Teachers Day: न नौकरी न कोई रोजगार फिर भी मुफ्त में बांट रहे ज्ञान

Teachers Day Manish Picsशिक्षक दिवस Teachers Day के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में पढ़कर आप खुद कह उठेंगे, वाह- वाह। ऐसे दौर में जहां इंसान बिना पैसा लिए कुछ नही करता, वहीं पिथौरागढ़ में एक युवा शिक्षक ऐसा भी है, जो छात्र-छात्राओं को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के क्लास रूम में मनीष डिमरी पिछले दो सालों से छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. उन्हें देखकर कोई भी यह समझेगा कि वे कोई सरकारी टीचर हैं. लेकिन ऐसा नहीं है|

मनीष खुद पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, लेकिन इन्हें ज्ञान को लोगों में बांटने का जुनून है. इस जूनुन को पूरा करने के लिए मनीष पिछले दो सालों से महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखा रहे हैं|

इस युवा शिक्षक का कहना है कि पढ़ाना उनका शौक है. वे भी चाहते है कि सरकार उनकी सेवाओं का लाभ ले, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. जिसके बाद उन्होनें मुफ्त में ही पढ़ाने का फैसला लिया है|

  • मनीष छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही कम्प्यूटर और सूचना तकनीक की भी जानकारी दते हैं.
  • दो सालों से मनीष सुबह महाविद्यालय को निकलते हैं 
  • सैकड़ों छात्रों को 4 घंटे तक मुफ्त में पढ़ाकर घर लौटते हैं.
  • इनके पढ़ाये हुए कई छात्र आज विभिन्न सरकारी महकमों में नौकरी कर रहे हैं.
  • मनीष का महाविद्यालय के साथ न तो कोई समझौता है और न ही विद्यालय इन्हें कुछ देता है,
  • मनीष के जज्बे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने इन्हें पढ़ाने के लिए एक कमरा जरूर मुहैया कराया है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती का कहना है कि मनीष भले ही उनके विद्यालय के शिक्षक न हों, लेकिन वे छात्रों को इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं कि लगता है, उन्हें सरकार ने पढ़ाने के लिए नियुक्त किया हो. ज्ञान बांटने का मनीष का ये जुनून, उन सरकारी शिक्षकों के लिए चुनौती और सबक है, जो भारी-भरकम सैलरी लेकर भी कोई ठोस नतीजा नहीं दे पा रहे हैं|

Source : &d tv

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