Honoring Shri Ashwani Gulati with the Sacred Shrimad Bhagwat Geeta

Faridabad: Advocate Panchajanya Batra Singh and Advocate Mahavir Singh had the privilege of honoring Shri Ashwani Gulati, Dist. Chief (Faridabad) – Election Commission, BJP, with a copy of the revered Shrimad Bhagwat Geeta. This special moment took place during an insightful discussion on spirituality and science (Adhyatmik and Vaigyanik Paricharcha) at their office in Sector 28, Faridabad.

Renowned film director Chandan Mehta was also present, adding to the significance of the event with his unique perspective and presence.

During this profound gathering, Advocate Panchajanya Batra Singh captivated the audience with the ancient tale of how Revati married Shri Krishna’s brother, Shri Balram. He emphasized the fascinating time travel sequences in this story, showcasing the profound depth and foresight of Indian mythology, written over 5,000 years ago. This narrative not only highlighted the rich cultural heritage but also the intricate blend of science and spirituality that our ancestors had mastered.

 

The story of Revati and Balram serves as a testament to the timeless wisdom embedded in our scriptures, where concepts such as time travel were explored long before modern science acknowledged them. Advocate Panchajanya Batra Singh’s recounting of this tale was a vivid reminder of the immense knowledge our ancient texts hold and the importance of preserving and understanding them in today’s context.

Story of Balarama and Revati Marriage

According to mythological beliefs, Revati was the daughter of Maharaj Revatak. She was born from divine fire. Revati was very beautiful. She was also full of modesty. When Revati grew up and became eligible for marriage, she decided that she would marry the person who would be the most powerful in the world. After this, King Revatak started looking for the most powerful person. But he could not find any such person on earth.

To find a solution to this problem, King Revatak went to Brahma Lok. He asked Brahma Ji to tell him a very powerful person. Then Brahma Ji told King Revatak about Balram. The king returned to earth. He went to meet Balram Ji. But by the time Revatak reached Earth, both Satya Yuga and Treta Yuga had passed. When he reached Earth, the people there were very short.

After this, he went to Balram Ji and said that his daughter was taller than Balram. In such a situation, how can Revati be married to him? Then Balram Ji said that by the time he came to earth, both Satya Yug and Treta Yug had passed. Now Dwapar Yug has begun. In the meantime, Balram Ji placed his plow on Revati’s head and pressed her head. In the meantime, Revati’s size became smaller than Balram Ji’s. After this, the marriage of Balram and Revati was completed.

 This event was a beautiful confluence of ancient wisdom and contemporary knowledge, underscoring the enduring relevance of our spiritual heritage. The discussions at the event highlighted how the teachings of the Shrimad Bhagwat Geeta continue to inspire and guide us, bridging the gap between the past and the present.

It was a profound experience to witness such an enriching exchange of ideas, celebrating our spiritual roots while embracing modern insights. The honor bestowed upon Shri Ashwani Gulati with the Shrimad Bhagwat Geeta symbolized the reverence for our traditions and the continuous quest for knowledge and enlightenment.

“We are grateful to everyone who participated in this event, making it a memorable and spiritually uplifting occasion. Let’s continue to honor our rich heritage and seek wisdom in every aspect of life,” said Advocate Mahavir Singh.

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71 साल बाद हिरोशिमा में अमेरिकी राष्ट्रपति, कहा- आसमान से गिरी मौत और सबकुछ बदल गया

japanobama_146434585950_650x425_052716041551अमेरिकी राष्ट्रपति बराब ओबामा ने हिरोशिमा की यात्रा कर इतिहास रच दिया है. ओबामा ने इस दौरान उन 1 लाख 40 हजार लोगों को श्रद्धांजलि दी जिनकी जान हिरोशिमा पर गिरे अमेरिकी एटमिक बम की वजह से गई थी. इस बमवर्षा के 7 दशक से ज्यादा बीत जाने के बाद किसी पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में जापान के हिरोशिमा शहर की यात्रा की है|

