Modi and trump

डिफेंस डील डन-ट्रेड डील पर बात शुरू, पढ़ें साझा बयान में क्या बोले मोदी-ट्रंप

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप का साझा बयान
  • भारत-अमेरिका में डिफेंस डील पर लगी मुहर
  • ट्रेड डील पर बातचीत शुरू करेंगे भारत-US
  • आज खत्म होगा डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान भी जारी किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने ऐलान किया कि भारत और अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डील हो गई है, जिसके तहत 24 रोमियो हेलिकॉप्टर खरीदे जाएंगे. डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साझा बयान में क्या कहा, यहां पढ़ें…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेलिगेशन का भारत में हार्दिक स्वागत है. मुझे विशेष खुशी है कि इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं, पिछले 8 महीने में मेरी और ट्रंप की ये पांचवीं मुलाकात है. पीएम मोदी ने कहा कि मोटेरा स्टेडियम में डोनाल्ड ट्रंप का ऐतिहासिक स्वागत हुआ.

बयान में पीएम ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संबंध दो सरकार नहीं बल्कि लोगों के बीच हैं. ये संबंध 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. दोनों देशों के संबंध को आगे बढ़ाने में डोनाल्ड ट्रंप का शानदार प्रयास रहा है. पीएम मोदी बोले कि हम दोनों आज डिफेंस, सुरक्षा, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, ट्रेड जैसे सभी मसलों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डिफेंस मैन्युफैक्चर एक दूसरे की सप्लाई चेन का हिस्सा बन रहे हैं, भारतीय फोर्स आज दुनिया में सबसे अधिक अमेरिका के साथ ही ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ कर रही है. पिछले कुछ साल में हमारी सेना के बीच कई समझौते भी हुए हैं.

‘ट्रे़ड डील पर जल्द बनेगी बात’

ट्रंप के साथ साझा प्रेस वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अमेरिका के साथ होमलैंड सुरक्षा पर निर्णय हुआ है, आतंक के समर्थकों को हराने के लिए हमने अपने प्रयासों को बढ़ाने का निर्णय किया है. प्रेसिडेंट ट्रंप ने इस दौरान ड्रग्स से लड़ाई पर प्राथमिकता दी है, इस मसले पर दोनों देशों के बीच चर्चा भी हुई है.

पीएम मोदी बोले कि तेल, गैस के लिए अमेरिका भारत का साथी है. टेक्नोलॉजी के मसले में भी भारत और अमेरिका एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. दोनों देश बैलेंस ट्रेड के लिए प्रतिबद्ध हैं और द्विपक्षीय वार्ता को संतुलन करने पर सहमत हैं. प्रधानमंत्री ने यहां कहा कि ट्रेड डील के मसले पर दोनों देश बात करेंगे और कॉमर्स मिनिस्टर लीगल रूप से आगे बढ़ेंगें.

‘आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ेंगे भारत-US’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत आने के न्योते के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं, मेलानिया और मैं भारत के स्वागत से अभिभूत हैं. मैंने और मेलानिया ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और ताजमहल को भी देखा. ट्रंप ने कहा कि मेरा ये दौरा काफी शानदार रहा और दोनों देश डिफेंस डील करने पर सहमत हुए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां कहा कि दोनों देशों का फोकस अपने नागरिकों को इस्लामिक आतंकवाद से बचाने का है और दोनों देश इसके लिए एक साथ काम करेंगे. हमारे देश की सेना आज एक साथ अभ्यास कर रही हैं, जो दोनों देशों को लाभ पहुंचाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ बात कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने के लिए दबाव बना रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप बोले कि हमारे देश लोकतंत्र, संविधान और लोगों के हितों को बचाने के लिए जानी जाती हैं. अमेरिका और भारत दोनों ही ट्रेड डील पर बात को तैयार हैं और इसपर जल्द ही फैसला होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत-अमेरिका के बीच 3 बिलियन डॉलर की डिफेंस डील होगी.

