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आजाद कश्मीर नाम के घोड़े से फंस सकता है पाकिस्तान, छिन सकता है ओलंपिक कोटा

पाकिस्तान ने एक नई मुसीबत मोल ले ली है। पाकिस्तान और उसके एथलीट हमेशा से भारत की भावनाओं के साथ अपनी गलत हरकतें करने से बाज नहीं आते। इस बार एक पाकिस्तानी घुड़सवार ने जानबूझकर अपने घोड़े का नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया। हालांकि, इससे पाकिस्तान को काफी नुकसान हो सकता है, बावजूद इसके पाकिस्तान संभलने का नाम नहीं ले रहा।

दरअसल, पाकिस्तानी घुड़सवार उस्मान खान ने आजाद कश्मीर नाम के घोड़े से एक प्रतियोगिता जीत ली और टोक्यो ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया, लेकिन अब वह मुश्किल में फंस सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसकी इस हरकत से भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) नाराज है और वह इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

  • पाकिस्तान और उसके एथलीट हमेशा से भारत की भावनाओं के साथ अपनी गलत हरकतें करने से बाज नहीं आते।

पाकिस्तान से छिन सकता है ओलंपिक कोटा

इतना ही नहीं, आइओसी के नियम 50 के तहत भी उसका ओलंपिक कोटा छिन जाएगा। उस्मान इस स्पर्धा में टोक्यो के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पाकिस्तानी घुड़सवार हैं। 12 साल का यह घोड़ा पहले ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा बेलिस्टर के पास था जो वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में रहती थीं। लेकिन, 15 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे उस्मान ने यह घोड़ा पिछले साल उनसे खरीदा और जानबूझकर इसका नाम बदलकर आजाद कश्मीर रख दिया।

 

आइओए के एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान और उसके खिलाड़ी हमेशा से ऐसे कारनामों में आगे रहे हैं और हर बार वे भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। उस्मान ने भी यही किया और हम इसके खिलाफ आइओसी में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उसने भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आइओसी के नियम 50 के अनुसार, किसी ऐसी चीज से किसी राष्ट्र की भावनाओं को ठेस पहुंचती है और वह इसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराता है तो उस देश का ओलंपिक कोटा रद किया जा सकता है।

 

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पाकिस्तानी हाईकमीशन के निष्कासित कर्मचारी का दावा, उच्चायोग के 16 अन्य भी जासूसी गिरोह में शामिल

130717-543212-akhtarनई दिल्ली: भारत द्वारा जासूसी के लिए हाल में निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग कर्मचारी ने 16 अन्य ‘कर्मचारियों’ के नाम लिये हैं जो कथित तौर पर जासूसी गिरोह में शामिल थे। जांच से अवगत पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और गुप्तचर एजेंसियों की ओर से उससे की गई संयुक्त पूछताछ में निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग कर्मचारी महमूद अख्तर ने दावा किया कि उच्चायोग के 16 अन्य कर्मचारी सेना और बीएसएफ की तैनाती संबंधी संवेदनशील सूचना एवं दस्तावेज निकलवाने के लिए जासूसों के सम्पर्क में हैं।

अधिकारी ने कहा कि उसके दावों की अभी जांच की जा रही है और यदि सही पाया गया तो पुलिस मामले को आगे बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिख सकती है। अपराध शाखा की टीमें राजस्थान में छापेमारी कर रही हैं ताकि उन स्थानीय व्यक्तियों को पकड़ा जा सके जो अख्तर को गोपनीय दस्तावेज और सूचना मुहैया करा रहे थे। अख्तर कथित तौर पर जासूसी गिरोह चला रहा था।

अख्तर को अवांछित व्यक्ति करार दिए जाने के बाद भारत से निष्कासित कर दिया गया था। भारतीय पुलिस की ओर से आईएसआई-संचालित जासूसी तंत्र का भंडाफोड़ करने के बाद अख्तर के खिलाफ नयी दिल्ली की कार्रवाई पर जवाबी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को अवांछित व्यक्ति करार दे दिया था। अख्तर पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करता था और उसे राजनयिक छूट प्राप्त थी। उसे दो अन्य सहअपराधियों से भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ की तैनाती समेत कई अहम जानकारियां मिली थीं। इन दो अन्य सहअपराधियों को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया था।

