गैस के दाम बढ़े तो उज्ज्वला योजना के 25% लाभार्थियों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया: एसबीआई रिसर्च
- बिना सब्सिडी का एलपीजी सिलेंडर 6 महीने में 284 रु. महंगा हुआ
- आर्थिक संकट की वजह से सिलेंडर की रिफिलिंग में मुश्किल हो रही
एलपीजी की बढ़ती कीमतें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को लकड़ी, कोयला जैसे अशुद्ध ईंधन के इस्तेमाल के लिए मजबूर कर रही हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25% ग्राहकों ने दोबारा कभी सिलेंडर नहीं भरवाया। यह खुलासा एसबीआई रिसर्च की हालिया रिपोर्ट इकोप्रैप में हुआ है।
इसके मुताबिक, दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अगस्त 2019 के 575 रुपए प्रति सिलेंडर से बढ़कर फरवरी 2020 में 859 रुपए हो गई है। यानी महज 6 महीने में 284 रुपए महंगी। रिसर्च के दौरान दिसंबर 2018 तक बांटे गए 5.92 करोड़ कनेक्शनों और 03 जून, 2019 तक रिफिल किए गए सिलेंडर के राज्य-वार डेटा का विश्लेषण किया गया।
बोझ झेलने की क्षमता अभी भी समस्या
पीएमयूवाई ने देशभर में एलपीजी सिलेंडर की उपलब्धता की समस्या को तो हल कर दिया है, लेकिन इसका बोझ झेलने की क्षमता अभी भी समस्या बनी हुई है। इस समस्या को सुलझाने के लिए एसबीआई रिसर्च ने कई उपाय भी सुझाए हैं, जिनमें चुनिंदा परिवारों को हर साल 4 मुफ्त सिलेंडर देने समेत ये सुझाव भी हैं-
- 4 करोड़ पात्र हैं, तो सालाना 12,800 करोड़ रु. का बोझ पड़ेगा।
- सब्सिडी वाले सिलेंडरों की सालाना संख्या 12 से घटाकर 9 कर सकते हैं। यह पर्याप्त है।
57% ने 3 या ज्यादा बार रिफिल करवाया
रिफिल | लाभार्थी |
कभी नहीं | 24.6% |
1-2 बार | 17.9% |
3 बार | 11.7% |
4 या अधिक | 45.8% |