11 साल के बाद राजद नेता शाहबुद्दीन हुए जेल से रिहा, 1300 गाड़ियों के साथ सीवान रवाना
बिहार के बाहुबली आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से रिहा हो गए. सीवान के चर्चित तेजाब कांड में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह वह जेल से रिहा हुए| उन्हें कुछ दिनों पहले पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था| बताया जा रहा है कि जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान जाएंगे|
शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की खबर मिलते ही सीवान प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है| जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है| राज्य में पहले ही कानून-व्यवस्था बदहाल है और वहां गुंडाराज फैला है| अब शहाबुद्दीन के रिहा होने से राज्य में अपराध बढ़ेंगे| उनकी रिहाई को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई है| बीजेपी का कहना है कि जंगल राज के प्रतीक रहे शहाबुद्दीन के बाहर आने की खबर से लोग सहमे हुए हैं|
‘लालू ही हमारे नेता’
जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया. उन्होंने कहा, ‘लालू यादव ही हमारे नेता हैं| मुझे उनके ही छत्रछाया में रहना है| मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? मैं जैसा हूं, 26 साल तक लोगों ने मुझे इसी रूप में स्वीकार किया है| सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया था| कोर्ट ने मुझे जेल भेजा और अब कोर्ट ने ही मुझे आजाद किया है|
तेजाब से नहलाकर की चश्मदीद की हत्या
शहाबुद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे| दोहरे हत्याकांड में उन्हें हाई कोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी| बुधवार को चश्मदीद की गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली| इसके बाद उनकी रिहाई हुई|
कैसे बना बाहुबली
शहाबुद्दीन के अपराध की कहानी 15 मार्च 2001 को लालू की पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारने से शुरू हुई थी| इस घटना के बाद शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच काफी लंबी झड़प हुई| थप्पड़ मारने वाले शहाबुद्दीन के घर पुलिस ने छापेमारी की| इस दौरान शहाबुद्दीन के समर्थकों और पुलिस के बीच गई घंटों तक गोलीबारी हुई| इस घटना में 10 लोग मारे गए और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा| तभी से उन्हें एक बाहुबली के रूप में पहचाना जाने लगा|