जन सुनवाई क्या खाना पूर्ति के लिए रखी गयी है ?

image (1)आज दिनांक 5/5/16 को DERC द्वारा आयोजित Composite Terms & Conditions for Tariff & Accounting) Regulations पर जनसुनवाई के दौरान United Residents of Delhi -URD की ओर से सौरभ गांधी (महासचिव), बी बी तिवारी (सचिव), सन्जय गुप्ता (वित्तीय सलाहकार) एवम् ऐ० के० दत्ता जी ने ड्राफ़्ट पर यूआरडी के सुझाव व आपत्तियाँ दर्ज करायी ।
सबसे पहले सौरभ गांधी ने इस बात पर सवाल उठाया कि आज की जन सुनवाई कया खाना पूरती के लिए रखी गयी है, क्योंकि कमीशन की ओर से उसकी अपनी वेब साईट पर कल सुबह दिनांक 4/5/16 तक इस जनसुनवाई के बारे में कोई सूचना नही डाली गयी थी जिसका सीधा असर ये देखने को मिला कि दिल्ली की लाखों उपभोक्ताओं में से सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोग ही इस जनसुनवाई में आये है जिसको आप फ़ोटो मे भी सभागार की ख़ाली कुर्सियों को देख अन्दाज़ा लगा सकते है (नोट-: जिसको लेकर यूआरडी ये माँग भी करेगी की ये सुनवाई फिर से रखी जाए और सही तरीक़े से लोगों को इसकी जानकारी दी जाए) सौरभ गांधी ने ये माँग की समाज सेवी व ऐसे संस्थाओं के लिए अलग से टैरिफ़ की एक और कैटेगरी बनाई जाए जो संस्थान बिना किसी लाभ के समाज की सेवा के कार्य करते है जबकि APTEL के आदेश में ये साफ़ है कि इन संस्थाओं के लिए अलग से कैटेगरी बनाई जानी चाहिए, अभी तक ऐसी संस्थाओं से व्यवसायिक दरे वसुली जाती है । उन्होंने कहा कि IEA -2003 के सेक्शन 61 में कमीशन सिर्फ़ टैरिफ़ तय करने का व PPAC में सिर्फ़ फ़्यूल चार्ज तय कर सकता है जबकि कमीशन लेखांकन (accounting) को भी विनियमन (regulation) में लाने के प्रयास कर रहा है जो बिलकुल ग़लत है व इसके गम्भीर परिणाम आने वाले टैरिफ़ पर पढ़ेंगे, सौरभ गांधी ने जल्द अपने वक्तव्य को रोकते हुए कहा कि वो अपने व अपने कुछ साथियों को बोलने के समय को यूआरडी के वित्तीय सलाहकार – सीए० संजय गुप्ता जी को देने का अनुरोध करेंगे ताकि यूआरडी की टीम द्वारा तैयार पावर पवाईट परजेनटेशन को वो कमीशन के सामने रख सके ।
Power point presentation को हम इस मेल के साथ भेज रहे है अगर आप इससे जुड़े किसी सवाल का जवाब चाहते है तो सौरभ गांधी से 7503141516 पर या सन्जय गुप्ता 9311025900 पर सम्पर्क कर सकते है । 
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