छह अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा में ‘लिटिल ब्वॉय’ नाम का पेलोड गिराया था. इसके तीन दिन बाद ही 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने नागासाकी पर बम गिराया था. ओबामा ने ‘हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क’ में सभी मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. बम गिरने के बाद भी कई लोग विकिरण की वजह से बीमार होकर सालों बाद भी मरे|

ओबामा ने मेमोरियल पर फूल अर्पित करते हुए कहा, 71 वर्ष पहले आसमान से मौत गिरी थी और दुनिया बदल गई थी. ओबामा जब पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तब वह उदास लग रहे थे. उन्होंने अपना सिर झुकाया हुआ था और पीछे हटने से पहले वह थोड़ा रुके और अपनी आंखें बंद की ओबामा ने कहा कि बम ने यह दिखाया कि मानव जाति के पास स्वयं को नष्ट करने का जरिया है|

ओबामा ने मेमोरियल पर फूल अर्पित करते हुए कहा, 71 वर्ष पहले आसमान से मौत गिरी थी और दुनिया बदल गई थी. ओबामा जब पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तब वह उदास लग रहे थे. उन्होंने अपना सिर झुकाया हुआ था और पीछे हटने से पहले वह थोड़ा रुके और अपनी आंखें बंद की. ओबामा ने कहा कि बम ने यह दिखाया कि मानव जाति के पास स्वयं को नष्ट करने का जरिया है|

 

 

Source: आज तक

 

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vijay bahuguna and 9 mla of congress joined bjp

विजय बहुगुणा सहित 9 बागी विधायक बीजेपी में शामिल

vijay bahuguna joined bjpउत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और उनके सहयोगी कांग्रेस के 9 बागी विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए | जिसमे  विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा, शैलारानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल हैं |

राज्य में यह स्थिति तब पैदा हुई थी जब रावत सरकार के बजट सत्र का विरोध हुआ | भाजपा का कहना था बजट को वायस वोट से पारित करना असंवेधानिक है | जब कांग्रेस के 9 विधायक ने विरोध किया विधानसभा स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया और मामला अदालत में पहुँच गया |
हरीश रावत सरकार को विश्वास मत की तारीख से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उत्तराखंड पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया |

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने विश्वास मत की नई तारीख घोषित की और बागी विधायकों के स्पीकर द्वारा निलंबन के आदेश को बरक़रार रखा |

मायावती के सपोर्ट से हरीश रावत विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में कामयाब हो गए | अब ये बागी विधायक की स्थिति उस धोबी के गधे जैसी थी न घर के न घाट के | बीजेपी इन विधायकों में अपना अगला आने वाला भविष्य देखते हैं लेकिन कुछ भाजपाईयों ने इसका विरोध भी किया | 9 बागी विधायकों को बीजेपी में शामिल करना पूर्व नियोजित सा दिख रहा है | भाजपा के लिए यह निर्णय कैसा रहेगा यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन अभी 9 बागी विधायक भाजपा में मिलकर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है |

एडिटर : चन्द्रशेखरम

 

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राज्यसभा में सांसदों का फेयरवेल, मोदी बोले- GST पास कराते तो फायदा होता

