अखिलेश का नाम लेने से बचते रहे पूरी PC में शिवपाल यादव, बोले- जो नेताजी कहेंगे वही करूंगा

shivpal_650_091316080346समाजवादी पार्टी में  जारी अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए पार्टी चीफ मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को दिल्ली बुलाया है. पिछले कुछ दिनों से जारी खिंचतान खुलकर सामने आ गई है. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव दिल्ली नहीं आ रहे हैं. जबकि शिवपाल यादव सैफई में थे वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. मुलायम सिंह यादव ने परिवार में जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों को दिल्ली बुलाया था|

सोमवार को मुलायम सिंह और शि‍वपाल के करीबी दो मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर करने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री अखि‍लेश यादव ने चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल की भी छुट्टी कर दी गई. जबकि इस उठा-पटक में शाम ढलते-ढलते अखि‍लेश यादव को यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया. मुलायम‍ ने उनकी जगह शि‍वपाल यादव को यूपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि पलटवार करते हुए सीएम ने देर शाम शि‍वपाल को तीन मंत्रालयों से बाहर का रास्ता दिखा दिया|

नेताजी के आदेश का पालन करूंगा: शिवपाल
यूपी में सत्तरूढ़ सियासी परिवार में छेड़ी पावर पॉलिटिक्स के बीच शिवपाल यादव बुधवार सुबह मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि हम सब नेताजी के साथ हैं और उनके निर्देशों का पालन करेंगे. शिवपाल ने कहा मंत्री पद बदलने या देने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास है और उन्हीं का फैसला अंतिम होगा. शिवपाल ने कहा कि नेताजी ने मुझे जो जिम्मा सौंपा है मैं उसके अनुसार काम करूंगा और संगठन को मजबूत बनाने पर ध्यान दूंगा. शिवपाल ने कहा कि नेताजी से बात कर फैसला लूंगा. परिवार में ठनी इस सियासी लडा़ई के बीच सैफई में बुधवार को शिवपाल के समर्थन में नारेबाजी भी हुई. इस बीच, अखिलेश मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्री गायत्री प्रजापति बुधवार को नई दिल्ली में मुलायम सिंह से मिले.

मंत्रियों के विभाग में फेरबदल
गौरतलब है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चाचा श‍िवपाल यादव से पीडब्लूडी, सिंचाई और राजस्व विभाग छीन लिया था. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि नाराज शि‍वपाल सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं. बता दें कि अखिलेश सरकार में शिवपाल के पास अब सिर्फ समाज कल्याण और परती भूमि विभाग है|

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है. राज्यपाल ने लोक निर्माण विभाग का कार्यप्रभार मुख्यमंत्री को आवंटित कर दिया है. राज्यपाल ने मंत्री अवधेश प्रसाद को उनके वर्तमान कार्य प्रभार के साथ सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार आवंटित किया है. मंत्री बलराम यादव को उनके वर्तमान कार्य प्रभार के साथ राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वासन तथा लोक सेवा प्रबंधन विभाग एवं सहकारिता विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार आवंटित किया है. मंत्री शिवपाल यादव को उनके कार्य प्रभार के साथ समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार आवंटित किया है|

सपा में ‘बॉस’ की लड़ाई
जाहिर तौर यूपी चुनाव से ठीक पहले सत्तासीन पार्टी के अंदर यह घमासान चुनावी गणि‍त पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, लेकिन एक बात साफ है कि सपा में अब यह दिखाने की कवायद शुरू हो गई है कि आखि‍र असली बॅास कौन है. क्योंकि चीफ सेक्रेटरी सिंघल, खनन मंत्री पद से हटाए गए गायत्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री पद से बर्खास्त किए गए राजकिशोर सिंह शिवपाल के करीबी माने जाते हैं.

सीएम को सरकार की छवि की चिंता
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि असल में यह पूरी लड़ाई इमेज की है. अखि‍लेश बतौर सूबे के मुखि‍या अपनी सरकार की छवि को लेकर अचानक से बेहद संजीदा हो गए हैं. यही कारण है कि चुनाव से पूर्व वह भ्रष्ट और दागदार चेहरों पर नकेल कसने की तैयारी में हैं. लेकिन जब कभी पार्टी की राजनीति उनके निर्णयों पर हावी होती दिखती है, अंदरूनी घमासान बाहर दिखने लगता है.