अख्तर और दो अन्य- सुभाष जांगीड़ और मौलाना रमजान को पिछले सप्ताह दिल्ली के चिड़ियाघर से पकड़ा गया था। अख्तर को तीन घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था क्योंकि उसके पास राजनयिक छूट थी। शोएब नामक एक चौथे व्यक्ति को राजस्थान पुलिस ने बाद में हिरासत में लिया था। वह जोधपुर का रहने वाला है और पासपोर्ट एवं वीजा का एजेंट है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

Source: Z News

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जम्मू: आरएस पुरा में 23 घंटे से फायरिंग, BSF ने ढेर किए 3 पाक सैनिक, 6 चौकियां भी की तबाह

firing_102616075355जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. मंगलवार रात आरएसपुरा सेक्टर और अरनिया में ये फायरिंग हुई है. इस फायरिंग को 20 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है. बीएसएफ ने भी पाकिस्तानी रेंजर्स की 5-6 चौकी को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, तीन पाकिस्तान जवान भी मारे गए है|

इस फायरिंग में 11 नागरिकों के घायल होने की भी खबर है. कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

पाकिस्तान के सिविल एरिया और कई पोस्ट्स पर भारी नुकसान होने की खबर है. सीमापार से लगातार मोर्टार दागे जा रहे हैं. छोटे हथियारों के अलावा 82 एमएम और 120 एमएम के मोर्टार गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह 10 बजे से बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और हमारी चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और छोटे हथियारों से गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि हमारे सैनिकों की जवाबी गोलीबारी में दो से तीन पाकिस्तानी जवान मारे गए हैं.’ गोलीबारी अब भी चल रही है. एक मोर्टार आरएसपुरा के सुचेतगढ़ सेक्टर के एक घर पर जा गिरा जिससे उसमें रहने वाले एक परिवार की छह महिला सदस्य घायल हो गईं|

 

 

 

Source: Aaj Tak

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पाकिस्तान के क्वेटा में आतंकी हमला, 3 आतंकी ढेर, 60 लोगों की मौत

quettaकराची
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में 60 पुलिस ट्रेनी और अफसरों की मौत हो गई। 116 लोग घायल भी हो गए। हालांकि, पाकिस्तानी सेना और फ्रंटियर कॉन्सटैबुलरी ट्रूप्स ने करीब 250 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। जब आतंकियों ने हमला बोला, उस वक्त परिसर में 500 से ज्यादा कैडेट्स मौजूद थे। यह ट्रेनिंग कॉलेज क्वेटा के सबसे संवेदनशील इलाके में गिने जाने वाले सरयाब रोड पर स्थित है। इस पर 2006 और 2008 में भी हमला हो चुका है।

पाक तालिबान का हाथ!

पाक सेना और सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को मार गिराया। बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर सरफराज बुगती ने मंगलवार सुबह इस बात की पुष्टि की कि आतंकियों के खिलाफ मिशन पूरा हो चुका है। बलूचिस्तान में फ्रंटियर कोर के IG शेर अफगान ने बताया कि आतंकी अफगानिस्तान में अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे। IG के मुताबिक, सभी आतंकी लश्कर-ए-जांघवी से जुड़े हैं। यह संगठन पाकिस्तानी तालिबान से जुड़ा हुआ है। हालांकि, पाकिस्तान तालिबान ने फिलहाल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