rajyasabha_146311854नई दिल्ली.पार्लियामेंट के बजट सेशन का आज आखिरी दिन है। राज्यसभा से 57 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। जून में टर्म खत्म होने के चलते इनमें से कई सांसद नहीं जानते कि पार्लियामेंट के मॉनसून सेशन से पहले वे वापसी करेंगे या नहीं। उनके फेयरवेल पर नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामना दी। कहा- अगर आप जीएसटी पास करा लेते तो कई राज्यों को फायदा होता। पीएम मोदी ने क्यों किया जीएसटी का जिक्र…
– मोदी ने सांसदों से कहा- ‘दोनों सरकारों को आपके एक्सपीरियंस का लाभ मिला। इस सरकार को कम मिला, पुरानी वाली सरकार को ज्यादा मिला, लेकिन देश को कम्पलीट लाभ मिला।’
– ‘ यहां जब हम आते हैं, तो हमारी सोच की एक सीमा होती है। यहां हरेक बैकग्राउंड के लोग आते हैं। इस सदन में आते हैं तो सोचने का दायरा और बड़ा हो जाता है।’
– ‘ यहां आने वालों ने देश के लिए बड़ी भूमिका निभाई, मेरी शुभकामनाएं हैं और रहेंगी।’
– ‘ सदन से जाने के बाद यह सरकार आपके काम को उसी तरह करने को तत्पर रहेगी, जैसा सदस्य रहने पर रहती है, मैं चाहूंगा कि आप इस हक का भरपूर लाभ उठायें।’
– ‘ महत्वपूर्ण रिफॉर्म के फैसले आपके भागीदारी और मौजूदगी में हुए। आप राज्य के रिप्रेजेंटेटिव्ह्स हैं। पर, कुछ चीजों का गिला-शिकवा आपके मन में जरूर रहेगा।’
– ‘आप जिस राज्य से आते हैंं, वह आप पर भरपूर गर्व करता, अगर जीएसटी पास हो जाता तो।
– ‘ इससे बिहार को भरपूर फायदा होता। यूपी को भी फायदा होता। एक दो राज्यों को छोड़ अधिकतर राज्य को इसका लाभ होता।
आनंद शर्मा बोले- हमें एक दूसरे को समझना होगा
कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने क्या कहा- ‘कोई चीज स्थिर नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का हिस्सा है। लेकिन, सदन और संसद स्थिर है। यह सबसे बड़ी देन हमारे फ्रीडम फाइटर्स और संविधान निर्माताओं की है। ऐसे भी कई क्षण आए हैं, जब दुनिया ने हमारे एक विचार हमारी ताकत को देखा।’
– ‘ हमने कई बार देश के लिए बड़े फैसले लिए हैं। कुछ क्षण ऐसे भी आए जब पीठ की तरफ से सख्ती भी हुई।’
– ‘हमारा प्रयास रहे कि हम एक दूसरे को समझें। चर्चा करें। विरोधी की बात को समझने की कोशिश करें। उसे सुनें। व्यक्तिगत विरोधी न समझकर व्यवहार करें।’
राज्यसभा में क्या है सिचुएशन?
– 245 मेंबर्स वाले हाउस में अभी एनडीए के 62 सांसद हैं। सात नॉमिनेटेड मेंबर्स को शामिल कर दें तो एनडीए के 69 सांसद हो जाते हैं।
– कांग्रेस के 61 सांसद हैं। उसकी सहयोगी पार्टियों की संख्या मिला दें तो यूपीए के 80 सांसद हो जाते हैं।
– इसमें भी एआईएडीएमके, बीजेडी, तृणमूल, सपा और बसपा को मिला दें तो गैर-एनडीए सांसदों की संख्या 90 हो जाती है।
– 30 जून को राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य रिटायर होंगे। यहां सांसदों का टर्म 6 साल का होता है। हर दो साल में एक-तिहाई मेंबर रिटायर होते हैं।
– नए मेंबर्स का इलेक्शन 11 जून को होगा।
कौन-कितनी सीटें जीतेगा?
– बीजेपी के 14 मेंबर रिटायर हो रहे हैं। 57 सीटों पर इलेक्शन के बाद उसे 18 सीटें मिल सकती हैं। यानी वह 4 सीटों के फायदे में रह सकती है।
– 49 सीटों वाली बीजेपी राज्यसभा में 53 सीटों तक पहुंच जाएगी।
– कांग्रेस के अभी 61 सांसद हैं। उसके भी 16 सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि दोबारा इलेक्शन के बाद उसकी संख्या 60 बनी रहेगी।