हमेशा विवादों में रहने वाले IAS ऑफिसर दीपक सिंघल को दो महीने पहले ही चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था. यह बात जगजाहिर है कि अखिलेश यादव दीपक सिंघल को पसंद नहीं करते थे और उन्हें मुख्य सचिव बनाए जाने के खिलाफ थे. लेकिन मुलायम सिंह यादव के दबाव में उन्हें दीपक सिंघल को मुख्य सचिव बनाना पड़ा था|

राहुल भटनागर बने मुख्य सचिव
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव राहुल प्रसाद भटनागर को नया मुख्य सचिव बनाया गया है. राहुल भटनागर 1983 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं और गन्ना आयुक्त समेत तमाम महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. कहा जाता है कि अखिलेश यादव से उनका अच्छा तालमेल है.

दीपक सिंघल को फिलहाल प्रतीक्षा सूची में रखा गया है. मुख्य सचिव बनने के बाद दीपक सिंघल के तौर तरीके से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुश नहीं थे. कई सार्वजनिक समारोह में दीपक सिंघल मंच से जिस बेअंदाज तरीके से बोलते थे वह लगातार अखिलेश यादव को खटक रहा था|

जब मंच पर अख‍िलेश से कहा- बातचीत बाद में करें, पहले मेरी बात सुनें
पिछले महीने कन्या विद्याधन बांटने के एक समारोह में लोग उस समय दंग रह गए जब दीपक सिंघल ने मंच पर माइक से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा था कि वह बातचीत बाद में करें, पहले उनकी बात ध्यान से सुनें. मुख्यमंत्री उस समय मंच पर मौजूद अपने सलाहकार आलोक रंजन से कुछ मशवरा कर रहे थे. दीपक सिंघल ने आलोक रंजन जो उनसे पहले मुख्य सचिव थे, उन्हें भी टोकते हुए कहा था कि सलाहकार महोदय सलाह बाद में दें. एक अन्य समारोह में दीपक सिंघल ने यह कह दिया था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दिल और दिमाग दोनों से बच्चे हैं|

सिंघल के बर्ताव से CM थे खफा
मुख्य सचिव बनने के बाद दीपक सिंघल जिस तरह दूसरे अधिकारियों से बर्ताव कर रहे थे और उन्हें धमका रहे थे, उसकी भी शिकायतें लगातार मुख्यमंत्री को मिल रही थीं. यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर हाईकोर्ट ने जिस तरह सीबीआई जांच का आदेश दे दिया और सरकार उसकी कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं कर सकी. उससे भी मुख्यमंत्री खफा हुए|

अमर सिंह की पार्टी में जाना पड़ा भारी
सूत्रों के मुताबिक असली कारण बना रविवार को दिल्ली में अमर सिंह की पार्टी में दीपक सिंघल का शामिल होना. इस पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं गए थे. कुछ समय पहले अमर सिंह ने अखिलेश यादव के खिलाफ कई बातें कही थीं. उसके बावजूद अपने मुख्य सचिव का अमर सिंह की पार्टी में जाना मुख्यमंत्री को बिल्कुल पसंद नहीं आया होगा|

श‍िवपाल के खास माने जाते हैं सिंघल
अपनी सरकार की इमेज सुधारने में लगे अखिलेश यादव ने सोमवार को ही अपने दो कैबिनेट मंत्रियों गायत्री प्रजापति और राज किशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था क्योंकि उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप थे .मुख्य सचिव बनने के लिए दीपक सिंघल ने मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के दरबार में कई चक्कर लगाए थे. दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का खास माना जाता है. कौमी एकता दल को लेकर शिवपाल यादव से अखिलेश यादव की खींचतान पहले से ही चल रही है. ऐसे में बकरीद के दिन शिवपाल यादव के करीबी ऑफिसर की कुर्बानी समाजवादी पार्टी और यूपी सरकार में क्या गुल खिलाती है इस पर सबकी नजर होगी|

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‘Pappu Pass Hoga’, Congress Workers In Varanasi Insist Today

sonia-gandhi-road-show_650x400_51470126232Varanasi: At 1 pm in Varanasi, there is no escape from the sun. Or the politics that the city is awash in today as it contemplates what sort of pulling power Congress chief Sonia Gandhi will demonstrate on the turf that Prime Minister Narendra Modi so decisively established as his own in the general election.

