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RBI ने आम लोगों को दिया झटका, लगातार दूसरी बार नहीं कम होगी आपकी EMI

उम्‍मीद के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है. यह लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक है जब आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा है. ऐसे में अब लोन की ब्‍याज दर और आपकी ईएमआई कम होने की गुंजाइश कम ही है. इससे पहले, दिसंबर में भी केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. वहीं 2019 के शुरुआती पांच मौद्रिक समीक्षा बैठक में लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती की गई थी.

  • वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है
  • लगातार दूसरी बार RBI ने नहीं की कटौती

बता दें कि वर्तमान में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 4.90 फीसदी पर बरकरार है. रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशयो यानी सीआरआर 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखा है.वहीं आरबीआई बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी.

RBI Governer

 

क्‍या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वो दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई फंड देता है और इसी फंड के आधार पर बैंक ग्राहकों को ब्‍याज दर में राहत देते हैं. हालांकि आरबीआई के रेपो रेट कटौती का बैंकों ने उम्‍मीद के मुताबिक फायदा नहीं पहुंचाया है. यही वजह है कि आरबीआई ने भी बैंकों से रेपो रेट कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाने की बात कही है.

क्‍यों नहीं हुई कटौती?
दरअसल, महंगाई के आंकड़े और बजट में  राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के संशोधन की वजह से आरबीआई दबाव में था. बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया था. वहीं दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.3 फीसदी के उच्च स्तर पर रही. इसका कारण सब्जी खासकर प्याज और टमाटर का महंगा होना है. यह आरबीआई की उम्‍मीद से ज्‍यादा है.

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फर्जी बाबाओं की सूची जारी, जानें लिस्ट में हैं किन-किनके नाम?

List of fake babas released, know whose names are in the list?
लखनऊ: 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देश के 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी की है. इलाहाबाद में अपनी कार्यकारिणी की बैठक में इन बाबाओं की लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, डेरा सच्चा सिरसा, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, खुशी मुनि, बृहस्पति गिरि और मलकान गिरि समेत कुल 14 नाम शामिल हैं|

काफी दिनों से फर्जी बाबाओं के द्वारा बलात्कार, शोषण और देश की भोली-भाली जनता को ठगने की खबरें आती रही हैं. कई बाबाओं के खिलाफ देश की अदालतें भी फैसला दे चुकी हैं. ऐसे में हिंदू धर्म और संत समाज की बदनामी होती है. इसलिए परिषद ने ये फैसला लिया है कि वह स्वयं फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी कर दे, ताकि जनता उनसे सचेत रहें|

उन्होंने यह भी बताया कि अखाड़ा परिषद की इस पहल को लेकर आसाराम के कथित समर्थकों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी है. अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी में सभी अखाड़ों के दो-दो सदस्य हैं. ये 26 सदस्य मिलकर फर्जी बाबाओं की सूची बनाएंगे. पहली सूची परिषद की आज इलाहाबाद में हो रही मीटिंग में जारी की जाएगी. इसके बाद लगातार कई सूचियां आएंगी. अखाड़ों का ऐसा विश्वास है कि 7 अखाड़ों की स्थापना आदि-शंकराचार्य के द्वारा की गई थी. जिनमें महानिर्वाणी, निरंजनी, जूना, अटल, आवाह्ऩ, अग्नि और आनंद अखाड़ा शामिल हैं|

मुगल काल में और बाद में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भी सारे अखाड़े समय-समय पर और विशेषकर अर्धकुंभ और कुंभ के दौरान इकट्ठा होकर हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संकल्प लेते रहे हैं. अभी भी कुंभ में अखाड़े सबसे बड़ा आकर्षण होते हैं. इनमें अखाड़ों और नागा साधुओं का शाही स्नान विशेष आकर्षण का केंद्र होता है. करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु इस दौरान इनसे मिलने आते हैं|

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