कहां से कितनी सीटों पर होना है इलेक्शन?
– यूपी : 11
– तमिलनाड़ु : 6
– महाराष्ट्र : 6
– बिहार : 5
– आंध्र प्रदेश : 4
– कर्नाटक : 4
– मध्य प्रदेश : 3
– ओडिशा : 3
– हरियाणा : 2
– झारखंड : 2
– पंजाब : 2
– छत्तीसगढ़ : 2
– तेलंगाना : 2
– उत्तराखंड : 1
(इन 53 सीटों के अलावा बाकी 4 सीटों पर कुछ सदस्यों के निधन या इस्तीफे के चलते चुनाव होगा।)
बीजेपी को क्या फायदा मिलेगा…
– बीजेपी को कुछ सीटों का फायदा हो सकता है, लेकिन उसकी संख्या इतनी नहीं बढ़ेगी कि वह राज्यसभा में बड़े बिल पास कराने की स्थिति में आ जाए।
– मोदी सरकार के पांच मंत्री- वेंकैया नायडू, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, वाईएस चौधरी और मुख्तार अब्बास नकवी का टर्म खत्म हो रहा है।
– नायडू के पास पार्लियामेंट्री अफेयर्स और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री है। उनकी संसद में वापसी तय है।
– वे पिछली बार कर्नाटक से चुने गए थे। इस बार विजय माल्या के इस्तीफे के बाद कर्नाटक से एक सीट खाली है।
– अगर नायडू आंध्र प्रदेश से इलेक्ट होना चाहेंगे तो उन्हें टीडीपी की मदद लेनी होगी, जिसका अभी बीजेपी के साथ अलायंस है।
– आंध्र प्रदेश से 4 सीटें हैं। एक सीट वाईएसआर कांग्रेस और बाकी तीन बीजेपी-टीडीपी को मिलेंगी।
– कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी आंध्र प्रदेश से आती हैं। लेकिन नायडू या सीतारमण में से कोई एक ही वहां से चुना जा सकेगा, क्योंकि टीडीपी अपनी 3 में से 2 सीटें बीजेपी को नहीं देगी।
– पावर मिनिस्टर पीयूष गोयल महाराष्ट्र से और मुख्तार अब्बास नकवी यूपी से वापसी करेंगे।
कांग्रेस यहां रहेगी खाली हाथ…
– कांग्रेस को आंध्र प्रदेश या तेलंगाना से कोई राज्यसभा सीट नहीं मिल सकेगी। लिहाजा, पूर्व मंत्री जयराम रमेश की वापसी तेलंगाना की रूलिंग पार्टी टीआरएस पर निर्भर करेगी।
– कांग्रेस के ही हनुमंत राव और जेडी सीलम की भी वापसी तय नहीं है।
– महाराष्ट्र में कांग्रेस के विजय दर्डा का टर्म खत्म हो रहा है। लेकिन इसके लिए पार्टी के तीन नेता सुशील कुमार शिंदे, गुरदास कामत और मुकुल वासनिक दावेदार हैं।
– पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी भी रिटायर होने जा रहे हैं। केरल असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस की परफॉर्मेँस राज्यसभा में उनकी राह तय करेगी।
– पंजाब में भी कांग्रेस को परेशानी है। वहां से उसके तीन सांसद रिटायर हो रहे हैं। लेकिन दो की ही वापसी हो सकेगी।
– ऑस्कर फर्नांडीज कर्नाटक से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह कांग्रेस पूर्व मंत्री पी चिदंबरम की एंट्री करा सकती है। लेकिन लोकल नेताओं ने कहा है कि उन्हें बाहरी कैंडिडेट मंजूर नहीं होगा। चिदंबरम तमिलनाडु से आते हैं।
यूपी में क्या होगा…
– बीएसपी के पास लोकसभा में कोई मेंबर नहीं है। अब राज्यसभा से उसके 6 सांसद रिटायर हो रहे हैं।
– इनमें पार्टी में नंबर-2 सतीश चंद्र मिश्रा भी शामिल हैं। बीएसपी अपने दो और बीजेपी-कांग्रेस एक-एक नेता को चुन सकेगी।
– मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से किसी नेता का फिलहाल चांस नहीं है।
Source:दैनिक भास्कर
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जन सुनवाई क्या खाना पूर्ति के लिए रखी गयी है ?

