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“यूट्यूब पे तेज़ी से वायरल हो रहा है ये विडियो”

thesundayheadlinesThis video is rapidly becoming viral on YouTube
अक्सर हम जानवरों की लड़ाई के बारे में सुनते रहते हैं, इनके बीच प्यार और सामंजस्य कम ही सुनने में आता हैं, खासकर तब जब दोनों ही जानवर अलग-अलग नस्ल की हो | जी हाँ हम बात कर रहे है ऐसे दो जानवरों की जिनके बीच प्यार और खेलकूद के बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा, हम बात कर रहे है नेवले और कुत्ते के बीच खेलकूद की |

दरअसल उत्तराखंड के एक छोटे क़स्बे शक्तिफार्म, के एक घर में अचानक दो  छोटे नेवले और उसकी माँ आती हैं, परिवार के सदस्यों के देखने की उत्साह में, नेवला एक बच्चे को लेकर भाग जाती है, दूसरा छोटा बच्चा नेवला उन्ही के घर में रह जाता है | घर के बच्चे बड़े ही खुश होते होते हैं उसके आने से, घर में एक कुत्ता भी है |
अब नन्हे नेवले को जब भी भूख लगती तो  वह सबके आस-पास जाकर, मानो कुछ मांगता है, बच्चे उसे  कटोरी में दूध लाकर देते   और वह बड़े उत्साह के साथ उसको   जल्दी 2 पी लेता हैं |

हर रोज़ शाम को नन्हा रिक्की टॉमी के साथ खेलता है और उसे बहुत परेशान करता है | लेकिन टॉमी उसको काटता नहीं है क्योंकि उसे पता है कि ये मेरा अच्छा दोस्त हैं |

ये विडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे बहुत पसंद कर रहे है |

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“BSVS पंतनगर में ड्रेस डिजाइनिंग प्रशिक्षण समाप्ति समारोह”

bcfgदिनांक 23/10/2016  को बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान / आर सेटी पंतनगर में शिक्षित बेरोजगार युवतियों हेतु चलाये जा रहे 21 दिवसीय ड्रेस डिजाइनिंग प्रशिक्षण का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित कर किया गया, संसथान के निदेशक श्री जे. सी. गाईन ने मुख्य अतिथि एवं सभी प्रशिक्षणार्थियों एवं आगंतुको का स्वागत करते हुए बताया की महिलाओ हेतु ड्रेस डिजाइनिंग के स्वरोजगार की बढती मांग, उपयोगिता व मॉडर्न फैशन के अंतर्गत वस्त्रो को डिजाईन करना एक ऐसी कला है जो ड्रेस और एक्सेसरीज की मदद से किसी की लाइफ स्टाइल को सामने लाती है, ड्रेस डिजाइनिंग के महत्व व उपयोगिता के बारे में बताया तथा बताया की पिछले पांच साल से ग्रामीण एवं सहरी युवक/ युवतियों को रोजगार परक योजनाओ की ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार की और अग्रसर कर रहा है |

निदेशक BSVS ने बताया की भारत सरकार  ग्रामीण विकास मंत्रालय व  बैंक ऑफ़ बड़ौदा के अधीन इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य युवक/ युवतियों द्वारा अपने क्षेत्र में स्वरोजगार उद्धम स्थापित कर  स्वम एवं अन्य युवक/ युवतियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है|

श्री सुरेश चन्द्र ने बताया की संसथान में प्रशिक्षण पुरे साल चलते रहते  है, किसी भी प्रशिक्षण के लिए कभी भी आवेदन किये जा सकते है संसथान में प्रशिक्षण पूरा साल चलते रहते है, किसी भी प्रशिक्षण में शिग्र ही ब्यूटी पार्लर, फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी, कंप्यूटर हार्डवेयर, रेफ्रिजरेशन एवं एयर कंडीशनिंग का प्रशिक्षण शुरू होने वाला है इच्छुक अभ्यर्थी शीघ्र ही आवेदन कर सकते है |

इस मौके पर श्री जे.सी. गाईन, निदेशक , श्री सुरेश चन्द्र, श्रीमती दीपिका मौर्य (मास्टर ट्रेनर), कु. रंजीत कौर, श्री महेंद्र सिंह, अंजलि राना, कविता वाक्ची, पूनम पंगती, मौसमी, श्री देवी, रोशनी राना, ल्ख्मेंद्री राना, प्रीति, रेखा, मधुमती, माला, शबनम, बबिता, आशा, प्रियंका, नीतू, संगीता, साधना, प्रतिभा, ज्योति, जानकी राना आदि सदस्य उपस्थित थे|

