Viral Video: Indian Railways Goods Train Runs 80km Without Driver, Oversight on Hand Brake

A startling incident unfolded as a goods train, unmanned and laden with 53 wagons, traversed 80km from Jammu’s Kathua to Punjab’s Hoshiarpur, echoing scenes reminiscent of the Hollywood thriller “Unstoppable.”

In a scenario akin to the movie’s plot, the train, accelerating to 90kmph, embarked on its journey without a driver, attributed to an alleged halt for a tea break by the drivers, inadvertently leaving the engine running. Unlike the protagonists in the film who raced against time to prevent disaster, the train’s momentum was eventually subdued by a steep gradient in Punjab, averting catastrophe.

Following the incident, six railway officials, including the drivers, were suspended. However, videos capturing the train’s eerie odyssey over an hour-and-a-half had already gone viral, with some accounts suggesting the absence of the guard’s cabin.

According to railway sources, the train’s downward journey was propelled by a diesel locomotive, necessitating intervention to activate emergency brakes when it decelerated at Unchi Bassi in Punjab.

Ferozepur divisional railway manager Sanjay Sahu commended the swift response of railway authorities, who alerted all stations along the route, halted down trains, and secured crossings to facilitate the train’s passage. Tragedy was averted, and an inquiry was ordered, resulting in the suspension of the officials involved.

This incident underscores the importance of adhering to safety measures such as the placement of wooden wedges under train wheels during stops to prevent unintended movement. Instances from the past, including derailments due to the absence of wedges, serve as stark reminders of the significance of stringent safety protocols in railway operations.

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सीमा पर एक रात बिताने को तैयार अक्षय कुमार

09_11_2016-8jkcd19जम्मू : खिलाड़ी नंबर वन अक्षय कुमार उर्फ अक्की सीमा पर जवानों के साथ एक रात बिताने को तैयार हैं। भले ही सीमा पर यह रात गोलीबारी वाली ही क्यों न हो। अक्षय कुमार के पिता भी फौजी हैं। ऐसे में सैनिक के जीवन को अच्छी तरह जानने वाले अक्षय ने मंगलवार को कहा कि उन्हें सीमा पर एक रात बिताने में कोई परेशानी नहीं है, बस सीमा सुरक्षा बल को कोई आपत्ति न हो। अक्षय ने बताया कि वह राजस्थान के जैसलमेर में सीमा पर जवानों के साथ रात बिता चुके हैं। यहां भी उन्हें एक रात बिताने में कोई आपत्ति नहीं है।

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इस मिट्टी में ऐसा क्या, मां-बहनें भी हैं बहादुर

अक्षय कुमार ने वीर पैदा करने वाली जम्मू की भूमि को भी सलाम किया। बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय पलौड़ा में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने शहीद गुरनाम सिंह की मां जसवंत कौर से हुई बातचीत का हवाला हुए कहा कि जम्मू की मिट्टी में ऐसा क्या है कि यहां शहीदों की मां, बहनें भी बहादुर हैं। जब मैंने मलेशिया से शहीद की मां से टेलीफोन पर बात की तो मैं उनकी हिम्मत देख हैरान हुआ। मां का कहना था कि यह खुशी की बात है कि मेरा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है। उन्होंने मेरे साथ इतने विश्वास के साथ बात की कि मैं हैरान रह गया कि यहां रहने वाले लोग कितने देशभक्त व बहादुर हैं। गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह निवासी भलेसर आरएसपुरा हीरानगर में बोबिया चौकी पर पाक गोलाबारी में शहीद हो गया था।

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बड़ों के जुनून में बच्चे दिखे निराश

