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“यूट्यूब पे तेज़ी से वायरल हो रहा है ये विडियो”

thesundayheadlinesThis video is rapidly becoming viral on YouTube
अक्सर हम जानवरों की लड़ाई के बारे में सुनते रहते हैं, इनके बीच प्यार और सामंजस्य कम ही सुनने में आता हैं, खासकर तब जब दोनों ही जानवर अलग-अलग नस्ल की हो | जी हाँ हम बात कर रहे है ऐसे दो जानवरों की जिनके बीच प्यार और खेलकूद के बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा, हम बात कर रहे है नेवले और कुत्ते के बीच खेलकूद की |

दरअसल उत्तराखंड के एक छोटे क़स्बे शक्तिफार्म, के एक घर में अचानक दो  छोटे नेवले और उसकी माँ आती हैं, परिवार के सदस्यों के देखने की उत्साह में, नेवला एक बच्चे को लेकर भाग जाती है, दूसरा छोटा बच्चा नेवला उन्ही के घर में रह जाता है | घर के बच्चे बड़े ही खुश होते होते हैं उसके आने से, घर में एक कुत्ता भी है |
अब नन्हे नेवले को जब भी भूख लगती तो  वह सबके आस-पास जाकर, मानो कुछ मांगता है, बच्चे उसे  कटोरी में दूध लाकर देते   और वह बड़े उत्साह के साथ उसको   जल्दी 2 पी लेता हैं |

हर रोज़ शाम को नन्हा रिक्की टॉमी के साथ खेलता है और उसे बहुत परेशान करता है | लेकिन टॉमी उसको काटता नहीं है क्योंकि उसे पता है कि ये मेरा अच्छा दोस्त हैं |

ये विडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे बहुत पसंद कर रहे है |

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मेरी चिट्ठी युवाओ के नाम

1459670_1074798882586874_686345994411916904_nप्रिय युवा साथियों ,
आपके नाम मैं अपना पहला पत्र लिख रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि यह सिलसिला काफी लम्बा चलेगा। अभी तक मेरी चिट्ठी नाम का यह पत्र मैं छोटे बच्चों (कक्षा 6 से 12 तक) के लिए लिखता रहा हूँ , मैं छोटे बच्चों के नाम मेरी चिट्ठी दिनांक 30/09/2013 से समय – समय पर लिख रहा हूँ  और आगे भी लिखता रहूँगा लेकिन अब मैं आप युवा साथियों के लिए भी लिखूँगा , ऐसे युवा साथियों के लिए जो काॅलेज और अन्य संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं और जो मेरी तरह नौकरियाँ कर रहे हैं । मैं छोटे बच्चों के लिए लिखता हूँ क्योंकि वे देश की , समाज की उम्मीद हैं , आने वाले समय के कर्णधार हैं । मैं आप युवाओं के लिए लिखना चाहता हूँ क्योंकि आप देश और समाज का वर्तमान हैं , आप इसे दिशा देने वाले हैं और आप ही देश और समाज के सबसे मजबूत कंधे हैं । आपके शिक्षण संस्थानों के नोटिस बोर्ड पर और सार्वजनिक स्थानों पर में इसे चस्पा करूँगा ताकि आप इसे पढ़ सके । मेरी इस चिट्ठी के विषय अलग – अलग होंगे और जैसा मैं सोचता हूँ वैसा ही लिखूँगा । मुझे उम्मीद हैं कि आप इसे जरूर ही पसन्द करेंगे । आज मैं आपको विचारों के बारे में वो बताना चाहता हूँ जो अब तक मैंने पढ़कर , दूसरों से बातकर और अपने अनुभव से जाना हैं । पहली बात ये कि दुनिया में जो भी कार्य होता हैं , चाहे अच्छा या बुरा , वो एक विचार की उपज हैं । दूसरी बात ये कि सभी संघर्ष और मेल – मिलाप दोनों विचारों के कारण हैं । तीसरी बात ये कि कभी भी किसी भी विचार को गोली नहीं मारी जा सकती या कहें कि विचारों की हत्या नहीं की जा सकती । अब आप भी मेरी बातों पर विचार किजीएगा ।
कथन
क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रों का एक क्रान्तिकारी कथन मैं यहाँ लिख रहा हूँ —
“ लोग अक्सर मानवीय अधिकारों की बात करते हैं , लेकिन ज़रूरी यह हैं कि मानवता के अधिकारों की भी बात की जाए । कुछ चुनिंदा लोगों को आरामदेह कारों की सुविधा प्रदान करने के लिए ज़्यादातर लोग नंगे पैर क्यों घूमें ? कुछ लोग केवल इसलिए 35 साल की उम्र में मौत के शिकार क्यों हो जाए ताकि कुछ दूसरे 70 साल की उम्र तक जिन्दा रह सकें ? कुछ लोगों को अमीर बनाने के लिए ज्यादातर लोग घोर गरीबी का जीवन क्यों बिताए ? मैं दुनिया के उन भूखे हजारों बच्चों के लिए बोलता हूँ , जिन्हें रोटी का एक टुकड़ा भी नसीब नहीं होता । मैं उन बीमार लोगों का हिमायती हूँ , जो औषधि के अभाव में बेमौत मर रहे हैं । और मैं उन लोगों की पैरवी करता हूँ , जो जीवन के अधिकार और मानवीय सम्मान से भी वंचित हैं । ”