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डेंगू-चिकगुनिया पर SC सख्‍त, केजरीवाल के मंत्री पर लगाया 25 हजार हर्जाना

03_10_2016-satyendraनई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने चिकुनगुनिया और डेंगू के मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार पर मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने के लिए 25,000 का हर्जाना लगाया है। दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री के व्यस्त होने का हवाला दिया गया और कल तक का वक़्त मांगा गया। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कल तक का समय देते हुए कहा कि लोग मर रहे हैं, तब आपको समय नहीं मांगना चाहिए था। अफसरों पर काम रोकने का आरोप लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। खुली कोर्ट में अधिकारियों का नाम बताने को कहा था, लेकिन आज हलफनामा दाखिल नहीं हुआ। बता दें कि कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में अधिकारियों का नाम दिए जाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। कोर्ट ने कहा था जब आरोप खुली अदालत में लगाया है तो नाम भी खुली अदालत में लेने होंगे। दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के फैलने की पहले से संभावना थी। इसके बाद भी दिल्ली सरकार द्वारा रोकथाम के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए थे। ऐसे में जब चिकनगुनिया और डेंगू के मामलों ने दिल्ली में जोर पकड़ा और मीडिया में खबरें बनने लगी तो मालूम हुआ कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री समेत पार्टी के आला नेता चुनाव प्रचार के सिलसिले में दिल्ली से बाहर हैं। हालांकि पार्टी की ओर से दावा किया जाता रहा है कि दिल्ली चिकनगुनिया से एक भी मौत नहीं हुई है। पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से मंत्री सतेंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दर्ज कर कहा था कि अफसर जिम्मेदारी नहीं ले रहे है। सारी फाइलें उपराज्यपाल के पास हैं और अफसर सहयोग नहीं कर रहे हैं।उपराज्यपाल सरकारी कामकाज में अड़ंगा लगा रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में चिकनगुनिया और डेंगू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वहीं केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि अगर दिल्ली सरकार सही तरीके से चिकनगुनिया को रोकने में नाकाम रहती है तो फिर ये काम केंद्र सरकार करेगी।

 

 

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बारामूला में सेना कैंप पर आतंकी हमला : एक जवान शहीद, आतंकी संभवत: भागने में कामयाब रहे

baramulla-attack-650_650x400_41475437482नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले के बाद सेना का सर्च अभियान जारी है. दरअसल, रविवार की रात सेना और बीएसएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ. इस हमले में एक बीएसएफ जवान शहीद और एक घायल हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक, दो घंटे तक भारी फायरिंग के बाद आतंकी (जिनकी संख्या तीन से चार हो सकती है) भाग गए. फिलहाल इलाके को घेरे में लेकर तलाशी अभियान जारी है. बारामूला हाइवे को सील कर दिया गया है.

आतंकवादियों ने बारामूला में सेना के 46 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप और इसी से सटे बीएसएफ कैंप पर दो गुटों में लगभग 10.30 बजे हमला किया. इसके बाद भारी गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनी गईं. यह जगह श्रीनगर से 60 किलोमीटर दूर है.

राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को बारामूला की सुरक्षा स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है.

सूत्रों का कहना है आतंकवादी बीएसएफ शिविर के किनारे तक प्रवेश करने में कामयाब रहे, लेकिन उन लोगों को उरी हमले के बाद हाई अलर्ट पर चल रही सेना और बीएसएफ की भारी फायरिंग का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने झेलम नदी की ओर से घुसपैठ की.

गौरतलब है कि बीते 29 सितंबर को सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम देने की खबर दी थी. भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर आतंकी लॉन्‍च पैड्स की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स में लगभग 34 आतंकवादी मारे गए थे.

बता दें कि पाकिस्तान के हथियारबंद आतंकियों ने 18 सितंबर को सेना के उरी शिविर में हमला किया था, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि, भारतीय सेना ने इस मुठभेड़ में पाकिस्तान से आए चार आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था.