 

 

जे.सी. गाईन
निदेशक
बड़ौदा आर सेटी
भारत सरकार  ग्रामीण विकास मंत्रालय

 

 

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हल्द्वानी में हुई चोरी का पुलिस ने किया खुलासा

arrestedउत्तराखंड के हल्द्वानी में पिछले दिनों एक शो रूम और एक व्यापारी के घर में हुई लाखों रुपए की चोरियों का खुलासा रविरार को नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कर दिया है. साथ ही पुलिस ने पकड़े हुए चोरों के पास से 80 फीसदी चोरी का सामान और नगदी भी बरामद कर ली है.

पकड़े गए चोर काठगोदाम ढुमवाढूंगा के ही रहने वाले है और शहर में लम्बे समय से चोरी कर रहे थे. पकड़े इन चारों चोरों को अलग-अलग धाराओं में जेल भेज दिया गया है.

वहीं, 24 घंटे के अंदर पुलिस की ओर से चोरी का खुलास करने पर एक पीड़ित व्यापारी ने पुलिस को 50 हजार रुपए का चेक बतौर ईनाम दिया है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक ही शोरूम में चोरों ने दूसरी बार धावा बोलकर कीमती सामान उड़ा दिया. इस घटना के क्षेत्र के व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ रोष बना हुआ था.

चोरों ने नैनीताल रोड पर महिला अस्पताल के पास लुधियाना हौजरी शो रूम मे फिर सेंध लगा दी. छत के रास्ते भीतर घुसे चोर शोरूम से लाखों रुपए की जैकिट और स्वेटर ले उड़े.

 

 

Source: Pradash 18

 

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चीन सीमा पर भारतीय गांव हुए वीरान, सुरक्षा एजेंसियों ने जताई चिंता

29_09_2016-28hld1हल्द्वानी: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगी भारत-चीन सीमा के गांव उजाड़ हो गए है, जबकि ड्रैगन (चीन) अपने सीमावर्ती गांवों को तेजी से आबाद करने में जुटा है। तिब्बत के दो सीमावर्ती गांव दारचिल व कुफू पिछले पांच वर्ष में कस्बे बन गए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सामरिक दृष्टि से इसे बड़ी चिंता माना है और इस संबंध में केंद्र सरकार को सीमांत गांवों को फिर से आबाद करने की सलाह दी है। सीमावर्ती गांवों में नागरिकों को बिना हथियार का सैनिक माना जाता है। उनकी मौजूदगी से सीमा पर कोई भी गतिविधि किसी से छिपी नहीं रह सकती है, लेकिन अब भारतीय गांवों में सन्नाटा पसरा है। लोग पुस्तैनी गांव से पलायन कर चुके हैं। इसके ठीक उलट चीन का फोकस भारतीय सीमा से लगे गांवों में आधारभूत सुविधा बढ़ाने के साथ ही आबादी बसाने पर केंद्रित है। सैनिक छावनी भी सीमा के कस्बों में आबाद हो गई है। भारत की सीमा के सबसे करीब चीन अधिकृत तिब्बत का तकलाकोट बाजार है। यह बड़ी व्यावसायिक मंडी बन चुका है। चीन ने यहां तक फोरलेन सड़क बनाने के साथ ही सैनिक छावनी व एयरबेस तक बना दिए हैं। इसके विपरीत भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस चिंता से भारत सरकार को अवगत कराया है। गांव छोड़ पलायन कर गए लोगों को फिर से गांवों में बसाने के लिए कोई कारगर योजना लागू करने की पैरवी भी की है।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में 12,600 फीट की ऊंचाई पर भारत के अंतिम गांव कुटी, सीपू, तिदांग, गो, मरछा, गुंजी, नपल्च्यू, नाबी गांव भोटिया जनजाति बाहुल्य हैं। एक दशक पहले तक इन आठ गांवों में ही 15 से 20 हजार की आबादी थी।

मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित इस क्षेत्र में अब ढाई सौ की आबादी ही रह गई है। गांव के गांव उजाड़ हो चुके हैं। क्षेत्र में दुनिया के सबसे खूबसूरत ग्लेशियरों में से एक मिलन के गांव भी उजड़ चुके हैं। मिलन गांव में कभी पांच सौ परिवार रहते थे, लेकिन अब महज दो परिवार रह गए हैं। इसकी बड़ी वजह सड़क, शिक्षा, चिकित्सा की सुविधा नहीं होना रहा।