ऐसे हुआ हमला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सभी आतंकियों ने सूइसाइड जैकेट्स पहन रखे थे। सेंटर के हॉस्टल पर आतंकियों ने सोमवार रात 10 बजे हमला बोला। बताया जा रहा है कि आतंकियों के पास एके 47 और ग्रेनेड थे।आतंकियों ने पहले वॉच टावर के संतरी को निशाना बनाया। संतरी की हत्या के बाद वे फायरिंग करते हुए अकादमी के ग्राउंड में घुस गए। दो आतंकियों ने खुद को धमाके से उड़ा लिया, जबकि तीसरे को सुरक्षाबलों ने धमाका करने से पहले गोली मार दी। आतंकियों और सुरक्षाबलों बीच पूरी रात रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। आतंकियों के परिसर में एंट्री के बाद कम से कम 5 धमाकों की आवाज सुनी गई। पहले खबर आई थी कि आतंकियों ने कुछ लोगों को बंधक भी बना लिया था।

अशांत हो चुका है बलूचिस्तान
इससे पहले, अगस्त महीने में क्वेटा के अस्पताल में हुए आत्मघाती धमाके में 73 लोगों की मौत हो गई थी। इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। मारे जाने वाले लोगों ने शहर के बहुत सारे वकील भी शामिल थे। ये लोग अपने एक सहकर्मी की गोली मारकर की गई हत्या के प्रति विरोध जताने के लिए इकट्ठे हुए थे। ताजा हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब एक दिन पहले ही बलूच लिब्रेशन आर्मी के लोगों ने कथित तौर पर सुदूर दक्षिण पश्चिमी इलाके में दो कोस्ट गार्ड और एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी।

भारत पर आरोप मढ़ चुका है पाक
बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान और चीन के सहयोग से विकसित हो रहे सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर) में आता है। पाकिस्तान यह आरोप लगाता रहा है कि भारत इस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट के खिलाफ साजिश के तहत आतंकी घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।

 

Source: नवभारत टाइम्स

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विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक

army-surgical-strikes-loc_650x400_71475656584नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.

करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए|

  1. विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति को जानकारी दी
  2. उन्होंने कहा, यह पहला मौका जब सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक किया
  3. जयशंकर की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है

नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.


करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए.


हमले में आतंकवादियों के हताहत होने के बारे में सवाल किए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि सेना नियंत्रण रेखा के पार हमले करने गयी थी न कि सबूत एकत्र करने. बैठक के दौरान बीजेपी और वाम दल के एक सदस्य के बीच शब्दों का आदान प्रदान हुआ जब हमलों के बाद सांसदों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. कुछ सदस्यों ने कहा कि बैठक का विषय निजी सुरक्षा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है.

विशेष सचिव आंतरिक सचिव एम के सिंघला ने अति महत्वपूर्ण लोगों को दी जा रही सुरक्षा के बारे में समिति को सूचित किया. बैठक में रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के के शर्मा भी शामिल हुए. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी समिति के सदस्य हैं. एक सदस्य ने कहा कि वह बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा.

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यूपी: बरेली में मुहर्रम जुलूस के दौरान हंगामा, पथराव-फायरिंग में कई लोग घायल

etx-6am-bareilly-danga-pkg-1310-rch-00_12_56_02-still001-580x395बरेली: उत्तर प्रदेश में बरेली के नवाबगंज में मुहर्रम जुलूस के दौरान दो समुदायों में झड़प हो गई. देखते ही पथराव और फायरिंग भी शुरू हो गई है. इस झड़प में कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस अब हालात काबू में होने का दावा कर रही है और हिंसा फैलाने वालों की पहचान की जा रही है.

मुहर्रम के दिन ताजिया निकालने के दौरान हुए विवाद में दो समुदायों के बीच झड़प इतनी बढ़ी की नौबत पथराव और फायरिंग तक पहुंच गई. इस झगड़े में करीब 2 दर्जन लोग घायल हो गए. घायलों में से कुछ का कहना है कि जुलूस में शामिल कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, जिसका विरोध करने पर विवाद बढ़ गया.

मुहर्ऱम के जुलूस में शामिल लोग एक परिवार के लोगों पर उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगा रहे हैं. पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

पुलिस हालात काबू में होने का दावा कर रही है लेकिन तनाव को देखते हुए पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है. साथ ही उन लोगों की पहचान की जा रही है जो हिंसा में शामिल थे.