Source: NDTV
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दशहरे से पहले रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनस की सौगात

29_09_2016-indian-railways-7591नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रेल कर्मचारियों को दशहरे से ठीक पहले 78 दिनों के उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस पर फैसला किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि रेल कर्मचारियों को त्योहारी सीजन से पहले 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा। आपको बता दें कि बीते बुधवार को रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। यह लगातार पांचवां वर्ष है, जब रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस दिया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने रेल कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित 78 दिनों का बोनस देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इस बार बोनस वेतन सीमा 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए की गई है, जिससे रेलकर्मियों की बोनस राशि दोगुना होने की संभावना है। पिछले वर्ष प्रति कर्मचारी दिया गया न्यूनतम बोनस 8,975 रुपए था। इसके तहत रेलवे के देशभर से सभी गैर-राजपत्रित (नॉन गेजेटिड) कर्मचारी आते हैं जिनमें आरपीएफ और आरपीएसएफ कर्मचारी शामिल नहीं होते। कर्मचारियों के लिए 78 दिन का वेतन करीब 18,000 रुपए है।

हर साल दशहरे से पहले उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) करीब 12 लाख कर्मचारियों को दिया जाता है। इससे रेलवे पर 2,090.96 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा। वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 में भी रेल कर्मियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया गया था।

 

 

Source: Jagran

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2 साल बाद हुई वापसी पर बोले टीम इंडिया के ओपनर गौतम गंभीर 2 साल बाद हुई वापसी पर बोले टीम इंडिया के ओपनर गौतम गंभीर

gautam-gambhir-11-580x395नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया में गौतम गंभीर की दो साल बाद वापसी हो गई है. उन्हें कानपुर टेस्ट की दूसरी पारी में  दाईं हैमस्ट्रिंग से चोटिल हुए बल्लेबाज केएल राहुल (38) की जगह कोलकाता में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट के लिए चुना गया है. टीम में हुए सलेक्शन से खुद गौतम गंभीर भी खुश है और उन्होंने इसका इज़हार अपने सोशल मीडिया पेज पर किया.

गंभीर ने अपने ट्विटर पर लिखा कि, ‘देश के लिए फिर से खेलने से बेहतर कुछ नहीं होता. टेस्ट क्रिकेट, सफेद ड्रेस, लाल गेंद और फिर से भारत की कैप. शुक्रिया बीसीसीआई, आप सभी का मेरे लिए दुआएं करने के लिए भी शुक्रिया.’

इसके अलावा गंभीर ने एक और ट्वीट कर कहा, ‘डेब्यू करने वाले खिलाड़ी जैसा उत्साह, अनुभवी होने का यकीन, नए की तरह बैचेनी…मैं इस वक्त ये सब महसूस कर रहा हूं. ईडेन बहुत सारी महत्वकांक्षाओं के साथ मैं आ रहा हूं.’

गौतम गंभीर ने पूरे 2 साल बाद टीम इंडिया  में वापसी की है. हाल में दलीप ट्रॉफी के दौरान गंभीर ने अपने बल्ले का दम दिखाकर चयनकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित किया था. गंभीर ने दलीप ट्रॉफी की पांच पारियों में 71.20 के औसत से 356 रन बनाए थे. जबकि इससे पहले 34 साल के गंभीर ने अपना आखिरी टेस्ट 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था जहां चार पारियों में वो महज 25 रन बनाने में कामयाब हो पाए थे.

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 30 तारीख से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम में दो बदलाव किए गए हैं. चोटिल सलामी बल्लेबाज के एल राहुल और चिकनगुनिया के कारण पहले टेस्ट से बाहर होने वाले तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को टीम से बाहर कर दिया गया है. जबकि इनकी जगह गौतम गंभीर और हरियाण के ऑफ स्पिनर जयंत यादव को टीम में जगह मिली है. गंभीर अगले दोनों टेस्ट में टीम के साथ रहेंगे जबकि जयंत को कोलकाता टेस्ट के लिए टीम में जगह मिली है.