image (1)आज दिनांक 5/5/16 को DERC द्वारा आयोजित Composite Terms & Conditions for Tariff & Accounting) Regulations पर जनसुनवाई के दौरान United Residents of Delhi -URD की ओर से सौरभ गांधी (महासचिव), बी बी तिवारी (सचिव), सन्जय गुप्ता (वित्तीय सलाहकार) एवम् ऐ० के० दत्ता जी ने ड्राफ़्ट पर यूआरडी के सुझाव व आपत्तियाँ दर्ज करायी ।
सबसे पहले सौरभ गांधी ने इस बात पर सवाल उठाया कि आज की जन सुनवाई कया खाना पूरती के लिए रखी गयी है, क्योंकि कमीशन की ओर से उसकी अपनी वेब साईट पर कल सुबह दिनांक 4/5/16 तक इस जनसुनवाई के बारे में कोई सूचना नही डाली गयी थी जिसका सीधा असर ये देखने को मिला कि दिल्ली की लाखों उपभोक्ताओं में से सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोग ही इस जनसुनवाई में आये है जिसको आप फ़ोटो मे भी सभागार की ख़ाली कुर्सियों को देख अन्दाज़ा लगा सकते है (नोट-: जिसको लेकर यूआरडी ये माँग भी करेगी की ये सुनवाई फिर से रखी जाए और सही तरीक़े से लोगों को इसकी जानकारी दी जाए) सौरभ गांधी ने ये माँग की समाज सेवी व ऐसे संस्थाओं के लिए अलग से टैरिफ़ की एक और कैटेगरी बनाई जाए जो संस्थान बिना किसी लाभ के समाज की सेवा के कार्य करते है जबकि APTEL के आदेश में ये साफ़ है कि इन संस्थाओं के लिए अलग से कैटेगरी बनाई जानी चाहिए, अभी तक ऐसी संस्थाओं से व्यवसायिक दरे वसुली जाती है । उन्होंने कहा कि IEA -2003 के सेक्शन 61 में कमीशन सिर्फ़ टैरिफ़ तय करने का व PPAC में सिर्फ़ फ़्यूल चार्ज तय कर सकता है जबकि कमीशन लेखांकन (accounting) को भी विनियमन (regulation) में लाने के प्रयास कर रहा है जो बिलकुल ग़लत है व इसके गम्भीर परिणाम आने वाले टैरिफ़ पर पढ़ेंगे, सौरभ गांधी ने जल्द अपने वक्तव्य को रोकते हुए कहा कि वो अपने व अपने कुछ साथियों को बोलने के समय को यूआरडी के वित्तीय सलाहकार – सीए० संजय गुप्ता जी को देने का अनुरोध करेंगे ताकि यूआरडी की टीम द्वारा तैयार पावर पवाईट परजेनटेशन को वो कमीशन के सामने रख सके ।
Power point presentation को हम इस मेल के साथ भेज रहे है अगर आप इससे जुड़े किसी सवाल का जवाब चाहते है तो सौरभ गांधी से 7503141516 पर या सन्जय गुप्ता 9311025900 पर सम्पर्क कर सकते है । 
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आपका दिल जीत लेगी ‘तेरे बिन लादेन’