 

 

Source: ABP

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भारत-पाक के ‘जल युद्ध’ में चीन शामिल नहींः सरकारी मीडिया

jinping1476075554_bigब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी को बाधित करके भारत एवं पाकिस्तान के बीच जल युद्ध में चीन के शामिल होने की खबरों को चीनी आधिकारिक मीडिया ने खारिज किया है। साथ ही कहा है कि वह भारत एवं बांग्लादेश के साथ जल साझा करके बहुपक्षीय सहयोग तंत्र में शामिल होना चाहता है।

सरकारी दैनिक समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कहा गया है कि काल्पनिक जल युद्ध से चीन एवं भारत के संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए। बीजिंग द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी के जल को एक संभावित हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने की संभावना नहीं है।

लेख में कहा गया है कि चीन जल साझा करके भारत एवं बांग्लादेश के साथ बहुपक्षीय सहयोग में शामिल होना चाहता है। यह प्रस्ताव इस बात के मद्देनजर महत्वपूर्ण है क्योंकि जल बंटवारे को लेकर चीन की भारत के साथ कोई संधि नहीं है।

इसमें कहा गया है, भारतीय लोगों के गुस्से को समझना आसान है क्योंकि उन्होंने हाल ही में ऐसी खबरें पढ़ी हैं, जिनमें कहा गया है कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी का जल रोक दिया है। कई देशों की सीमाओं से होकर गुजरने वाली यह नदी दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षत्र से भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम और बाद में बांग्लादेश जाती है। यह नदी इन क्षेत्रों के लिए जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

 

 

Source : Hindustan Live

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संसद पर हमले की योजना बना रहा है जैश’

_91743323_masood_azharटाइम्स ऑफ़ इंडिया‘ ने खुफिया सूत्रों के हवाले से ख़बर छापी है कि पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ 2001 में संसद पर हुए हमले की तर्ज पर एक बार फिर संसद में इसी तरह के हमले की योजना बना रहा है.

अख़बार के मुताबिक़ नियंत्रण रेखा के पार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान का खुफिया संगठन आईएसआई इस कदर बौखलाया हुआ है कि उसने ‘जैश-ए-मोहम्मद’ से इसका बदला लेने को कहा है.

वहीं स्टेट्समैन की एक ख़बर के मुताबिक़ भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का सबसे ज़्यादा नुक़सान चरमपंथी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ को उठाना पड़ा.

अख़बार कहता है कि भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक़ भारत की सर्जिकल स्ट्राइक की वजह से लश्कर के क़रीब 20 लड़ाके मारे गए.

लखनऊ में रविवार को हुई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की रैली की ख़बर को इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पहले पन्ने पर जगह दी है.

रैली में मायावती ने प्रदेश के मुसलमान वोटरों से अपील की कि वो अपना वोट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को देकर बेकार न करें.

इस रैली में मायावती के भाषण के बाद मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए.

इंडियन एक्सप्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान को भी जगह दी है जिसमें वो कह रहे हैं कि इस साल का दशहरा देश के लिए बेहद ख़ास है. समझा जा रहा है कि उड़ी हमले के बाद पैदा हुए भारत-पाकिस्तान तनाव और उसके बाद भारत की कथित सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही है.

हिंदुस्तान टाइम्स की पहली ख़बर ये है कि सरकार आठवीं तक छात्रों को फ़ेल ना करने की नीति ख़त्म करने पर विचार कर रही है.

शिक्षा के अधिकार क़ानून (आरटीई) के तहत फ़िलहाल पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फ़ेल नहीं किया जा सकता है.

अख़बार कहता है कि एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक़ इस नीति की वजह से बच्चों की पढ़ने में रुचि कम हो रही है. इस वजह से सरकार इस नीति को बदलना चाहती है.

