सीमा पर एक रात बिताने को तैयार अक्षय कुमार

09_11_2016-8jkcd19जम्मू : खिलाड़ी नंबर वन अक्षय कुमार उर्फ अक्की सीमा पर जवानों के साथ एक रात बिताने को तैयार हैं। भले ही सीमा पर यह रात गोलीबारी वाली ही क्यों न हो। अक्षय कुमार के पिता भी फौजी हैं। ऐसे में सैनिक के जीवन को अच्छी तरह जानने वाले अक्षय ने मंगलवार को कहा कि उन्हें सीमा पर एक रात बिताने में कोई परेशानी नहीं है, बस सीमा सुरक्षा बल को कोई आपत्ति न हो। अक्षय ने बताया कि वह राजस्थान के जैसलमेर में सीमा पर जवानों के साथ रात बिता चुके हैं। यहां भी उन्हें एक रात बिताने में कोई आपत्ति नहीं है।

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इस मिट्टी में ऐसा क्या, मां-बहनें भी हैं बहादुर

अक्षय कुमार ने वीर पैदा करने वाली जम्मू की भूमि को भी सलाम किया। बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय पलौड़ा में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने शहीद गुरनाम सिंह की मां जसवंत कौर से हुई बातचीत का हवाला हुए कहा कि जम्मू की मिट्टी में ऐसा क्या है कि यहां शहीदों की मां, बहनें भी बहादुर हैं। जब मैंने मलेशिया से शहीद की मां से टेलीफोन पर बात की तो मैं उनकी हिम्मत देख हैरान हुआ। मां का कहना था कि यह खुशी की बात है कि मेरा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है। उन्होंने मेरे साथ इतने विश्वास के साथ बात की कि मैं हैरान रह गया कि यहां रहने वाले लोग कितने देशभक्त व बहादुर हैं। गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह निवासी भलेसर आरएसपुरा हीरानगर में बोबिया चौकी पर पाक गोलाबारी में शहीद हो गया था।

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बड़ों के जुनून में बच्चे दिखे निराश

अक्षय कुमार को करीब से देखने के लिए बेताब बीएसएफ स्कूल के बच्चे बड़ों के जुनून के कारण असहाय नजर आए। सुबह सवा दस बजे बीएसएफ स्कूल पहुंचने पर अव्यवस्था का ऐसा माहौल बना कि भीड़ अक्षय कुमार व बच्चों के बीच बाधा बन गई। अक्षय कुमार ने भी लोगों को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन भीड़ ने उन्हें घेरे रखा जिससे वे बच्चों के करीब न जा सकें। अक्षय ने सोचा था कि वह मैदान के चारों तरफ खड़े बच्चों के आगे से दौड़ते उनसे चंद मिनटों में मिल लेंगे। यह ख्वाहिश जाहिर करने के बाद अक्षय ने शुरुआत भी की लेकिन चंद कदम चलने के बाद भी मीडिया, सीमा प्रहरियों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। छात्राओं ने सुनो गौर से दुनिया वालो गीत पर इस उम्मीद के साथ डांस किया कि अक्षय उनके साथ नाचेंगे लेकिन अक्षय उन्हें देख तक नहीं पाए। ऐसे में बच्चे बहुत निराश हुए। बीएसएफ के मुख्य स्टेडियम तक पहुंची छात्राओं नितिका व हिमानी ने जागरण को बताया कि वह बहुत निराशा हुई। सुबह आठ बजे से मैदान में खड़े होने के बाद भी वे अक्षय कुमार को देख तक नहीं पाई।

दिल की बात नहीं जान सके अक्षय

सीमा प्रहरियों के साथ दो यादगार घंटे बिताने के लिए शूटिंग छोड़ कर आए अक्षय के कार्यक्रम को भीड़ ने बदल दिया। अक्षय स्कूली बच्चों के सामने दौड़ने चाहते थे तो वही स्टेडियम में रस्साकशी की तैयारी थी। जवान हाथों में मोबाइल लेकर उनके लिए निर्धारित स्थान छोड़कर अक्षय को देखने पहुंच गए। ऐसे हालात में अक्षय जवानों के दिल की बात नहीं जान सके। भीड़ ने उन्हें यहां भी घेरे रखा। जवानों को अक्षय कुमार को वहां से निकालने में भी मुश्किल कई।

सीमा प्रहरियों के जोश के कायल हुए

सीमा पर पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब देने वाले सीमा प्रहरियों के जोश के कायल हुए अक्षय को यह अंदाजा हो गया कि दुश्मन चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता है। आम तौर पर तनाव में रखने वाले सीमा प्रहरियों के चेहरे पर रौनक थी। करीब पखवाड़े में तीन शहीदों को अंतिम सलामी देने के कार्यक्रम में बिगुल बजाने वाले बीएसएफ के बिगुलरों के चेहरों पर मुस्कुराहट थी। हर तरफ से भारत माता की जय के नारों की आवाज आ रही थी। ऐसे माहौल में कई जवानों का अधिकारियों की बातों को अनसुना कर अक्षय तक पहुंच जाना स्भाविकथा। अक्षय भी उनके जोश के कायल हुए बिना नही रह सके। महिला बटालियन की जवानों ने जागरण को बताया कि उन्हें बहुत खुशी है कि अक्षय कुमार उनका मनोबल बढ़ाने के लिए विशेषतौर पर जम्मू आए हैं।

 

Source: जागरण