भारत सरकार ने एक दशक पहले चीन सीमा से लगे गांवों को आबाद करने करने के उद्देश्य से बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) शुरू किया था। शुरुआती दौर में इसमें उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल व अरुणांचल के सिर्फ नौ ब्लाकों के गांव शामिल किए गए। बाद में इस योजना में नेपाल बार्डर के गांव शामिल कर योजना का क्रियान्वयन ब्लाक मुख्यालयों से सुपुर्द कर दिया गया। योजना पर आशा के अनुरूप काम नहीं हुआ। स्थिति यह है कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 में सीमांत जिले पिथौरागढ़ को इस मद में 11.17 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे और महज 25 फीसद भी काम नहीं हो पाया।

पलायन गंभीर चिंता का विषय

आइटीबीपी के सेनानी महेंद्र प्रताप ने बताया कि सीमावर्ती गांवों से पलायन गंभीर चिंता का विषय है। आइटीबीपी इन गांवों में रहने वाले लोगों के लिए अपने स्तर से तथा बीएडीपी मद से कई कार्य कर रही है ताकि लोग गांव में ही रहें। सीमांत क्षेत्र तक बिजली और सड़क जरूरी है। इस समय सरकार क्षेत्र को ऊर्जीकृत कर रही है। सड़क का निर्माण हो रहा है। लोगों को अभी और प्रेरित करने की जरूरत है।

 

 

Source: Jagran

 

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आयकर अधिकारी बनकर घर में घुसे डकैत, परिवार को बनाया बंधक; लूटपाट की

27_09_2016-27kichanकिच्छा : पुरानी गल्ला मंडी निवासी एक राइस मिलर के घर हथियारों से लैस डकैतों ने आज सुबह करीब छह बजे धावा बोल दिया। डकैत घर में आयकर विभाग के अधिकारी बताकर घुसे। परिवार को बाथरूम में बंधक बनाया और एक घंटे तक घर को खंगाला। डकैतों ने करीब 50 लाख रुपये से अधिक की लूटपाट की। सुचना देने के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

पुरानी गल्ला मंडी में शक्ति राइस मिल मालिक मुकेश अग्रवाल का परिवार रहता है। मंगलवार की सुबह छह बजे घर की घंटी बजी। घर के किसी सदस्य ने जब दरवाजा खोला तो घर के बाहर एक दर्जन लोगों खड़े थे। उन्होंने खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताया और छापे की बात कही। घर में प्रवेश करते ही उन्होंने सभी के मोबाइल फोन कब्जे में ले लिए और परिवार के लोगों को बाथरूम में बंधक बना दिया। इसके बाद उन्होंने घर को खंगालन शुरू किया।

एक घंटे की लूटपाट के बाद डकैत घर से चले गए। घर के सदस्यों ने किसी तरह अपने को आजाद कर मामले की सुचना पड़ोसियों व पुलिस को दी। मिल मालिक के अनुसार चोरी का अभी आकलन किया जा रहा है। करीब 50 लाख रुपये से अधिक की डकैती का अनुमान है।

Source: Jagran
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मेरी चिट्ठी युवाओ के नाम