फ़िल्म: तेरे बिन लादेन डैड ऑर अलाइव

निर्देशक: अभिषेक शर्मा

कलाकार: प्रद्युम्न सिंह, सिकंदर खेर, मनीष पॉल

रेटिंग: ***

आतंकवाद, हिंदी फ़िल्मों में हास्य की एक लघु विधा सी बन गई है |

यह फ़िल्म काफ़ी हद तक साल 2008 में आई हॉलीवुड कॉमेडी ‘ट्रॉपिक थंडर’ से प्रभावित लगती है |

सिकंदर खेर फ़िल्म में एक सनकी सीआईए एजेंट की भूमिका में हैं, जिसके गले में एक बटन लगा है, जिसे दबाते ही वो तोंद निकाले एक पंजाबी प्रोड्यूसर के रूप में आ जाते हैं, वह फ़िल्म में ज़बर्दस्त रहे है |

यह फ़िल्म 2010 की हिट फ़िल्म ‘तेरे बिन लादेन’ का सीक्वेल होनी चाहिए थी. फ़िल्म की पूरी टीम भी वही है. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. सच तो यह है कि फ़िल्म अपने पहले हिस्से से बेख़बर सी जान पड़ती है |

‘तेरे बिन लादेन’ कराची में बेस्ड थी. उसमें एक केबल टीवी रिपोर्टर नकली ओसामा के वीडियो के ज़रिए नाम और पैसा कमाना चाहता है |फ़िल्म के इस दूसरे हिस्से में उसके दो प्रतिद्वंद्वी गुट आ जाते हैं, जो इस नकली ओसामा में अपना हिस्सा चाहते हैं |

जैसा सब जानते हैं कि ओसामा मर चुका है लेकिन अमरीकनों के पास यह साबित करने के लिए कोई वीडियो नहीं है |तो ऐसे में वह ओसामा को मारने का वीडियो शूट करना चाहते हैं |

दूसरी तरफ़ जिहादी ग्रुप हैं. वो यक़ीन करना चाहते हैं कि ओसामा अब भी ज़िंदा है. फ़िल्म का ये प्लॉट बड़ा मज़ेदार सा है जो आपको थिएटर तक जाने के लिए मजबूर कर सकता है|

प्रद्युम्न सिंह ने नकली ओसामा बिन लादेन का किरदार निभाया है. फ़िल्म के पहले हिस्से का हाईलाइट थे वो. प्रद्युम्न सिंह ने इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले और डायलॉग भी लिखे हैं. ख़ुशी की बात है कि बॉलीवुड ने उनके जैसा टैलेंट खोदकर बाहर निकाल लिया है|

ओसामा के अलावा फ़िल्म में ओबामा भी हैं. ये फ़िल्म तालिबान टाइप चरमपंथियों के साथ-साथ अमरीका, उसके राष्ट्रपति और सीआईए पर भी बढ़िया कटाक्ष करती है. मैं हैरानी से सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ कि क्या इस तरह की व्यंग्यात्मक फ़िल्म भारत में बनानी मुमकिन है जहां हमारे प्रधानमंत्री को इसी तरह से तला-भूना जाए |

अरे रे. मैं क्या सोच रहा हूं ये तो देशद्रोह होगा न, मैं कितना असहिष्णु हूँ जो ऐसा सोच रहा हूँ,  आक थू. आतंकवाद को हास्य की चाशनी में परोसने वाली ऐसी फ़िल्मों में कुछ तो बात होती ही है. है न. हमने इनमें से कुछ फ़िल्में देखी भी हैं जैसे वेलकम टु कराची, बंगिस्तान, शक्ल पे मत जा वगैरह, लेकिन इनमें से कई फ़िल्में कई हास्य पैदा करने के चक्कर में ख़ुद को बड़ा हल्का बना लेती हैं ‘तेरे बिन लादेन डैड ऑर अलाइव’ इस मामले में एक संतुलित फ़िल्म है |