अक्षय कुमार को करीब से देखने के लिए बेताब बीएसएफ स्कूल के बच्चे बड़ों के जुनून के कारण असहाय नजर आए। सुबह सवा दस बजे बीएसएफ स्कूल पहुंचने पर अव्यवस्था का ऐसा माहौल बना कि भीड़ अक्षय कुमार व बच्चों के बीच बाधा बन गई। अक्षय कुमार ने भी लोगों को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन भीड़ ने उन्हें घेरे रखा जिससे वे बच्चों के करीब न जा सकें। अक्षय ने सोचा था कि वह मैदान के चारों तरफ खड़े बच्चों के आगे से दौड़ते उनसे चंद मिनटों में मिल लेंगे। यह ख्वाहिश जाहिर करने के बाद अक्षय ने शुरुआत भी की लेकिन चंद कदम चलने के बाद भी मीडिया, सीमा प्रहरियों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। छात्राओं ने सुनो गौर से दुनिया वालो गीत पर इस उम्मीद के साथ डांस किया कि अक्षय उनके साथ नाचेंगे लेकिन अक्षय उन्हें देख तक नहीं पाए। ऐसे में बच्चे बहुत निराश हुए। बीएसएफ के मुख्य स्टेडियम तक पहुंची छात्राओं नितिका व हिमानी ने जागरण को बताया कि वह बहुत निराशा हुई। सुबह आठ बजे से मैदान में खड़े होने के बाद भी वे अक्षय कुमार को देख तक नहीं पाई।

दिल की बात नहीं जान सके अक्षय

सीमा प्रहरियों के साथ दो यादगार घंटे बिताने के लिए शूटिंग छोड़ कर आए अक्षय के कार्यक्रम को भीड़ ने बदल दिया। अक्षय स्कूली बच्चों के सामने दौड़ने चाहते थे तो वही स्टेडियम में रस्साकशी की तैयारी थी। जवान हाथों में मोबाइल लेकर उनके लिए निर्धारित स्थान छोड़कर अक्षय को देखने पहुंच गए। ऐसे हालात में अक्षय जवानों के दिल की बात नहीं जान सके। भीड़ ने उन्हें यहां भी घेरे रखा। जवानों को अक्षय कुमार को वहां से निकालने में भी मुश्किल कई।

सीमा प्रहरियों के जोश के कायल हुए

सीमा पर पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब देने वाले सीमा प्रहरियों के जोश के कायल हुए अक्षय को यह अंदाजा हो गया कि दुश्मन चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता है। आम तौर पर तनाव में रखने वाले सीमा प्रहरियों के चेहरे पर रौनक थी। करीब पखवाड़े में तीन शहीदों को अंतिम सलामी देने के कार्यक्रम में बिगुल बजाने वाले बीएसएफ के बिगुलरों के चेहरों पर मुस्कुराहट थी। हर तरफ से भारत माता की जय के नारों की आवाज आ रही थी। ऐसे माहौल में कई जवानों का अधिकारियों की बातों को अनसुना कर अक्षय तक पहुंच जाना स्भाविकथा। अक्षय भी उनके जोश के कायल हुए बिना नही रह सके। महिला बटालियन की जवानों ने जागरण को बताया कि उन्हें बहुत खुशी है कि अक्षय कुमार उनका मनोबल बढ़ाने के लिए विशेषतौर पर जम्मू आए हैं।

 

Source: जागरण

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घाटी में अब तक 32 स्कूल जले, बच्चे ने कहा – स्कूल मसजिद के समान

2016_11largeimg05_nov_2016_125133457श्रीनगर: कश्मीर घाटी में चल रही अशांति के दौरान जलाये गये स्कूलों की संख्या बढकर 32 हो गयी है. इस बीच घाटी में स्कूल जाने वाले छात्रों ने  प्रदर्शन के दौरान स्कूलों को निशाना बनाने वाली घटना पर रोष जताया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत के दौरान एक छात्र ने कहा कि हमें स्कूलों में ज्यादा सुरक्षा की जरूरत है. हमारे लिए स्कूल किसी मसजिद से कम नहीं है.

घाटी में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद भड़की हिंसा के बाद स्कूलों को क्षतिग्रस्त करने की घटना बदस्तूर जारी है. पुलिस के एक अधिकारी ने आज बताया कि कल रात बांदीपोरा जिले के सैदनगर के  एक गवर्नमेंट हाई स्कूल की पुरानी इमारत (जिसमें प्राथमिक स्कूल है) में आग लग गई. उन्होंने कहा कि दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे लेकिन इमारत को नष्ट होने से नहीं बचाया जा सका.