1459670_1074798882586874_686345994411916904_nप्रिय युवा साथियों ,
आपके नाम मैं अपना पहला पत्र लिख रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि यह सिलसिला काफी लम्बा चलेगा। अभी तक मेरी चिट्ठी नाम का यह पत्र मैं छोटे बच्चों (कक्षा 6 से 12 तक) के लिए लिखता रहा हूँ , मैं छोटे बच्चों के नाम मेरी चिट्ठी दिनांक 30/09/2013 से समय – समय पर लिख रहा हूँ  और आगे भी लिखता रहूँगा लेकिन अब मैं आप युवा साथियों के लिए भी लिखूँगा , ऐसे युवा साथियों के लिए जो काॅलेज और अन्य संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं और जो मेरी तरह नौकरियाँ कर रहे हैं । मैं छोटे बच्चों के लिए लिखता हूँ क्योंकि वे देश की , समाज की उम्मीद हैं , आने वाले समय के कर्णधार हैं । मैं आप युवाओं के लिए लिखना चाहता हूँ क्योंकि आप देश और समाज का वर्तमान हैं , आप इसे दिशा देने वाले हैं और आप ही देश और समाज के सबसे मजबूत कंधे हैं । आपके शिक्षण संस्थानों के नोटिस बोर्ड पर और सार्वजनिक स्थानों पर में इसे चस्पा करूँगा ताकि आप इसे पढ़ सके । मेरी इस चिट्ठी के विषय अलग – अलग होंगे और जैसा मैं सोचता हूँ वैसा ही लिखूँगा । मुझे उम्मीद हैं कि आप इसे जरूर ही पसन्द करेंगे । आज मैं आपको विचारों के बारे में वो बताना चाहता हूँ जो अब तक मैंने पढ़कर , दूसरों से बातकर और अपने अनुभव से जाना हैं । पहली बात ये कि दुनिया में जो भी कार्य होता हैं , चाहे अच्छा या बुरा , वो एक विचार की उपज हैं । दूसरी बात ये कि सभी संघर्ष और मेल – मिलाप दोनों विचारों के कारण हैं । तीसरी बात ये कि कभी भी किसी भी विचार को गोली नहीं मारी जा सकती या कहें कि विचारों की हत्या नहीं की जा सकती । अब आप भी मेरी बातों पर विचार किजीएगा ।
कथन
क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रों का एक क्रान्तिकारी कथन मैं यहाँ लिख रहा हूँ —
“ लोग अक्सर मानवीय अधिकारों की बात करते हैं , लेकिन ज़रूरी यह हैं कि मानवता के अधिकारों की भी बात की जाए । कुछ चुनिंदा लोगों को आरामदेह कारों की सुविधा प्रदान करने के लिए ज़्यादातर लोग नंगे पैर क्यों घूमें ? कुछ लोग केवल इसलिए 35 साल की उम्र में मौत के शिकार क्यों हो जाए ताकि कुछ दूसरे 70 साल की उम्र तक जिन्दा रह सकें ? कुछ लोगों को अमीर बनाने के लिए ज्यादातर लोग घोर गरीबी का जीवन क्यों बिताए ? मैं दुनिया के उन भूखे हजारों बच्चों के लिए बोलता हूँ , जिन्हें रोटी का एक टुकड़ा भी नसीब नहीं होता । मैं उन बीमार लोगों का हिमायती हूँ , जो औषधि के अभाव में बेमौत मर रहे हैं । और मैं उन लोगों की पैरवी करता हूँ , जो जीवन के अधिकार और मानवीय सम्मान से भी वंचित हैं । ”

आलेख : राम वशिष्ठ

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राजनगर,अरविंद नगर में आयोजित गणेश महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सौरभ बहुगुणा जी

14232363_1252577331473642_1653619336196200168_nशक्तिफ़ार्म नगर पंचायत,राजनगर,अरविंद नगर में आयोजित गणेश महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप मा०सौरभ बहुगुणा जी सम्मिलित हुए और फ़ीता काटकर गणेश महोत्सव का शुभारम्भ किया।बहुगुणा जी कहा इस तरह के महोत्सव में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में युवाओं,छोटे छोटे बच्चों की भागीदारी देखकर बहुत अच्छा लगता है,उन्हें मुख्यअतिथि बनाकर जो सम्मान दिया उसके लिए बहुगुणा परिवार क्षेत्रवासियों का बहुत बहुत आभारी रहेगा।और हर सुख दुःख में हमेशा बहुगुणा परिवार क्षेत्रवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़ा रहेगा|

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Teachers Day: न नौकरी न कोई रोजगार फिर भी मुफ्त में बांट रहे ज्ञान

Teachers Day Manish Picsशिक्षक दिवस Teachers Day के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में पढ़कर आप खुद कह उठेंगे, वाह- वाह। ऐसे दौर में जहां इंसान बिना पैसा लिए कुछ नही करता, वहीं पिथौरागढ़ में एक युवा शिक्षक ऐसा भी है, जो छात्र-छात्राओं को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के क्लास रूम में मनीष डिमरी पिछले दो सालों से छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. उन्हें देखकर कोई भी यह समझेगा कि वे कोई सरकारी टीचर हैं. लेकिन ऐसा नहीं है|

मनीष खुद पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, लेकिन इन्हें ज्ञान को लोगों में बांटने का जुनून है. इस जूनुन को पूरा करने के लिए मनीष पिछले दो सालों से महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखा रहे हैं|