आलेख : राम वशिष्ठ

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सुधा फाउंडेशन द्वारा बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया 70वी स्वतंत्रता दिवस⁠⁠⁠⁠।।। जय हिन्द जय भारत।।।

15 augustआज़ाद भारत की  70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर सुधा फाउंडेशन के फाउंडर श्री विजय दुआ जी ने समस्त स्टाफ को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।।।
सुधा फाउंडेशन के पुरे स्टाफ ने स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही जोरो शोरो से राष्ट्रगान गाकर शुरुआत की तथा जैसे2 प्रोग्राम आगे बढ़ता गया सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स ने अपने विचार व्यक्त किये एवं अपनी अपनी कला को प्रदर्शित किया।।।
सुधा फाउंडेशन द्वारा इस प्रोग्राम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य लोगो में देश प्रेम एवं देश के प्रति सभी के दायित्वों का ज्ञान करना एवं इस हेतु उत्साह भरना रहा।।।
प्रोग्राम में शामिल सुधा फाउंडेशन, सितारगंज के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर श्री चन्दन मेहता एवं सीनियर एग्जीक्यूटिव श्री दिनेश सहगल जी ने सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स को देश के लिए सकारात्मक सोच एवं अपनी अपनी दायित्वों को समझने एवं निर्वाह हेतु प्रोत्साहित किया।।
खन्ना मूवीज के प्रोड्यूसर राजेश कुमार गुप्ता उर्फ़ खन्ना जी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।।।सभी स्टाफ एवं कैंडिडेट्स बहुत ही प्रसन्न एवं गर्वित दिखाई दिए तथा सुधा फाउंडेशन के इस आयोजन को बहुत सराहा की स्कूल कॉलेज से निकलने के बाद भी इस प्रकार के शानदार कार्यक्रम का हिस्सा बन पाये।।।
जय हिन्द जय भारत।।

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सितारगंज सीएचसी में महिला डॉक्टर के नहीं देखने से बच्ची की मौत

picnew-08-08-2016-1470668785_storyimageसितारगंज सीएचसी में डॉक्टर की लापरवाही से नवजात की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने महिला डॉक्टर पर बच्ची को इलाज नहीं देने के कारण मौत होने का आरोप लगाया। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा। उन्होंने संविदा में तैनात महिला चिकित्सक को हटाने की मांग सीएमएस से की। वहीं, सीएमएस ने जांच के बाद कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को वार्ड चार निवासी शब्बो पत्नी तहसीन ने एक बच्ची को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद नवजात की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसके बाद परिजन तत्काल बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। तहसीन के भाई तस्लीम ने बताया कि अस्पताल में उन्होंने महिला डॉक्टर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला।

आरोप है कि इस दौरान बच्ची की तबीयत और अधिक खराब होने लगी। बार-बार कहने के बाद भी डॉक्टर ने बच्ची को देखने से इंकार कर दिया। उसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल परिसर में रहने वाले सीएमस तक मामले की सूचना पहुंच गई। उसके बाद सीएमएस डॉ. हर्ष सिंह ऐरी मौके पर पहुंच गए। अस्पताल में डॉ. ऐरी ने जब बच्ची की जांच की तो वह दम तोड़ चुकी थी। बच्ची की मौत होने से परिजन और ज्यादा भड़क गये। उन्होंने अस्पताल में प्रदर्शन कर जमकर हंगामा काटा।

परिजनों का आरोप है कि महिला डॉक्टर ने नवजात का इलाज किया होता तो बच्ची की जान बच सकती थी। अस्पताल में प्रदर्शन करने वालों में तस्लीम मंसरी, जिलानी अंसारी, जाकिर अंसारी, कल्लू अहमद, सोनू, बाबू मंसारी, रियाज अहमद आदि रहे।

संविदा में तैनात डॉक्टर का रहा विवादों से नाता
परिजनों के अनुसार इससे पूर्व भी महिला डॉक्टर विवादों के कारण चर्चा में रही हैं। कई बार संविदा में तैनात महिला चिकित्सक को हटाने की मांग की जा चुकी है। जनदबाब में डॉक्टर का हटाया भी गया, लेकिन बाद में उन्हें दोबारा यहां तैनाती दे दी जाती है। उन्होंने ब्लाक चिकित्सा प्रभारी का घेराव कर डॉक्टर को हटाने की मांग की। साथ ही पीड़ित को मुआवजा देने की मांग की।

बच्ची को देखने के लिए मैं खुद घर से अस्पताल पहुंचा। जब मैंने बच्ची का चेकअप किया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मामले में संविदा में तैनात महिला डॉक्टर से जानकारी ली जाएगी। जांच के बाद दोषी मिलने पर आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. हर्ष सिंह ऐरी, सीएमएस, सितारगंज

source-live hindustan

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