पुलिस ने बताया कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गयी है. बीती आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा एक मुठभेड में मार गिराने के बाद से कश्मीर में हुई अशांति में 32 स्कूलों को निशाना बनाया गया है. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते घटना का स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार को स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था|

 

 

Source: प्रभात खबर

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पाकिस्तान के क्वेटा में आतंकी हमला, 3 आतंकी ढेर, 60 लोगों की मौत

quettaकराची
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में 60 पुलिस ट्रेनी और अफसरों की मौत हो गई। 116 लोग घायल भी हो गए। हालांकि, पाकिस्तानी सेना और फ्रंटियर कॉन्सटैबुलरी ट्रूप्स ने करीब 250 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। जब आतंकियों ने हमला बोला, उस वक्त परिसर में 500 से ज्यादा कैडेट्स मौजूद थे। यह ट्रेनिंग कॉलेज क्वेटा के सबसे संवेदनशील इलाके में गिने जाने वाले सरयाब रोड पर स्थित है। इस पर 2006 और 2008 में भी हमला हो चुका है।

पाक तालिबान का हाथ!

पाक सेना और सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को मार गिराया। बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर सरफराज बुगती ने मंगलवार सुबह इस बात की पुष्टि की कि आतंकियों के खिलाफ मिशन पूरा हो चुका है। बलूचिस्तान में फ्रंटियर कोर के IG शेर अफगान ने बताया कि आतंकी अफगानिस्तान में अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे। IG के मुताबिक, सभी आतंकी लश्कर-ए-जांघवी से जुड़े हैं। यह संगठन पाकिस्तानी तालिबान से जुड़ा हुआ है। हालांकि, पाकिस्तान तालिबान ने फिलहाल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

ऐसे हुआ हमला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सभी आतंकियों ने सूइसाइड जैकेट्स पहन रखे थे। सेंटर के हॉस्टल पर आतंकियों ने सोमवार रात 10 बजे हमला बोला। बताया जा रहा है कि आतंकियों के पास एके 47 और ग्रेनेड थे।आतंकियों ने पहले वॉच टावर के संतरी को निशाना बनाया। संतरी की हत्या के बाद वे फायरिंग करते हुए अकादमी के ग्राउंड में घुस गए। दो आतंकियों ने खुद को धमाके से उड़ा लिया, जबकि तीसरे को सुरक्षाबलों ने धमाका करने से पहले गोली मार दी। आतंकियों और सुरक्षाबलों बीच पूरी रात रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। आतंकियों के परिसर में एंट्री के बाद कम से कम 5 धमाकों की आवाज सुनी गई। पहले खबर आई थी कि आतंकियों ने कुछ लोगों को बंधक भी बना लिया था।

अशांत हो चुका है बलूचिस्तान
इससे पहले, अगस्त महीने में क्वेटा के अस्पताल में हुए आत्मघाती धमाके में 73 लोगों की मौत हो गई थी। इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। मारे जाने वाले लोगों ने शहर के बहुत सारे वकील भी शामिल थे। ये लोग अपने एक सहकर्मी की गोली मारकर की गई हत्या के प्रति विरोध जताने के लिए इकट्ठे हुए थे। ताजा हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब एक दिन पहले ही बलूच लिब्रेशन आर्मी के लोगों ने कथित तौर पर सुदूर दक्षिण पश्चिमी इलाके में दो कोस्ट गार्ड और एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी।

भारत पर आरोप मढ़ चुका है पाक
बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान और चीन के सहयोग से विकसित हो रहे सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर) में आता है। पाकिस्तान यह आरोप लगाता रहा है कि भारत इस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट के खिलाफ साजिश के तहत आतंकी घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।

 

Source: नवभारत टाइम्स

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विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक

army-surgical-strikes-loc_650x400_71475656584नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.

करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए|

  1. विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति को जानकारी दी
  2. उन्होंने कहा, यह पहला मौका जब सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक किया
  3. जयशंकर की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है

नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.


करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए.


हमले में आतंकवादियों के हताहत होने के बारे में सवाल किए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि सेना नियंत्रण रेखा के पार हमले करने गयी थी न कि सबूत एकत्र करने. बैठक के दौरान बीजेपी और वाम दल के एक सदस्य के बीच शब्दों का आदान प्रदान हुआ जब हमलों के बाद सांसदों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. कुछ सदस्यों ने कहा कि बैठक का विषय निजी सुरक्षा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है.

विशेष सचिव आंतरिक सचिव एम के सिंघला ने अति महत्वपूर्ण लोगों को दी जा रही सुरक्षा के बारे में समिति को सूचित किया. बैठक में रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के के शर्मा भी शामिल हुए. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी समिति के सदस्य हैं. एक सदस्य ने कहा कि वह बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा.

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जम्मू-कश्मीर रवाना हुए राजनाथ, लद्दाख में करेंगे सरहदी इलाकों में सुरक्षा की समीक्षा

rajnath-singh_147547347540_650x425_100316111626-1केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर लेह पहुंच गए हैं. वो यहां लद्दाख के सरहदी इलाके में सुरक्षा की समीक्षा करेंगे. लेह पहुंचने के बाद राजनाथ ने कहा कि भारतीय सेना और सुरक्षाबल आतंकवादियों और आतंकी हमलों का सामना करने में सक्षम हैं.

एक रात पहले हुआ आतंकी हमला
राजनाथ मंगलवार को कारगिल का रुख करेंगे. गृह मंत्री के दौरे से एक रात पहले ही बारामूला में आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स कैंप पर हमला किया. रविवार की रात कुछ आतंकियों ने सेना के कैंप पर गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था. सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया था जबकि बाकी भाग खड़े हुए.

NSA डोभाल से की बात
जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले राजनाथ ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सुरक्षा के हालातों के बारे में जानकारी ली है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बार पहला दौरा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की तरफ से आतंकी कैंपों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बार राजनाथ पहली बार जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के संग कश्मीर का दौरा किया था.

 

 

Source: Aaj Tak

 

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कराची पोर्ट से 2 संदिग्ध बोट भारत की तरफ रवाना, कोस्ट गार्ड और नेवी अलर्ट, 26/11 जैसे हमले की आशंका

boat_147547919123_650x425_100316125503पीओके में भारतीय सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान से लगने वाली सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम न सिर्फ पुख्ता किए गए हैं बल्कि पड़ोसी देश की तरफ से हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है. मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) ने अलर्ट जारी किया है कि पाकिस्तान के कराची से रवाना हुई दो संदिग्ध बोट गुजरात या महाराष्ट्र की तरफ बढ़ रही हैं.

एक बोट में आई तकनीकी खराबी
इतना ही नहीं, इंटेलिजेंस ने इन नावों की लंबाई और चौड़ाई तक बता दी है. सूचना के मुताबिक इनमें से एक बोट तकनीकी खराबी की वजह से फिलहाल पाकिस्तानी सीमा में ही है जबकि दूसरी इसके आसपास है.

26/11 की तर्ज पर हमले की आशंका
खुफिया एजेंसियों ने मुंबई में हुए 26/11 हमले की तर्ज पर दूसरे आतंकी हमले की आशंका जताई है. आपको बता दें कि 2008 में भी पाकिस्तान से नाव के जरिए मुंबई पहुंचे कुछ आतंकियों ने ताज महल पैलेस होटल समेत कई जगहों पर एक साथ कत्लेआम मचाया था, जिसमें करीब 160 लोगों की जान चली गई थी.

एक दिन पहले भी पकड़ी गई थी PAK बोट
रविवार को भी गुजरात में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जलसीमा के पास कोस्ट गार्ड ने एक पाकिस्तानी बोट को हिरासत में लिया था. बोट भारतीय जल सीमा में पाई गई थी और इसमें 9 लोग सवार थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है. नाव में पकड़े गए सभी लोग खुद को मछुआरा बता रहे थे लेकिन भारतीय कोस्टगार्ड किसी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहते थे. इन सभी को पोरबंदर लाया गया है.