ज़्यादातर हिस्से में यह एक असरदार ब्लैक कॉमेडी है,  लेकिन हां अंत के कुछ मिनटों में यह ज़रूर खींची गई लगती है| लेकिन जब अमरीका कथित तौर पर वेपन ऑफ़ मास डेस्ट्रक्शन की थ्योरी को इतना आगे ले जा सकता है, जब चरमपंथी जन्नत में हूरों के दर्शन कराने के नाम पर युवाओं को हिंसा के लिए भड़का सकते हैं तो एक फ़िल्म थोड़ी सी अतिश्योक्तिपूर्ण क्यों नहीं हो सकती. आज के हालात पर ये फ़िल्म एक बढ़िया कटाक्ष है|

source by-dailyhunt

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Annual Sports Event held at G.D.Goenka Faridabad

GD-Goyanka-school-annual-programSports is the important part of curriculum of the students for an overall development of the personality of each student.  In order to provide sufficient exposure to the students of the school G.D.Goenka Public School, Faridabad
involves its students in some form of sports activities. In order to encourage these little kids, annual sports day was organised on Wednesday 21st October, in the sprawling ground of the school at Seekri in Faridabad. Chairman of the school, Shri Radheyshyam Gupta presided over the function. In his welcome address Dr. Shreesh Bhardwaj, Principal welcomed the chief guest and the guests.  After this the students started performing their expertise in the physical activities.  Divesh Rana, the sports captain of the school administered the ceremonial oath after the march past of the students.  After this the sports torch was lighted by students Divesh Rana and Rinkal Lohia.
The students left the guests and parents spell bound with the rainbow of their presentations. While the students of Pre-nursery and Kindergarten presented boll pop dance, skating skills were displayed by the students of class three to five. In the drill activity the students of class five to eight displayed their expertise with the students of class three to seven presenting their gymnastics, acroyoga and martial arts. The display of Karate skills in the drill performed by the students of class three to seven received a loud applause.
In the range of entertainment races Rabit Race, Apple Collection Race, Garland Race, Party Race, Coconut Race etc. keep the guests totally spellbound. Other events that entertained the guests with the performance of the tiny tots were Hockey Dribbling race, Relay Race, Flat Race, Flag Collection Race, Biscuit Race, Back pack Race etc.
In the athletics section the races in the range of 100 meters to 1500 meters were organised with different student groups.  A relay race of 4 x 100 meter was also organised. In the series of Cultural Program students of primary classes presented the Fan Dance and Zumba Dance displaying their perfection in dance too. In other categories of sports the students displayed their might in Discuss throw, Javelin Throw, Shot-put Throw, High Jump, Long Jump etc.
The chief guest awarded the best athlete in the boys and girls category. One of the important features of this program was that principals of renowned schools of Faridabad were also special invitees in the program.

By : Sanjay Chaturvedi

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Pranav Shukla is the Headlines for “The Sunday Headlines”

 “अनादि” का शाब्दिक अर्थ जिसका ना तो कोई अंत है न कोई शुरुआत ।  निसंदेह यह शब्द आज समाज या देश दुनिया में समय, काल, परिस्थिति अनुसार विभिन्न रूपों में प्रयोग में लाया जा रहा होगा । अनादि के इस प्रयोग की श्रृंखला में एक शख्स ऐसा भी है, जो भले ही अपने पारिवारिक संस्कारों के कारण सही पर “अनादि” का यथार्त रूप में प्रयोग करते हुए कभी ना शुरू व् ख़त्म होने वाले अनादि के इस शब्द को एक नया स्वरुप देकर अनगिनत लोगों व् परिवारों को अनादि के साथ जोड़ रहा है। प्रणव शुक्ला नाम के इस युवा ने “अनादि” को अपने कर्म व् संस्कारों से जो आधुनिक स्वरुप दिया है।

