अलग रेल बजट खत्म करना अभी तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म: सुरेश प्रभु

msid-54457765width-400resizemode-4suresh-prabhuनई दिल्ली
रेल बजट खत्म करने से रेलवे को सालाना 9,700 करोड़ रुपये की बचत होगी, लेकिन उसकी सामाजिक जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाएगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रजत अरोड़ा को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि रेल बजट का आम बजट में विलय करने का उनका विचार आखिरकार हकीकत बन गया है। प्रस्तुत हैं इसके मुख्य अंश:

रेल बजट का आम बजट में विलय होने का रेलवे के लिए क्या मतलब है?
किसी कमिटी के रिपोर्ट देने से पहले मैंने फाइनैंस मिनिस्टर से निवेदन किया था कि रेलवे के लिए अलग बजट होने का कोई कारण नहीं है और इसे आम बजट के साथ मिला देना चाहिए। मैं कहूंगा कि यह इस सेक्टर में अभी तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म है। बजट के मर्जर के बाद भी हमारी फाइनैंशल ऑटोनॉमी बरकरार रहेगी। जनरल मैनेजर्स और डिवीजनल मैनेजर्स के पास समान पावर रहेगी। फाइनैंस को पहले की तरह मैनेज किया जाएगा, लेकिन हम अधिक फोकस कर सकेंगे क्योंकि जटिलताएं कम हो जाएंगी।

हम कपैसिटी बढ़ाने और पैसेंजर्स के लिए सुविधाओं में सुधार करने जैसी अपनी फाइनैंशल जिम्मेदारियों को आंतरिक स्रोतों और सरकार से मिलने वाली बजटीय मदद के जरिए निभाना जारी रखेंगे। हालांकि, हमारी एक कमर्शल तरीके से चलने वाले डिपार्टमेंट के तौर पर एक अलग पहचान होगी। केवल यही बदलाव होगा कि अगले वर्ष से आप रेल बजट भाषण नहीं सुनेंगे। हालांकि, हम संसद में रेलवे के खर्च पर एक अलग चर्चा करेंगे। एक अच्छी चीज यह है कि हमें 9,700 करोड़ रुपये की तुरंत राहत मिलेगी जो रकम पहले हमें सरकार को डिविडेंड के तौर पर चुकानी पड़ती थी। मैंने फाइनैंस मिनिस्टर से इसे छोड़ने का निवेदन किया था। वह रेलवे की ओर से तय किए गए ग्रोथ एजेंडे को लेकर काफी पॉजिटिव और मददगार हैं।

आपके पास और कौन सी बड़ी योजनाएं हैं?
पिछले एक वर्ष से मैं रेलवे के लिए एक स्वतंत्र नियामक बनाने के लिए जोर दे रहा हूं। कैबिनेट से बहुत जल्द इसके लिए अनुमति मिल जाएगी। यह लगभग अंतिम चरण में है। यह रेग्युलेटर किराए और फ्रेट रेट को तय करने के लिए स्वतंत्र होगा। इससे रेलवे के पूरे किराए के स्ट्रक्चर में संतुलन आएगा। यह रेलवे के लिए एक बड़ा बदलाव होगा। हम मार्केट डिमांड के अनुसार किराए को संतुलित करना जारी रखेंगे।

आपने हाल ही में प्रीमियम ट्रेनों के लिए सर्ज प्राइसिंग का कॉन्सेप्ट शुरू किया है। क्या इसे अन्य ट्रेनों के लिए भी किया जाएगा?
अभी मैं इस तरह के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं कर रहा हूं। लेकिन मेरा मानना है कि हमें मार्केट पर फोकस करने की जरूरत है जिससे हमारे पास डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त कपैसिटी और रिसोर्सेज हों।

स्टेशनों के रीडिवेलपमेंट के बारे में क्या किया जा रहा है?
इस योजना पर काम हो रहा है। इसमें बहुत से निवेशक राज्य सरकारों और इंटरनैशनल एजेंसियों ने दिलचस्पी दिखाई है। मैं जल्द ही इसे लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी दूंगा। हमने 100 से अधिक स्टेशनों के रीडिवेलपमेंट की योजना बनाई है।

 

 

 

source:navbharattimes