सर्जिकल ऑपरेशन के बाद समुद्री सीमाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

 

Source: Aaj Tak

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शिवसेना और राज ठाकरे का सलमान पर वार, कहा- पाकिस्तान चले जाएं

raj-thackeray_650_082616054447_100116114405-1पाकिस्तानी कलाकारों :- के समर्थन में बोलने के बाद सलमान खान एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. एक तरफ राज ठाकरे ने कहा है कि सलमान खान पाकिस्तान में वर्क परमिट लेकर दिखाएं, तो दूसरी ओर शिवसेना नेता संजय राउत ने सलीम खान को सलाह दी है कि वे अपने बेटे को घर में बंद कर के रखें.

राज ठाकरे ने कहा कि सलमान को भारत सरकार ने काम करने का अधिकार दिया है. अगर उन्हें पाकिस्तानी कलाकारों की ही तारीफ करनी है तो वे पाकिस्तान जाकर वर्क परमिट लेकर दिखाएं. उधर संजय राउत ने कहा है कि सलमान बेवजह विवादों को बढ़ा रहे हैं. सलीम खान को चाहिए कि वे सलमान को घर में बंद कर दें ताकि वे ज्यादा बोले नहीं.

सलमान खान ने पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन करते हुए कहा था कि वे कोई आतंकवादी नहीं है, बल्कि वीजा लेकर भारत में आते हैं.सलमान पर भड़के राज ठाकरे ने कहा कि ‘हमारे देश में कलाकारों की कमी है क्या? मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि हमारी फिल्मों में काम करने के लिए पाकिस्तानी कलाकारों की जरूरत क्यों पड़ती है?

एक अंग्रेजी टीवी चैनल से बातचीत में राज ठाकरे ने कहा- ‘कलाकार कोई आकाश से नहीं टपकते. मैं भी एक कलाकार हूं.’ एमएनएस लगातार पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध करता रहा है. इसी हफ्ते एमएनएस ने सभीपाकिस्तानी कलाकारों को 48 घंटे में भारत छोड़ने की धमकी दी थी. एमएनएस ने करन जौहर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए ‘ऐ दिल है मुश्किल’ फिल्म से पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को बाहर करने की मांग की थी.

क्या सैनिक हमारे नौकर हैं- ठाकरे
हालांकि, राज ठाकरे ने दावा कि जिन कलाकारों को 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया था, उन्हें पहले उरी अटैक की निंदा करने को कहा गया था. राज ठाकरे ने कहा कि उरी अटैक की निंदा नहीं करने पर ही उन्हें भारत छोड़ने की धमकी दी गई. राज ठाकरे ने कहा कि क्या होगा अगर कल सैनिक बंदूक रखकर कहें कि वे भी गुलाम अली को सुनना चाहते हैं? क्या सैनिक हमारे नौकर हैं?

ठाकरे ने कहा- ‘मैंने कई बार कहा है कि पाकिस्तानी अच्छे लोग होते हैं. लेकिन इससे क्या बदलता है? एक अरब लोगों के देश में क्या टैलेंट की कमी है कि हम किसी दूसरे देश से टैलेंट उधार लें.’

शिवसेना भी भड़की
सलमान के बयान के बाद शिवसेना भी भड़क गई है. शिवसेना की मनीषा कयांडे ने कहा कि ‘सलमान को सबक सिखाना चाहिए. अगर उन्हें पाकिस्तानी कलाकारों से ज्यादा प्यार है तो वे खुद पाकिस्तान चले जाएं.