इस युवा शिक्षक का कहना है कि पढ़ाना उनका शौक है. वे भी चाहते है कि सरकार उनकी सेवाओं का लाभ ले, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. जिसके बाद उन्होनें मुफ्त में ही पढ़ाने का फैसला लिया है|

  • मनीष छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही कम्प्यूटर और सूचना तकनीक की भी जानकारी दते हैं.
  • दो सालों से मनीष सुबह महाविद्यालय को निकलते हैं 
  • सैकड़ों छात्रों को 4 घंटे तक मुफ्त में पढ़ाकर घर लौटते हैं.
  • इनके पढ़ाये हुए कई छात्र आज विभिन्न सरकारी महकमों में नौकरी कर रहे हैं.
  • मनीष का महाविद्यालय के साथ न तो कोई समझौता है और न ही विद्यालय इन्हें कुछ देता है,
  • मनीष के जज्बे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने इन्हें पढ़ाने के लिए एक कमरा जरूर मुहैया कराया है|

पिथौरागढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीएस पांगती का कहना है कि मनीष भले ही उनके विद्यालय के शिक्षक न हों, लेकिन वे छात्रों को इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं कि लगता है, उन्हें सरकार ने पढ़ाने के लिए नियुक्त किया हो. ज्ञान बांटने का मनीष का ये जुनून, उन सरकारी शिक्षकों के लिए चुनौती और सबक है, जो भारी-भरकम सैलरी लेकर भी कोई ठोस नतीजा नहीं दे पा रहे हैं|

Source : &d tv

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सुधा फाउंडेशन द्वारा बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया 70वी स्वतंत्रता दिवस⁠⁠⁠⁠।।। जय हिन्द जय भारत।।।

15 augustआज़ाद भारत की  70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर सुधा फाउंडेशन के फाउंडर श्री विजय दुआ जी ने समस्त स्टाफ को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।।।
सुधा फाउंडेशन के पुरे स्टाफ ने स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही जोरो शोरो से राष्ट्रगान गाकर शुरुआत की तथा जैसे2 प्रोग्राम आगे बढ़ता गया सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स ने अपने विचार व्यक्त किये एवं अपनी अपनी कला को प्रदर्शित किया।।।
सुधा फाउंडेशन द्वारा इस प्रोग्राम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य लोगो में देश प्रेम एवं देश के प्रति सभी के दायित्वों का ज्ञान करना एवं इस हेतु उत्साह भरना रहा।।।
प्रोग्राम में शामिल सुधा फाउंडेशन, सितारगंज के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर श्री चन्दन मेहता एवं सीनियर एग्जीक्यूटिव श्री दिनेश सहगल जी ने सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स को देश के लिए सकारात्मक सोच एवं अपनी अपनी दायित्वों को समझने एवं निर्वाह हेतु प्रोत्साहित किया।।
खन्ना मूवीज के प्रोड्यूसर राजेश कुमार गुप्ता उर्फ़ खन्ना जी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।।।सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स बहुत ही प्रसन्न एवं गर्वित दिखाई दिए तथा सुधा फाउंडेशन के इस आयोजन को बहुत सराहा की स्कूल कॉलेज से निकलने के बाद भी इस प्रकार के शानदार कार्यक्रम का हिस्सा बन पाये।।।
जय हिन्द जय भारत।।

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गंगा नदी के आसपास विकास के लिए 400 करोड़ रुपए की परियोजनाएं मंजूर

Ganga Nadiराष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) ने करीब 400 करोड़ रूपए की लागत की कई परियोजनाओं को आज मंजूरी दी जिनमें नदी के आसपास के घाटों, शवदाहगृहों और रिवरफ्रंट का विकास भी शामिल है.

सरकार उत्तराखंड में रूद्रप्रयाग और गुप्तकाशी तक , उत्तर प्रदेश में कानपुर, बिजनौर, इलाहाबाद और बिथुर, बिहार में कहलगांव और और झारखंड में साहिबगंज से राजमहल तक घाटों एवं शवदाह गृहों का विकास करना चाहती है.
जल संसाधन मंत्रालय के बयान के अनुसार उत्तराखंड में सुमारी, तिलवारा, सिल्ली, अगस्तमुनि और त्रिवेणी में 26 करोड़ रूपए की लागत से घाट और शवदाहगृहों का विकास किया जाएगा.

इसी तरह इलाहाबाद और बिजनौर में काम होगा जिसके लिए 88.03 करोड़ और 12.19 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं. इसी तरह कई अन्य परियोजनाएं हैं.

Source :- Aaj Tak

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