कानपुर टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजी के दौरान केएल राहुल (38) की दाईं हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया था जिससी वजह से वो फील्डिंग भी नहीं कर पाए थे. गंभीर ने हाल ही खत्म हुए पिंक बॉल टेस्ट में टलीप ट्रॉपी में शानदार प्रदर्शन कर टीम में जगह बनाने के लिए दस्तक दी थी.

टीम के कोच अनिल कुंबले गंभीर को टीम में जगह देने के मूड में थे और उन्होंने ही गंभीर का नाम आगे बढ़ाया था. गंभीर ने बैंगलोर के NCA में अपना फिटनेस टेस्ट भी दे दिया था.

 

 

Source: ABP

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शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, सेंसेक्स 13 और निफ्टी 3 अंक फिसला

23_09_2016-sharemarketjagranनई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में आज सुस्त शुरुआत देखने को मिली। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 13.96 अंकों की गिरावट के साथ 28,759.17 के स्तर पर और निफ्टी 3 अंकों की कमजोरी के साथ 8863.55 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।

इंडेक्स की बात करें तो बैंक, ऑटो और पीएसयू बैंक सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। वहीं, एफएमसीजी, आईटी, मेटल, फार्मा और रियल्टी इंडेक्स में थोड़ी तेजी देखने को मिल रही है। मिडकैप और स्मॉलकैप के इंडेक्स में भी बढ़त देखने को मिल रही है।

दिग्गज शेयरों की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयरों में से 22 हरे निशान में और 29 शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी इंफ्राटेल (1.53), बीपीसीएल (1.20). टीसीएस (0.89), एलटी (0.80) और एचसीएलटेक (0.78) के शेयर में देखने को मिल रही है। वहीं गिरावट एक्सिस बैंक (2.82), लूपिन (1.03), टाटामोटर्स (0.92), एसीसी (0.88) और अंबूजासेम (0.83) के शेयरों में है।

रुपए में दिखी कमजोरी

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 66.73 पर खुला है। जबकि, गुरुवार के सत्र में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 54 पैसे की मजबूती के साथ 66.66 के स्तर पर बंद हुआ था। –

SOURCE: JAGRAN
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अलग रेल बजट खत्म करना अभी तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म: सुरेश प्रभु

msid-54457765width-400resizemode-4suresh-prabhuनई दिल्ली
रेल बजट खत्म करने से रेलवे को सालाना 9,700 करोड़ रुपये की बचत होगी, लेकिन उसकी सामाजिक जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाएगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रजत अरोड़ा को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि रेल बजट का आम बजट में विलय करने का उनका विचार आखिरकार हकीकत बन गया है। प्रस्तुत हैं इसके मुख्य अंश:

रेल बजट का आम बजट में विलय होने का रेलवे के लिए क्या मतलब है?
किसी कमिटी के रिपोर्ट देने से पहले मैंने फाइनैंस मिनिस्टर से निवेदन किया था कि रेलवे के लिए अलग बजट होने का कोई कारण नहीं है और इसे आम बजट के साथ मिला देना चाहिए। मैं कहूंगा कि यह इस सेक्टर में अभी तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म है। बजट के मर्जर के बाद भी हमारी फाइनैंशल ऑटोनॉमी बरकरार रहेगी। जनरल मैनेजर्स और डिवीजनल मैनेजर्स के पास समान पावर रहेगी। फाइनैंस को पहले की तरह मैनेज किया जाएगा, लेकिन हम अधिक फोकस कर सकेंगे क्योंकि जटिलताएं कम हो जाएंगी।