 

 

Source: Aaj Tak

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भूकंप के झटके से हिली भारत और पाकिस्तान की सीमा, घरों से निकले लोग

पाकिस्तान में 5.2 तीव्रता के साथ आए इस भूकंप के झटके गिलगित समेत कई जगहों पर महसूस किए गए।

01_10_2016-31earthquakeइस्लामाबाद, प्रेट्र। जम्मू-कश्मीर में भारत और पाकिस्तान की सीमा के पास भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 5.2 रिएक्टर स्केल मांपी गई है। पाकिस्तानी मीडिया की ख़बरों के मुताबिक, भूकंप के ये झटके पाकिस्तान के गिलगित और चिलास समेत कई जगहों पर महसूस किए गए।

भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोग अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल गए। हालांकि, अभी तक इसमें किसी तरह के कोई हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

 

इससे पहले सितंबर महीने में पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में 4.5 तीव्रता के भूकंप आने के बाद खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के एक स्कूल में भगदड़ मच गयी थी। जिसमें कम से कम 57 छात्र घायल हो गए थे। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया था कि भूकंप के केंद्र की गहरायी 37.2 किलोमीटर थी और उसका झटका स्वात, बाटाग्राम, शांगला, एबटाबाद, मनशेरा और मुजफ्फराबाद में महसूस किया गया था। हालांकि, उसमें भी कहीं से जान-माल के नुकसान नहीं हुआ था।

 

 

Source: Jagran

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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खौफ में आतंकी, PoK में 24 ट्रेनिंग कैंपों को ISI ने खाली कराया

army_147529703688_650x425_100116101550इंडियन आर्मी द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पीओके में आतंकी खौफ में हैं. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी ट्रेनिंग कैंपों से आतंकी भागने लगे हैं. पीओके में 24 आतंकी कैंपों को खाली करा लिया गया है. बुघवार-गुरुवार की रात भारतीय सेना के कमांडोज ने पीओके में घुसकर सर्जिकल ऑपरेशन किया था और 50 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था. उनके बचाव में आए पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

इंडियन एक्शन का दिखने लगा असर
अब इस कार्रवाई का असर दिखने लगा है. 300 से ज्यादा आतंकी पीओके के ट्रेनिंग कैंपों से भाग खड़े हुए हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक से पहले पीओके में ट्रेनिंग कैंपों में 500 से ज्यादा आतंकी थे. अब सिर्फ 200 के करीब हैं. ये आतंकी लॉन्चिंग पैड के तबाह किए जाने का असर है. आतंकवादी भारतीय सेना के खौफ में हैं. ISI ने पहले ही 16 से 17 आतंकी ट्रेनिंग कैंपों को सैनिक ठिकानों में शिफ्ट शिफ्ट कर दिया था. लेकिन बाकी बचे 24 ट्रेनिंग कैंप को आतंकियों ने खाली कर लिया है.

खाली कराए जा रहे आतंकी ट्रेनिंग कैंप
खाली किये गए आतंकी कैंपों में मुज़फ़्फ़राबाद के नज़दीक का लश्कर का मानशेरा का वो कैंप भी है जिसमें 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग मिली थी. ख़ुफ़िया एजेंसियों की जानकारी के मुताबिक आतंकियों में यह खौफ है कि अगला सर्जिकल स्ट्राइक कहीं उनके कैंप पर ना हो जाए और वह बेवजह मारे जाएं इसलिए ट्रेनिंग कैंप को खाली कर दिया है.

ISI खाली करा रही है ट्रेनिंग कैंप
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में ट्रेनिंग कैंपों को खाली कर आतंकी या तो अपने घरों में लौट गए हैं या फिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें पीओके में ही सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जैश, लश्कर और हिजबुल के 200 से ज्यादा आतंकी ट्रेनिंग के बाद घुसपैठ के लिए तैयार बैठे थे.

आतंकी लॉन्चिंग पैड किए गए थे तबाह
दरअसल जिस तरीके से सर्जिकल हमले में सात लॉन्चिंग पैड तबाह हुए हैं. आतंकियों में और उन्हें पनाह देने वाले पाकिस्तानी सुरक्षाबलों में खौफ का माहौल है. ऐसे में जिन आतंकियों को सैन्य ठिकानों में शिफ्ट किया गया है उन्हें भी पाकिस्तान की सेना रोक रही है.

 

 

Source: Aaj Tak

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खौफ में आतंकी, PoK में 24 ट्रेनिंग कैंपों को ISI ने खाली कराया Read More