‘हां मैंने देखा था, दो घंटे तक शेर गाय को खाता रहा’

police_1457364490गुजरात के उना में दलितों की पिटाई वाले मामले में खुलासा करने वाले गवाह ने पूछताछ में एक नया पहलू सामने रखा है। चश्मदीद ने इससे पहले सीआईडी के सामने खुलासा किया था कि गाय को दलितों ने नहीं शेर ने मारा था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक चश्मदीद ने बताया कि उसने 10 जुलाई की रात देखा था कि किस तरह दो घंटे तक शेर ने गाय का शिकार किया। वहीं 11 जुलाई को गौ रक्षकों ने दलितों पर गाय काटने का आरोप लगाकर उनकी पिटाई की थी।

चालीस साल के बेदिया गांव के रहने वाले धीमंत राठौड़ पेशे से किसान हैं। वो कहते हैं कि उन्होंने देखा था कि गाय को शेर ने मारा था जिसे बाद में बालू सरवैया और उनके परिवार ने गाय की खाल निकालने के लिए इस्तेमाल किया था।
श्योरा नाम के शख्स ने पुलिस को बताया था कि उसकी गाय 10 जुलाई को गायब हो गई थी। वन्य अधिकारियों ने भी इलाके में शेर के होने की पुष्टि की है। राठौड़ ने कहा कि 10 जुलाई लगभग रात के साढ़े ग्यारह बजे मैने अपने घर के बाहर एक आवाज सुनी। मैं छत पर आया और देखा कि एक शेर ने गाय को मार दिया जो कि तीन शावकों के साथ था।

मैने रात डेढ़ बजे तक देखा कि शेर ने गाय को किस तरह से मारा, जिसके बाद मैं सोने चला गया। अगली सुबह मैंने देखा कि मेरे घर के सामने गाय का खाया हुआ शव पड़ा हुआ था। मुझे नहीं पता था कि गाय श्योरा की है।

राठौड़ ने ये भी कहा है कि उस वक्त मेरे बच्चे और पत्नी सो रहे थे। अगली सुबह मैने पड़ोसी दहिया काबड़ से कहा कि वो दलितों को मरी हुई गाय के शव के बारे में जानकारी दे दें। कावड़ ने देवशी बावरिया को बताया जिसने बालू सरवैया से संपर्क किया।
राठौड़ ने कहा कि उसके पास गाय का शिकार करने वाला कोई वीडियो और तस्वीर मौजूद नहीं है। मेरे पास उस वक्त स्मार्टफोन नहीं था जिससे मैं उसका वीडियो बना सकता।

सीआईडी इंस्पेक्टर जनरल (क्राइम ब्रांच) ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राठौड़ ने पूछताछ में कहा कि उन्होंने शेर को बेदिया गांव में अपने घर के बाहर गाय का शिकार करते हुए देखा था।

चश्मदीद का बयान होने की वजह से हमने फॉरेंसिक जांच के लिए गाय के मांस के बचे हुए अवशेष भेज दिए हैं। हम मामले में पशु चिकित्सकों की मदद भी ले रहे हैं।
आपको बता दें कि राठौड़ की गवाही के बाद ही सीआईडी रिपोर्ट दी थी कि मामला दलितों द्वारा गौहत्या का नहीं हैं, जैसा कि गौ रक्षा दल के लोग दावा कर रहे हैं, बल्कि गाय को शेर ने मारा था।

सीआईडी की मानें तो दलित मरी हुई गाय की खाल निकाल रहे थे, तभी गौ रक्षा दल के लोग मौके पर पहुंच गए और उनकी पिटाई कर दी। जांच टीम को फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि गौ रक्षा दल को गाय की खाल निकाले जाने की जानकारी आखिर किसने दी थी।

11 जुलाई के दिन मामले की शिकायत ऊना पुलिस स्टेशन में करीब डेढ़ बजे दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि नारनभाई ने मोटा समाधियाला में गोहत्या की सूचना दी है। लेकिन एफआईआर के मुताबिक गौ रक्षक दल के लोगों ने करीब 10 बजे दलितों पर हमला किया।

Source: Amar Ujala