आईएस के निशाने पर पीएम मोदी, 15 अगस्त को बुलेट प्रूफ केबिन से दे सकते हैं भाषण

this-15th-august-threat-to-pms-life-higher_1469773201इस स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को सबसे ज्यादा खतरा है, ऐसा सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर पर होने वाले पीएम के भाषण के लिए एहतियातन बुलेट प्रूफ केबिन बनाने की सलाह दी है। प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से कहा गया है कि इसबार पहले के मुकाबले पीएम की जान का खतरा ज्यादा है, इसलिए इसबार हर हाल में बुलेट प्रूफ केबिन पर गंभीरता से विचिर करना चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस बार पीएम की जान के खतरे के पीछे वजह कश्मीर के हालात या सीमा पर तनाव नहीं, बल्कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों की वजह से भी है। जैसा का आतंकी संगठन ‘लोन वुल्फ’ (अकेल शख्स द्वारा हमला) हमले की नीति पर चल रहा है, वह पीएम को भी इसका निशाना बना सकता है। सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी चेताया कि आतंकी ड्रोन हमले की भी कोशिश कर सकते हैं, इसलिए पीएम को भाषण बुलेट प्रूफ केबिन से ही देना चाहिए।

बता दें कि बीते साल स्वतंत्रतता दिवस के मौके पर भी पीएम को बुलेट प्रूफ केबिन से भाषण देना था, लेकिन एन मौके पर पीएम मोदी ने उसे हटवा दिया और खुली हवा में रहकर देश की जनता को संबोधित किया।

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इस बार हालात कुछ और हैं, इसलिए इस बुलेट प्रूफ केबिन की अनदेखी नहीं की जा सकती, पीएम को इसका पालन करना ही चाहिए।
सूत्रों की मानें तो बुलेट प्रूफ केबिन से पीएम का भाषण देना इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से परंपरा के तौर पर रहा है, लेकिन 2014 में पीएम मोदी ने इस परंपरा तोड़ा, लेकिन अब सुरक्षा के लिहाज से उन्हें भी इस परंपरा का पालन करना चाहिए।

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो आईएस ही नहीं, अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैस-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-जेहादी जैसे आतंकी संगठनों के निशाने पर ही पीएम नरेंद्र मोदी हैं।

पिछले साल जब पीएम ने बिना किसी बुलेट प्रूफ केबिन के जनता को संबोधित करने का फैसला किया तो उनकी सुरक्षा में काफी मश्क्कत करनी पड़ी थी। लाल किले के एक किलोमीटर के दायरे में स्पेशल कमांडोज का घेरा बनाया गया था और ड्रोन से निगरानी की गई थी। सूत्रों की मानें तो पीएम की सुरक्षा में एसपीजी, आईबी पैरामिलिट्री और दिल्ली पुलिस के 5000 जवान केवल लाल किले पर तैनात किए गए थे।

Source: Amar Ujala

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जिंदा पकडे़ गए पाक आतंकी को दी गई थी फिदायीन हमले की जिम्मेदारी

एलओसी पर कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी बहादुर से पूछताछ के लिए एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच गई है। वह कुपवाड़ा जाकर पाक आतंकी से पूछताछ करेगी। माना जा रहा है कि इस पूरे मामले की जांच एनआईए कर सकती है।
हालांकि, एनआईए टीम के पहुंचने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले उधमपुर में बीएसएफ की कानवाय पर हुए हमले में पकड़े गए पाक आतंकी नावेद से भी एनआईए ने पूछताछ की थी। पूछताछ में नावेद से मिले तथ्यों तथा बहादुर के बयान से पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब करने का दस्तावेज तैयार किया जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि एनआईए की टीम दोपहर में श्रीनगर पहुंची। वह कुपवाड़ा में आतंकी के साथ ही मुठभेड़ में पकड़ने वाली टीम के सदस्यों से भी पूछताछ कर सकती है। घटनास्थल का दौरा कर घुसपैठ के रास्तों की जानकारी भी लेगी।

सूत्रों का कहना है कि एनआईए टीम की सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी आतंकवाद के मुद्दे पर बात हो सकती है। मंगलवार को पकड़े गए आतंकी ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को प्रारंभिक पूछताछ में बताया है कि उसका नाम बहादुर अली है और वह लाहौर का रहने वाला है। उसका कोड सैफुल्लाह है।

उसने यह भी बताया कि उसे फिदायीन हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि यह अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उसके आकाओं द्वारा उसे कौन से महत्वपूर्ण ठिकाने बताए गए थे, जहां उसे फिदायीन हमला करना था।

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‘अल्ला हू अकबर’ चिल्लाते हुए IS ने काटी 86 साल के पादरी की गर्दन

isis_1469542834आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने फ्रांस की एक चर्च के 86 वर्षीय पादरी का रेतकर मौत के घाट उतार दिया। डेली मेल के अनुसार, बजुर्ग पादरी का गला रेतते वक्त आतंकी ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्ला रहे थे।

वहीं पादरी के सा‌थ अगवा की गईं चर्च की दो नन को जान बचाकर भागने के लिए कहा गया और जब वे भागने लगीं तो उन्हें गोली मार दी गई।

घटना मंगलवार सुबह की है। सूचना के अनुसार, दो आतंकवादी नॉमंडी इलाके चर्चा में घुसकर वहां के पादरी और नन को बंधक बना लिया। सूचना के बाद पुलिस जब तक उन आतंकियों पर काबू पाती इससे पहले उन्होंने पादरी का गला रेत दिया। पादरी का नाम जैक्वेस हैमेल बताया जा रहा है।

पादरी और नन का कत्ल कर फ्रांस पुलिस ने भी घेराबंदी कर दो आतंकवाद‌ियों को मार गिराया। इस आतंकी हमले में और नन गंभीर से रूप से जख्मी हो गई है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

वहीं घटना की निंदा करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति होलांद ने आईएस के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। उन्होंने कहा अब आईएस के खिलाफ युद्ध छेड़ेंगे।

बताया जा रहा है कि आईएस की ओर से जारी की कैथोलिक चर्चों हिट लिस्‍ट में इस चर्च का भी नाम था। वहीं 2015 में इस चर्च के पास ठहलते हुए दो संदिग्‍ध लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें एक फ्रांस का स्‍थानीय नागरिक भी था। यह नागरिक अभी भी जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद है।

Source: Amar ujala

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