बागियों की अपेक्षा रेखा आर्या के लिए आसान होगी बीजेपी में एंट्री

rekha-arya_1462924186कांग्रेस का साथ पहले ही छोड़ने वाले नौ बागी विधायकों की अपेक्षा फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस का साथ छोड़ने वाली सोमेश्वर विधायक रेखा आर्या के लिए भाजपा के दरवाजे आसानी से खुल सकते हैं। क्योंकि वह कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के साथ नहीं गई बल्कि सीधे भाजपा के संपर्कों से गईं।
चूंकि उनकी पृष्ठभूमि पहले भी भाजपा की रही है इसलिए भाजपा को भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। सूत्रों की मानें तो अगले तीन-चार दिन में रेखा आर्या के भाजपा में शामिल होने की संभावना है।

अमित शाह से हो चुकी है मुलाकात
बताया जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात हो चुकी है और किसी भी दिन उन्हें सदस्यता दिलाई जा सकती है। वहीं, रेखा आर्या प्रदेश सरकार में कथित भ्रष्टाचार और सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा को मुद्दा बनाकर पूरे जोश खरोश से जनता के बीच जाने की तैयारी में है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी रेखा को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। इसीलिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के लिए रविवार को सोमेश्वर पहुंच रहे हैं।

 

Source: अमर उजाला

 

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उत्तराखंड मामला : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र ने उठाए 8 अहम सवाल

harish-rawat_650x400_41461293707नई दिल्ली: केंद्र ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

  1. नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है और उसे राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई का अधिकार नहीं है जोकि मंत्रिमंडल की सलाह और तथ्यों पर लिया गया।
  2. हाईकोर्ट कहता है कि भ्रष्टाचार सहा नहीं जाएगा, लेकिन उसने यह आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को राहत दी जिस पर स्टिंग ऑपरेशन में हार्स ट्रेडिंग और घूस के आरोप लगे हैं।
  3. सुप्रीम कोर्ट के बोम्मई जजमेंट के आधार पर हाईकोर्ट के पास राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के लिए सीमित अधिकार हैं, हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने अधिकार से बाहर आदेश दिया है, वह राष्ट्रपति के संतुष्ट होने पर फैसला नहीं कर सकता।
  4. हाईकोर्ट मंत्रीमंडल की राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह की सत्यतता और वैद्यता पर सुनवाई नहीं कर सकता
  5. हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल को आदेश सुनाया लेकिन लिखित आदेश नहीं दिया
  6. हाईकोर्ट ने यह फैसला हरीश रावत के गलत और छुपाए हुए तथ्यों के आधार पर दिया है, जो गलत है
  7. हाईकोर्ट का यह कहना भी गलत है कि बजट बिल पास नहीं होने पर सरकार नहीं गिरती बल्कि सरकार को इस्तीफा देना होता है। कानून के मुताबिक, बजट बिल के फेल होते ही सरकार गिर जाती है।
  8. हाईकोर्ट ने विधायको की खरीद फरोख्त की स्टिंग पर गौर नहीं किया जबकि यह एक बड़ा आधार है।


हाईकोर्ट का फैसला
इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। 29 अप्रैल को विधानसभा में उनका बहुमत परीक्षण होगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।

सुप्रीम कोर्ट आज हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाकर दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह सुनवाई सोमवार या बाद में हो सकती है। अभी तक नैनीताल हाईकोर्ट का लिखित आदेश नहीं आया है। सोमवार को आने की संभावना है। सूत्र बता रहे है कि हरीश रावत ने रात 9 बजे कैबिनेट बैठक बुलाकर कई अहम फैसले लिए हैं।

न्याय का मजाक होगा
इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? जजों ने पूछा, ‘यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं।

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
राष्ट्रपति शासन हटने पर अब कांग्रेस को 29 अप्रैल को बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है-

कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36 (9 बागी विधायकों को मिलाकर)
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1

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