटक का.

मजबूत कर रहे थे अल कायदा का नेटवर्क
मुहम्मद आसिफ तो बकायदा अल कायदा के गढ़ अफगानिस्तान से ट्रेनिंग लेकर भारत लौटा था. दिल्ली और आसपास के इलाकों में अल कायदा का नेटवर्क तैयार कर रहा था. वहीं, अब्दुर रहमान ओडिशा और झारखंड में आतंकी संगठन का आधार मजबूत करने की कवायद में जुटा था.

source  :  Aajtak by (Anukool Mistri)

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