Nirbhaya case victim

निर्भया केस: केंद्र सरकार की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- दोषियों को अलग-अलग नहीं हो सकती फांसी

दिल्ली हाईकोर्ट चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चारों दोषियों को अलग अलग फांसी नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब 2017 में ही सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया के गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी तो कोई डेथ वारंट जारी करवाने के लिए आगे नहीं आया। बता दें कि न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार (1 फरवरी) और रविवार (2 फरवरी) को विशेष सुनवाई के बाद दो फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चारों दोषी जुडिशल सिस्टम का गलत फायदा उठा कर फांसी को डालने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए। किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नही दी जा सकती।

इससे पहले निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र की उस याचिका पर जल्द निर्णय का अनुरोध किया, जिसमें दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती दी गई है। निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा।

अदालत ने 31 जनवरी को फांसी की सजा स्थगित कर दी क्योंकि दोषियों के वकील ने अदालत से फांसी पर अमल को ”अनिश्चित काल” के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं। मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है। अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई और अभी यह लंबित है। शीर्ष न्यायालय ने 2017 के अपने फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

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कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Arrest warrant issued against Congress General Secretary Digvijay Singh
मध्यप्रदेश विधानसभा भर्ती घोटाले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ आज स्थानीय अदालत ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। विशेष सत्र न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने इस मामले में सिंह के अदालत में उपस्थित नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

इससे पहले पुलिस ने आज इस मामले में अदालत में 169 पष्ठों का आरोपपत्र पेश किया। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को आज अदालत में पेश होने के समन जारी किया गया था। इस मामले में के़ के़ कौशल और ए़ के़ प्यासी सहित सात अन्य आरोपियों को अदालत द्वारा 30,000 एपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई।

अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तिथि 14 मार्च तय की है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा इस मामले में आरोपपत्र प्रस्तुत करने से पहले गत वर्ष 15 अक्तूबर को सिंह से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की जा चुकी है। सिंह पर वर्ष 1993 से वर्ष 2003 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मप्र विधानसभा भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप है।

source by- dailyhunt

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