हम कपैसिटी बढ़ाने और पैसेंजर्स के लिए सुविधाओं में सुधार करने जैसी अपनी फाइनैंशल जिम्मेदारियों को आंतरिक स्रोतों और सरकार से मिलने वाली बजटीय मदद के जरिए निभाना जारी रखेंगे। हालांकि, हमारी एक कमर्शल तरीके से चलने वाले डिपार्टमेंट के तौर पर एक अलग पहचान होगी। केवल यही बदलाव होगा कि अगले वर्ष से आप रेल बजट भाषण नहीं सुनेंगे। हालांकि, हम संसद में रेलवे के खर्च पर एक अलग चर्चा करेंगे। एक अच्छी चीज यह है कि हमें 9,700 करोड़ रुपये की तुरंत राहत मिलेगी जो रकम पहले हमें सरकार को डिविडेंड के तौर पर चुकानी पड़ती थी। मैंने फाइनैंस मिनिस्टर से इसे छोड़ने का निवेदन किया था। वह रेलवे की ओर से तय किए गए ग्रोथ एजेंडे को लेकर काफी पॉजिटिव और मददगार हैं।

आपके पास और कौन सी बड़ी योजनाएं हैं?
पिछले एक वर्ष से मैं रेलवे के लिए एक स्वतंत्र नियामक बनाने के लिए जोर दे रहा हूं। कैबिनेट से बहुत जल्द इसके लिए अनुमति मिल जाएगी। यह लगभग अंतिम चरण में है। यह रेग्युलेटर किराए और फ्रेट रेट को तय करने के लिए स्वतंत्र होगा। इससे रेलवे के पूरे किराए के स्ट्रक्चर में संतुलन आएगा। यह रेलवे के लिए एक बड़ा बदलाव होगा। हम मार्केट डिमांड के अनुसार किराए को संतुलित करना जारी रखेंगे।

आपने हाल ही में प्रीमियम ट्रेनों के लिए सर्ज प्राइसिंग का कॉन्सेप्ट शुरू किया है। क्या इसे अन्य ट्रेनों के लिए भी किया जाएगा?
अभी मैं इस तरह के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं कर रहा हूं। लेकिन मेरा मानना है कि हमें मार्केट पर फोकस करने की जरूरत है जिससे हमारे पास डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त कपैसिटी और रिसोर्सेज हों।

स्टेशनों के रीडिवेलपमेंट के बारे में क्या किया जा रहा है?
इस योजना पर काम हो रहा है। इसमें बहुत से निवेशक राज्य सरकारों और इंटरनैशनल एजेंसियों ने दिलचस्पी दिखाई है। मैं जल्द ही इसे लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी दूंगा। हमने 100 से अधिक स्टेशनों के रीडिवेलपमेंट की योजना बनाई है।

 

 

 

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INDvsNZ: साउदी के बाद न्यूज़ीलैंड को एक और बड़ा झटका, निशाम पहले टेस्ट से बाहर

jamesneeshamjimmyneesham2009नई दिल्ली/कानपुर: भारत के खिलाफ कानपुर में 22 सितंबर से शुरू होने वाली 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ से ठीक पहले न्यूज़ीलैंड टीम को टिम साउदी के बाद एक और बड़ा झटका लगा है, न्यूज़ीलैंड के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ टिम साउदी टखने की चोट के कारण टेस्ट सीरीज़ से बाहर होने के बाद अब तेज़ गेंदबाज़ ऑल-राउंडर जिमी निशान भी पसली में चोट के कारण पहले टेस्ट से बाहर हो गए हैं.

हालांकि न्यूज़ीलैंड की टीम इस बात से संतुष्ट है कि उनके स्टार ऑल-राउंडर जिमी निशाम को लगी पसली में चोट बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है और वो दूसरे टेस्ट में टीम में वापसी कर सकते हैं.

जिमी निशाम न्यूज़ीलैंड टीम के प्रमुख ऑल-राउंडर हैं जिनको लेकर कप्तान केन विलियम्सन ने भी रणनीति तैयार कर रखी थी. निशाम का काम बल्लेबाज़ी को मजबूती देने के साथ भारतीय बल्लेबाज़ों पर अपनी तेज़ रफ्तार गेंदबाज़ी से लगाम लगाना भी था. लेकिन अब पहले टेस्ट से उनके बाहर होने से कप्तान समेत पूरी टीम की चिंता बढ़ गई है.