“The crowds will come. They will build up, you wait,” says Mohammed Isa, who runs a fishing business. Mr Isa says he voted for the Congress in 2014 and is likely to repeat his decision in the state election. “It is true the Congress will not win,” he says, “but who else will I vote for?  As Muslims, my family has always voted for the Congress.

He is seated at a small stall that sells cold drinks and eggs opposite the Dr Ambedkar statue that the Congress chief will garland. Her road show will end with a visit to the statue of Kamalapati Tripathi  to signal that the Congress should be the choice of a range of castes, from Brahmins to Dalits.

“Since Prime Minister Modi was elected, it is true that roads have improved here,” Mr Isa says. The improvement in Varanasi, from better roads to cleanliness, is acknowledged freely as the result of the PM making this his political home.

At the statue of Dalit icon Dr Ambedkar, Congress workers, their head scarves limp with sweat, climb up a ladder to clean the structure. So far, at this major intersection, the crowds are thin. A few Congress workers carry the placards of the local lawmaker who has rustled them together. One comes up. “I am seeking a ticket. If you can speak to anyone, please let me know,” he says, without inquiring who his query is being addressed to.

It is a testament to how today politics is the only thing on the city’s mind. Anil Dikshit, a taxi driver, says the BJP, who he supported in 2014, will make big gains. “In my village, it took me just a month to get a bank account opened,” he said of the PM’s Jan Dhan scheme to ensure all families have a bank account.

At the cold drinks stall, a group of Congress workers take refuge from the sun. “You can pay later, first have some cold water,” says the young owner, Wasim Akram, to them. “It is not a usual day,” he offers as explanation for his freewheeling business practice today.

One of the young Congress supporters gets up to be interviewed on camera. “Pappu fail nahin hua, Pappu pass hoga,” he insists loudly, referring to the mocking nickname given by PM Modi during his 2014 campaign to Mrs Gandhi’s son, Rahul.

That is the sort of bluster that is running through the streets today in a state where the Congress placed last in the general election.

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UP: अगले महीने 89100 मेधावी छात्राओं को मिलेगा कन्या विद्याधन

UP: 89100 meritorious girl students to get Kanya Vidyadhan next month
अगस्त में 89100 मेधावी छात्राओं के खातों में कन्या विद्याधन की राशि भेज दी जाएगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिलेवार लक्ष्य जारी कर दिया है।
सबसे ज्यादा लाभार्थी इलाहाबाद में हैं, जबकि सबसे कम श्रावस्ती में हैं। लखनऊ में कुल 2169 छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।

सरकार इंटरमीडिएट पास करने वाली मेधावी छात्रों को कन्या विद्याधन के तौर पर एकमुश्त 30 हजार रुपये देती है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी 75 जिलों में 89100 मेधावी छात्राओं का चयन कर लिया है।

वहीं, 9900 छात्राओं का चयन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं करेंगे, हालांकि इन छात्राओं के नामों की अभी घोषणा नहीं की गई है। इस तरह से चालू वित्त वर्ष में कुल 99 हजार छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, कन्या विद्या धन के लिए सबसे ज्यादा 3433 लाभार्थी इलाहाबाद में हैं। वहीं श्रावस्ती में सबसे कम 250 छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग का कहना है कि 89100 छात्राओं को दी जाने वाली राशि लक्ष्य के अनुसार जिलों को भेज दी गई है। साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी छात्रा को चेक से भुगतान नहीं किया जाएगा, बल्कि सभी के खातों में राशि भेजी जाएगी। भुगतान अगले महीने हर हाल में करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

अवध में इतनी छात्राओं को मिलेगा कन्या विद्याधन
लखनऊ–2169
अमेठी–589
बहराइच–1008
बलरामपुर–375

गोण्डा–1382
रायबरेली–1214
श्रावस्ती–250

सीतापुर–1226
सुल्तानपुर–1367
बाराबंकी–1009

Source: Amar Ujala

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