‘हिंदुस्तान’ की ही एक ख़बर के मुताबिक़ देशवासियों को इस साल कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहना चाहिए. इस बार सर्दियों में तापमान पिछले साल की तुलना में और कम रहेगा.

‘नई दुनिया’ में सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले को पहले पन्ने पर जगह दी है जिसमें घरेलू हिंसा क़ानून का दायरा बढ़ा दिया गया है.

अब इस क़ानून की धारा से वयस्क शब्द हटाने को कहा है यानी शादीशुदा महिला को सताने के मामलों में पति और उसके मां-बाप के अलावा घर के नाबालिगों पर भी मुकदमा चल सकता है.

 

 

Source: BBC HINDI

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जम्मू-कश्मीर रवाना हुए राजनाथ, लद्दाख में करेंगे सरहदी इलाकों में सुरक्षा की समीक्षा

rajnath-singh_147547347540_650x425_100316111626-1केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर लेह पहुंच गए हैं. वो यहां लद्दाख के सरहदी इलाके में सुरक्षा की समीक्षा करेंगे. लेह पहुंचने के बाद राजनाथ ने कहा कि भारतीय सेना और सुरक्षाबल आतंकवादियों और आतंकी हमलों का सामना करने में सक्षम हैं.

एक रात पहले हुआ आतंकी हमला
राजनाथ मंगलवार को कारगिल का रुख करेंगे. गृह मंत्री के दौरे से एक रात पहले ही बारामूला में आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स कैंप पर हमला किया. रविवार की रात कुछ आतंकियों ने सेना के कैंप पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था. सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया था जबकि बाकी भाग खड़े हुए.

NSA डोभाल से की बात
जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले राजनाथ ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सुरक्षा के हालातों के बारे में जानकारी ली है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बार पहला दौरा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की तरफ से आतंकी कैंपों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बार राजनाथ पहली बार जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के संग कश्मीर का दौरा किया था.

 

 

Source: Aaj Tak

 

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कराची पोर्ट से 2 संदिग्ध बोट भारत की तरफ रवाना, कोस्ट गार्ड और नेवी अलर्ट, 26/11 जैसे हमले की आशंका

boat_147547919123_650x425_100316125503पीओके में भारतीय सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान से लगने वाली सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम न सिर्फ पुख्ता किए गए हैं बल्कि पड़ोसी देश की तरफ से हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है. मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) ने अलर्ट जारी किया है कि पाकिस्तान के कराची से रवाना हुई दो संदिग्ध बोट गुजरात या महाराष्ट्र की तरफ बढ़ रही हैं.

एक बोट में आई तकनीकी खराबी
इतना ही नहीं, इंटेलिजेंस ने इन नावों की लंबाई और चौड़ाई तक बता दी है. सूचना के मुताबिक इनमें से एक बोट तकनीकी खराबी की वजह से फिलहाल पाकिस्तानी सीमा में ही है जबकि दूसरी इसके आसपास है.

26/11 की तर्ज पर हमले की आशंका
खुफिया एजेंसियों ने मुंबई में हुए 26/11 हमले की तर्ज पर दूसरे आतंकी हमले की आशंका जताई है. आपको बता दें कि 2008 में भी पाकिस्तान से नाव के जरिए मुंबई पहुंचे कुछ आतंकियों ने ताज महल पैलेस होटल समेत कई जगहों पर एक साथ कत्लेआम मचाया था, जिसमें करीब 160 लोगों की जान चली गई थी.

एक दिन पहले भी पकड़ी गई थी PAK बोट
रविवार को भी गुजरात में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जलसीमा के पास कोस्ट गार्ड ने एक पाकिस्तानी बोट को हिरासत में लिया था. बोट भारतीय जल सीमा में पाई गई थी और इसमें 9 लोग सवार थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है. नाव में पकड़े गए सभी लोग खुद को मछुआरा बता रहे थे लेकिन भारतीय कोस्टगार्ड किसी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहते थे. इन सभी को पोरबंदर लाया गया है.

सर्जिकल ऑपरेशन के बाद समुद्री सीमाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

 

Source: Aaj Tak

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