खुद निशाम भी अपनी इस चोट से परेशान हैं क्योंकि उन्हें लंबे अर्से बाद टीम के लिए खेलना का मौका मिला था. निशाम ने आखिरी बार साल 2015 के नवंबर महीने में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में आखिरी टेस्ट खेला था.

न्यूज़ीलैंड टीम के कोच माइक हेसन ने कहा, जिमी को नेट्स के दौरान ये चोट लगी जिसकी वजह से वो पिछले कुछ दिनों से तकलीफ में है, वो थोड़े दिनों में ठीक हो जाएंगे क्योंकि ये बहुत बड़ी चोट नहीं है.’

इस चोट ने न्यूज़ीलैंड टीम के कप्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि उनके पास अब कानपुर टेस्ट में चुनने के लिए केवल 14 खिलाड़ी ही बचे हैं.

जिमी निशाम ने न्यूज़ीलैंड के लिए 9 टेस्ट मुकाबलों में 38 के औसत से 612 रन और 12 विकेट चटकाए हैं

 

 

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50% से ज़्यादा लोगों ने PM मोदी की पाकिस्तान पॉलिसी को किया खारिज

narendra-modi-580x376नई दिल्ली: बीते रविवार को घाटी के उरी सेक्टर में हुए हमले में देश को 18 जवान शहीद हो गए. ऐसे में पाकिस्तान और वहां से समर्थित आंतकवाद को लेकर देश में गुस्से का माहौल है. चारो तरफ पीएम की an

पाकिस्तान नीति की समीक्षा हो रही है. ऐसे में मई महीने में किए गए Pew रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में भारत की पाकिस्तान नीति को लेकर कई बड़ीं बातें सामने आई हैं. ये रहीं उस सर्वे में आईं छह बड़ी बातें-

1. सर्वे की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें शामिल 50% से अधिक लोगों ने पीएम मोदी की पाकिस्तान पॉलिसी को खारिज कर दिया है. वहीं पीएम की वर्तमान पाक नीति को महज 22% लोगों का समर्थन हासिल है.

2. इस सर्वे में एक और बड़ी बात सामने आई है कि 60% भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ ज़्यादा से ज़्यादा सैन्य कर्रवाइ का समर्थन करते हैं.

3. 40 पन्नों की इस रिपोर्ट के हवाले से Pew ने बताया है कि 52% फीसदी भारतीय को ISIS से भारत को खतरा होने का डर सताता है.

4. वहीं 62% लोगों का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कर्रवाइ सबसे उम्दा विकल्प है.

5. 68% फीसदी लोगों का मानना है कि बीते 10 साल की तुलना में वैश्विक मामलों में भारत का प्रभाव बढ़ा है.

6. सर्वे की माने तो केंद्र सरकार चला रही बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के 54% और कांग्रेस के 45% समर्थकों ने पाकिस्तान को लेकर पीएम के रुख को खारिज किया है. वहीं रक्षा बजट बढ़ाए जाने को भी समर्थन मिला है.

ये सर्वे पठानकोट एयरबेस हमले के कुछ महीनों बाद किया गया था. ये सर्वे इसी साल सात अप्रैल को किया गया था. इसकी रिपोर्ट बीते सोमवार को सार्वजनिक की गई है. इसमें कुल 2464 लोगों को शामिल किया गया था

 

 

 

 

source: ABP

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दिल्‍ली: कश्मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा- राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं

124729-party-meet-77नई दिल्‍ली: कश्मीर में शांति बहाली की कोशिशें विफल होने के बाद बुधवार को दिल्ली में फिर से जम्मू-कश्मीर के मसले पर सर्वदलीय बैठक हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक संसद भवन परिसर में हुई। जानकारी के अनुसार, इस दौरान कश्मीर के हालात के साथ-साथ अलगाववादियों को लेकर सरकार ने अगले कदम और रणनीति पर चर्चा की। सर्वदलीय शिष्टमंडल के सदस्य अपने कश्मीर दौरे के दौरान निकाले गए निष्कर्षों पर चर्चा के लिए बुधवार को यहां बैठक की।

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर से संबंधित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार से ‘सभी पक्षकारों’ के साथ बातचीत शुरू करने की अपील की। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने शांति और बातचीत के लिए अपील करते हुए कहा कि नागरिक समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कुछ बातों पर सहमति बनी है। सरकार ने सभी से वार्ता के लिए संकेत दिए हैं।

इस बैठक के बाद जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभ्‍य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। घाटी में घायलों के इलाज के लिए उचित व्‍यवस्‍था की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अपील यह है कि बातचीत के जरिये समस्‍या का हल निकले। घाटी में स्‍कूल कॉलेज जल्‍द खुलें।

इस बैठक में अलगाववादियों को दी जा रही सहूलियतों, जिसमें उच्च स्तरीय सुरक्षा आदि की समीक्षा संबंधी बात की जानकारी नहीं मिली है। पहले यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पर कतरने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार केंद्र जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा कठिन बनाकर तथा उनकी सुरक्षा कम कर उनके प्रति अपना रुख कड़ा कर सकता है। सरकारी खजाने की कीमत पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है। सांसदों की अलगाववादियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी किये जाने से नाखुश केंद्र कुछ मामलों में उनका पासपोर्ट वापस लेकर तथा यात्रा दस्तावेजों से इनकार कर उनकी विदेश यात्राओं पर अंकुश लगाने के कदमों पर विचार कर रहा है। राज्य के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सांसदों ने अलगाववादियों से मिलने की कोशिश की थी।

इससे पहले, अशांत जम्मू कश्मीर का दौरा कर चुके सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जिसके बाद यह सामने आई कि बुधवार को यहां सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ घोषणा की जा सकती है। इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा महासचिव राममाधव भी मौजूद थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने 4-5 सितंबर को श्रीनगर और जम्मू का दौरा किया था।

गृहमंत्री के आवास पर हुई इस बैठक के बाद माधव ने संवाददाताओं से कहा था कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद हमने जम्मू कश्मीर में भावी कार्ययोजना पर चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है, माधव ने कहा कि सभी प्रस्ताव बुधवार को चर्चा के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सामने रखे जाऐंगे।

बता दें कि कश्मीर घाटी में हिंसा का चक्र जारी है। वहां पथराव करने वालों एवं सुरक्षाबलों के बीच झड़प में 73 लोगों की जान चा चुकी है। अलगावादियों की आहूत हड़ताल के कारण जनजीवन आज 60 वें दिन भी ठप्प रहा। कश्मीर घाटी में अशांति आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुई थी।

वहीं, गृहमंत्री सिंह ने अपने इस दौरे को सकारात्मक बताया था और लेकिन कुछ सांसदों से मिलने से इनकार करने पर अलगाववादियों की खरी खोटी सुनायी थी। कुछ सांसदों से मिलने से हुर्रियत नेताओं के बिल्कुल इनकार कर देने से नाखुश सिंह ने कहा था कि उनका बर्ताव लोकतंत्र, इंसानियत एवं कश्मीरियत के विपरीत है। रविवार को श्रीनगर में हुर्रियत नेताओं ने अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। सिंह ने 20 दलों के 26 सांसदों वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी। प्रतिनिधिमंडल दोपहर को जम्मू में रूकने से पहले रात को श्रीनगर में ठहरा था। जम्मू में कुछ घंटे रुकने के बाद वह दिल्ली लौट आया था।

Source : Zee News

दिल्‍ली: कश्मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा- राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं Read More