उसे शब्दों में बंधना कठिन ही नहीं अपितु नामुमकिन है। सन्डे का दिन हो और “दी संडे हेडलाइन्स” की हेडलाइन न हो ऐसा हो नहीं सकता।  अपने कार्य दायित्व के निर्वहन में “दी संडे हेडलाइन्स” इस संडे भी अछूता नहीं रहा। मैं बात कर रहा हूँ आबादी के लिहाज से 25 लाख की जनसंख्या वाले अपने फरीदाबाद नगर के नगर निगम सभागार में आयोजित समारोह के प्रेरणाश्रोत उस युवा की जो विश्व की ग्लैमर इंडस्ट्री की टॉप टेन कंपनी में शुमार कंपनी का प्रतिनिधित्व भले ही करता हो पर इतने बड़े स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के बाबजूद भी प्रणव ने कभी भी अपने परिवार के संस्कारों को खुद से कभी अलग नहीं होने दिया। अपने पिता को इसके लिए अपना प्रेरणा स्रोत मानने वाले प्रणव ने आज नगर निगम सभागार में आयोजित समारोह से असंख्य लोगों को जोड़कर यह साबित कर दिया की संडे के दिन दी संडे हेडलाइन्स से जुड़ा यदि कोई व्यक्तित्व  हो सकता है तो वो है प्रणव शुक्ला।
दरअसल मैं बात कर रहा हूँ  फरीदाबाद के गांव पाली स्थित बृद्ध आश्रम “अनादि सेवा प्रकल्प” के संचालक प्रणव शुक्ला की जिसने ग्लैमर इंडस्ट्री के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र के अलावा वृद्ध जनों के सम्मान में समर्पित किये गए अपने प्रयासों की कड़ी में एक और नई शुरुआत की है। दरअसल यह वृद्ध जनों के सम्मान की कड़ी में एक और नई कड़ी की शुरुआत है।  जिसे  “छाँव” नाम दिया गया ।  “छाँव” की शुरुआत का उद्देश्य असहाय, लाचार व् बेसहारा वृद्ध जनों को ऐसा वातावरण देना है।  जिसमें रहकर वे अपने जीवन के अंतिम पड़ाव की विपरीत परिस्थितियों में “अनादि सेवा प्रकल्प” (Anadi Seva Prakalp) के प्रयास से ही सही राहत महसूस कर उनसे जुड़े लोगों को अपनी दुआएं दे सके। बताना चाहूंगा की अनादि सेवा प्रकल्प सामाजिक क्षेत्र में इस प्रकार के वृद्ध जनों की  लिए गंभीरता से प्रयासरत है।  जिसने अनेकों असहाय व् बेसहारा वृद्ध जनों से खुद को जोड़कर उन्हें छाँव अर्थात अपने यहाँ आश्रय देने की एक ऐसी मुहीम शुरू की है।  जो असंख्य ऐसे असहाय व् लाचार वृद्ध जनों की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रही है जिन्हे उनके अपनों ने ही ढलती उम्र के इस पड़ाव में खुद ही उन्हें घर से बेघर कर दिया । जब उन्हें अपनों की आज सबसे ज्यादा जरुरत है।

मैं और ज्यादा कुछ ना कहते हुए इस सम्पादकीय लेख को लिखते हुए इतना गंभीर होकर कुछ ऐसा चिंतन और मनन करने के लिए विवश हो गया जिसके परिणाम स्वरुप कुदरत मेरी कलम को इतनी ताक़त दे जिसके बल पर मैं समाज के आलावा देश-दुनिया में ऐसा वातावरण बना सकूँ जो अलबत्ता तो जीवन के अंतिम क्षणों में इस प्रकार का दंश झेल रहे वृद्ध जनों के परिवारों को ऐसी सदबुद्धि दे सके  की वे अपने वृद्धजनों को खुद आकर वापिस अपने घरों में पहले से अधिक सेवा के लिए ले जाकर जाने-अनजाने में किये अपने पापों का प्रायश्चित कर सके और जिन लोगों व् परिवारों के अपने वृद्ध जान नहीं हैं वे “अनादि सेवा प्रकल्प” की छाँव से जुड़कर शायद पुण्य के भागी बन सकें ।

आपका
चन्दन

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